दुनियाः गाजा में इजरायली हमला रोकने के लिए ICJ में सुनवाई शुरू, नेपाल में प्रचंड चौथी बार हासिल करेंगे विश्वास मत

गाजा में इजरायली हमले में जान गंवाने वाले भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले को यहां स्थित भारतीय दूतावास के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र और इजराइल सरकार के अधिकारियों ने शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी।

गाजा में इजरायली हमला रोकने के लिए ICJ में सुनवाई शुरू
गाजा में इजरायली हमला रोकने के लिए ICJ में सुनवाई शुरू
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नवजीवन डेस्क

गाजा में इजरायली हमला रोकने के लिए ICJ में सुनवाई शुरू

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई रोकने के दक्षिण अफ्रीका के आवेदन पर गुरुवार को दो दिवसीय सुनवाई शुरू की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, नीदरलैंड में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत वुसिमुजी मैडोनसेला ने जजों को बताया कि उनके देश ने दोबारा आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है क्योंकि "फिलिस्तीनी लोगों का विनाश जारी है, 35 हजार लोग मारे गये हैं और गाजा के अधिकांश हिस्से मलबे में तबदील हो चुके हैं"। उन्होंने कहा कि इजरायल फिलिस्तीनियों की जान को जान नहीं समझ रहा है और इसलिए फिलिस्तीनी लोगों के बुनियादी अधिकारों" की रक्षा के लिए उनका देश लगातार अपील कर रहा है।

दक्षिण अफ्रीका ने पिछले साल 29 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद उसने इस साल फरवरी और मार्च में भी अतिरिक्त कदम उठाने की मांग के साथ आईसीजे का रुख किया। मौजूदा अनुरोध में राजदूत मैडोनसेला ने राफा समेत "गाजा में बदतर होती स्थिति" को रेखांकित किया है और पूरी गाजा पट्टी से इजरायली सेना की वापसी का आदेश जारी करने की मांग की है। साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल से गाजा में संयुक्त राष्ट्र और मानवीय सहायता एजेंसियों के लिए निर्बाध पहुंच की भी मांग की है। इजरायल को शुक्रवार को उसका पक्ष रखने का मौका मिलेगा। मामले में फैसला आने वाले सप्ताहों में सुनाये जाने की उम्मीद है।

नेपाल के प्रधानमंत्री 'प्रचंड' सोमवार को चौथी बार विश्वास मत हासिल करेंगे

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल 'प्रचंड' 20 मई को संसद में एक बार फिर विश्वास मत हासिल करेंगे। यह उनके पद संभालने के 18 महीने के भीतर चौथा विश्वास मत होगा। एक गठबंधन सहयोगी द्वारा उनकी सरकार से समर्थन वापस लेने के कुछ दिनों बाद उन्हें विश्वास मत का सामना करना पड़ रहा है। प्रचंड नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) से संबंध रखने पूर्व गुरिल्ला नेता हैं और उनकी पार्टी प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

विश्वास मत हासिल करने का निर्णय 13 मई को उपेन्द्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी नेपाल (जेएसपी) द्वारा पार्टी में विभाजन के बाद सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद किया गया है। यादव ने उपप्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी पार्टी सरकार से बाहर हो गई थी। प्रतिनिधि सभा के सहायक प्रवक्ता दशरथ धमाला के अनुसार, "प्रधानमंत्री नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 100 खंड 2 के मुताबिक विश्वास मत हासिल कर रहे हैं।"

धमाला ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और मंत्रिपरिषद ने पहले ही इस मामले के संबंध में संसद सचिवालय को सूचित करते हुए एक पत्र भेजा है। प्रधानमंत्री जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं अगर वह विभाजित हो जाती है या गठबंधन सरकार का कोई सदस्य समर्थन वापस ले लेता है तो प्रधानमंत्री को 30 दिनों के भीतर विश्वास मत हासिल करना होता है। प्रचंड ने 25 दिसंबर 2022 को पद संभाला था, जिसके बाद डेढ़ साल के भीतर यह उनका चौथा विश्वास मत होगा।


संयुक्त राष्ट्र, भारतीय दूतावास, इजराइल सरकार के अधिकारियों ने कर्नल काले को दी श्रद्धांजलि

गाजा में इजरायली हमले में जान गंवाने वाले भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले को यहां स्थित भारतीय दूतावास के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र और इजराइल सरकार के अधिकारियों ने शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी। काले (46) सोमवार को सुबह संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (यूएनडीएसएस) के अन्य कर्मचारियों के साथ वैश्विक संस्था के वाहन में रफह स्थित यूरोपियन हॉस्पिटल जा रहे थे, तभी वह हमले की चपेट में आ गए और उनकी जान चली गई। हमले में जॉर्डन से संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग का एक कर्मचारी घायल हुआ है।

भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि कर्नल काले के पार्थिव शरीर को भारत ले जाया जा रहा है। दूतावास ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘दूतावास के अधिकारियों के साथ-साथ इजराइल के विदेश मंत्रालय, इजराइल रक्षा बल और यूएनडीएसएस तथा संयुक्त राष्ट्र के अन्य संगठनों के अधिकारियों ने कर्नल वैभव अनिल काले (सेवानिवृत्त) को श्रद्धांजलि दी।’’

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में इजरायल को हथियार आपूर्ति से संबंधित विधेयक पास

अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा ने एक विधेयक पारित किया है जो राष्ट्रपति जो बाइडन को इजरायल को रोकी गई हथियारों की आपूर्ति दोबारा शुरू करने के लिए बाध्य करता है। गुरुवार को पारित इस विधेयक के पक्ष में 224 मत पड़े जिसमें 208 रिपब्लिकन सांसदों के और 16 बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के थे। हालांकि विधेयक का संसद के दूसरे सदन सीनेट में गिरना तय माना जा रहा है क्योंकि वहां डेमोक्रेट सांसद बहुमत में हैं।

बाइडेन ने पहले कहा था कि यदि यह विधेयक कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में पारित हो भी जाता है तो वह इसे वीटो कर देंगे। विधेयक प्रशासन को इजरायल को उन सभी हथियारों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करता है जिसके लिए कांग्रेस पहले मंजूरी दे चुकी है। अमेरिका ने गाजा पट्टी के दक्षिण में राफा शहर पर इजरायली हमले के कारण यहूदी राष्ट्र को गोला-बारूद की आपूर्ति रोक दी है। ह्वाइट हाउस ने साफ-साफ कहा है कि वह राफा शहर पर बड़े पैमाने पर इजरायली सेना के हमले के खिलाफ है, जहां गाजा पट्टी के विस्थापित लोग भारी संख्या में मौजूद हैं।


ऑस्ट्रेलिया ने उत्तर कोरिया की हथियार आपूर्ति से जुड़ी छह इकाइयों पर लगाए प्रतिबंध

ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हथियारों की आपूर्ति से जुड़ी छह इकाइयों पर वित्तीय प्रतिबंध लगा दिये। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने कहा कि उत्तर कोरिया से रूस को हथियारों की लगातार आपूर्ति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की "ज्वलंत अवहेलना" है। उन्होंने एक बयान में कहा, "ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन के खिलाफ रूस के पूर्ण युद्ध के लिए उत्तर कोरिया के अवैध निर्यात और रूस की खरीद तथा उत्तर कोरियाई बैलेस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल की कठोरतम शब्दों में निंदा करता है।"

उन्होंने कहा कि उत्तर कोरियाई बैलेस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन के लोगों की तकलीफों को बढ़ा रहा है, रूस के अवैध तथा अनैतिक आक्रमण का समर्थन कर रहा है, और वैश्विक निरस्त्रीकरण को खोखला कर रहा है। वॉन्ग ने कहा कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच बढ़ता सहयोग यूरोप, कोरियाई प्रायद्वीप और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए "भारी सुरक्षा खतरा" पैदा करता है। वॉन्ग ने कहा, "अपने सहयोगियों के साथ हम उत्तर कोरिया से सकारात्मक वार्ता में शामिल होने और कोरियाई प्रायद्वीप में स्थायी शांति तथा स्थिरता की ओर बढ़ने की अपील करते हैं।" उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया आत्मरक्षा के लिए यूक्रेन के समर्थन में अडिग है। आज की घोषणा बताती है कि "रूस के अवैध तथा अनैतिक युद्ध का समर्थन करने वालों को परिणाम भुगतने होंगे।"

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