दुनियाः इजरायल में बंधकों के परिवारों ने नेतन्याहू का ऑफिस घेरा और सीरिया में विद्रोही समूह के हमले में 89 की मौत
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में सांप्रदायिक झड़पों में मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो गई है।

इजरायल में बंधकों के परिवारों ने पीएम नेतन्याहू का ऑफिस घेरा
गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों के रिश्तेदारों ने बुधवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेसेट (इजरायली संसद) ऑफिस के एंट्रेंस को ब्लॉक कर दिया। ये लोग मांग कर रहे थे कि पीएम उनसे मिलें और उनके प्रियजनों को मुक्त कराने के लिए बंधक समझौते पर काम करें। 'द टाइम्स ऑफ इजरायल' की रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रोटेस्ट नेतन्याहू और उनकी सरकार की ओर से लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद हुआ। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया।
एली अलबाग, जिनकी छोटी बेटी लिरी को पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान बंदी बना लिया गया था, ने कहा कि जिस तरह नेतन्याहू लेबनान में लड़ाई समाप्त करने के लिए समझौता करने में सफल रहे, ऐसा ही उन्हें गाजा में भी करना चाहिए। अलबाग ने कहा, "अगर आप चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। हम आपसे तहे दिल से विनती कर रहे हैं।" प्रदर्शनकारियों को बाद में नेसेट सिक्योरिटी ने हटा दिया। इसके बाद वे मंजिल नीचे चले गए और इमारत के फेक्शन विंग की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर प्रदर्शन करने लगे, जहां विभिन्न राजनीतिक दल बैठकें और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं।
सात बचे हुए अमेरिकी-इजरायली बंधकों के परिवारों ने एक संयुक्त बयान में कहा, "हम लेबनान में इस युद्धविराम समझौते से उत्साहित हैं, हम खुद से पूछते हैं, हमारे बच्चे, माता-पिता, बहनें और भाई कब घर लौटेंगे? हम अपनी मेज पर उनकी कुर्सियों को हमेशा के लिए खाली नहीं रहने दे सकते।" बयान में कहा गया, "हम [अमेरिका के] नवनिर्वाचित राष्ट्रपति [डोनाल्ड] ट्रंप से अपील करते हैं कि वे राष्ट्रपति बाइडेन और उनके प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें ताकि सात अमेरिकियों - ओमर न्यूट्रा, एडन अलेक्जेंडर, जूडी वेनस्टीन, गैड हाग्गई, कीथ सीगल, सगुई डेकेल-चेन और इते चेन - और अतिरिक्त 94 बंधकों को तुरंत घर लाया जा सके।"
इजराइल-हमास की लड़ाई को रोकने और शेष बंधकों को वापस लाने के लिए अमेरिका, मिस्र और कतर द्वारा मध्यस्थता से किए गए कई प्रयास विफल हो गए हैं। हमास का जोर युद्ध को समाप्त करने और सभी आईडीएफ बलों को वापस बुलाने पर रहा है दूसरी तरफ नेतन्याहू ने ये शर्तें खारिज कर दी हैं। हमास हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की भी मांग कर रहा है। 7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।
सीरिया: कट्टरपंथी विद्रोही समूहों के हमले में 89 लोगों की मौत
हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) विद्रोही समूह और उसके सहयोगी गुटों ने अलेप्पो प्रांत के पश्चिमी ग्रामीण इलाकों में सीरियाई सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया। बुधवार की झड़पों में 89 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एचटीएस और उसके समर्थक गुटों के 52 लड़ाके और सीरियाई सरकारी बलों के 37 सैनिक शामिल थे। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि एचटीएस और अल-फतह अल-मुबीन ऑपरेशन रूम के गुटों ने ऑपरेशन शुरू होने के 12 घंटे से भी कम समय में 21 गांवों, कस्बों और रणनीतिक स्थलों पर नियंत्रण कर लिया। पांच सीरियाई सैनिकों को एचटीएस ने बंधक बना लिया और हथियार डिपो, बख्तरबंद वाहन और भारी हथियार भी जब्त कर लिए।
ऑब्जर्वेटरी ने बताया कि हमले के जवाब में, रूसी युद्धक विमानों ने अटारीब शहर के आसपास विद्रोहियों गुटों के ठिकानों पर वैक्यूम मिसाइलों का उपयोग करके हमले किए। सीरियाई सरकारी बलों ने अटारीब, दारत इज्जाज और आसपास के गांवों पर सैकड़ों तोपों और रॉकेटों से बमबारी की। ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, एक दिन पहले, एचटीएस की तैयारियों कारण पश्चिमी अलेप्पो के ग्रामीण इलाकों में अतारिब और आसपास के गांवों से नागरिकों को बड़ी संख्या में पलायन करना पड़ा था। एचटीएस, जिसे पहले नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था, को कई देश आतंकवादी संगठन मानते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप को जान से मारने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एरिजोना के मैनुअल तामायो-टोरेस ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो पोस्ट किए थे जिसमें पूरे परिवार को मार देने की बात थी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एबीसी 7 समाचार चैनल के हवाले से बताया कि अदालती दस्तावेजों से पता चला है कि संदिग्ध ने हाल के महीनों में फेसबुक पर कई वीडियो पोस्ट किए हैं, जिनमें से एक में वह सफेद रंग की एआर-15 की राइफल पकड़े हुए दिखाई दे रहा है, जिसमें 30 राउंड की मैगजीन लगी हुई थी। अदालती दस्तावेजों में सीधे तौर पर ट्रंप की पहचान नहीं की गई थी, केवल उन्हें "व्यक्ति1" के रूप में रिफर किया गया था, आम तौर पर किसी सार्वजनिक व्यक्ति, पूर्व राष्ट्रपति और नव निर्वाचित राष्ट्रपति को ध्यान में रखकर इसका उपयोग अदालती दस्तावेजों में किया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले गुरुवार को तामायो-टोरेस ने फेसबुक पोस्ट के एक वीडियो में कहा, "(व्यक्ति 1) तुम मरने वाले हो, (व्यक्ति 1) तुम्हारा बेटा मरने वाला है। तुम्हारा पूरा परिवार मरने वाला है। यह अब तुम्हारे लिए वास्तविकता है। तुम्हारे भविष्य में मरना यही एकमात्र वास्तविकता है।" दस्तावेजों में कहा गया है कि तामायो-टोरेस पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को धमकाने का एक गंभीर आरोप लगाया गया है, क्योंकि उन्होंने ट्रंप और उनके परिवार के खिलाफ कई धमकियां दी थी। उस पर बंदूक खरीदने के दौरान झूठे बयान देने के चार आरोप भी लगाए गए हैं। एबीसी 7 की रिपोर्ट के अनुसार तामायो-टोरेस ने वीडियो में यह भी दावा किया है कि "व्यक्ति 1" ने उसके बच्चों का अपहरण किया और उनकी तस्करी की, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अभियुक्त के वास्तव में बच्चे थे या नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तामायो-टोरेस को सोमवार को सैन डिएगो के निकट गिरफ्तार किया गया, जहां से वह जल्द ही भागने की फिराक में था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसके खिलाफ आरोप एरिजोना में दर्ज किए गए थे।
पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा जारी, मृतकों की संख्या 100 के पार हुई
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में सांप्रदायिक झड़पों में मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो गई है। यह जानकारी अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार को मीडिया को दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को कुर्रम जिल में वाहनों के एक काफिल पर हुए हमले के बाद हिंसा भड़क उठी। जिले के घनी आबादी वाले बागान शहर में लगभग 200 वाहनों के काफिले पर भारी गोलीबारी की गई। बताया जा रहा है कि काफिले में अधिकतर शिया यात्री थे। हमले में कम से कम 43 लोग मारे गए थे और 16 अन्य घायल हो गए थे।
यह काफिला पेशावर और पाराचिनार शहर के बीच यात्रियों को ले जा रहा था, जो कि अफगानिस्तान सीमा के निकट कुर्रम जिले में है, जहां सांप्रदायिक हिंसा और भूमि विवादों का इतिहास रहा है। इस हमले के बाद दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा शुरू हो गई जिसके कारण सोमवार तक मरने वालों की संख्या 88 हो गई थी। इस बीच प्रांतीय सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिले का दौरा किया और दोनों संप्रदायों के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनी।
हालांकि, युद्ध विराम के दौरान भी छिटपुट झड़प जारी रहीं, जिससे मरने वालों की संख्या अब 100 से अधिक हो गई है। जिले के डिप्टी कमिश्नर जावेद उल्लाह महसूद ने मीडिया को बताया कि सरकारी प्रतिनिधिमंडल द्वारा युद्ध विराम सुनिश्चित करने में असफल रहने के बाद, पड़ोसी जिलों के जनजातीय समुदाय के बुजुर्गों का एक प्रतिमंडल गुरुवार को कुर्रम का दौरा करेंगे। इस दौरान 'जिरगा' या जनजातीय अदालत का आयोजन किया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि बुजुर्ग दोनों पक्षों को शत्रुता समाप्त करने के लिए नए सिरे से मध्यस्थता शुरू करने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।
गाजा में युद्धविराम पर सहयोग के लिए तैयारः हमास
हमास ने कहा कि वह इजरायल-हिजबुल्लाह सीजफायर डील के बाद गाजा पट्टी में किसी भी संघर्ष विराम प्रयास में सहयोग करने के लिए तैयार है। फिलिस्तीनी ग्रुप ने कहा, "हम लेबनान में समझौते की प्रगति पर नजर रख रहे हैं, ताकि गाजा में आग को रोकने के किसी भी प्रयास में सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की जा सके।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक प्रेस बयान के हवाले से यह जानकारी दी। बयान में हमास ने उन शर्तों का भी जिक्र किया जिन्हें वह समझौते के लिए जरूरी मानता हैं। इनमें शामिल हैं- कब्जा करने वाली सेनाओं (इजरायली आर्मी) की वापसी, विस्थापित लोगों की घर वापसी, वास्तविक और पूर्ण प्रिजनर एक्सचेंज। बयान में हमास ने अरब और इस्लामी देशों तथा 'स्वतंत्र विश्व की ताकतों' से गंभीर कदम उठाने, अमेरिका और इजरायल पर 'फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ उनके क्रूर आक्रमण' को रोकने के लिए दबाव डालने की अपील की।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया। इससे पहले मंगलवार को यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच हुए युद्ध विराम समझौते के बाद लेबनानी सेना एक बार फिर अपने क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी। उन्होंने कहा, "अगले 60 दिनों में, इजरायल धीरे-धीरे अपनी बाकी सेना को वापस बुला लेगा - दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस लौट सकेंगे और अपने घरों का पुनर्निर्माण शुरू कर सकेंगे।" जो बाइडेन ने अपने भाषण में गाजा में लड़ाई रुकने का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा, "जिस तरह लेबनान के लोग सुरक्षा और समृद्धि के भविष्य के हकदार हैं, उसी तरह गाजा के लोग भी हैं। वे भी लड़ाई और विस्थापन के अंत के हकदार हैं।" 7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।
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