दुनिया की खबरें: जापान में तेज भूकंप से 33 लोग घायल, सुनामी की 2 फुट ऊंची लहरें उठीं और ट्रंप ने भारत को दी धमकी
जापान सरकार देर शाम आए भूकंप और सुनामी से हुए नुकसान का अब भी आकलन कर रही है। इस भूकंप से अभी तक 33 लोग घाल हुए हैं।

उत्तरी जापान में सोमवार देर रात 7.5 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया जिसके कारण 33 लोग घायल हो गए और प्रशांत महासागर के तटवर्ती इलाकों में सुनामी आ गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अग्निशमन एवं आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि 33 लोग घायल हुए हैं जिनमें एक गंभीर रूप से घायल है।
सार्वजनिक प्रसारक ‘एनएचके की खबर के अनुसार, अधिकतर लोग वस्तुएं गिरने के कारण घायल हुए। जापान सरकार देर शाम आए भूकंप और सुनामी से हुए नुकसान का अब भी आकलन कर रही है।
जापान के मुख्य होन्शू द्वीप के सबसे उत्तरी प्रांत आओमोरी के तट से लगभग 80 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में रात लगभग 11 बजकर 15 मिनट पर भूकंप आया था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 7.6 मापी तथा कहा कि यह सतह से 44 किलोमीटर (27 मील) नीचे आया।
आओमोरी प्रांत के हाचिनोहे शहर में एक दुकान के मालिक नोबुओ यामादा ने एनएचके से कहा, ‘‘मैंने कभी इतना भीषण भूकंप नहीं देखा।’’
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि आओमोरी के दक्षिण में इवाते प्रांत के कुजी बंदरगाह में 70 सेंटीमीटर (दो फुट, चार इंच) तक की सुनामी मापी गई तथा क्षेत्र के अन्य तटीय इलाकों में 50 सेंटीमीटर तक की सुनामी आई।
मुख्य कैबिनेट सचिव मिनोरू किहारा ने निवासियों से परामर्श हटाए जाने तक ऊंचे स्थानों पर जाने या आश्रय लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लगभग 800 घरों में बिजली गुल है और क्षेत्र के कुछ हिस्सों में शिंकानसेन बुलेट ट्रेन और कुछ स्थानीय रूट पर सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
एनएचके ने बताया कि मंगलवार सुबह छह बजकर 20 मिनट पर अधिकारियों ने उत्तरी जापान में प्रशांत तटरेखा के लिए सुनामी संबंधी सभी परामर्श हटा लिए।
किहारा ने बताया कि क्षेत्र के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में सुरक्षा जांच की जा रही है लेकिन चिंता करने वाली कोई बात सामने नहीं आई है।
जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने संवाददाताओं को दिए संक्षिप्त बयान में कहा कि सरकार ने नुकसान का तत्काल आकलन करने के लिए एक आपातकालीन कार्यबल का गठन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए लोगों की जान बचाना सबसे जरूरी है और हर संभव प्रयास कर रहे हैं।’’
भारत को अमेरिकी बाजारों में सस्ते दामों पर चावल नहीं बेचना चाहिए, उस पर शुल्क लगाएंगे : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल ‘‘डंप’’ करना (सस्ते दामों पर बेचना) नहीं चाहिए और वह इस मामले से ‘‘निपट लेंगे।’’
ट्रंप ने चेतावनी दी कि शुल्क (टैरिफ) लगाकर इस ‘‘समस्या’’ का आसानी से हल निकल जाएगा।
ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ में खेती और कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा अपने कैबिनेट के प्रमुख सदस्यों खासकर वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और कृषि मंत्री ब्रूक रोलिन्स के साथ एक गोलमेज बैठक की।
उन्होंने किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की संघीय सहायता की घोषणा की।
लुइसियाना में अपने परिवार के कृषि कारोबार ‘केनेडी राइस मिल’ का संचालन करने वाली मेरिल केनेडी ने ट्रंप से कहा कि देश के दक्षिणी हिस्से में चावल उत्पादक ‘‘वास्तव में संघर्ष कर रहे हैं’’ और अन्य देश अमेरिकी बाजार में चावल ‘‘डंप’’ कर रहे हैं यानी कि बेहद सस्ते दामों पर चावल बेच रहे हैं।
जब ट्रंप ने पूछा कि कौन से देश अमेरिका में चावल सस्ते दामों पर बेच रहे हैं तो राष्ट्रपति के बगल में बैठीं केनेडी ने जवाब दिया, ‘‘भारत और थाईलैंड; यहां तक कि चीन भी प्यूर्टो रिको में चावल सस्ते दामों पर बेच रहा है। प्यूर्टो रिको कभी अमेरिकी चावल का सबसे बड़ा बाजार हुआ करता था। हमने कई वर्षों से प्यूर्टो रिको में चावल नहीं भेजे हैं।’’
केनेडी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्क काम कर रहे हैं, ‘‘लेकिन हमें इसे और बढ़ाने की जरूरत है’’।
ट्रंप ने फिर बेसेंट की ओर देखते हुए कहा, ‘‘भारत, मुझे भारत के बारे में बताइए। भारत को ऐसा करने की अनुमति क्यों है? उन्हें शुल्क देना होगा। क्या उन्हें चावल पर छूट मिली हुई है?’’
इस पर बेसेंट ने कहा, ‘‘नहीं सर, हम अभी उनके साथ व्यापार सौदे पर बातचीत कर रहे हैं।’’
केनेडी ने ट्रंप को यह भी बताया कि भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक मामला चल रहा है।
ट्रंप ने कहा कि इसे ‘‘बहुत आसानी से निपटाया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह उन देशों पर शुल्क लगाकर बहुत जल्दी हल हो जाएगा, जो अवैध रूप से सामान भेज रहे हैं। आपकी समस्या एक दिन में हल हो जाएगी इसलिए हमें उच्चतम न्यायालय में मुकदमा जीतना है।’’
ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इसमें रूस से तेल खरीद पर 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है।
इमरान खान पर क्या चलेगा देशद्रोह का मुकदमा! पाकिस्तान के इतिहास में ही छुपा है जवाब
पाकिस्तान की राजनीति में “देशद्रोह” एक ऐसा शब्द है जिसे जितनी बार बोला जाता है, उससे कहीं ज्यादा बार फुसफुसाकर इस्तेमाल किया जाता है। इमरान खान पर संभावित 'ट्रेजन' मुकदमे की चेतावनी राणा सनाउल्लाह ने खुले तौर पर दी है।
इमरान खान के बारे में कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ देशद्रोह का केस शुरू होने की संभावना से "इनकार नहीं किया जा सकता।"
स्थानीय मीडिया हाउस को दिए एक इंटरव्यू में, सनाउल्लाह ने कहा कि इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर जनरल ने हाल ही में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो मैसेज दिया, वह "साफ था।" उन्होंने पीटीआई नेताओं को चेतावनी दी कि वे इन बातों को हल्के में न लें, और आगाह किया कि ऐसा करने के "गंभीर नतीजे" हो सकते हैं।
सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान खान के हालिया बयानों का लहजा और असलियत दिखाती है कि "हालात बहुत गंभीर हो गए हैं," और कहा कि "इमरान खान के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने का दरवाजा बंद नहीं हुआ है।"
सनाउल्लाह का बयान एक बड़े और पुराने खेल का संकेत सा है, जो पाकिस्तान की सत्ता, सैन्य प्रतिष्ठान और न्यायिक ढांचे के बीच दशकों से चलता आ रहा है। यह पहली बार नहीं है कि किसी पूर्व प्रधानमंत्री को देश-विरोधी कह कर घेरा जा रहा है; यह पैटर्न इतना नियमित है कि पाकिस्तान के इतिहास की हर सत्ता-परिवर्तन में इसकी गूंज सुनाई देती है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia