दुनिया की खबरें: जेल में बंद इमरान खान से मिलने के बाद बहन ने खोला कई राज और चीन ने यूएन चीफ को फिर लिखा खत

इमरान खान की बहन ने कहा, "इमरान खान ठीक हैं, लेकिन बेहद गुस्से में थे। इमरान ने कहा कि जेल में न किसी से मिलने दिया जाता है, न कोई कम्युनिकेशन है। मुझे मानसिक यातना दी जा रही है, और इसके पीछे असीम मुनीर है।"

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने के बाद बहन उज्मा ने मीडिया से बताया कि शारीरिक तौर पर तो वो ठीक हैं लेकिन उन्हें मानसिक यातना दी जा रही है।

उज्मा ने मंगलवार को पिंडी के आदियाला जेल में भाई से मुलाकात की। उन्होंने जेल में 20 मिनट बिताए। पीटीआई के आधिकारिक एक्स पोस्ट में एक वीडियो क्लिप है जिसमें मीडिया ने जब उनकी सेहत को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, "वो ठीक हैं, लेकिन बेहद गुस्से में थे। उन्होंने (इमरान) कहा कि जेल में न किसी से मिलने दिया जाता है, न कोई कम्युनिकेशन है। मुझे मानसिक यातना दी जा रही है, और इसके पीछे असीम मुनीर है।" असीम मुनीर पाकिस्तानी सेना के प्रमुख हैं।

पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट जियो न्यूज ने बताया कि मुलाकात के बाद अदियाला जेल के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उज्मा ने कहा, "मैं अपनी बहनों (अलीमा खान और नोरीन खान) से सलाह-मशविरा करने के बाद डिटेल में अपडेट दूंगी।"

मंगलवार को ही उज्मा को इमरान से मिलने की इजाजत दी गई थी। डॉन ने जेल अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी थी। पिछले कुछ हफ्तों से इमरान खान के दल और उनकी बहनों समेत दोनों बेटों ने खैरियत को लेकर आशंका जताई थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद पार्टी नेतृत्व और उनके परिवार को पूर्व प्रधानमंत्री से मिलने से रोका गया था।

पार्टी ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के बाहर धरना करने और फिर जेल की तरफ मार्च करने की धमकी दी थी। मंगलवार को होने वाले प्रदर्शन से पहले, इस्लामाबाद और रावलपिंडी प्रशासन ने दोनों शहरों में धारा 144 लगा दी गई थी।

दरअसल, मुलाकात के लिए मना करने पर तनाव की स्थिति बन गई थी। पिछले महीने के आखिर में खैबर पख्तूनख्वा के चीफ मिनिस्टर सोहेल अफरीदी को आठवीं बार खान से मिलने नहीं दिया गया था, जबकि उन्होंने 16 घंटे तक धरना भी दिया था। इसके बाद ही मंगलवार को विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया गया था।

चीन ने जापान के खिलाफ यूएन चीफ को फिर लिखा खत, टोक्यो की दलील पर जताया ऐतराज

संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कांग ने सोमवार को यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को जापान के खिलाफ एक और चिट्ठी भेजी। इसमें उन्होंने यूएन में जापान के स्थायी प्रतिनिधि काज़ुयुकी यामाजाकी के 24 नवंबर को महासचिव को लिखे पत्र में दिए गए तर्कों को गलत और बेतुका बताया।

चीनी मीडिया हाउस ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक यह जानकारी यूएन में चीन के परमानेंट मिशन की वेबसाइट पर जारी एक प्रेस रिलीज में दी गई है।

21 नवंबर को, राजदूत फू ने गुटेरेस को एक खत भेजकर ताइवान पर ताकाइची के बयान को गलत बताया था। इसके बाद जापान ने भी यूएन को एक चिट्ठी भेजकर अपना पक्ष रखा। इसमें दावा किया गया कि चीन के बयान "तथ्यों से मेल नहीं खाते।"

सोमवार को भेजे खत में, फू ने कहा कि चीन और जापान के बीच मौजूदा गंभीर मतभेदों की सीधी वजह 7 नवंबर को डाइट में पूछताछ के दौरान ताकाइची की भड़काऊ बातें हैं। ऐसी गलत बातें दूसरे विश्व युद्ध के नतीजों और युद्ध के बाद के अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर को खुले तौर पर चुनौती देती हैं, और यूनाइटेड नेशंस के चार्टर के मकसद और सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन करती हैं। फू ने कहा, "चीन इसका कड़ा विरोध करता है।"

चीनी राजदूत ने कहा कि चीन ने जो कहा वो सही और जरूरी था। असल में, दुनिया भर में और जापान के अंदर कई समझदार लोगों ने, जिनमें जापान के पूर्व प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, ताकाइची की बातों की साफ तौर पर बुराई की है।

फू ने कहा कि जापानी पक्ष, यूएन में अपने प्रतिनिधि द्वारा भेजे गए खत में भी, "एक जैसी राय" पर कायम रहने का दावा करता है।

फू ने पूछा, "चीन ने बार-बार और सबके सामने पूछा है: यह 'एक जैसी राय' आखिर है क्या? जापानी पक्ष इस सवाल से बचता रहा है और अभी तक चीन को सीधा जवाब नहीं दिया है। क्या जापानी पक्ष ताइवान के सवाल पर अपनी 'एक जैसी राय' के बारे में इंटरनेशनल कम्युनिटी को पूरी और सही जानकारी दे सकता है?"

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए चीनी राजदूत ने लिखा है कि जापानी प्रतिनिधि ने दावा किया है कि जापान एक "पैसिव डिफेंस स्ट्रैटेजी, जो पूरी तरह से डिफेंस पर आधारित है," पर कायम है, और कहा कि ताकाइची की बातें इसी राय पर आधारित थीं। ताइवान चीन का इलाका है, फिर भी ताकाइची ने जापान की "अस्तित्व के लिए खतरे" वाली स्थिति को "ताइवान की आपात स्थिति" से जोड़ा, जिसका मतलब चीन के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल करना था। यह साफ तौर पर "पैसिव डिफेंस स्ट्रैटेजी" के उनके दावे से कहीं आगे है जो "सिर्फ डिफेंस पर आधारित" है। फू ने कहा कि जापानी पक्ष के तर्क आपस में उलटे हैं और उनका मकसद इंटरनेशनल कम्युनिटी को गुमराह करना है।


पाकिस्तान: महिलाओं के खिलाफ बढ़े अपराध, इस साल करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी

पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साहिल नाम की संस्था ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है कि 2025 के 11 महीनों में ही महिलाओं के खिलाफ अपराध में जबरदस्त इजाफा हुआ है। मंगलवार को स्थानीय मीडिया ने भी इस रिपोर्ट को प्रमुखता से छापा।

पाकिस्तान के बड़े अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने बताया कि रिपोर्ट में चार प्रांत-इस्लामाबाद राष्ट्रीय क्षेत्र, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान (पीओजीबी) के 81 अखबारों में छपे आंकड़े को इकट्ठा किया गया। इसके मुताबिक, 2025 में पाकिस्तान में 6,543 घटनाएं दर्ज हुईं, जबकि 2024 में 5,253 मामले रिपोर्ट हुए, जो एक साल में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाता है।

जनवरी-नवंबर 2025 के बीच रिपोर्ट की गई घटनाओं में हत्या के 1,414 मामले, अपहरण के 1,144, मारपीट के 1,060, आत्महत्या के 649 और बलात्कार के 585 मामले शामिल हैं। रिपोर्ट से पता चला कि बलात्कार के 32 फीसदी मामलों में अपराधी महिलाओं के परिचित थे, 17 फीसदी अजनबी थे। 12 फीसदी मामलों में पति ही शामिल थे।

21 फीसदी मामलों में अपराधियों की पहचान नहीं बताई गई। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर जेंडर-बेस्ड हिंसा पीड़ितों के घरों में हुई, जो रिकॉर्ड किए गए मामलों का 60 फीसदी था, जबकि 13 फीसदी मामले अपराधियों के घर पर हुए।

इससे पहले नवंबर में, सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (एसएसडीओ) ने पाकिस्तान की राजधानी में महिलाओं के खिलाफ हिंसा (वायलेंस अगेंस्ट वूमन) पर अपनी फैक्टशीट प्रस्तुत की थी। इसमें बताया था कि 2025 की पहली छमाही में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 373 मामले रिपोर्ट किए गए; हालांकि, इन मामलों में एक को भी सजा नहीं हुई।

इंडोनेशिया, श्रीलंका और थाईलैंड में बाढ़ एवं भूस्खलन से 1300 से अधिक की मौत,बचाव कार्य तेज किया गया

इंडोनेशिया, श्रीलंका और थाईलैंड में पिछले सप्ताह आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 1,300 से अधिक हो गई है, जबकि 800 से अधिक लोग लापता हैं। ऐसे में आपातकालीन दल मंगलवार को जीवित बचे लोगों तक पहुंचने और अधिक शवों को निकालने में जुटे रहे।

इन देशों में कई दिनों तक भारी बारिश होने से बहुत सारे इलाके जलमग्न हो गये जिससे हजारों लोग फंस गए। कई लोग छतों और पेड़ों पर बैठकर मदद की बाट जोह रहे हैं।

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 1,303 लोग मारे गए हैं, जिनमें से इंडोनेशिया में 712, श्रीलंका में 410 और थाईलैंड में 181 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि मृतकों की सही संख्या बताना अभी जल्दबाजी होगी।

सबसे अधिक प्रभावित देश इंडोनेशिया में, बचावकर्मियों को सुमात्रा द्वीप के गांवों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, जहां सड़कें बह गईं और पुल ढह गए।

देश की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, कम से कम 507 लोग लापता हैं। हेलीकॉप्टर और नावें तैनात की गई हैं, लेकिन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि बिगड़ते मौसम और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के कारण बचाव अभियान धीमा पड़ रहा है।

श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र ने मंगलवार को बताया कि सेना के नेतृत्व वाली बचाव टीम चक्रवात दित्वा के बाद बाढ़ से तबाह हुए इलाकों में 336 लोगों की तलाश में जुटी हैं, जो अब भी लापता हैं। भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और पुल ढह गए हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचना मुश्किल हो गया है।

दक्षिणी थाईलैंड में भीषण बाढ़ के बाद सड़कों और इमारतों की सफाई शुरू की गई है। भीषण बाढ़ से 15 लाख से अधिक घर और 39 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारी पानी और बिजली समेत बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।


खालिदा जिया के इलाज के लिए ब्रिटेन से आएगी चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम, अस्पताल में सुरक्षा कड़ी

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति के मद्देनजर ब्रिटेन से चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम बांग्लादेश आएगी, ताकि निजी अस्पताल में चल रहे उनके इलाज का मूल्यांकन किया जा सके। उनके निजी चिकित्सक ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

एवरकेयर अस्पताल के बाहर एजेडएम जाहिद हुसैन ने पत्रकारों से कहा कि जिया के इलाज की निगरानी कर रहे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल बोर्ड में ब्रिटेन के विशेषज्ञ शामिल होंगे।

हुसैन ने कहा, ‘‘ब्रिटेन के विशेषज्ञ आज (मंगलवार) उनकी जांच के लिए आएंगे।’’ उन्होंने कहा कि भारत, चीन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब और पाकिस्तान ने भी अपनी चिकित्सा सहायता प्रदान की है।

हुसैन ने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका और बांग्लादेश के चिकित्सकों का एक मेडिकल बोर्ड जिया के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहा है।

मेडिकल बोर्ड के प्रमुख डॉ. शहाबुद्दीन तालुकदार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि पांच-सदस्यीय चीनी टीम सोमवार को यहां पहुंची और मेडिकल बोर्ड से मुलाकात की।

हुसैन ने दोहराया कि ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ (बीएनपी) अध्यक्ष खालिद जिया (80) को इस समय विदेश ले जाने की कोई गुंजाइश नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी तैयारियां कर ली हैं, लेकिन ध्यान रखने योग्य सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरीज की वर्तमान स्थिति क्या है और इस समय हम मेडिकल बोर्ड की सिफारिशों से इतर कुछ भी नहीं कर सकते।’’

खालिदा जिया को हृदय और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद 23 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार दिन बाद, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने पर उन्हें ‘कोरोनरी केयर यूनिट’ (सीसीयू) में भर्ती किया गया। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।

बीएनपी के उपाध्यक्ष एडवोकेट अहमद आजम खान ने सोमवार को बताया कि जिया की हालत और बिगड़ने पर रविवार रात उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया।

इस बीच, मंगलवार तड़के अस्पताल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई। पुलिस ने रात करीब दो बजे एवरकेयर अस्पताल के मुख्य द्वार पर अवरोधक लगा दिए और रोगियों के आने-जाने के नियमन और सुरक्षा बंदोबस्त सुनिश्चित करने के लिए 24 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं।

अंतरिम सरकार द्वारा सोमवार को जिया को ‘अति महत्वपूर्ण व्यक्ति’ (वीआईपी) घोषित करने के फ़ैसले के बाद सुरक्षा कड़ी की गई और विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) तैनात किये गये।

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