दुनिया: इजरायल ने बताया कहां से हुआ मिस्र के शहर पर हमला और चीन-अमेरिका संबंधों के बारे में वांग यी का बयान
आईडीएफ ने कहा है कि यमन में ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों के स्पष्ट संदर्भ में मिस्र के शहर ताबा में शुक्रवार की सुबह 'लाल सागर क्षेत्र' से हमला हुआ। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ मुलाकात की।

मिस्र के शहर पर ड्रोन हमला 'लाल सागर क्षेत्र' से हुआ : इजरायल
इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा है कि यमन में ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों के स्पष्ट संदर्भ में मिस्र के लाल सागर शहर ताबा में शुक्रवार की सुबह 'लाल सागर क्षेत्र' से हमला हुआ। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, ताबा इजरायल की सीमा पर स्थित है और दक्षिणी शहर इलियट से लगभग 10 किमी दूर है। अल अरबिया प्रसारक ने मिस्र के एक सैन्य प्रवक्ता के हवाले से कहा कि हमला एक ड्रोन के कारण हुआ था।
डैनियल हगारी ने कहा, ''पिछले कुछ घंटों में, लाल सागर क्षेत्र में एक हवाई खतरे का पता चला था। खतरे को देखते हुए लड़ाकू विमानों को भेजा गया और मामले की जांच की जा रही है।''
टाइम्स ऑफ इजरायल ने बताया, ''हमारी समझ से, मिस्र में प्रभाव इसी खतरे से उत्पन्न होता है। इजरायल मिस्र और अमेरिका के साथ मिलकर काम करेगा और लाल सागर क्षेत्र से खतरों के खिलाफ सुरक्षा कड़ी करेगा। ''
चीन-अमेरिका संबंधों के बारे में वांग यी का बयान

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ मुलाकात की। इससे पहले दोनों ने पत्रकारों से संक्षिप्त मुलाकात की। इस मौके पर वांग यी ने कहा कि यह जून में ब्लिंकन की चीन यात्रा के बाद हुई है। चीन और अमेरिका के बीच मतभेद और अंतरविरोध मौजूद हैं, जबकि महत्वपूर्ण समान हित और चुनौतियां भी हैं। इसलिए चीन और अमेरिका को न केवल वार्ता बहाल करनी चाहिए, बल्कि गहन और व्यापक वार्ता करनी चाहिए। इसका उद्देश्य वार्ता के जरिए आपसी समझ बढ़ाकर गलतफहमी कम करना और सहमति बढ़ाकर आपसी लाभ वाला सहयोग करना है। चीन-अमेरिका संबंधों को शीघ्र ही स्वस्थ, सतत और अनवरत विकास के रास्ते पर वापस लौटाने की जरूरत है।
वांग यी ने यह भी कहा कि चीन-अमेरिका संबंधों में अक्सर कुछ न कुछ शोर पैदा होता है, इसे चीन हल्के में लेता है। क्योंकि हमारा विचार है कि सही और गलत का निर्णय करने का मानक ऐसा होना चाहिए कि क्या यह चीन और अमेरिका की तीनों संयुक्त विज्ञप्तियों के नियम के अनुरूप है या नहीं, क्या यह अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सावधानीपूर्वक बुनियादी मापदंड के अनुरूप है या नहीं, क्या यह युग के विकास के रुझान के अनुरूप है या नहीं। हमें विश्वास है कि तथ्य सब कुछ साबित कर देगा और इतिहास निष्पक्ष मूल्यांकन देगा।
कनाडा ने कहा, दिसंबर तक केवल आधे भारतीय वीज़ा आवेदनों पर ही होगी कार्रवाई

कनाडा ने कहा है कि कर्मचारियों की कमी के कारण भारतीयों के लिए 38,000 वीजा में से वह इस साल दिसंबर के अंत तक केवल 20,000 वीजा आवेदनों पर ही कार्रवाई कर पाएगा।
सीआईसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कहा कि भारत में वीजा का काम देखने के लिए फिलहाल केवल पांच लोग ही हैं।
आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) जो वीजा आवेदनों को संसाधित करता है, ने इस महीने अपने कर्मचारियों को 27 से घटाकर केवल पांच कर दिया है।
आईआरसीसी को अब उम्मीद है कि 2024 की शुरुआत में बैकलॉग में लगभग 17,500 भारतीय आवेदन होंगे। हालांकि, देश के शीर्ष आव्रजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सरकार 2024 की शुरुआत तक भारतीय आवेदनों के लिए सामान्य प्रसंस्करण पर लौटने के लिए काम कर रही है।
इजराइल-हमास संघर्ष ने गाजा के 96 प्रतिशत लोगों को गरीबी में धकेल दिया : संयुक्त राष्ट्र

पश्चिमी एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीडब्ल्यूए) ने कहा है कि इजराइल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण गाजा के लगभग 96 प्रतिशत लोग गरीबी में डूब गए हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ईएससीडब्ल्यूए के एक बयान के हवाले से कहा, इसकी तुलना 2017-2018 में गाजा की 45 प्रतिशत गरीबी दर से की गई है।
विज्ञप्ति में ईएससीडब्ल्यूए की कार्यकारी सचिव रोला दश्ती के हवाले से कहा गया, ''भले ही युद्धविराम पर सहमति हो और मानवीय सहायता को गाजा में प्रवेश की अनुमति दी जाए, गरीबी और अभाव आने वाले वर्षों में आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को प्रभावित करेगा।''
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर अब गाजा को पर्याप्त मात्रा में महत्वपूर्ण मानवीय सहायता का प्रवाह सुनिश्चित करना एक अनिवार्य जिम्मेदारी है।
न्यूयॉर्क में लगातार दो हमलों के बाद सिखों ने की सुरक्षा की मांग

हाल ही में सिखों पर लगातार दो हमलों के बाद समुदाय के नेता और सदस्य नफरत की निंदा करने और अमेरिका में उनके खिलाफ बढ़ते अपराधों के खिलाफ सुरक्षा की मांग करने के लिए न्यूयॉर्क में एकत्र हुए। पहली घटना में 66 वर्षीय जसमेर सिंह की 19 अक्टूबर को एक रोड रेज की घटना के दौरान पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इसके ठीक चार दिन बाद न्यूयॉर्क शहर में एक बस में पगड़ी पहनने के लिए साथी सिख और किशोर मणि संधू को बार-बार मुक्का मारा गया था।
शोकाकुल और परेशान सिख समुदाय हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बुधवार को साउथ रिचमंड हिल में गुरुद्वारा सिख कल्चरल सोसाइटी में एकत्र हुए।
कार्यक्रम के आयोजक और कार्यकर्ता जपनीत सिंह ने एक्स पर लिखा, "हमने बार-बार देखा है कि सिख समुदाय संवेदनहीन नफरत का निशाना बन गया है। इस नफरत के कारण अब हमने समुदाय के एक प्रिय सदस्य को खो दिया है।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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