दुनियाः लीबिया में नाव पलटी, सवार 65 लोगोंं में अधिकतर पाकिस्तानी और नेतन्याहू पर बढ़ा संघर्ष विराम आगे बढ़ाने का दबाव

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने उपभोक्ता वित्तीय संरक्षण ब्यूरो को अपना लगभग सारा काम बंद करने का आदेश दिया है। हमास ने सोमवार को कहा कि गाजा ऐसी संपत्ति नहीं जिसे खरीदा या बेचा जा सके, यह कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र का अभिन्न अंग है।

लीबिया में नाव पलटी, सवार 65 लोगोंं में अधिकतर पाकिस्तानी और नेतन्याहू पर बढ़ा संघर्ष विराम आगे बढ़ाने का दबाव
लीबिया में नाव पलटी, सवार 65 लोगोंं में अधिकतर पाकिस्तानी और नेतन्याहू पर बढ़ा संघर्ष विराम आगे बढ़ाने का दबाव
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नवजीवन डेस्क

लीबिया में नाव पलटी, सवार 65 लोगोंं में अधिकतर पाकिस्तानी

लीबिया के तट के पास कम से कम 65 यात्रियों को ले जा रही एक नाव पलट गई। यात्रियों में अधिकतर पाकिस्तानी थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एमओएफए) ने सोमवार को इस्लामाबाद में यह जानकारी दी। विदेश कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'त्रिपोली स्थित हमारे दूतावास ने सूचित किया है कि लगभग 65 यात्रियों को ले जा रही एक नाव लीबिया के जाविया शहर के उत्तर-पश्चिम में मार्सा डेला बंदरगाह के पास पलट गई। त्रिपोली स्थित पाकिस्तान दूतावास ने मृतकों की पहचान में स्थानीय अधिकारियों की मदद के लिए तुरंत एक टीम जाविया अस्पताल भेज दी है।" बयान में कहा गया, "दूतावास पाकिस्तानी प्रभावितों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है।"

विदेश कार्यालय ने 65 यात्रियों में कुल पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या की पुष्टि नहीं की। उसने कहा कि वह यात्रियों की राष्ट्रीयता का पता लगाने के लिए लीबिया में अधिकारियों के साथ काम कर रहा है। इस ताजा घटना ने जनवरी 2025 में हुई एक ऐसे ही हादसे की दर्दनाक यादें ताजा कर दीं। कम से कम 86 यात्रियों को ले जा रही एक नाव, जिसमें 66 पाकिस्तानी नागरिक थे, मोरक्को के पास पलट गई थी। केवल 36 लोगों को ही बचाया जा सका। इस घटना में 50 यात्रियों की मौत हो गई थी।

इस घटना के बाद, पाकिस्तान सरकार ने मानव तस्करों और उनके मददगारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इसमें शामिल अपराधियों और देश से लोगों के अवैध प्रवास में मदद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करें। फरवरी 2025 के दौरान, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के कम से कम 35 अधिकारियों को पाकिस्तानी हवाई अड्डों से मानव तस्करी में उनके शामिल होने के लिए निलंबित कर दिया।

नेतन्याहू पर बढ़ा संघर्ष विराम आगे बढ़ाने का दबाव

हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की हालत दयनीय होने संबंधी नए विवरण सामने आने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गाजा के साथ किए गए संघर्ष विराम समझौते को आगे बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने उस रुख पर कायम हैं कि अमेरिका फलस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा करेगा। संघर्ष विराम की दूसरे चरण की वार्ता तीन फरवरी से शुरू होनी थी लेकिन इजरायल और हमास के बीच कोई खास प्रगति नहीं हुई है, जबकि इजरायली सेनाएं समझौते के तहत रविवार को गाजा गलियारे से हट गई हैं।

नेतन्याहू ने वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल कतर भेजा लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल में उच्च स्तर के अधिकारी शामिल नहीं थे जिससे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस चरण में कोई सफलता नहीं मिलेगी। नेतन्याहू हाल में ट्रंप से मुलाकात के लिए अमेरिका गए थे। माना जा रहा है कि वह इस मसले पर मंगलवार को अपने मंत्रियों के साथ एक अहम बैठक कर सकते हैं। इस बीच, ट्रंप ने रविवार को गाजा पट्टी पर नियंत्रण करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई।


ट्रंप ने अब उपभोक्ता संरक्षण एजेंसी को काम बंद करने का आदेश दिया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने उपभोक्ता वित्तीय संरक्षण ब्यूरो (सीएफपीबी) को अपना लगभग सारा काम बंद करने का आदेश दिया है। वित्तीय संकट 2008 के बाद उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई एजेंसी यहां प्रशासन के आदेश के बाद प्रभावी रूप से बंद हो गई है। प्रबंधन एवं बजट कार्यालय के नवनियुक्त निदेशक रसेल वॉट ने शनिवार रात को भेजे एक ईमेल में सीएफपीबी को काम बंद करने का निर्देश दिया।

यह एजेंसी तब से रूढ़िवादियों के निशाने पर है, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2007 से 2008 के वित्तीय संकट के बाद 2010 के वित्तीय सुधार कानून में इसे शामिल करने का दबाव डाला था। ईमेल में ब्यूरो को ‘सभी पर्यवेक्षण और जांच गतिविधियां बंद करने’ का भी आदेश दिया गया।

हमास का ट्रंप को जवाब- गाजा 'बिकाऊ' नहीं है

हमास ने सोमवार को कहा कि गाजा ऐसी संपत्ति नहीं जिसे खरीदा या बेचा जा सके, यह कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र का अभिन्न अंग है। फिलिस्तीनी ग्रुप का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी के जवाब में आया जिसमें उन्होंने कहा था कि गाजा को खरीद रहा है और उसका स्वामित्व लेने के लिए प्रतिबद्ध है। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य इज़्जत अल-रिश्क ने एक बयान में ट्रंप की टिप्पणी की निंदा की। बयान में कहा गया, "हमारे फिलिस्तीनी लोग सभी विस्थापन और निर्वासन योजनाओं को नाकाम कर देंगे।" इसमें आगे कहा गया, "गाजा अपने लोगों का है।"

ट्रंप ने रविवार को कहा कि वह 'गाजा को खरीदने और उसका स्वामित्व रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका मध्य पूर्व के अन्य देशों को युद्धग्रस्त पट्टी का पुनर्निर्माण करने दे सकता है। पिछले हफ्ते से ट्रंप लगातार गाजा को खाली कर उस पर कब्जे की बातें कर रहे हैं। उनके 'गाजा प्लान' की दुनिया भर में निंदा हो रही है लेकिन लगता है कि उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा।

हालांकि बाद में व्हाइट हाउस में इस पर सफाई दी थी कि गाजा से कोई भी विस्थापन अस्थायी होगा। ट्रंप ने गुरुवार को ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक बार फिर अपना विचार दोहराया। उन्होंने लिखा, "लड़ाई के अंत में इजरायल गाजा पट्टी को संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप देगा।" उन्होंने यह भी दावा किया कि इस क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन पर किसी अमेरिकी सैनिक की ज़रूरत नहीं होगी। 6 जनवरी को नेतन्याहू ने इजरायल के चैनल 14 के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "सऊदी अरब में एक फिलिस्तीनी राज्य स्थापित किया जा सकता है। वहां उनके पास बहुत सारी जमीन है।" ट्रंप और नेतन्याहू दोनों की टिप्पणियों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध बढ़ा दिया है। कई देशों ने फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से निकालने और दो-राज्य के समाधान के लिए उनके समर्थन को नकारा है।


बांग्लादेश में हिंसा फैलाने वाले 1300 से ज्यादा गिरफ्तार

बांग्लादेश के सुरक्षा बलों ने शनिवार को शुरू किए गए एक बड़े एक्शन में सोमवार तक 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य पिछले कुछ दिनों से देश में जारी हिंसा की नई लहर को दबाना है। देशव्यापी अभियान को 'ऑपरेशन डेविल हंट' नाम दिया गया है। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के परिवार और उनकी अवामी लीग पार्टी के प्रमुख सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों को निशाना बनाए जाने के बाद यह ऑपरेशन शुरु किया। हिंसा तेजी से पूरे देश में फैल गई, भीड़ ने अवामी लीग के प्रतीकों को निशाना बनाया और राजनीतिक गुटों के बीच तनाव बढ़ गया।

शुक्रवार रात गाजीपुर जिले में छात्रों और नागरिकों पर हमले के बाद अंतरिम सरकार ने शनिवार को 'ऑपरेशन डेविल हंट' का आदेश दिया। ऑपरेशन में शामिल संयुक्त बलों में सेना के जवान, पुलिस और विशेष इकाइयां शामिल हैं। अब तक, अधिकारियों ने पिछले चार दिनों में देश में फैली अशांति और हिंसा के सिलसिले में 1,300 लोगों को गिरफ्तार किया है। अंतरिम सरकार ने देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे 'सभी शैतानों' को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है।

हिंसा के दौरान सबसे भयावह घटनाओं में से एक तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में स्थित बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास में आग लगा दी। यह घर देश के इतिहास में अहम जगह रखता है क्योंकि यहीं से रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी। 'ऑपरेशन डेविल हंट' की निगरानी एक कमांड सेंटर स्थापित किया गया है। मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन पूरे जोरों पर है, साथ ही कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने अंतरिम सरकार से बढ़ती 'भीड़ संस्कृति' को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने की अपील की है।

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