दुनिया: इजरायल-गाजा सीमा के पास इजरायली सैन्य गतिविधि में बढ़ोतरी और IDF का लेबनान में 'आतंकवादी' को मारने का दावा

आईडीएफ ने कहा कि पड़ोसी देश से दागे गए रॉकेटों के जवाब में लेबनान में हिज्बुल्लाह ठिकानों पर हमले के दौरान एक आतंकी मारा गया। इजरायल-गाजा सीमा पर इजरायली टैंक जमा हो गए हैं और हजारों सैनिकों ने युद्ध के लिए खुद को तैयार कर लिया है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

आईडीएफ ने कहा, लेबनान में एक 'आतंकवादी' मारा गया

 इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि पड़ोसी देश से दागे गए रॉकेटों के जवाब में लेबनान में हिज्बुल्लाह ठिकानों पर हमले के दौरान एक आतंकी मारा गया।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, आईडीएफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल डेनियल हगारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की। हालांकि, उन्होंने घटनाक्रम पर कोई और डिटेल नहीं दी है। गुरुवार को ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन ने स्वीकार किया था कि सीमा पर इजरायली बलों के साथ टकराव के दौरान उसका एक सदस्य मारा गया और तीन नागरिक घायल हो गए थे।

हिज्बुल्लाह ने कोई अन्य जानकारी भी नहीं दी। लेबनान के आंतरिक सुरक्षाबलों के सूत्रों ने कहा कि गुरुवार को इजरायल की तोपखाने गोलाबारी से दक्षिणी लेबनान के 22 शहरों के बाहरी इलाके प्रभावित हुए हैं। दो घर जला दिए गए और 25 अन्य घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।

लेबनानी सैन्य सूत्रों ने पुष्टि की कि इजरायली सेना ने अपने बमबारी क्षेत्र का विस्तार करते हुए पश्चिम में नकौरा से लेकर पूर्व में शेबा और कफरचौबा तक सीमा रेखा के कई क्षेत्रों को शामिल किया है।

इजरायल-गाजा सीमा के पास इजरायली सैन्य गतिविधि में बढ़ोतरी देखी गई

फोटो: IANS
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इजरायल-गाजा सीमा पर इजरायली टैंक जमा हो गए हैं और हजारों सैनिकों ने युद्ध के लिए खुद को तैयार कर लिया है। हजारों इजरायली सैनिक, बड़ी संख्या में टैंक और बख्तरबंद वाहन अब गाजा पट्टी पर जमीनी हमले के लिए सीमा पर तैनात हैं, जहां 203 बंधकों को हमास ने बंदी बना रखा है।

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार सुबह तड़के सीमा पर भारी मशीनी गोलीबारी की आवाज सुनने के बाद सीमा पर तोपखाने और जवानों की भीड़ जमा हो गई। इजरायल ने गाजा पर लगातार हवाई हमले करना जारी रखा और उसने लेबनानी सीमा के पास एक उत्तरी इजरायली शहर को खाली करना शुरू कर दिया, जो आसन्न जमीनी आक्रमण का एक और संकेत है जो पूरे मध्य पूर्व में उथल-पुथल पैदा कर सकता है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, छोटे से इलाके में फंसे 20 लाख फिलिस्तीनी, जहां हजारों लोग मारे गए हैं और पूरे शहर नष्ट हो गए हैं, अब खुद को आक्रमण के लिए तैयार कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप और बड़ी क्षति होने की आशंका है। 


फ़िलिस्तीन विरोधी ट्वीट पर बहरीन के अस्पताल ने भारतीय मूल के डॉक्टर को नौकरी से निकाला

फोटो: IANS
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बहरीन में एक भारतीय मूल के डॉक्टर को इजरायल-हमास संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर कथित फिलिस्तीन विरोधी पोस्ट के लिए रॉयल बहरीन अस्पताल ने नौकरी से निकाल दिया। बाद में डॉक्‍टर ने माफी मांग ली है। इस संघर्ष में अब तक करीब पांच हजार लोग मारे गये हैं।

रॉयल बहरीन अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. सुनील राव ने एक्स पर इज़राइल का समर्थन करने और आतंकवाद की आलोचना करने वाले पोस्ट लिखे, जिसके कारण उन्हें "तत्काल प्रभाव" से बर्खास्त कर दिया गया।

रॉयल बहरीन अस्पताल ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, "यह हमारे ध्यान में आया है कि डॉ. सुनील राव, जो आंतरिक चिकित्सा में विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहे हैं, ने सोशल मीडिया पर ऐसे ट्वीट पोस्ट किए हैं जो हमारे समाज के लिए अपमानजनक हैं। हम पुष्टि करना चाहेंगे कि उनके ट्वीट और विचारधारा व्यक्तिगत हैं और अस्पताल की राय और मूल्यों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।"

बयान में कहा गया, "यह हमारी आचार संहिता का उल्लंघन है और हमने आवश्यक कानूनी कार्रवाई की है। उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।"

कनाडा के साथ द्विपक्षीय संबंध अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन नहीं : भारत सरकार

फोटो: IANS
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कनाडा ने बड़ी संख्या में अपने राजनयिकों को भारत से वापस बुलाया है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति और नई दिल्ली के मामलों में ओटावा के निरंतर हस्तक्षेप को देखते हुए राजनयिक उपस्थिति में समानता होनी जरूरी है।

भारत ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि समानता बनाए रखने के प्रयास अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन हैं। "हमने भारत में कनाडाई राजनयिक उपस्थिति के संबंध में 19 अक्टूबर को कनाडा सरकार का बयान देखा है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में उनके निरंतर हस्तक्षेप से नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति की समानता की जरूरत है।"

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है, "हम इसके कार्यान्वयन के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए पिछले महीने से कनाड से जुड़े हुए हैं। इस समानता को लागू करने में हमारे कार्य पूरी तरह से वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 11.1 के अनुरूप हैं।"


गर्भवती पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने वाले भारतीय-कनाडाई व्यक्ति को पूर्ण पैरोल मिली

फोटो: IANS
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2006 में अपनी चार महीने की गर्भवती पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने और उसके शरीर को जलाने के आरोपी 51 वर्षीय भारतीय मूल के पूर्व हाई स्कूल शिक्षक को कनाडा में पूर्ण पैरोल दे दी है। सीबीसी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश कोलंबिया में अपने सरे स्थित घर में मंजीत की हत्या के लिए मुख्तियार सिंह पंघाली को 2011 में 15 साल की आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

अक्टूबर 2006 में उसके पति द्वारा लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के पांच दिन बाद पुलिस को 31 वर्षीय मंजीत का जला हुआ शव डेल्टा में रॉबर्ट्स बैंक के पास एक समुद्र तट पर मिला था। पंघाली को पहली बार 2007 में गिरफ्तार किया गया था और वह 2012 में सेकेंड डिग्री हत्या के लिए अपनी आजीवन कारावास की सजा के संबंध में अपील हार गया था।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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