दुनियाः इजरायली हमलों में गाजा पुलिस प्रमुख समेत 71 की मौत और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पर गिरफ्तारी की तलवार

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय संगठनों ने कहा है कि गाजा में कहीं भी नागरिक सुरक्षित नहीं हैं और जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाना भी मुश्किल है। इजरायल ने आखिरकार कुबूल किया कि सितंबर में सीरिया मे एक मिसाइल बनाने की फैक्ट्री पर उसके कमांडों ने हमला बोला था।

इजरायली हमलों में गाजा पुलिस प्रमुख समेत 71 की मौत और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पर गिरफ्तारी की तलवार
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नवजीवन डेस्क

इजरायली हमलों में गाजा पुलिस प्रमुख समेत 71 की मौत

गाजा पट्टी पर इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 71 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एन्क्लेव के पुलिस बल के प्रमुख और उनके डिप्टी भी शामिल हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने बताया कि इजरायली सेना ने गुरुवार को 30 से अधिक हमले किए। इनमें अल-मवासी के तथाकथित मानवीय क्षेत्र और उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर पर भी अटैक हुआ। मीडिया कार्यालय ने एक बयान में कहा, "इजरायली एयर स्ट्राइक में नागरिकों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।"

रिपोर्ट के मुताबिक चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि गाजा के पुलिस बल के प्रमुख महमूद सलाह और उनके डिप्टी हुसाम शाहवान उन 12 लोगों में शामिल थे, जो अल-मवासी में एक टेंट शिविर पर हुए हमले में मारे गए। सलाह एक अनुभवी अधिकारी थे। उन्होंने पुलिस में 30 साल बिताए थे और करीब छह साल तक इसके प्रमुख रहे। गाजा के आंतरिक मंत्रालय ने हत्याओं की निंदा करते हुए कहा कि दोनों पुलिस अधिकारी 'हमारे लोगों की सेवा करके अपना मानवीय और राष्ट्रीय कर्तव्य निभा रहे थे।' मंत्रालय ने इजरायल पर घातक हमले के जरिए गाजा में 'अराजकता' फैलाने और 'मानव पीड़ा' को बढ़ाने का आरोप लगाया।

इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि उन्होंने वार्ताकारों को कतर की राजधानी दोहा में बातचीत जारी रखने के लिए कहा है ताकि बंधकों की रिहाई के लिए डील फाइनल की जा सके। हाल ही में इजरायल और हमास ने समझौते में देरी को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे। कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका कई महीनों से अप्रत्यक्ष वार्ता के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच एक फाइनल डील करवाने का प्रयास कर रहे हैं। इजरायली हमलों में 2025 के पहले दो दिनों में जान गंवाने वालों की संख्या के साथ गाजा में मृतकों की संख्या 46,000 से अधिक हो गई है। 7 अक्टूबर 2023 इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस

दक्षिण कोरिया की पुलिस ने राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार करने के अपने प्रयास को फिलहाल स्थगित कर दिया है। अधिकारियों और यून की राष्ट्रपति सुरक्षा टीम के बीच घंटों तक चले गतिरोध के बाद जांचकर्ताओं ने यह फैसला लिया। योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने कहा कि उसने दोपहर 1:30 बजे (स्थानीय समय) वारंट पर कार्रवाई को रोक दिया। सीआईओ ने प्रेस को दिए गए नोटिस में कहा, "हमने निष्कर्ष निकाला कि निरंतर टकराव के कारण हिरासत वारंट पर कार्रवाई करना व्यावहारिक रूप से असंभव होगा, इसके अलावा साइट पर मौजूद कर्मियों की सुरक्षा को देखते हुए कार्रवाई को रोका गया।" इसमें आगे कहा कि गया कि समीक्षा के बाद अगले कदमों पर निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं।

नोटिस में कहा गया, "हम संदिग्ध के व्यवहार पर गंभीर खेद व्यक्त करते हैं जिसने कानूनी रूप से निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करने से इनकार कर दिया।" सीआईओ के पास हिरासत वारंट पर कार्रवाई करने का सोमवार तक का समय है। हालांकि, ऐसा होना मुश्किल लग रहा है कि क्योंकि राष्ट्रपति निवास के बाहर यून के समर्थक मौजूद हैं, साथ ही राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (पीएसएस) के साथ टकराव की संभावना भी है। शुक्रवार की सुबह 1,000 से अधिक यून समर्थक उनके निवास के पास एकत्र हुए। हाल के दिनों में यून के महाभियोग का विरोध करने और उनकी गिरफ्तारी को रोकने के लिए हजारों समर्थकों ने उनके निवास के बाहर प्रदर्शन किया है। सीआईओ के लिए शनिवार या रविवार को यून को अरेस्ट करना कहीं अधिक जोखिम भरा होगा क्योंकि इस दौरान उसे और भी बड़ी भीड़ का सामना करना होगा।

बता दें एक अदालत ने इस सप्ताह की शुरुआत में यून के खिलाफ वारंट जारी किया था क्योंकि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करने और विद्रोह भड़काने के आरोप में जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था। यून की कानूनी टीम ने वारंट को 'अवैध' बताया और कहा कि वे इसे चुनौती देंगे। बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया। नेशनल असेंबली राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है। उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।


गाजा में जारी जंग के बीच सुलह की कोशिशें जारी, इजरायल सरकार का बड़ा बयान

गाजा में इजरायली हमले कहर ढा रहे हैं और फिलिस्तीनी अपनी जान गंवा रहे हैं। हालांकि जंग के शोलों के बीच सुलह की कोशिशें धीमी गति से ही सही लेकिन जारी हैं। इजरायल सरकार की घोषणा और एक मीडिया रिपोर्ट इसी तरफ इशारा करती है। इजरायल ने कहा है कि वह गाजा युद्धविराम समझौते पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कतर भेजेगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान कहा कि 'मोसाद, शिन बेट और आईडीएफ (इज़राइल रक्षा बल) के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल' वार्ता जारी रखने के लिए दोहा की यात्रा करेगा।

इस सप्ताह की शुरुआत में, इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी ने दावा किया था कि हमास ने एक सप्ताह के युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा है। फिलिस्तीनी ग्रुप का कहना है कि इस दौरान वह गाजा में मौजूद बंधकों के ठिकानों का पता लगाएगा और उन लोगों की सूची प्रदान करेगा जिन्हें रिहा किया जा सकता है। इजरायल ने आधिकारिक तौर पर इस प्रस्ताव पर कोई टिप्पणी नहीं की। बता दें कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में वार्ता एक साल से अधिक समय से चल रही है। इससे पहले बुधवार को इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर हमास बंधकों की रिहाई के लिए 'जल्द' किसी समझौते पर सहमत नहीं होता है तो इजरायल गाजा में अपने सैन्य अभियान को तेज कर देगा।

सीरिया में ईरानी मिसाइल फैक्ट्री तबाह, इजरायल ने एक घंटे में किया काम तमाम

इजरायल ने आखिरकार कुबूल कर लिया कि सितंबर में सीरिया मे एक मिसाइल बनाने की फैक्ट्री पर उसके कमांडों ने हमला बोला था। इस ऑपरेशन के लिए पहले से ही इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। 'द टाइम्स ऑफ इजरायल' की रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने बुधवार को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली जिसे 'ऑपरेशन डीप लेयर' का नाम दिया गया था। सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के कुछ हफ्तों बाद यह घोषणा हुई। रिपोर्ट के मुताबिक यह फैक्ट्री ईरान की थी और असद के तेहरान के साथ गहरे रिश्ते थे। असद ने ईरान को लेबनान में हिजबुल्लाह को हथियार बनाने और वितरित करने के लिए सीरियाई जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।

इजरायली वायु सेना की शालदाग यूनिट के सदस्यों ने 8 सितंबर को इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। ऑपरेशन का मकसद हिजबुल्लाह के लिए सटीक मिसाइलों के निर्माण के लिए बनी अडंरग्राउंड ईरानी साइट को तबाह करना था। इजरायली सैनिकों ने सीरिया के मस्याफ क्षेत्र में वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान केंद्र पर अटैक किया। यह साइट इजरायल से 200 किलोमीटर (124 मील) उत्तर में स्थित है, हालांकि सीरिया के पश्चिमी समुद्र तट से केवल 45 किलोमीटर (28 मील) दूर है। आईडीएफ पांच वर्षों से अधिक समय से इस पर निगरानी रख रहा था और उसने कई बार इसको निशाना बनाया लेकिन उसने पाया कि सीईआरएस में कुछ भूमिगत बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए हवाई हमले काफी नहीं थे।

8 सितंबर को इजरायली वायुसेना के कमांडो कथित तौर पर हेलीकॉप्टरों से नीचे उतरे और फैक्ट्री पर छापा मारा। उन्होंने इसके एंट्री गेट पर कुछ गार्डों को मार डाला, और फिर मिसाइल निर्माण फैक्ट्री में एंट्री कर गए। सैनिकों ने अंडरग्राउंड फैक्ट्री में विस्फोटक रखे, खुफिया सामग्री और दस्तावेज निकाले और सुरक्षित बच निकले। बलों ने अंडग्राउंड साइट के साथ-साथ मिसाइल बनाने के लिए ईरान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को भी दूर से विस्फोट कर नष्ट कर दिया। इजरायली विमानों ने आस-पास के क्षेत्र में कई टारगेट्स पर हमला किया। कथित तौर पर कम से कम 14 लोग मारे गए और 43 घायल हो गए। कुछ इजरायली रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सैनिक लगभग एक घंटे तक जमीन पर रहे।


गाजा में कही भी नागरिक सुरक्षित नहीं, जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाना भी मुश्किल, UN ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय संगठनों ने कहा है कि गाजा में कहीं भी नागरिक सुरक्षित नहीं हैं और गाजा पट्टी का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इजरायल के निकासी आदेशों के अधीन है। फिलीस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के महाआयुक्त फिलिप लाजारिनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "यहां कोई मानवीय क्षेत्र तो दूर, 'सुरक्षित क्षेत्र' भी नहीं है।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लाजारिनी ने भ्रामक निकासी आदेशों और नागरिकों की हत्या को रोकने की अपील की, साथ ही चेतावनी दी कि बिना युद्धविराम के हर दिन और अधिक त्रासदी लेकर आ रहा है।

मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि इजरायली सेना ने इजरायल में रॉकेट फायर का हवाला देते हुए गाजा के भीतर बड़े क्षेत्रों को खाली करने का आदेश दिया। कार्यालय ने कहा कि प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि नए आदेश उत्तरी गाजा और देइर अल बलाह प्रांतों में लगभग 3 वर्ग किमी को कवर करते हैं। अल मवासी क्षेत्र में हमलों की सूचना मिली है, जहां लोगों को स्थानांतरित करने और शरण लेने का आदेश दिया गया था।

ओसीएचए ने कहा, "गाजा पट्टी का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इजरायली निकासी आदेशों के अधीन है, जिन्हें वापस नहीं लिया गया है। कार्यालय ने चेतावनी दी कि गाजा में जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए मानवीय संगठनों की क्षमता और कम होती जा रही है। मानवतावादियों ने कहा कि पिछले महीने मानवीय गतिविधियों पर सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे। इनमें आपूर्ति एकत्र करने के लिए सीमा क्षेत्रों तक पहुंच को ब्लॉक करना, माल और सेवाएँ पहुंचाने के प्रयासों को नकारना या गाजा में जरुरतों का आकलन करना शामिल है। कुल मिलाकर, गाजा में कहीं भी सहायता कार्यकर्ताओं को ले जाने के संयुक्त राष्ट्र के 39 प्रतिशत प्रयासों को इजरायली अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया, जबकि अन्य 18 प्रतिशत को बाधित किया गया या हस्तक्षेप किया गया।

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