दुनिया की खबरें: अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर एक्शन तेज और ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-भारत के बीच डील पक्की!

अमेरिका बिना वैध दस्तावेजों और वैध प्रक्रिया के वहां पहुंचे लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। आईसीई ने बताया कि गिरफ्तारियां और डिपोर्टेशन के मामले अब तक के सबसे ज्यादा हैं। एजेंसी ने इस सिलसिले में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप सरकार लगातार कठोर कार्रवाई कर रही है। इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) ने रविवार को एक डेटा जारी किया। इस डेटा के अनुसार आईसीई ने रिकॉर्ड 65,000 प्रवासियों को कस्टडी में रखा है। यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

अमेरिका बिना वैध दस्तावेजों और वैध प्रक्रिया के वहां पहुंचे लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। आईसीई ने बताया कि गिरफ्तारियां और डिपोर्टेशन के मामले अब तक के सबसे ज्यादा हैं। एजेंसी ने इस सिलसिले में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है।

एजेंसी की ओर से जारी बयान के अनुसार, "आईसीई इमिग्रेशन एनफोर्समेंट के रिकॉर्ड तोड़ रहा है, और गिरफ्तारी, डिपोर्टेशन और डिटेंशन के नए हाई-वॉटर मार्क बना रहा है।"

आईसीई ने दावा किया है कि मौजूदा ट्रंप सरकार के पहले सौ दिनों में उसने 65,000 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं। इनमें गैंग एक्टिविटी से जुड़े 2,200 से ज्यादा लोग शामिल हैं। वहीं, आईसीई ने ये भी संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या बढ़ने वाली है।

डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) के अधिकारियों ने आईसीई के इस कदम की सराहना की और इसे “क्रिमिनल गैर-कानूनी एलियंस” को हटाने और पब्लिक सेफ्टी को सुरक्षित रखने की बड़ी कोशिश का हिस्सा बताया।

डेटा के अनुसार, आईसीई द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों में से एक बड़े हिस्से का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। एक तरफ हिरासत में लिए जा रहे लोगों की संख्या बढ़ी है, तो दूसरी ओर आईसीई भी अपनी क्षमता तेजी से बढ़ा रहा है।

एजेंसी कथित तौर पर अपने बेड की संख्या बढ़ाने के लिए मिलिट्री और सिविलियन पार्टनर्स के साथ काम कर रही है। डीएचएस के प्रवक्ता ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि एजेंसी ने "जरूरी डिटेंशन के लिए और जगह पाने के लिए काम किया है और भीड़भाड़ से भी बचा है।"

हालांकि, कानून और मानवीय मामलों के वकीलों का कहना है कि इससे सही कानूनी प्रक्रिया को काफी नुकसान पहुंचने का खतरा है। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लेना आईसीई के ढांचों पर दबाव डाल सकता है और इसकी सुविधाओं की स्थितियों पर गंभीर सवाल उठा सकता है।

ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-भारत के बीच डील पक्की

जोहान्सबर्ग में जी20 समिट के दौरान ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-इंडिया टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पार्टनरशिप (एसीआईटीआई) पर हस्ताक्षर किया गया। तीनों देशों के बीच हुए इस एसीआईटीआई साझेदारी पर विशेषज्ञों की अपनी राय है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन, तकनीकी स्वायत्तता और सप्लाई चेन में लचीलापन को मजबूत करने जैसी मुश्किल चुनौतियों से निपटने के लिए एक रणनीतिक ब्लूप्रिंट है।

वन वर्ल्ड आउटलुक के एक लेख के अनुसार, आज दुनिया सप्लाई में रुकावट, पर्यावरण की जरूरतों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले बड़े बदलावों से जूझ रही है। ऐसे समय में एसीआईटीआई समझौता ग्रीन एनर्जी इनोवेशन, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और जरूरी रिसोर्स सिक्योरिटी के फ्रंटलाइन पर मिलकर काम करने के लिए एक मॉडल के तौर पर सामने आई है।

इस समझौते के तहत तीन देशों का यह समूह एक-दूसरे को ताकत देता है। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा बैटरी, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और ग्रीन इकॉनमी को सहारा देने वाले डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जरूरी बहुत सारे महत्वपूर्ण मिनरल्स के संरक्षक हैं।


रूस-यूक्रेन शांति योजना को लेकर उत्साहित ट्रंप, बोले- कुछ अच्छा हो रहा है

रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता जारी है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर ट्रूथ के जरिए कुछ अच्छा होने का संकेत दिया है। उन्होंने लिखा है, 'शायद कुछ अच्छा हो रहा है।'

ट्रंप ने जिनेवा से आई रिपोर्ट्स के हवाले से ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा: “क्या यह सच में मुमकिन है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति बातचीत में बड़ी तरक्की हो रही है??? जब तक आप इसे देख न लें, तब तक यकीन न करें, लेकिन शायद कुछ अच्छा हो रहा है।”

इससे पहले क्रेमलिन की ओर से कहा गया कि अभी बैठक को लेकर कुछ पक्का नहीं है। इस हफ्ते रूस और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की बैठक का अभी तक कोई प्लान नहीं है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने यूरोपीय नेता के आग्रह पर किए गए बदलावों पर कमेंट करने से भी मना कर दिया और कहा कि मीडिया के जरिए ये बातचीत करना गलत होगा।

इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजर है। खासकर यूरोपीय यूनियन के देश नजरें गड़ाए बैठे हैं। द गार्जियन के अनुसार पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ने कहा कि अंगोला में एक अनौपचारिक बैठक में शामिल ईयू नेताओं ने यूक्रेन शांति वार्ता पर “गंभीर” चर्चा की है, और इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिका और रूस के 28 पॉइंट्स पर "फिर से काम करने की जरूरत है" क्योंकि कुछ प्रस्ताव “मंजूर नहीं हैं।”

उन्होंने कहा कि यह खास तौर पर जरूरी है कि कोई भी समझौता पोलैंड और यूरोप की बड़ी सुरक्षा को कमजोर न करे।

टस्क ने आगे कहा कि शांति समझौते से “हमलावर का फायदा नहीं होना चाहिए,” और कहा कि नेता फ्रीज किए गए रूसी एसेट्स के साथ क्या करना है, इस पर आगे बढ़ने की सोच रहे हैं।

नेपाल के कास्की जिले में भूकंप का हल्का झटका

नेपाल में गंडकी प्रांत के कास्की जिले में रविवार को रिक्टर पैमाने पर चार की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम 5.17 बजे दर्ज किया गया, जिसका केंद्र अन्नपूर्णा द्वितीय पर्वत के पास स्थित था।

भूकंप का झटका पड़ोसी बालुंग, लामजुंग और स्यांगजा जिलों में भी महसूस किया गया। भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है।