दुनिया की खबरें: अमेरिका ‘यूनेस्को’ से फिर हुआ अलग और पाकिस्तान में बारिश से आफत, अब तक 221 लोगों की मौत

UNESCO से अमेरिका ने फिर से खुद को अलग कर लिया है। यह कदम केवल दो साल पहले ही अमेरिका के यूनेस्को में फिर से शामिल होने के बाद उठाया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अमेरिका ने मंगलवार को घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) से फिर से बाहर निकल गया। क्योंकि वाशिंगटन इसे इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह से ग्रस्त मानता है। यह कदम केवल दो साल पहले ही अमेरिका के यूनेस्को में फिर से शामिल होने के बाद उठाया गया है।

यह तीसरी बार होगा जब अमेरिका पेरिस आधारित यूनेस्को से बाहर निकल जाएगा। ट्रंप प्रशासन के दौरान यह दूसरी बार इस संगठन से अलग होगा।

व्हाइट हाउस की उप प्रवक्ता एना केली ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका को यूनेस्को से बाहर करने का फैसला किया है जो विभाजनकारी सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दों का समर्थन करता है और उन व्यावहारिक नीतियों से पूरी तरह अलग है जिनके लिए अमेरिकियों ने नवंबर में वोट दिया था।’’

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में इससे बाहर निकल गए थे। यह निर्णय एक साल बाद प्रभावी हुआ। वर्ष 2011 में फलस्तीन को सदस्य राज्य के रूप में शामिल करने पर यूनेस्को के मतदान करने के बाद अमेरिका और इजराइल ने इसे वित्तीय सहायता देना बंद कर दिया था। इससे पहले, रीगन प्रशासन के दौरान अमेरिका यूनेस्को से बाहर हो गया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन द्वारा संगठन में फिर से शामिल होने के लिए आवेदन किए जाने के पश्चात अमेरिका पांच साल की अनुपस्थिति के बाद इसमें वापस लौटा था। अमेरिका का यह ताजा निर्णय दिसंबर 2026 के अंत में प्रभावी होगा।

पाकिस्तान में बारिश से आफत, अब तक 221 की मौत

पाकिस्तान में जून के अंत से भारी मानसूनी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और बारिश से हुई अन्य घटनाओं में कम से कम 221 लोगों की मौत और 592 अन्य घायल हुए हैं। यह जानकारी पाकिस्तान के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दी है।

सोमवार को अपनी ताजा स्थिति रिपोर्ट में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि हताहतों की संख्या 26 जून से 21 जुलाई के बीच दर्ज की गई, जिसमें पिछले 24 घंटों में पांच नई मौतें और 10 घायल होने की सूचना है।

पूर्वी पंजाब प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां 135 लोगों की मौत हुई और 470 घायल हुए। उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में 46 लोगों की जान चली गई और 69 अन्य घायल हुए।

दक्षिणी सिंध प्रांत में 22 लोगों की मौत और 40 घायल होने की सूचना है, जबकि दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में 16 लोगों की मौत और चार घायल होने की सूचना है।

एनडीएमए ने पुष्टि की है कि इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में एक बच्चा घायल हुआ है।

अधिकारियों ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है। वे लगातार हो रही बारिश के बीच राहत अभियान चलाने और संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए प्रांतीय सरकारों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

क्योंकि पाकिस्तान में लगातार मानसून का प्रकोप जारी है, इसलिए अधिकारियों ने कई अलर्ट जारी किए हैं। इनमें मध्यम से भारी बारिश, नदियों का जलस्तर बढ़ने और संवेदनशील क्षेत्रों में संभावित बाढ़ की चेतावनी दी गई है।

पाकिस्तान के एनडीएमए और पंजाब के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने निवासियों से सतर्क रहने और निचले व जलमग्न इलाकों से दूर रहने का आग्रह किया है।

बता दें कि अरब सागर से आ रही नमी से तीव्र मानसूनी गतिविधि पूरे पंजाब में सक्रिय बनी हुई है, जहां लाहौर में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने आर्द्रता के स्तर को बढ़ा दिया है।


प्रस्तावित शांति वार्ता से एक दिन पहले यूक्रेन में रूसी हमलों में एक बच्चे की मौत, 24 लोग घायल

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने और यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने की अपनी पेशकश को दोहराया। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल तीसरे दौर की सीधी वार्ता के लिए तैयार हैं।

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि रूसी सेना ने रात में तीन यूक्रेनी शहरों पर हमला किया, जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई।

पुतिन ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के यूरोप के सबसे बड़े संघर्ष को समाप्त करने के लिए आमने-सामने की बैठक के जेलेंस्की के पिछले प्रस्तावों को ठुकरा दिया है।

लेकिन यूक्रेनी नेता इस बात पर जोर देते हैं कि बुधवार को इस्तांबुल में वार्ता के लिए आने वाले निचले स्तर के प्रतिनिधिमंडलों में युद्ध को रोकने के लिए राजनीतिक ताकत नहीं है।

जेलेंस्की ने एक 'टेलीग्राम' पोस्ट में कहा, "यूक्रेन कभी भी यह युद्ध नहीं चाहता था और वह रूस ही है, जिसे इस युद्ध को समाप्त करना होगा, जिसे उसने स्वयं शुरू किया था।"

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार देर रात घोषणा की कि वार्ता होगी, लेकिन इससे तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कोई खास प्रगति होने की उम्मीद कम ही है।

ये हमले ट्रंप प्रशासन द्वारा शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने की कोशिशों के बावजूद हो रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अपनी मांगों से पीछे हटने को लेकर अनिच्छुक होने के कारण ये शांति प्रयास बाधित हुए हैं।

पिछले दो दौर की वार्ता इस्तांबुल में हुई थी और रूसी मीडिया की खबरों के अनुसार, इस बार भी बैठक की मेजबानी संभवतः तुर्किए के इसी शहर में होगी।

जेलेंस्की ने कहा कि अगली इस्तांबुल वार्ता में यूक्रेन, रूस से अधिक कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना चाहता है तथा उन बच्चों की वापसी भी चाहता है, जिनके बारे में यूक्रेन का कहना है कि उनका अपहरण कर लिया गया था।

जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव करेंगे। वह अब यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा परिषद के सचिव हैं। इसमें यूक्रेनी खुफिया विभाग, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति कार्यालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि रूसी सेना ने तीन क्षेत्रों में चार यूक्रेनी शहरों पर रात भर हमला किया, जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई और कम से कम 24 अन्य लोग घायल हो गए।

यह हमला मॉस्को और कीव के प्रतिनिधिमंडलों के बीच प्रस्तावित तीसरे दौर की शांति वार्ता से एक दिन पहले हुआ है।

सोमवार की शाम को रूस ने उत्तर-पूर्व में सुमी, दक्षिण में ओडेसा और पूर्वी क्रामाटोरस्क के यूक्रेनी क्षेत्रों पर हमला किया।

शहर के सैन्य प्रशासन प्रमुख ओलेक्सांद्र होन्चारेंको के अनुसार, क्रामातोर्स्क में एक ग्लाइड बम एक इमारत पर गिरा, जिससे आग लग गई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इसमें एक लड़के की मौत हो गई।

बांग्लादेश में विमान दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हुई

बांग्लादेश में वायुसेना के प्रशिक्षण विमान के ढाका में एक स्कूल की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है, जिनमें 25 बच्चे शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अस्थायी सरकार के शीर्ष अधिकारियों के दुर्घटनास्थल के दौरे के दौरान हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया।

अधिकारियों के अनुसार, चीन में निर्मित एफ-7 बीजीआई प्रशिक्षण विमान में उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद तकनीकी खराबी आ गई और सोमवार को यह ढाका के उत्तर क्षेत्र के दियाबारी में स्थित ‘माइलस्टोन स्कूल एवं कॉलेज’ की दो मंजिला इमारत से टकरा गया।

सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर)’ ने कहा कि दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।

इससे पहले, मुख्य सलाहकार के विशेष सलाहकार सईदुर रहमान ने संवाददाताओं को बताया कि मृतकों में कम से कम 25 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उनमें से कई 12 साल से कम उम्र के थे जिनकी गंभीर रूप से झुलसने के कारण मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।

विवरण साझा करते हुए, आईएसपीआर ने कहा कि संयुक्त सैन्य अस्पताल में भर्ती 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में 10, लुबाना जनरल अस्पताल में दो और ढाका मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, उत्तरा आधुनिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल और यूनाइटेड अस्पताल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।

आईएसपीआर ने कहा कि 165 घायलों का ढाका के 10 अस्पतालों में इलाज हो रहा है। माइलस्टोन स्कूल एवं कॉलेज के साथ-साथ आसपास के स्कूलों के छात्रों ने आज सुबह प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने मृतकों से संबंधित सही जानकारी सार्वजनिक करने, पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और बांग्लादेश वायुसेना द्वारा उपयोग किए जा रहे पुराने और असुरक्षित प्रशिक्षण विमानों को तुरंत बंद करने की मांग की।

विधि सलाहकार आसिफ नज़रुल, शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार और मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया, जहां आंदोलनकारी छात्रों ने उनका विरोध किया और अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए।

सलाहकारों ने स्कूल के एक भवन के अंदर शरण ली, लेकिन सेना और अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा के बावजूद छात्रों ने उस इमारत की घेराबंदी कर दी जहां उन्होंने शरण ली थी।

छात्रों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मृतकों की वास्तविक संख्या को जानबूझकर छिपा रहे हैं।

हालांकि, यूनुस के कार्यालय ने एक बयान जारी कर छात्रों के दावे का खंडन किया।

यूनुस के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं कि विभिन्न वर्ग एक भ्रामक अभियान चला रहे हैं कि हताहतों की संख्या छिपाई जा रही है। हम सभी को दृढ़ता से सूचित करना चाहते हैं कि यह दावा सही नहीं है।’’

रहमान ने संवाददाताओं को बताया कि अब तक 20 लोगों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।

रहमान ने राजधानी स्थित ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी’ (एनआईबीपीएस) में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, कुछ मरीजों की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।’’

स्कूल अधिकारियों और अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि कई माता-पिता रात भर अपने लापता बच्चों की तलाश में बेचैन रहे।

इस बीच, बांग्लादेश ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक मनाया और देश भर के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्वायत्त निकायों और शैक्षणिक संस्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय और सभी निचली अदालतों ने एक मिनट का मौन रखा।

अधिकारियों ने बताया कि एफ-7 बीजीआई विमान चीन के चेंग्दू जे-7/एफ-7 विमान श्रृंखला का अंतिम और सबसे उन्नत संस्करण था। बांग्लादेश ने 2011 में ऐसे 16 विमानों के लिए समझौता किया था और इनकी आपूर्ति 2013 तक पूरी कर दी गई थी।

बांग्लादेश की वायुसेना ने दुर्घटना का कारण जानने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है।

आईएसपीआर के अनुसार, पायलट ने विमान को घनी आबादी वाले इलाके से दूर ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन उसके प्रयासों के बावजूद विमान स्कूल की दो मंजिला इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

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