दुनियाः बांग्लादेश में शेख हसीना के भाषणों पर लगा प्रतिबंध और अमेरिका के ग्रामीण अस्पतालों में प्रसूति वार्ड बंद
राष्ट्रपति यून सुक योल ने इस सप्ताह मार्शल लॉ घोषित करके क्या 'देशद्रोह' किया। दक्षिण कोरियाई पुलिस ने गुरुवार को इस आरोप की जांच शुरू कर दी है। इजरायली सेना ने दावा किया कि उन्होंने हमास के हमले के दौरान किडनैप किए गए एक इजरायली बंधक का शव बरामद किया है।

बांग्लादेश में शेख हसीना के भाषणों के प्रसार पर लगा प्रतिबंध
बांग्लादेश में एक डोमेस्टिक वॉर क्राइम ट्रिब्यूनल ने गुरुवार को आदेश दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर से की गई हालिया टिप्पणियों को देश के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। इस ट्रिब्यूनल की स्थापना शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने की थी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी-बीडी) के प्रॉसिक्यूटर गुलाम मोनवर हुसैन तमीम ने कहा कि हसीना के भाषण और फोन पर हुई बातचीत सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर लीक हो गई, जिससे अंतरिम सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई जांच प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
जस्टिस मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा की अध्यक्षता वाले ट्रिब्यूनल ने बांग्लादेश दूरसंचार विनियामक आयोग (बीटीआरसी) को निर्देश दिया कि वह हसीना के ऐसे भाषणों के मौजूदा और पिछले उदाहरणों को सभी प्लेटफार्मों से हटा दे। प्रॉसिक्यूटर अब्दुल्ला अल नोमान ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न्यायाधिकरण का आदेश फेसबुक, एक्स और यूट्यूब जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों के संबंधित अधिकारियों को लिखित रूप में सूचित किया जाए।" नोमान ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका दायर की थी।
अमेरिका के अधिकतर ग्रामीण अस्पतालों में प्रसूति वार्ड बंद
अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में 2010 से अब तक 500 से अधिक अस्पतालों के प्रसूति विभाग बंद कर दिए गए हैं। जिससे अमेरिका के अधिकांश ग्रामीण अस्पताल और एक तिहाई से अधिक शहरी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को समुचित देखभाल नहीं मिल पा रही है। यह पाया गया कि लगभग 130 अस्पतालों में नई इकाइयां खुलने की वजह से भी ये बंद हुए हैं। एक प्रमुख चिकित्सा पत्रिका जेएएमए में बुधवार को प्रकाशित अध्ययन में ये बात सामने आई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उस अवधि में मातृ मृत्यु दर लगातार उच्च बनी रही और महामारी के दौरान इसमें और वृद्धि हुई। इसका डेटा केवल 2022 तक का है, इसलिए अध्ययन में उन अतिरिक्त चुनौतियों को शामिल नहीं किया गया है जिनका सामना अस्पतालों ने उस वर्ष रो बनाम वेड मामले को पलटने के बाद किया था और कई राज्यों ने गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया था। गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्यों में प्रसूति विशेषज्ञों की तादाद में भी भारी गिरावट आई है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि अस्पताल अपनी प्रसूति इकाइयों को आंशिक रूप से इसलिए बंद कर रहे हैं क्योंकि उन विभागों को पैसे का नुकसान होता है। मेडिकेड, गरीबों के लिए सार्वजनिक बीमा कार्यक्रम, संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी जन्मों में से 40 प्रतिशत से अधिक को कवर करता है और आमतौर पर डॉक्टरों और अस्पतालों को निजी बीमा की तुलना में बहुत कम भुगतान करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अध्ययन के बारे में अपनी रिपोर्ट में कहा, "अस्पताल प्रशासक अक्सर प्रत्येक बिस्तर से मिलने वाले राजस्व पर विचार करते हैं, जिससे अधिक महंगी सेवाओं के पक्ष में दबाव बनता है। प्रसव और प्रसव इकाई चलाना असाधारण रूप से महंगा हो सकता है क्योंकि इसके लिए चौबीसों घंटे विशेषज्ञों की कवरेज की आवश्यकता होती है जो सिजेरियन सेक्शन या अन्य चिकित्सा आपात स्थितियों में सहायता कर सकते हैं।"
दक्षिण कोरियाः राष्ट्रपति यून के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों की जांच शुरू
राष्ट्रपति यून सुक योल ने इस सप्ताह मार्शल लॉ घोषित करके क्या 'देशद्रोह' किया। दक्षिण कोरियाई पुलिस ने गुरुवार को इस आरोप की जांच शुरू कर दी है। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, दो शिकायतें दर्ज होने के बाद जांच का जिम्मा सुरक्षा जांच दल को सौंपा गया जो कि नेशनल पुलिस एजेंसी के राष्ट्रीय जांच कार्यालय के अंतर्गत आता है। एक शिकायत छोटे विपक्षी दल रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी की तरफ से दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी शिकायत 59 कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा दर्ज की गई थी। शिकायतों में न केवल यून बल्कि पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून, सेना प्रमुख जनरल पार्क अन-सू और आंतरिक मंत्री ली सांग-मिन पर भी देशद्रोह और अन्य संबंधित आरोप लगाए गए। इन सभी की मंगलवार को मार्शल लॉ की घोषणा और उसे हटाए जाने में कथित भूमिका थी।
अभियोजन पक्ष और उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय को भी यून पर राजद्रोह का आरोप लगाने वाली शिकायतें प्राप्त हुई हैं और वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या वे स्वयं जांच करें या उन्हें पुलिस को सौंप दें। कानूनी सूत्रों के अनुसार, प्रॉसिक्यूटर जनरल शिम वू-जंग ने भी प्रॉसिक्यूटर को अपनी स्वयं की जांच शुरू करने का आदेश दिया और केस को सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट अभियोजक कार्यालय के सार्वजनिक सुरक्षा जांच प्रभाग को सौंप दिया। बुधवार को लेबर पार्टी समेत छोटे विपक्षी दलों ने यून, किम और पार्क के खिलाफ अभियोजन पक्ष में शिकायत दर्ज कराई और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया। शिम के फैसले के बाद, पुलिस और अभियोजकों दोनों से मामलों की एक साथ जांच करने की उम्मीद है।
बता दें राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मंगलवार रात मॉर्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि बुधवार सुबह उन्हें अपना फैसला पलटना पड़ा। मार्शल लॉ कुछ ही घंटे तक लागू रहा। यून की मार्शल लॉ की घोषणा का न सिर्फ विपक्षी पार्टियों ने बल्कि उनकी अपनी सत्ताधारी दल पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने भी विरोध किया।
गाजा में इजरायली बंधक का शव बरामद, हमास ने किया था अपहरण
इजरायली सुरक्षा बलों ने दावा किया कि उन्होंने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के दौरान किडनैप किए गए एक इजरायली बंधक का शव बरामद किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को एक संयुक्त बयान में, शिन बेट आंतरिक सुरक्षा एजेंसी और इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक सैन्य अभियान में इटाई स्विर्स्की का शव बरामद करने की पुष्टि की। आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, स्विर्स्की को ज़िंदा अगवा किया गया था और बाद में अपहरण करने वालों ने उसे मार डाला। तेल अवीव के निवासी 38 वर्षीय स्विर्स्की को किबुत्ज बेरी से उस समय अगवा किया गया था, जब वह अपने माता-पिता से मिलने गया था। उसके माता-पिता हमास के हमले के दौरान मारे गए।
हगारी ने छह इजरायल बंधकों की मौत की सैन्य जांच के निष्कर्ष भी प्रस्तुत किए, जिनके शव अगस्त में दक्षिणी गाजा के खान यूनिस से बरामद किए गए थे। जांच से पता चला कि उनकी मौत संभावित रूप से उनके बंधक स्थान से 150-200 मीटर की दूरी पर हमास को निशाना बनाकर किए गए इजरायली एयर स्ट्राइक से जुड़ी थी। पैथोलॉजिकल जांच में बंधकों के शरीर पर गोलियों के निशान पाए गए, लेकिन उनकी सुरक्षा कर रहे आतंकवादियों के शरीर पर गोली के कोई निशान नहीं पाए गए। हगारी ने कहा कि सबसे संभावित परिदृश्य यह है कि बंधकों को एयर स्ट्राइक से कुछ समय पहले या उसके दौरान उनके गार्डों ने गोली मारी थी। हगारी ने कहा, "हमले के समय सेना को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि भूमिगत परिसर में बंधकों को रखा गया था।" बता दें कि आज तक, इजरायली सेना ने 38 बंधकों के शव बरामद किए हैं, जबकि 117 बंधकों को जीवित छोड़ा गया है, जिनमें से अधिकांश को बातचीत के जरिए रिहा किया गया है। लगभग 100 अन्य अभी भी गाजा में बंधक हैं, और इजरायल का अनुमान है कि लगभग एक तिहाई बंधक अब जिंदा नहीं हैं।
श्रीलंकाई नौसेना ने 14 और भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया
श्रीलंका की नौसेना ने कहा है कि श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में 14 और भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है तथा मछलियां पकड़ने वाली दो नौकाएं जब्त की गई हैं। ये गिरफ्तारियां बुधवार को उत्तरपूर्वी जिले मन्नार के तट पर हुईं।
नौसेना ने बताया कि इस गिरफ्तारी के साथ ही इस वर्ष अब तक 529 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 68 नौकाएं जब्त की जा चुकी हैं। सोमवार को श्रीलंका की नौसेना ने वेट्टिलाइकेरनी में 18 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था।
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