दुनियाः बांग्लादेश ने भारत से राजनयिक मिशन की सुरक्षा की मांग की और कैमरून में नाव पलटने से 20 लोगों की मौत

भारत को 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग का सदस्य चुना गया है। पाकिस्तान में अधिकारी 19 करोड़ पाउंड के कथित भ्रष्टाचार मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं।

बांग्लादेश ने भारत से राजनयिक मिशन की सुरक्षा की मांग की और कैमरून में नाव पलटने से 20 लोगों की मौत
बांग्लादेश ने भारत से राजनयिक मिशन की सुरक्षा की मांग की और कैमरून में नाव पलटने से 20 लोगों की मौत
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नवजीवन डेस्क

बांग्लादेश ने भारत से राजनयिक मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा

बांग्लादेश ने शुक्रवार को कोलकाता स्थित उप उच्चायोग पर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन पर गहरी चिंता व्यक्त की और भारत से देश में उसके सभी राजनयिक मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। विदेश मंत्रालय के एक बयान में यह भी दावा किया गया कि बृहस्पतिवार को हिंसक हो चुके विरोध प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश का झंडा और अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला जलाया गया।

बंगीय हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों और आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में कोलकाता में बांग्लादेश उप उच्चायोग के कार्यालय तक रैली निकाली। बांग्लादेश में इस्कॉन के पूर्व सदस्य दास को सोमवार को राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और मंगलवार को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी।

इसके बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका और बंदरगाह शहर चटगांव समेत विभिन्न स्थानों पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विदेश मंत्रालय के शुक्रवार के बयान में दावा किया गया कि प्रदर्शनकारी बांग्लादेश उप उच्चायोग के परिसर तक पहुंच गए और उसके राष्ट्रीय ध्वज को आग लगा दी तथा यूनुस का पुतला जलाया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस तरह के ‘‘निंदनीय कृत्य की कड़ी निंदा करता है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘स्थिति फिलहाल नियंत्रण में प्रतीत होती है, लेकिन उप उच्चायोग के सभी सदस्यों में असुरक्षा की भावना व्याप्त है।’’ बयान में भारत सरकार से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आह्वान किया गया है। विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से कोलकाता स्थित उप उच्चायोग तथा भारत में अन्य राजनयिक मिशन के साथ-साथ उसके राजनयिक और गैर-राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।

कैमरून में नाव पलटने से 20 लोगों की मौत

कैमरून में नाव पलटने से 20 लोगों की मौत हो गई है। प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा सूत्रों के अनुसार कैमरून के सुदूर उत्तरी क्षेत्र में एक नाव के पलट जाने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि नाव गुरुवार को उस समय पलट गई, जब वह क्षेत्र के लोगोन-एट-चारी डिवीजन में दाराक द्वीप से यात्रियों को ले जा रही थी।

स्थानीय मीडिया ने बताया कि और अधिक लोगों के हताहत होने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी और अधिक पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए औपचारिक जांच शुरू कर दी गई है। जांच चल रही है इसलिए अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। इस क्षेत्र में नाव दुर्घटनाएं आम हैं, जो अक्सर ओवरलोडिंग, गलत तरीके से संचालन और खराब मौसम के कारण होती हैं। कैमरून मध्य और पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक देश है। जो गिनी की खाड़ी के किनारे बसा है।


भारत फिर बना संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग का सदस्य

भारत को 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग के सदस्य के रूप में फिर से चुना गया है। आयोग में भारत का वर्तमान कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत को 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (पीबीसी) के लिए फिर से चुना गया है। संस्थापक सदस्य और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में भारत वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में काम करने के वास्ते पीबीसी के साथ अपना जुड़ाव जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

पीबीसी में 31 सदस्य देश हैं जो संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद से चुने जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में शीर्ष वित्तीय योगदान देने वाले देश और शीर्ष सैन्य योगदान देने वाले देश भी इसके सदस्य हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में वर्दीधारी कर्मियों के रूप में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है।

संयुक्त राष्ट्र के अभियानों के तहत वर्तमान में भारत के लगभग 6,000 सैन्य और पुलिसकर्मी अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, पश्चिम एशिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा में तैनात हैं। शांति अभियानों में लगभग 180 भारतीय शांति सैनिकों ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया है, जो योगदानकर्ता के रूप में किसी अन्य देश के मुकाबले अब तक की सबसे अधिक संख्या है।

पाकिस्तान के अधिकारी बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने के लिए परेशान

पाकिस्तान में अधिकारी 19 करोड़ पाउंड के कथित भ्रष्टाचार मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक जवाबदेही अदालत द्वारा 22 नवंबर को सुनाए गए फैसले के बाद सख्ती की जा रही है। बुशरा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे, क्योंकि वह लगातार आठ सुनवाई में अनुपस्थित रही थीं। न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने अदालत में पेश होने से छूट देने की उनकी याचिका खारिज कर दी।

अधिकारियों ने बताया कि निर्देश के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने रावलपिंडी की अपनी टीम से बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने को कहा, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की प्रांतीय राजधानी पेशावर में रह रही हैं। खैबर पख्तूनख्वा में खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सत्ता में है। खबर में कहा गया है कि एनएबी की एक टीम पुलिस के साथ 23 नवंबर को पेशावर गई थी, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि जब टीम ने बुशरा बीबी के घर पर गिरफ्तारी वारंट दिखाया, तो पता चला कि वह घर पर मौजूद नहीं थी।

खान और बुशरा बीबी दोनों पर 50 अरब पाकिस्तानी रुपए (19 करोड़ पाउंड) के दुरुपयोग का आरोप है, जिसे ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने एक संपत्ति कारोबारी के साथ समझौते के तहत पाकिस्तान को लौटा दिया था। यह धनराशि राष्ट्रीय खजाने के लिए थी, लेकिन इसका इस्तेमाल उस व्यवसायी के निजी लाभ के लिए किया गया, जिसने बुशरा और खान को विश्वविद्यालय स्थापित करने में मदद की थी। अल-कादिर ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में बीबी पर इस समझौते से लाभ उठाने का आरोप है। बुशरा पर झेलम में अल-कादिर विश्वविद्यालय के लिए 458 कनाल भूमि अधिग्रहण का भी आरोप है।


इजरायल ने युद्ध विराम के बाद लोगों के एकत्र होने संबंधी पाबंदी हटाई

इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने तेल अवीव और उसके उपनगरों सहित मध्य इजरायल में लोगों के इकट्ठा होने संबंधी प्रतिबंधों को तत्काल हटाने की घोषणा की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) के होम फ्रंट कमांड द्वारा यह निर्णय लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष विराम के बाद लिया गया, जो बुधवार सुबह से प्रभावी हो गया। इससे पहले, लेबनान से हिजबुल्लाह द्वारा प्रक्षेपास्त्र दागे जाने के बाद कमांड ने तेल अवीव महानगरीय क्षेत्र के साथ-साथ मध्य इजरायल के अन्य क्षेत्रों में 2 हजार लोगों तक के जमावड़े को सीमित कर दिया था। उत्तरी इजरायल में लेबनान की सीमा के पास स्थित क्षेत्रों में 10, 100, 350 या 2,000 लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लागू किया गया था।

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