दुनियाः कनाडा में भारतीय मूल के सांसद पीएम पद की रेस में और अमेरिका में अंडे की कीमतों ने तोड़ा रिकॉर्ड
पिछले 24 घंटों में सऊदी अरब, यूएई और चीन सहित सात देशों ने 258 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस देश भेज दिया है। दक्षिण कोरिया में जारी राजनीतिक संकट के बीच कार्यवाहक राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के प्रमुख पार्क चोंग-जून का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
भारतीय मूल के सांसद ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी की घोषणा की
कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने गुरुवार को प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। उन्होंने यह घोषणा कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद की। चंद्र आर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनकर देश के पुनर्निर्माण और समृद्धि की दिशा में काम करना चाहते हैं। चंद्र आर्य ने लिखा, "मैं कनाडा के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ रहा हूं, ताकि अपने देश का पुनर्निर्माण कर सकूं और भावी पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकूं।" उन्होंने कहा कि कनाडा को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो बड़े और साहसिक निर्णय लेने से डरता न हो। आर्य ने यह भी कहा कि कनाडा को आज कठिन फैसलों की आवश्यकता है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके और सभी कनाडाई नागरिकों के लिए समान अवसर मिल सकें।
चंद्र आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुर जिले के द्वारलू गांव में हुआ था और उन्होंने धारवाड़ के कर्नाटक विश्वविद्यालय से एमबीए किया। 2006 में कनाडा जाने के बाद, उन्होंने पहले इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष के रूप में काम किया और बाद में 2015 के कनाडाई संघीय चुनाव में नेपियन राइडिंग से सांसद बने। उन्हें 2019 और 2021 में भी दोबारा चुना गया। चंद्र आर्य की राजनीति में सक्रियता विशेष रूप से भारतीय समुदाय और कनाडा के समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर रही है। उन्होंने 2022 में कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में अपनी मातृभाषा कन्नड़ में भाषण दिया और टोरंटो में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ के मामलों में भी मुखर रूप से अपनी आवाज उठाई। इस हमले के लिए उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया।
बर्ड फ्लू के प्रकोप से अमेरिका में अंडे की कीमतों ने तोड़ा रिकॉर्ड
अमेरिका में पिछले साल की तुलना में पूरे देश में अंडों की कीमतों में भारी उछाल आया है। अंडों की कीमतों में 38 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यूएसए टुडे की और से गुरुवार को प्रकाशित खबर के अनुसार अंडों की कीमतों में प्रति दर्जन औसतन 3.65 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) और एग्रीकल्चरल मार्केटिंग सर्विस (एएमएस) के अनुसार, 3 जनवरी तक न्यूयॉर्क में बड़े अंडों के एक कार्टन का थोक मूल्य बढ़कर 6.06 डॉलर प्रति दर्जन हो गया, जबकि मिडवेस्ट क्षेत्र में कीमतें 5.75 डॉलर और कैलिफ़ोर्निया में 8.97 डॉलर तक पहुंच गईं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि कई अन्य जगहों पर अंडे पूरे तरह बाजार से गायब दिखें। रिपोर्ट में कहा गया, "बर्ड फ्लू प्रकोप के प्रकोप को कम होने में कितना समय लगेगा यह कहना अभी थोड़ा मुश्किल हो सकता है।'' देश में अंडों की वर्तमान समस्या का सबसे स्पष्ट कारण पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू का प्रकोप है। यूएसडीए एएमएस ने तीन जनवरी की रिपोर्ट में कहा कि देश भर के रिटेल बाजारों के ग्रॉसरी स्टोर्स में रिकॉर्ड तोड़ कीमतों पर अंडे बिक रहे हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 6 जनवरी तक इस वायरस ने जनवरी 2022 से 50 अमेरिकी राज्यों में 130 मिलियन से अधिक पोल्ट्री को प्रभावित किया है। देश में बड़े पैमाने पर संक्रमित पक्षियों को मारा जा रहा है और कभी-कभी एक ही स्थान पर लाखों की संख्या में पक्षी मारे जा रहे हैं।
भिखारियों सहित 258 पाकिस्तानियों को 7 देशों ने वापस भेजा
पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। पिछले 24 घंटों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और 'सदाबहार दोस्त' चीन सहित सात देशों ने 258 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेज दिया है। पाकिस्तानी इमिग्रेशन अधिकारियों के अनुसार, कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे 258 लोगों में से 244 को आपातकालीन यात्रा दस्तावेजों के आधार पर निर्वासित किया गया। 14 के पास वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट थे। केवल 16 निर्वासितों को 'संदिग्ध पहचान' के कारण गिरफ्तार किया गया, बाकी को केवल पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया।
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार चैनल जियो न्यूज ने बताया कि सऊदी अरब ने 232 लोगों को निर्वासित किया, जिनमें सात भिखारी, बिना परमिट के हज करते पकड़े गए लोग और अपनी सजा पूरी करने के बाद वापस भेजे गए लोग शामिल हैं। इसके अलावा वे पाकिस्तानी शामिल हैं- जो देश में तय समय सीमा से ज्यादा समय तक रुके थे या बिना किसी कारण के या अपने वीजा की वैधता से अधिक समय तक काम करते पाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि सऊदी एजेंसियों ने 112 लोगों को उनके प्रायोजकों की शिकायतों की वजह से वापस भेजा और 63 लोगों पर अन्य आरोप लगे थे। यूएई ने 21 लोगों को निर्वासित किया, जिनमें से चार ड्रग्स तस्करी में शामिल हैं, जबकि चीन, कतर, इंडोनेशिया, साइप्रस और नाइजीरिया ने एक-एक पाकिस्तानी नागरिक को वापस स्वदेश भेजा।
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान से बड़ी संख्या में संदिग्ध यात्री विदेश गए हैं। ये लोग शरणार्थी, अवैध ड्रग तस्कर, भिखारी और मानव तस्कर बनकर दूसरे देशों में अवैध रूप से रह रहे हैं। इस बीच सऊदी अरब के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (जीएसीए) ने घोषणा की कि देश की यात्रा करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए पोलियो टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। जीएसीए के अनुसार, नवीनतम निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर दंड और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सऊदी सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कई खाड़ी देशों ने अपराध, धोखाधड़ी और भीख मांगने में शामिल होने के कारण पाकिस्तानियों पर वीजा प्रतिबंध लगाए हैं। इससे पहले, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान के वीजा आवेदकों के लिए पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया था। सऊदी अरब के अलावा, यूएई और अन्य खाड़ी देशों ने पाकिस्तान के कम से कम 30 अलग-अलग शहरों के लोगों को वीजा देने पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है।
पुतिन और ट्रंप बना रहे बैठक की योजना, क्या जल्द रुक सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध?
रूस ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बातचीत के माध्यम से समस्याओं को हल करने की इच्छा का स्वागत किया है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि 20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक की योजना बनाने में प्रगति हो सकती है। इससे पहले ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उनके और पुतिन के बीच बैठक की योजना बनाई जा रही है, लेकिन उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि व्हाइट हाउस में ट्रंप की वापसी रूस यूक्रेन युद्ध को कूटनीतिक समाधान तक पहुंचा सकती है।
हालांकि इससे कीव में यह डर भी पैदा हो गया है कि जल्दबाजी में हुए किसी भी शांति समझौते के लिए यूक्रेन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार कहा कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे के भीतर समाप्त कर सकते हैं। हालांकि अब वह और उनके सलाहकार पदभार ग्रहण करने के कुछ महीनों के भीतर इस मुद्दे को सुलझाने की बात कर हैं। पेसकोव ने कहा कि पुतिन ने ट्रंप सहित अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ बातचीत करने की अपनी इच्छा बार-बार जाहिर की है। उन्होंने कहा, "इसके लिए किसी शर्त की जरूरत नहीं है, (केवल) बातचीत के माध्यम से मौजूदा समस्याओं को हल करने की आपसी इच्छा और राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।"
दक्षिण कोरियाः कार्यवाहक राष्ट्रपति ने प्रेसिडेंट सुरक्षा के प्रमुख का इस्तीफा स्वीकार किया
दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई सांग-मोक ने 10 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (पीएसएस) के प्रमुख पार्क चोंग-जून का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। पीएसएस प्रमुख का इस्तीफा राष्ट्रपति यून सुक-योल की गिरफ्तारी को लेकर बढ़ते विवादों के बीच आया है। राष्ट्रपति यून सुक-योल अपने किलेबंद आवास में हैं और उन पर विद्रोह के आरोप हैं। यून को गिरफ्तार करने के लिए अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन पीएसएस प्रमुख ने राष्ट्रपति को गिरफ्तार नहीं होने दिया। इस मामले की जांच चल रही है। पार्क चोंग-जून पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) को यून की गिरफ्तारी के लिए जारी वारंट को लागू करने से रोका था। पार्क ने पूछताछ के लिए पुलिस के तीसरे अनुरोध का पालन किया, जबकि उन्होंने पहले दो अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
इस विवाद के बीच, सीआईओ और पुलिस यून को गिरफ्तार करने की फिर से कोशिश कर रहे हैं। यून देश में मार्शल लॉ लगाने के असफल प्रयास के बाद विद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। यून ने अब तक सीआईओ द्वारा जारी सम्मन या वारंट का पालन करने से इनकार किया है। इसका उन्होंने तर्क दिया कि एजेंसी को विद्रोह के आरोपों की जांच करने का अधिकार नहीं है। पार्क चोंग-जून ने पुलिस के समक्ष अपनी पूछताछ के दौरान कहा कि जब यून को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस और अन्य एजेंसियां पहुंची थी, तो कोई भी झड़प या खून-खराबा नहीं होना चाहिए था। उनका कहना था कि यह स्थिति सभी के लिए चिंता का कारण बन सकती थी, लेकिन किसी भी स्थिति में सरकारी एजेंसियों के बीच संघर्ष या हिंसा नहीं होनी चाहिए। पार्क ने कहा, "मुझे लगता है कि कई लोग इस स्थिति को लेकर बहुत चिंतित रहे होंगे, चाहे सरकारी एजेंसियां आपस में टकरा रही हों या एक-दूसरे का सामना कर रही हों।"
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