दुनिया की खबरें: विशेषज्ञों ने माना- ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया जाएगा और 47 भारतीय मछुआरा गिरफ्तार
नोबेल पर लंबे समय से नजर रखने वालों का कहना है कि ट्रंप का नाम चुने जाने की संभावनाएं कमजोर हैं, जबकि पहले भी कई बार उन्हें नामांकित किया जा चुका है और कुछ उल्लेखनीय विदेश नीतिगत हस्तक्षेपों का श्रेय लेकर वह खुद भी इस पुरस्कार की दावेदारी कर रहे हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की दावेदारी ने इस साल के पुरस्कार विजेता को लेकर अटकलों के खेल को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है।
नोबेल पर लंबे समय से नजर रखने वालों का कहना है कि ट्रंप का नाम चुने जाने की संभावनाएं कमजोर हैं, जबकि पहले भी कई बार उन्हें नामांकित किया जा चुका है और कुछ उल्लेखनीय विदेश नीतिगत हस्तक्षेपों का श्रेय लेकर वह खुद भी इस पुरस्कार की दावेदारी कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि नॉर्वे की नोबेल समिति आमतौर पर शांति की स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय भाईचारे को बढ़ावा देने और उन संस्थानों के शांत कार्यों पर ध्यान केंद्रित करती है जो इन लक्ष्यों को मजबूत करते हैं।
उन्होंने बहुपक्षीय संस्थानों के प्रति ट्रंप के स्पष्ट तिरस्कार और वैश्विक जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं के प्रति उनकी उपेक्षा का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप का अपना रिकॉर्ड ही उनके खिलाफ जा सकता है।
फिर भी, अमेरिकी राष्ट्रपति अपने पहले कार्यकाल से ही बार-बार नोबेल के मामले में सुर्खियां बटोरते रहे हैं, और उन्होंने पिछले महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों से कहा था, ‘‘हर कोई कहता है कि मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।’’
यूक्रेन की नयी मिसाइलों और ड्रोन से रूस में गैस की कमी हो रही है: जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन द्वारा नव विकसित लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोनों द्वारा रूसी तेल सुविधा पर किए गए हमलों से रूस में गैस की भारी कमी हो रही है।
जेलेंस्की ने इसके साथ ही कहा कि युद्ध के मैदान में हाल ही में यूक्रेन द्वारा किए गए जवाबी हमले ने पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने की रूस की योजना को पटरी से उतार दिया है।
जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन की नयी मिसाइलों ने दर्जनों रूसी सैन्य डिपो को निशाना बनाया है। उन्होंने बताया कि रूटा मिसाइल ड्रोन ने हाल ही में 250 किलोमीटर से भी ज़्यादा दूर स्थित एक रूसी तेल सुविधा पर हमला किया। उन्होंने इसे नए हथियार की ‘बड़ी सफलता’ करार दिया।
जेलेंस्की ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि रूस में ईंधन की कमी और बढ़ते आयात से पता चलता है कि यूक्रेन के हमलों का असर हो रहा हैं। उन्होंने कहा, "मुख्य बात यह है कि (रूस) अब गैसोलीन आयात कर रहा है। ये एक संकेत है।"
यूक्रेनी खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि रूस ने बेलारूस से गैस का आयात छह गुना बढ़ा दिया है और आयात शुल्क हटा दिए हैं। साथ ही चीन से भी ईंधन आयात कर रहा है।
जेलेंस्की ने कहा, "हमारे आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने (रूस) हमारे द्वारा किए गए हमलों के बाद अपनी गैसोलीन आपूर्ति का 20 प्रतिशत तक खो दिया है।" रूसी अधिकारियों ने संभावित गैस की कमी के विषय में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।
श्रीलंका की नौसेना ने 47 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया
श्रीलंका की नौसेना ने यहां कहा कि उत्तरी श्रीलंका के तलाईमन्नार में बृहस्पतिवार को 47 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है और उनकी पांच नौकाएं जब्त कर ली गई हैं। उन पर श्रीलंका के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने का आरोप है।
ये गिरफ्तारियां मन्नार और डेल्फ्ट के समुद्री क्षेत्रों में चलाए गए समन्वित गश्ती अभियानों के दौरान की गईं।
नौसेना ने कहा कि गिरफ्तार किए गए 47 मछुआरों और उनके उपकरणों को आगे की कार्रवाई के लिए उत्तर में स्थित मत्स्य निरीक्षक कार्यालय को सौंप दिया जाएगा।
श्रीलंकाई नौसेना प्रवक्ता कमांडर बुद्धिका संपत ने बताया कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नौसेना का अभियान कल देर रात शुरू हुआ था और बृहस्पतिवार की तड़के सुबह तक चला।
भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों में मछुआरों का मुद्दा विवादास्पद बना हुआ है। यहां तक कि श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी की है और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने की कई कथित घटनाओं में उनकी नौकाओं को जब्त कर लिया है।
पिछले महीने भी उत्तरी श्रीलंका के जाफना के पास 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था और उनकी नाव को जब्त कर लिया गया था।
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