दुनिया की खबरें: म्यांमार में अब तक आए 112 भूकंप के झटके और शेख हसीना के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी

म्यांमार के मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग ने बताया कि म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद से गुरुवार तक 112 झटके महसूस किए गए।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद से गुरुवार तक 2.8 से लेकर 7.5 तीव्रता के 112 झटके महसूस किए गए। म्यांमार के मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी।

देश के मांडले क्षेत्र में 28 मार्च को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। जिसके कुछ ही मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका आया, जिससे जानमाल की भारी हानि हुई। भूकंप ने मंडाले जैसे कई शहरों को तबाह कर दिया। यूएन, अमेरिका, भारत, यूरोपीय संघ, कई अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने म्यांमार में भूकंप पीड़ितों के लिए सहायता और बचाव दल भेजे।

म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने बताया कि बुधवार को स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजे तक भूकंप में मरने वालों की संख्या 3,649 तक पहुंच गई। भूकंप के कारण 5,018 लोग घायल हुए और 145 लापता है।

सरकारी दैनिक द मिरर ने बुधवार को बताया कि इस भीषण भूकंप से 6,730 मोबाइल संचार स्टेशन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसमें कहा गया कि 6 अप्रैल तक 5,999 स्टेशनों को बहाल कर दिया गया, जबकि 731 स्टेशनों की मरम्मत चल रही है।

भूकंप के कारण म्यांमार के 15 डाकघरों ने अस्थायी रूप से कामकाज बंद कर दिया था, लेकिन 31 मार्च को सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं।

इस बीच, म्यांमार की सरकारी संस्था ग्लोबल न्यू लाइट ने गुरुवार को बताया कि 2025 का म्यांमार नववर्ष 'अता थिंगयान महोत्सव' संगीत या नृत्य के बिना शांतिपूर्वक मनाया जाएगा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किए जाने के बाद से इस वर्ष थिंगयान का पहला उत्सव मनाया जा रहा है।

यांगून सिटी डेवलपमेंट कमेटी के इंजीनियरिंग विभाग के अनुसार, यांगून सिटी हॉल के सामने बनाए जा रहे जल महोत्सव मंडप और थिंगयान वॉक के निर्माण को निलंबित और रद्द कर दिया गया है।

इस वर्ष अता थिंगयान महोत्सव 13 से 16 अप्रैल तक चलेगा। पारंपरिक म्यांमार नववर्ष दिवस 17 अप्रैल को मनाया जाएगा।

बांग्लादेश की अदालत ने शेख हसीना और उनकी बेटी के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया

बांग्लादेश की एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजिद पुतुल और 17 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में बृहस्पतिवार को नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इन पर धोखाधड़ी के जरिये आवासीय भूखंड हासिल करने का आरोप है।

ढाका मेट्रोपॉलिटन वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) द्वारा दाखिल आरोपपत्र को स्वीकार कर लिया। चूंकि, आरोपी फरार हैं, इसलिए अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

एसीसी की ओर से पेश वकील मीर अहमद सलाम ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मेट्रोपोलिटन वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने मामले में एसीसी के आरोपपत्र को स्वीकार करते हुए वारंट जारी किया।’’

उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने एसीसी को राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में पूर्बाचल क्षेत्र में राज्य द्वारा संचालित ‘राजधानी उन्यन कार्तिपक्ष’ (आरएजेयूके) द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि से जुड़े आरोप की सुनवाई के लिए चार मई को अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

एसीसी ने अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना तथा अन्य सह-आरोपियों, जिनमें अधिकतर सरकारी अधिकारी थे, के विरुद्ध 12 जनवरी, 2025 को मुकदमा दायर किया था।

आरोपपत्र के अनुसार, ‘पूर्बाचल न्यू सिटी हाउसिंग प्रोजेक्ट’ में भूखंड हासिल करने के लिए ‘‘दुर्भावनापूर्ण इरादे से’’ पुतुल ने अपनी मां एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री हसीना को प्रभावित किया था।

एसीसी ने आरोप लगाया कि पुतुल ने ऐसा इस तथ्य के बावजूद किया कि ‘‘ढाका शहर में आरएजेयूके के अधिकार क्षेत्र में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के पास एक घर, फ्लैट या आवास है।’’

पुतुल एक नवंबर, 2023 से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नयी दिल्ली स्थित दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रीय निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने इससे पहले हसीना, उनके राजनीतिक सहयोगियों और वरिष्ठ प्रशासनिक तथा सैन्य अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध जैसे आरोपों पर गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।

बृहस्पतिवार का वारंट एसीसी द्वारा यह कहे जाने के ठीक एक दिन बाद आया है कि उसने हसीना, उनकी छोटी बहन शेख रेहाना और एक पूर्व अधिकारी द्वारा ‘मुजीब शताब्दी’ समारोह के आयोजन पर सरकारी खजाने से 4,000 करोड़ टका की कथित बर्बादी को लेकर नयी जांच शुरू की है।

बांग्लादेश ने देश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के अवसर पर 2020 में साल भर कार्यक्रम आयोजित किए थे, तब हसीना की अवामी लीग सत्ता में थी।


ट्रंप की ओर से शुल्क बढ़ाए जाने के बाद चीन ने अन्य देशों से संपर्क साधा

अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के बाद चीन अन्य देशों से संपर्क साध रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि बीजिंग अमेरिका को कदम पीछे हटाने के लिए मजबूर करने के वास्ते संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहा है।

चीन के गहन प्रयासों के बावजूद उसे कोई खास सफलता नहीं मिल रही है क्योंकि अधिकतर देश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध के केन्द्र में आए चीन के साथ गठजोड़़ के इच्छुक नहीं प्रतीत हो रहे।

वैश्विक बाजार में मंदी की आशंका के बीच बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ज्यादातर देशों पर लगाए गए शुल्क को अचानक 90 दिनों के लिए स्थगित करने का फैसला किया, हालांकि उन्होंने चीन से आयात पर शुल्क की दर बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दी है।

ट्रंप ने कहा कि ये देश अधिक अनुकूल शर्तों पर बातचीत करने के लिए राजी हैं।

चीन ने बातचीत करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अमेरिका ‘मक्कार’ है और वह शुल्क युद्ध में "अंत तक लड़ेगा"। इसके बाद ट्रंप ने चीनी आयात पर कर की दर को और बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया। चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 84 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है, जो बृहस्पतिवार से प्रभावी हो गया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बृहस्पतिवार को दैनिक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘ उचित कारण हो तो कई लोग उसे समर्थन देते हैं। अमेरिका लोगों का समर्थन नहीं जीत सकता और अंत में विफल हो जाएगा।’’

इन घटनाक्रम के बीच चीन ने अब यूरोप पर ध्यान केंद्रित किया है। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच फोन पर बातचीत हुई जिसके जरिए ‘‘दुनिया को एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की गई है।’’

दोनों एक दूसरे के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने अपनी एक खबर में कहा,‘‘ चीन यूरोपीय संघ के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है ताकि चीन और यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच जो समझ बनी है उस पर मिल कर अमल किया जा सके।’’

चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओ और यूरोपीय संघ के व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त सेफकोविक के बीच अमेरिकी शुल्क के मुद्दे पर मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा हुई।

शिन्हुआ ने अपनी खबर में वांग के हवाले से कहा कि शुल्क "सभी देशों के वैध हितों का गंभीर उल्लंघन करते हैं, डब्ल्यूटीओ के नियमों का गंभीर उल्लंघन करते हैं, नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं और वैश्विक आर्थिक व्यवस्था की स्थिरता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।’’

इसमें कहा गया, ‘‘ यह एकतरफावाद, संरक्षणवाद और आर्थिक तौर पर परेशान करने का कार्य है। चीन परामर्श और बातचीत के माध्यम से मतभेदों को हल करने के लिए तैयार है लेकिन अगर अमेरिका अपने रूख पर अड़ता है तो चीन अंत तक लड़ेगा।’’

वांग ने आसियान देशों से भी बात की है जबकि प्रधानमंत्री ली ने व्यापारिक दिग्गजों से मुलाकात की है।

शिन्हुआ ने ली के हवाले से कहा कि चीन ने ‘‘ पूरा मूल्यांकन कर लिया है और सभी तरह की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए तैयार है और वह स्थिति के हिसाब से नीतियां पेश करेगा।’’

देशों को लामबंद करने की चीन की कोशिशों के बीच ऐसा नहीं है सभी देश चीन के साथ जुड़ने में दिलचस्पी रखते हैं। बहुत से ऐसे देश जिनका चीन के साथ विवाद रहा है वे इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अपनी बात करते हैं और ऑस्ट्रेलिया का रुख यह है कि मुक्त और निष्पक्ष व्यापार ही अच्छा है। हम सभी देशों के साथ बातचीत करते हैं, लेकिन हम ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हित के लिए खड़े हैं।’’

माना जा रहा है कि भारत ने सहयोग संबंधी चीन के आह्वान को तवज्जो नहीं दी है। वहीं चीन का करीबी देश रूस पूरे परिदृश्य में कहीं नहीं है।

यह स्पष्ट नहीं है कि चीन आगे क्या कदम उठाएगा, लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन ने कहा कि चीन "हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा और चीनी लोगों को वैध अधिकारों और हितों से वंचित नहीं होने देगा, न ही हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमज़ोर होने देंगे।"

चीन ने डब्ल्यूटीओ में अमेरिका के 'पारस्परिक टैरिफ' पर गंभीर चिंता व्यक्त की

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में वस्तु व्यापार परिषद की पहली वार्षिक बैठक आयोजित की। चीन ने एजेंडा तय करने में पहल करके अमेरिका के 'पारस्परिक टैरिफ' उपायों और उनके प्रतिकूल प्रभावों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की और अमेरिका से डब्ल्यूटीओ नियमों का ठोस रूप से पालन करने की मांग की, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर नकारात्मक प्रभावों से बच सके।

चीन के भाषण ने सभी पक्षों के बीच तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की। यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, ब्राजील, पेरू, कजाकिस्तान और चाड सहित 46 डब्ल्यूटीओ सदस्यों ने इस एजेंडे के तहत बात की और अमेरिकी 'पारस्परिक टैरिफ' उपायों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिका से डब्ल्यूटीओ के नियमों का पालन करने का आह्वान किया।

चीन ने कहा कि अमेरिका की 'पारस्परिक टैरिफ' दर डब्ल्यूटीओ में उसके द्वारा प्रतिबद्ध टैरिफ स्तर से कहीं अधिक है। भेदभावपूर्ण टैरिफों का एकतरफा और मनमाना अधिरोपण विश्व व्यापार संगठन के मोस्ट-फेवर्ड-नेशन ट्रीटमेंट के मौलिक सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है और यह एकतरफावाद, संरक्षणवाद और बदमाशी का विशिष्ट कृत्य है।

चीन ने यह भी कहा कि तथाकथित 'पारस्परिक टैरिफ' 'गलत नुस्खा और गलत दवा' हैं। इससे न केवल व्यापार असंतुलन की समस्या को सुलझाने में मदद नहीं मिलेगी, बल्कि इससे संयुक्त राज्य अमेरिका पर ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था गंभीर रूप से बाधित होगी।

टैरिफ युद्धों और व्यापार युद्धों में कोई विजेता नहीं होता। चीन सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों से इतिहास से सबक लेते हुए बहुपक्षीय व्यापार नियमों का पालन करने और उनकी रक्षा करने, बहुपक्षीय वार्ता और सहयोग के माध्यम से मतभेदों को हल करने का आह्वान करता है।

बैठक में यूरोपीय संघ ने कहा कि अमेरिका के 'पारस्परिक टैरिफ' उपाय विश्व व्यापार संगठन के बुनियादी सिद्धांतों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं, जो व्यापार असंतुलन की समस्या को हल करने में मदद नहीं करते हैं।

वहीं, ब्रिटेन, कनाडा, जापान और दक्षिण कोरिया सहित सदस्यों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बाधित करने और वैश्विक औद्योगिक श्रृंखला व आपूर्ति श्रृंखला के स्थिर संचालन को नष्ट करने के लिए अमेरिका के 'पारस्परिक टैरिफ' की आलोचना की और कहा कि इससे संयुक्त राज्य अमेरिका सहित विभिन्न देशों में उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचाएगा।

उधर, पेरू, कजाकिस्तान और चाड जैसे सदस्यों ने अमेरिका के 'पारस्परिक टैरिफ' की निंदा की, क्योंकि इससे आर्थिक रूप से कमजोर विकासशील सदस्यों, विशेषकर सबसे कम विकसित देशों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने विकासशील सदस्यों के लिए निष्पक्ष, खुले, पारदर्शी, समावेशी और गैर-भेदभावपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार नियम बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला।

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