दुनिया की खबरें: क्या यूक्रेन में लागू हो सकता है युद्ध विराम? और 'ईरान को कभी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे'

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा, "हम इस सप्ताह, वास्तव में बहुत जल्द, उनसे सुनने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि हम करीब पहुंच रहे हैं, लेकिन हम आपको बहुत जल्द ही बता देंगे।"

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें वीकेंड में यूक्रेन में संभावित युद्धविराम पर रूस की प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच टेलीफोन पर बातचीत के कुछ ही घंटों बाद डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान आया।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा, "हम इस सप्ताह, वास्तव में बहुत जल्द, उनसे सुनने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि हम करीब पहुंच रहे हैं, लेकिन हम आपको बहुत जल्द ही बता देंगे।"

रूसी विदेश मंत्रालय के मुताबिक लावरोव ने यूक्रेनी संकट के मूल कारणों का व्यापक समाधान करने के लिए अमेरिकी समकक्षों के साथ सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई।

पेरिस में मौजूद रुबियो ने रूसी पक्ष को हाल ही में फ्रांस की राजधानी में उनके और अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बीच हुई मुलाकातों के बारे में जानकारी दी।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में रूस के दूत वसीली नेबेन्ज्या ने कहा कि इस समय यूक्रेन में युद्ध विराम 'अवास्तविक' है, क्योंकि कीव ऊर्जा ढांचे पर हमले रोकने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा, "हमने ऊर्जा ढांचे के संबंध में सीमित युद्ध विराम का प्रयास किया था, जिसका यूक्रेनी पक्ष ने पालन नहीं किया। इन परिस्थितियों में, इस समय युद्ध विराम के बारे में बात करना अवास्तविक है।"

18 मार्च को राष्ट्रपति ट्रंप ने संघर्षरत पक्षों के सामने 30 दिनों तक ऊर्जा ढांचे पर हमले न करने का प्रस्ताव रखा था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस पर सहमति जताई और तुरंत रूसी सेना को उचित आदेश दिया। बाद में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भी इस प्रस्ताव का समर्थन करेगा।

हालांकि, यूक्रेन ने 18 मार्च से 16 अप्रैल तक 15 क्षेत्रों में रूसी ऊर्जा साइटों पर हमला किया। हमले ड्रोन और एचआईएमएआरएस सहित विभिन्न तोपखाने के जरिए किए गए।

रूसी सरकारी समाचार एजेंसी तास ने शुक्रवार को बताया कि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि कीव ने रोक का पालन नहीं किया, और रूसी ऊर्जा क्षेत्र पर हमला करने की कोशिश जारी हैं।

ईरान को कभी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे : इजरायली पीएम

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहराया कि इजरायल ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने नहीं देगा। उनका यह बयान तेहरान और अमेरिकी प्रशासन के बीच नए परमाणु समझौते पर नए सिरे से बातचीत की खबरों के बीच सामने आया।

नेतन्याहू के कार्यालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री ने एक से अधिक बार स्पष्ट किया है: इजरायल ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने नहीं देगा।"

कार्यालय ने कहा कि नेतन्याहू ने 'ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अनगिनत प्रत्यक्ष और गुप्त अभियान चलाए हैं' और 'ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ वैश्विक अभियान का नेतृत्व किया है।'

ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने पिछले शनिवार को ओमान की राजधानी मस्कट में अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से तेहरान के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर मुलाकात की। दोनों पक्षों ने इस बैठक को 'रचनात्मक' बताया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मार्च की शुरुआत में कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से ईरानी नेताओं का एक पत्र मिला है, जिसमें तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता का प्रस्ताव दिया गया था।

ईरान बाद में अप्रत्यक्ष वार्ता पर सहमत हो गया।

इजरायल और पश्चिमी सरकारें लंबे समय से ईरान पर परमाणु हथियार क्षमता हासिल करने का आरोप लगाती रही हैं। हालांकि तेहरान इस आरोप का खंडन करता आया है।

नेतन्याहू का यह बयान शनिवार को रोम में अमेरिका और ईरानी प्रतिनिधिमंडलों के बीच ओमानी मध्यस्थता वाली दूसरे दौर की वार्ता से पहले आया है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर मध्यस्थता के जरिए समझौता करने के ट्रंप के प्रयास नेतन्याहू की सैन्य कार्रवाई का उपयोग करके इस मुद्दे से निपटने की लंबे समय से चली आ रही नीति के विपरीत प्रतीत होते हैं।


यमन के ईंधन बंदरगाह पर अमेरिकी हमला, कम से कम 38 की मौत, 102

यमन में एक ईंधन बंदरगाह पर अमेरिकी हमलों में कम से कम 38 लोग मारे गए। अमेरिकी सेना ने कहा कि हमलों का उद्देश्य हूती ग्रुप के लिए ईंधन का स्रोत काटना था। ईरान समर्थित ग्रुप पर वाशिंगटन की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से यह सबसे घातक हमलों में से एक है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अल मसीरा टीवी ने कहा कि गुरुवार को पश्चिमी ईंधन बंदरगाह रास ईसा पर हुए हमलों में 102 लोग घायल भी हुए। बता दें अल मसीरा टीवी का संचालन हूती ग्रुप करता है।

वहीं अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि हमलों की शुरुआती घोषणा के अलावा उसके पास कोई जानकारी नहीं है।

एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, "इन हमलों का उद्देश्य हूती ग्रुप की शक्ति के आर्थिक स्रोत को कमजोर करना था, जो अपने साथी देशवासियों का शोषण करते रहते हैं और उन्हें भारी पीड़ा पहुंचाते हैं।"

जनवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद से मध्य पूर्व में यह अमेरिका का सबसे बड़े सैन्य अभियान है। इसके तहत पिछले महीने से बड़े पैमाने पर शुरू किए गए। वाशिंगटन का कहना है कि कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि हूती लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना बंद नहीं कर देते।

नवंबर 2023 से, हूती विद्रोहियों ने जलमार्ग से गुजरने वाले जहाजों पर दर्जनों ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं, उनका कहना है कि वे गाजा में युद्ध के विरोध में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने गाजा में दो महीने के युद्ध विराम के दौरान जहाजों पर हमले रोक दिए थे।

हालांकि पिछले महीने इजरायल ने गाजा पर फिर से हमले शुरू कर दिए जिसके बाद ग्रुप ने अपनी कार्रवाई दोबारा शुरू करने का ऐलान किया लेकिन तब से उन्होंने कोई दावा नहीं किया। ग्रुप का कहना है कि वह 'अमेरिकी आक्रमण' का जवाब देता रहेगा।

2014 से गृहयुद्ध के बाद हूती समूह ने उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण बना रखा है।

आर्थिक संकट के बीच हिंसा से जूझ रहे हैती में गंभीर भुखमरी की आशंका

हैती की आधी से अधिक आबादी के जून तक गंभीर भुखमरी की चपेट में आने तथा अस्थायी आश्रयों में रह रहे 8,400 अन्य लोगों के भुखमरी से जूझने की आशंका है। इस सप्ताह जारी एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

दुनिया भर में खाद्य असुरक्षा एवं कुपोषण का विश्लेषण करने वाली संयुक्त राष्ट्र की पहल ‘एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण’ के विश्लेषण के अनुसार, गिरोहों के बीच लगातार हो रही हिंसा और लगातार आर्थिक पतन हैती की इस दशा लिए जिम्मेदार है।

उसने बताया कि गंभीर भुखमरी का सामना करने वाले लोगों की संख्या पिछले वर्ष की 3,00,000 की संख्या से बढ़कर लगभग 57 लाख हो गई है।

उसने बताया कि हैती की आधी से अधिक आबादी के जून तक गंभीर भुखमरी की चपेट में आने की आशंका है। इसके अलावा अस्थायी आश्रयों में रह रहे 8,400 अन्य लोगों के भुखमरी से जूझने की आशंका है।

आश्रय स्थलों पर भोजन और पेयजल सामान्य रूप से वितरित किया जाता था लेकिन फरवरी के अंत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा 90 प्रतिशत विदेशी सहायता अनुबंधों को समाप्त करने का निर्णय लिए जाने के बाद इन स्थलों को दी जाने वाली सहायता कम होने लगी।

इसमें कहा गया है कि अगस्त 2024 से फरवरी 2025 तक लगभग 9,77,000 हैतीवासियों को मासिक खाद्य सहायता प्राप्त हुई, हालांकि राशन में आधे तक की कटौती की गई है।

यूनिसेफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनुमानतः 28,50,000 बच्चे ‘‘उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा का लगातार सामना कर रहे हैं।’’


इजरायल की बड़ी कार्रवाई, सेना का दावा- हिजबुल्लाह कमांडर को मार गिराया

इजरायल की सेना ने एक बयान में बताया कि उसने दक्षिणी लेबनान में ड्रोन हमले में हिजबुल्लाह कमांडर को मार गिराया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हमले में ब्लिडा क्षेत्र को निशाना बनाया गया, जिसमें अली इबार अल-नबी खादी की मौत हो गई। सेना ने खादी की पहचान म्हाइबिब क्षेत्र में हिजबुल्लाह की सैन्य चौकी के उप प्रमुख के रूप में की थी।

इसी बीच, एक अज्ञात लेबनानी सुरक्षा सूत्र ने सिन्हुआ को बताया कि दक्षिणी लेबनान में गुरुवार को इजरायली ड्रोन हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। हमले में मारे गए शख्स की पहचान हिजबुल्लाह सदस्य अली अब्देल नबी हिजाजी के रूप में की गई, जो ब्लिडा गांव का रहने वाला था।

लेबनान के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र और सुरक्षा स्रोतों के अनुसार, एक व्यक्ति को मोटरसाइकिल चलाते समय टक्कर मारी गई।

लेबनानी सेना की एक इकाई ने गुरुवार को ब्लिडा में एक इजरायली जासूसी उपकरण को नष्ट करने की सूचना दी। इसके साथ ही नागरिकों को चेतावनी दी कि वे ऐसे खतरनाक वस्तुओं के पास न जाएं या उन्हें न छूएं, क्योंकि यह जानलेवा हो सकते हैं।

27 नवंबर 2024 से अमेरिका और फ्रांस द्वारा मध्यस्थता किए गए एक युद्धविराम समझौते ने हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच प्रभावी होकर, गाजा पट्टी में युद्ध के कारण शुरू हुए एक साल से अधिक के संघर्ष को समाप्त कर दिया।

इस समझौते के बावजूद, इजरायली सेना की ओर से कभी-कभी लेबनान में हमले होते रहे हैं। इसको लेकर इजरायली सेना दावा करती है कि ये हमले हिजबुल्लाह द्वारा उत्पन्न खतरों को निष्क्रिय करने के लिए हैं।

इजरायल ने गुरुवार को कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान और गाजा पट्टी में हवाई हमले किए, जिसमें उसने हमास और हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया।

इजरायली सेना ने कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया। बयान में कहा गया कि आईडीएफ (इज़रायली रक्षा बल) हिजबुल्लाह द्वारा नागरिक कवर की आड़ में सैन्य उपस्थिति को पुनः स्थापित करने या स्थापित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ काम करेगा।

इसके अलावा, इजरायली सेना और शिन बेट घरेलू सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि उन्होंने उत्तरी गाजा में जबालिया पर हमला किया, जिसमें उन्होंने हमास के कमांड और नियंत्रण केंद्र को निशाना बनाया।

सेना ने कहा कि इस स्थल का उपयोग इजरायली नागरिकों और सैनिकों के विरुद्ध आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया गया था।

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