दुनिया की खबरें: अमेरिका अपनी गलती सुधारने के लिए.... और गाजा में तुरंत खत्म हो युद्ध
चीन ने कहा कि यह अपनी गलतियों को सुधारने की दिशा में अमेरिका का एक छोटा सा कदम है। वास्तव में, अमेरिका सरकार के लिए अपनी गलतियों को सुधारना अपरिहार्य है

हाल ही में अमेरिकी टैरिफ नीति को फिर से समायोजित किया गया, जिसमें कुछ उत्पादों को "पारस्परिक टैरिफ" से छूट दी गई, जिनमें कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे प्रमुख उत्पाद शामिल हैं। बाहरी दुनिया ने इस कदम को इस बात का संकेत माना कि अमेरिका चीन पर अपने टैरिफ में ढील दे रहा है।
चीन ने इस पर कहा कि यह अपनी गलतियों को सुधारने की दिशा में अमेरिका का एक छोटा सा कदम है। वास्तव में, अमेरिका सरकार के लिए अपनी गलतियों को सुधारना अपरिहार्य है, क्योंकि उसने अपनी औद्योगिक क्षमताओं को अधिक आंका था और वैश्विक औद्योगिक श्रृंखला की मजबूती को कम आंका था।
जब से अमेरिका ने "पारस्परिक टैरिफ" लागू किया है, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार व्यवस्था बाधित हो गई है। व्यापार संचालन और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और अमेरिका को भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का दर्द सहना पड़ा है। विशेषकर सेवा व्यापार के क्षेत्र में, अमेरिका ने लंबे समय तक व्यापार अधिशेष बनाए रखा है, लेकिन अब उसे अन्य देशों से जवाबी कार्रवाई का खतरा भी है।
चीन द्वारा आयातित अमेरिकी फिल्मों की संख्या में मामूली कमी, जिसके कारण कई अमेरिकी फिल्म कंपनियों के शेयर मूल्यों में भारी गिरावट आई, जो एक शक्तिशाली प्रतिकार है। साथ ही, यूरोपीय संघ, जिसका अमेरिका के साथ सेवाओं में व्यापार घाटा है, ने भी कहा कि वह सेवाओं में व्यापार के माध्यम से अमेरिका का मुकाबला करने की संभावना से इनकार नहीं करता है।
वस्तुओं में अमेरिका का व्यापार घाटा और सेवाओं में अधिशेष औद्योगिक परिवर्तन का परिणाम है और ये दोनों आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों, दबाव और ब्लैकमेल के कारण सभी पक्षों का उस पर से भरोसा खत्म हो गया है। टैरिफ ब्लैकमेल के संदर्भ में, कौन वित्तीय सेवाओं, डेटा सेवाओं आदि को अमेरिका को सौंपने के लिए तैयार होगा? इसलिए अमेरिका के सेवा निर्यात पर खतरा मंडरा रहा है।
व्यापार युद्ध की जिम्मेदारी पूरी तरह से अमेरिका पर है। इस बार कुछ उत्पादों को "पारस्परिक टैरिफ" से छूट देना सुधार की दिशा में एक छोटा कदम है। अमेरिका को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए प्रयास बढ़ाने चाहिए, अपने द्वारा लगाए गए "पारस्परिक टैरिफ" को पूरी तरह से रद्द करना चाहिए तथा अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ पारस्परिक सम्मान और समान वार्ता में शामिल होना चाहिए। व्यापारिक मतभेदों को सुलझाने के लिए यह एकमात्र सही विकल्प है और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं व्यापारिक व्यवस्था को बहाल करने और विश्वास के पुनर्निर्माण की कुंजी है।
भारत ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए किया अनुरोध, बेल्जियम ने की पुष्टि
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में वांछित हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी बेल्जियम में पकड़ा गया। बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा (एफपीएस) ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया।
एफपीएस ने कहा, "बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा पुष्टि कर सकती है कि मेहुल चोकसी को शनिवार, 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। उन्हें हिरासत में रखा गया है और उनके वकीलों को इसकी जानकारी दी गई है।"
एफपीएस ने कहा कि भारत सरकार की ओर से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए पहले ही अनुरोध किया जा चुका है। चूंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया में है, इसलिए इस पर और कोई विवरण साझा नहीं किया जा सकता।
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी को भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस ने एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया। वह वहां अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था और उसके पास बेल्जियम का ‘रेजिडेंसी कार्ड’ भी था।
माना जा रहा है कि 65 वर्षीय चोकसी अब जमानत के लिए याचिका दाखिल कर सकता है, जिसमें वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे सकता है।
मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी पीएनबी के 13,850 करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा वांछित हैं। उन पर मुंबई के ब्रैडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों को रिश्वत देकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए धोखाधड़ी करने का आरोप है।
यह दोनों जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गए थे, ठीक उसी समय जब पीएनबी घोटाला सामने आया।
मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और बाद में वहां से इलाज के बहाने निकल गया। 2021 में वह एंटीगुआ से अचानक गायब हो गया था और बाद में डोमिनिका में पाया गया था। चोकसी 'गीतांजलि जेम्स' का संस्थापक है। वहीं, नीरव मोदी अभी भी ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इंटरपोल द्वारा चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस हटाए जाने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने नया प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी संभव हो पाई। अब भारतीय एजेंसियां उसे जल्द से जल्द भारत लाने का प्रयास कर रही हैं, हालांकि बेल्जियम की अदालतों में कानूनी प्रक्रिया लंबी चल सकती है।
पाकिस्तान का सख्त एक्शन जारी, एक ही दिन में 852 अफगान परिवार निर्वासित
पाकिस्तान सरकार अफगान शरणार्थियों को उनके देश वापस भेजने को लेकर अपनी कार्रवाई को तेज करती जा रही है। रविवार को पाकिस्तानी एजेंसियों ने कुल 852 अफगान परिवारों को निष्कासित कर दिया।
अफगानिस्तान में वापस लौटने वालों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित उच्चायोग ने सोमवार को यह जानकारी दी कि 852 परिवारों में 4,567 सदस्य शामिल थे।
आयोग ने शनिवार को पाकिस्तान ने कुल 6,500 अफगान शरणार्थियों को निष्कासित किया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तोरखम सीमा पर आयोग ने लौटने वाले लोगों के लिए अस्थायी शेल्टर, भोजन, पानी, चिकित्सा देखभाल और परिवहन सेवाएं प्रदान कीं।
पाकिस्तानी सरकार 2025 तक तीन मिलियन अफगानों को उनके देश वापस भेजने की तैयारी में है।
कथित तौर पर, लगभग सात मिलियन अफगान शरणार्थी, जिनमें से अधिकांश के पास दस्तावेज नहीं है, वर्तमान में विदेश में रह रहे हैं। अधिकांश अफगानी पड़ोसी देश - पाकिस्तान और ईरान में रह रहे हैं।
अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार बार-बार अफगान शरणार्थियों से विदेशों में शरणार्थी के रूप में रहना बंद करने की अपील कर रही है। वह विदेशों में बसे अफगानों से युद्धग्रस्त देश के पुनर्निर्माण में योगदान देने के लिए घर लौटने की अपील कर रही है।
जबरन निर्वासित अफगानों ने बताया कि उन्हें काम करते समय पाकिस्तानी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था फिर अपने कारोबार और परिवार के सदस्यों को छोड़कर अफगानिस्तान निर्वासित कर दिया।
पाकिस्तान की निर्वासन नीति जांच के दायरे में आ गई, कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस कृत्य की निंदा की। उन्होंने अफगानिस्तान में अनिश्चितताओं के बीच शरणार्थियों के लौटने पर उनके सामने आने वाले गंभीर जोखिमों पर चिंता जताई।
गाजा में तुरंत खत्म हो युद्ध : इजरायल के भीतर उठी आवाज, पूर्व खुफिया अधिकारियों का नेतन्याहू को पत्र
इजरायल की मोसाद खुफिया एजेंसी के 250 से अधिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार से गाजा पट्टी में युद्ध को तुरंत समाप्त करने की अपील की। इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी न्यूज के मुताबिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की।
रिपोर्ट के अनुसार, हस्ताक्षरकर्ताओं में मोसाद के तीन पूर्व प्रमुख डैनी याटोम, एफ्रेम हेलेवी और तामीर पार्डो के साथ-साथ दर्जनों अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
मोसाद के पूर्व सदस्यों ने कहा, "लगातार लड़ाई बंधकों और हमारे सैनिकों के जीवन को खतरे में डाल रही है। इस पीड़ा को समाप्त करने वाले समझौते तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। हम सरकार से साहसी फैसला लेने और देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम करने की अपील करते हैं।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने उन सैकड़ों सैन्य कर्मियों, [चाहे वे रिजर्व में हों या रिटायरमेंट], के प्रति समर्थन व्यक्त किया जिन्होंने इसी तरह के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। पत्र में युद्ध समाप्त करने और बंधकों की वापसी की अपील की गई थी।
गुरुवार को एयरक्रू सदस्यों के पत्र के प्रकाशन के बाद, इजरायली वायु सेना कमांडर टोमर बार ने हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल सक्रिय रिजर्विस्टों की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बर्खास्तगी के फैसले का समर्थन किया और ऐसे पत्रों की निंदा की। उन्होंने हस्ताक्षरकर्ताओं को 'एक चरमपंथी हाशिए का समूह कहा, जो 'इजरायली समाज को अंदर से तोड़ने' की कोशिश कर रहा है।
पत्र की प्रति प्रकाशित करने वाले कई मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, रविवार को लगभग 200 इजरायली सैन्य डॉक्टरों ने लड़ाई रोकने और बंधकों को घर वापस लाने की मांग के साथ एक याचिका पर हस्ताक्षर किए।
इसमें कहा गया, "गाजा में जारी लड़ाई का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों की पूर्ति करना है, इसका कोई सुरक्षा उद्देश्य नहीं है, इससे सैनिकों और बंधकों का जीवन खतरे में पड़ रहा है।"
हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमला करके 251 लोगों को बंधक बना लिया। वर्तमान में, 59 इजरायली बंधक गाजा में हैं, जिनमें से 24 के अभी भी जीवित होने का अनुमान है।
जनवरी में इजरायल और हमास ने बंधकों के लिए तीन चरणों में संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी। हालांकि, छह सप्ताह का पहला चरण 1 मार्च को समाप्त होने के बाद दूसरे दौर की बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया। इसके बाद इजरायल ने युद्धविराम गतिरोध के बीच 18 मार्च को गाजा में सैन्य अभियान फिर से शुरू कर दिया।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia