दुनियाः गाजा में रेड क्रास केंद्र पर इजरायल ने किया हमला और रूस ने यूरोप से संबंध बहाल होने की संभावना को नकारा

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को पेइचिंग में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ वार्ता की। पाकिस्तान ने पिछले साल देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

गाजा में रेड क्रास केंद्र पर इजरायल ने किया हमला
गाजा में रेड क्रास केंद्र पर इजरायल ने किया हमला
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नवजीवन डेस्क

गाजा में रेड क्रास केंद्र पर इजरायली हमले में 3 की मौत

फिलिस्तीन के गाजा शहर में इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस (आईसीआरसी) से संबंधित एक केंद्र को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमले में तीन लोग मारे गए। तीनों मृतक फिलिस्तीनी नागरिक थे। यह जानकारी फिलिस्तीनी चिकित्सा सूत्रों ने शुक्रवार को दी।

सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि "आईसीआरसी के केद्र में शरण लिए तीन लोग इजराइली युद्धक विमानों के हमले में मारे गए।" शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक आईसीआरसी ने इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

रूस व यूरोप के बीच संबंध बहाल होने की संभावना नहींः क्रेमलिन

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में रूस और यूरोप के बीच पहले की भांति संबंध बहाल होना संभव नहीं है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पेसकोव ने कहा, मॉस्को यूरोपीय देशों के साथ नए संबंध बनाते समय पिछले अनुभवों को ध्यान में रखेगा।

उन्होंने कहा कि भौगोलिक पड़ोसी होने के नाते रूस और यूरोप को इस बात पर सहमत होना होगा कि हम कैसे रहेंगे। पेसकोव ने कहा, रूस यूरोप के लिए खतरा पैदा नहीं करता है और उम्मीद करता है कि यूरोपीय देश भी उसके लिए खतरा पैदा नहीं करेंगे।


चीनी और अमेरिकी विदेश मंत्रियों ने पेइचिंग में वार्ता की

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को पेइचिंग में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ वार्ता की। इस दौरान, वांग यी ने चीन-अमेरिका संबंधों के संबंध में कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल नवंबर में सैन फ्रांसिस्को में मुलाकात की और संयुक्त रूप से "सैन फ्रांसिस्को विज़न" तैयार किया। दोनों राष्ट्रपतियों के नेतृत्व में चीन-अमेरिका संबंध आम तौर पर स्थिर हो गए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय बातचीत, सहयोग और सकारात्मक पहलू बढ़ गए, जिन्हें दोनों देशों के लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का स्वागत मिला। लेकिन, दूसरी तरफ़, चीन-अमेरिका संबंधों में नकारात्मक कारक अभी भी बढ़ रहे हैं और जमा हो रहे हैं, विभिन्न बाधाओं और रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है। चीन के विकास के वैध अधिकार को अनुचित रूप से दबा दिया गया है और चीन के मूल हितों को लगातार चुनौती दी जा रही है।

रफा से नागरिकों को जल्द ही निकालना शुरू करेगा इजरायल

गाजा के सबसे दक्षिणी शहर पर योजनाबद्ध जमीनी हमले से पहले इजरायल जल्द ही रफा से नागरिकों को निकालना शुरू कर देगा। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने इजरायली कान टीवी की रिपोर्ट के हवाले से कहा, "प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की फाइनल मंजूरी मिलने तक निकासी जल्द ही शुरू हो जाएगी।" इससे पहले गुरुवार को देश की युद्धकालीन कैबिनेट और सुरक्षा कैबिनेट ने रफा पर संभावित हमले पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई थी। इस शहर को पहले इजरायली बमबारी से "सुरक्षित जोन" माना जाता था, जहां लगभग 14 लाख विस्थापित फिलिस्तीनियों को शरण मिली हुई है।

मंत्रियों ने युद्धविराम को आगे बढ़ाने के नए प्रयासों पर भी चर्चा की, जिससे गाजा में 100 से अधिक बंधकों की रिहाई सुनिश्चित हो सकेगी। मार्च के अंत में नेतन्याहू ने हमले की योजना को मंजूरी देने की घोषणा की। हालांकि, अंतिम निष्पादन आदेश लंबित है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि रफा में किसी भी जमीनी कार्रवाई के परिणाम नागरिकों के लिए विनाशकारी होंगे।


पाकिस्तान ने मानवाधिकार पर अमेरिकी रिपोर्ट को किया खारिज

पाकिस्तान ने पिछले साल देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया। पाकिस्तान का कहना है कि सिर्फ 'राजनीति से प्रेरित रिपोर्ट' ही गाजा में चिंताजनक स्थिति को नजरअंदाज कर सकती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, "यह बेहद चिंता का विषय है कि विश्व भर में मानवाधिकार स्थितियों को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट गाजा जैसे घोर मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे जरूरी हॉटस्पॉट को नजरअंदाज करती है या कम महत्व देती है।"

विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिपोर्ट गलत जानकारी पर आधारित है और जमीनी हकीकत से पूरी तरह परे है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल की रिपोर्ट एक बार फिर निष्पक्षता की कमी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंडे के राजनीतिकरण के कारण स्पष्ट है। यह स्पष्ट रूप से दोहरे मानकों को प्रदर्शित करता है और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को कमजोर करता है। 22 अप्रैल को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। पाकिस्तानी सरकार नागरिक समाज कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों को डराती है या उनके खिलाफ प्रतिशोध चाहती है।

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