दुनिया: पाकिस्तान में बाढ़ का खतरा, कई इलाकों में घुसा पानी और कीव के हवाई क्षेत्र में 20 ड्रोन मार गिराए गए

पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। यूक्रेनी वायु सेना ने गुरुवार को कहा कि कीव के हवाई क्षेत्र में ईरान निर्मित करीब 20 ड्रोनों को मार गिराया गया।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

नदियों का जल स्तर बढ़ने से पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट

पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ प्रांतीय अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी है। एनडीएमए की चेतावनी के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कसूर के पास गंडा सिंहवाला में बाढ़ आने की आशंका है क्योंकि क्षेत्र के आसपास जल का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

एनडीएमए अधिकारी ने कहा कि गंडा सिंहवाला का जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे लगभग 20.50 फीट था। लेकिन भारत द्वारा छोड़े गए पानी के बाद शाम 7 बजे तक 20.90 फीट हो गया था। यदि जलस्तर 19.5 फीट से अधिक हो जाए तो बाढ़ की गंभीरता मानी जाती है। 

गौरतलब है कि इससे पहले, बाढ़ का पानी मस्तायके, महिवाला, धूपसारी और भिकिविंड के आसपास के इलाकों में घुसने के बाद कई गांव बह गए। सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें भी नष्ट हो गईं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने साहिरा और शेखुपुरा गांवों के सरकारी स्कूलों में शरण लिए हुए 900 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है। ।

कीव के हवाई क्षेत्र में 20 ड्रोन मार गिराए गए

फोटो: IANS
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यूक्रेनी वायु सेना ने गुरुवार को कहा कि कीव के हवाई क्षेत्र में ईरान निर्मित करीब 20 ड्रोनों को मार गिराया गया। वायु सेना के अनुसार, बुधवार रात को रूसी हमला, जो लिथुआनिया में नाटो शिखर सम्मेलन की समाप्ति के कुछ ही घंटों बाद हुआ, कीव पर लगातार तीसरा हमला था।

पांच जिलों में मलबा गिरने की सूचना मिली है और छर्रे लगने से घायल कम से कम दो लोगों को अस्पताल भेजा गया है। वायु सेना ने बताया कि काला सागर में एक जहाज से दागी गई दो रूसी कैलिबर क्रूज मिसाइलों को हवाई सुरक्षा द्वारा मार गिराया गया, जबकि क्रीमिया से दागी गई इस्कंदर-एम बैलिस्टिक मिसाइल के प्रभाव के बारे में जानकारी अभी भी एकत्र की जा रही है।


वैश्विक इकॉनमी को पटरी पर लाने में चीन निभा रहा है अहम भूमिका:भारतीय विशेषज्ञ

फोटो: IANS
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चीन पिछले कई दशकों से लगातार खुलेपन पर ज़ोर देता रहा है। इसके चलते चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सफल रहा। साथ ही चीन की तरक्की का लाभ अन्य देशों को भी मिला। कोरोना महामारी के दौर में चीन ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। इन दिनों चीन के उद्योग जगत में उत्साह का माहौल देखा जा सकता है। विदेशी कंपनियां चीन के प्रति पहले की तरह आकर्षित हो रही हैं। चीन में खुलेपन की नीति, कोविड महामारी के बाद की स्थिति और अर्थव्यवस्था पर सीमएजी संवाददाता अनिल पांडेय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर स्वर्ण सिंह से बातचीत की। 

प्रोफेसर सिंह के मुताबिक हाल के तीन सालों में महामारी के कारण पूरी दुनिया की इकॉनमी को नुकसान पहुंचा है। सभी देशों में उथल-पुथल मची है। उसके साथ ही यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक चुनौती और परेशानी ज्यादा बढ़ गयी है। ऐसे में पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की बात आती है तो चीन की स्थिति पर दुनिया की नज़र रहती है। आज चीन 18 ट्रिलियन इकॉनमी वाला राष्ट्र है, अगर चीन की अर्थव्यवस्था पटरी पर आती है तो उसका समूचे विश्व पर सकारात्मक असर पड़ता है। खासतौर पर ऐसे देश जिनके साथ चीन के व्यापारिक संबंध बहुत मजबूत हैं, वे चीन में जीडीपी बढ़ने पर काफी रुचि रखते हैं।

भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक ने की कंसास के तीसरे जिले के लिए रिपब्लिकन नामांकन की मांग

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भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक प्रशांत रेड्डी कंसास के तीसरे कांग्रेसनल जिले से रिपब्लिकन नामांकन की मांग कर रहे हैं, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में डेमोक्रेट शारिस डेविस कर रहे हैं।चेन्नई में जन्मे सैन्य अधिकारी और ऑन्कोलॉजिस्ट व्यवसायी करेन क्रंकोविच और पूर्व पुलिसकर्मी जोनाथन वेस्टब्रुक के बाद तीसरे उम्मीदवार हैं, जो 2024 रिपब्लिकन प्राइमरी के लिए रिंग में उतरेंगे।

एक राजनीतिक नवागंतुक रेड्डी ने एक बयान में कहा, "एक आप्रवासी के रूप में, मैंने अमेरिकी सपने को जीया है, और मैंने अपना जीवन उस देश को वापस देने की कोशिश में बिताया है जिसने मुझे सब कुछ दिया।"

उन्होंने कहा कि अमेरिकी नागरिकता जीवन भर का विशेषाधिकार है और उन्होंने इसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए हर दिन काम किया है। बुधवार को लॉन्च किए गए अपने अभियान वक्तव्य में, रेड्डी ने सुरक्षित सीमाओं, पुलिस के लिए समर्थन और शिक्षा में माता-पिता की आवाज़ का आह्वान किया।


सूडान में लड़ाई के कारण 30 लाख से अधिक लोग हुए विस्थापित

फोटो: IANS
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 मानवतावादी समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार अप्रैल में सूडान में जारी हिंसा के बाद से 30 लाख से अधिक लोग, जिनमें से लगभग आधे बच्चे हैं, अपने घरों से विस्थापित हुए है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ओसीएचए और यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लगभग 1.5 मिलियन बच्चे अपने घर से दूर रह रहे हैं, हालांकि कुछ अभी भी सूडान में हैं। रिपोर्ट में कहा गया सूडान में हर दो में से एक बच्चे, यानि लगभग 13.6 मिलियन को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

ओसीएचए ने कहा कि संघर्ष शुरू होने के बाद से यूनिसेफ ने 30 लाख से अधिक बच्चों और महिलाओं को स्वास्थ्य आपूर्ति के साथ-साथ लगभग 14 लाख लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया है। इसमें कहा गया है कि लगभग 100,000 बच्चे सौर ऊर्जा संचालित केंद्रों सहित सुरक्षित शिक्षण स्थानों में जाते हैं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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