दुनियाः सीरिया में इजरायली हवाई हमले में ईरानी जनरल की मौत, इमरान ने बीवी को खाने में जहर देने का आरोप लगाया

फिलिस्तीन ने कहा है कि दो हफ्ते के सैन्य अभियान के बाद इजरायली सेना गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल से हट गई है। अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय मूल के पांच सदस्यों ने न्याय विभाग से देशभर के हिंदू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं पर जानकारी देने की मांग की है।

सीरिया में इजरायली हवाई हमले में ईरानी जनरल की मौत, इमरान ने बीवी को जहर देने का आरोप लगाया
सीरिया में इजरायली हवाई हमले में ईरानी जनरल की मौत, इमरान ने बीवी को जहर देने का आरोप लगाया
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नवजीवन डेस्क

सीरिया में इजरायली हवाई हमले में ईरानी जनरल की मौत

सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर कथित तौर पर इजराइली हवाई हमले में एक वरिष्ठ ईरानी जनरल की मौत हो गई है। मृतक ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के एक वरिष्ठ जनरल थे। सोमवार देर रात अरब मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया कि इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले में ब्रिगेडियर जनरल ज़ाहेदी एक लेफ्टिनेंट और पांच अन्य अधिकारियों के साथ मारे गए।

ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियान ने एक बयान में कहा कि हमले के लिए इज़रायल जिम्मेदार है। इजरायली रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले साल सात अक्टूबर को इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद ज़ाहेदी सबसे वरिष्ठ ईरानी अधिकारी हैं, जिनकी मौत हुई है। सूत्रों के मुताबिक, ज़ाहेदी का स्थान दिसंबर, 2023 में मारे गए सैय्यद रज़ा मौसवी से ऊपर था।

सूत्रों के अनुसार, हिज़्बुल्लाह के साथ ईरान की बातचीत में ज़ाहेदी सबसे वरिष्ठ अधिकारी थे। उनकी मौत को ईरान और उसकी सेना के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अरबी और हिब्रू मीडिया ने कहा कि इजराइल ने सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास से सटी एक इमारत पर हमला किया था। सीरिया में ईरानी दूतावास ने सोमवार रात एक बयान में कहा कि इजराइल का यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों, राजनयिक मानदंडों और वियना कन्वेंशन का घोर उल्लंघन है।"

इमरान ने जेल में बंद पत्नी को विषाक्त खाना दिए जाने का दावा किया

पाकिस्तान में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को उनके निजी आवास पर बनाई गई उप-जेल में कैद के दौरान विषाक्त भोजन दिया गया और यदि उन्हें नुकसान पहुंचता है तो सेना प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेता ने अदियाला जेल में 19 करोड़ पाउंड के तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश नासिर जावेद राणा को सूचित किया कि उनकी पत्नी को जहर देने का प्रयास किया गया था और उनकी त्वचा और जीभ पर ‘विषाक्तता’ के दुष्प्रभाव के परिणाम स्वरूप पड़ गए निशान देखे जा सकते हैं।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने 71 वर्षीय पीटीआई संस्थापक के हवाले से कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि इसके पीछे कौन है।’’ खान ने कहा कि अगर बुशरा को कोई नुकसान होता है, तो पाकिस्तान के सेना प्रमुख (जनरल असीम मुनीर) को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए क्योंकि एक खुफिया एजेंसी के सदस्य इस्लामाबाद में उनके बानी गाला आवास और रावलपिंडी में अदियाला जेल में सब कुछ नियंत्रित कर रहे थे।

खान ने अदालत से शौकत खानम अस्पताल के डॉ. आसिम द्वारा 49 वर्षीय बुशरा की मेडिकल जांच का आदेश देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उन्हें और पार्टी को उस डॉक्टर पर भरोसा नहीं है जिसने पहले उनकी जांच की थी। उन्होंने बुशरा को कथित रूप से जहरीला पदार्थ दिये जाने के मामले में भी जांच का अनुरोध किया। पूर्व प्रधानमंत्री के अनुरोध पर अदालत ने खान को बुशरा बीबी की मेडिकल जांच के बारे में विस्तृत आवेदन जमा करने का निर्देश दिया। सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए बुशरा ने कहा कि पार्टी में उनके ‘अमेरिकी एजेंट’ होने की अफवाहें फैल रही थीं और उन्हें एक लोकप्रिय ‘टॉयलेट क्लीनर’ के जरिए जहर दिया गया था।


गाजा के अल-शिफा अस्पताल से इजराइली सेना हटी, दर्जनों मौतें

फिलिस्तीनी सुरक्षा चिकित्सा सूत्रों ने कहा कि दो सप्ताह के सैन्य अभियान के बाद इजरायली सेना गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल से हट गई है। सेना के अभियान के दौरान दर्जनों लोग मारे गए। सुरक्षा सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ बताया कि अस्पताल की अधिकांश इमारतों को इजरायली सेना ने नष्ट कर दिया। इससे यहां मरीजों का इलाज थम गया है। समाचार एजेंसी ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा कि अस्पताल के प्रांगण से बच्चों, महिलाओं और चिकित्सा कर्मचारियों सहित दर्जनों क्षत-विक्षत शवों को बाहर निकाला गया।

सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया, "अस्पताल के जल्द चालू होने की संभावना कम है। क्योंकि इजरायली सेना ने यहां के चिकित्सा उपकरणों को नष्ट कर दिया है।" इजरायली सेना ने 18 मार्च को गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया था। सेना का आरोप था कि हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) के सदस्यों ने अस्पताल में शरण ले रखी है।

इज़रायली सेना के प्रवक्ता अविचाई अद्राई ने एक प्रेस बयान में कहा कि सेना ने शिफ़ा में अपना सैन्य अभियान समाप्त कर दिया। इस दौरान हमास और पीआईजे के कई नेताओं सहित दर्जनों को मार डाला गया और गिरफ्तार किया गया। अद्राई ने कहा, "सेना को अस्ताल के प्रसूति वार्ड में राइफलें, पिस्तौल, विस्फोटक सामग्री और दर्जनों मोर्टार के गोले मिले।" हमास द्वारा संचालित मीडिया कार्यालय ने एक प्रेस बयान में कहा कि "इजरायली सेना ने शिफा अस्पताल में अपने सैन्य अभियान के दौरान कम से कम 400 फिलिस्तीनियों को मार डाला और 900 से अधिक को गिरफ्तार कर लिया।"

इजरायल ने सीरिया में ईरानी दूतावास की इमारत पर दागी मिसाइलें

इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर में स्थित वाणिज्य दूतावास की इमारत पर मिसाइलों से हमला किया। हमले में इमारत जमींदोज हो गई और कई लोग हताहत हुए। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई। सोमवार को हमले के बाद दमिश्क के पश्चिम में माज़ेह राजमार्ग पर स्थित इमारत से धुएं का गुबार उठते देखा गया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ रिपोर्ट के अनुसार, ध्वस्त इमारत ईरानी दूतावास का हिस्सा है। इसके मलबे के बीच एक ईरानी झंडा लगा हुआ है।

सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हमला सोमवार शाम करीब पांच बजे हुआ। इज़राइल ने कब्जे वाले सीरियाई गोलान हाइट्स की दिशा से हमला किया। इसमें कहा गया है कि सीरिया की वायु सेना ने कुछ मिसाइलों को रोक दिया। हमले में अनेक लोग मारे गए और घायल हो गए। मौके पर पहुंचे सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने हमले की निंदा की।उन्होंने कहा कि इजराइली हमले से सीरियाई-ईरानी संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने मंदिर हमलों की जांच पर ताजा जानकारी मांगी

अमेरिकी कांग्रेस के भारतीय मूल के पांच सदस्यों ने सोमवार को न्याय विभाग से देशभर के हिंदू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं पर जानकारी देने की मांग की, जिनमें से कुछ खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी थे। पांचों सदस्यों ने संयुक्त पत्र में लिखा, "न्यूयॉर्क से कैलिफोर्निया तक मंदिरों पर हमलों ने हिंदू अमेरिकियों के बीच सामूहिक चिंता को बढ़ाने में योगदान दिया है।"

"इन प्रभावित समुदायों के नेताओं ने कहा है कि दुर्भाग्य से संदिग्धों का 'कोई सुराग नहीं' है, जिससे कई लोग डर और भय में जी रहे हैं। हमारे समुदाय इन पूर्वाग्रह-प्रेरित अपराधों के संबंध में कानून प्रवर्तन समन्वय के बारे में चिंतित रहते हैं और वे हैरान रह जाते हैं कि क्या कानून के तहत समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित संघीय निरीक्षण हो रहा है।" उनके कार्यालय ने कहा कि प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं। अन्य चार हैं रो खन्ना, प्रमिला जयपाल, अमी बेरा और श्री थानेदार।

कांग्रेस सदस्यों ने आगे कहा, "घटनाओं की संख्या और घटनाओं के समय की निकटता संबंधों और उनके पीछे की मंशा के बारे में परेशान करने वाले सवाल खड़े करती है। किसी ऐसे समुदाय के भीतर डर पैदा करने के लिए नफरत के अपेक्षाकृत कम समन्वित कृत्यों की आवश्यकता होती है जिसे अक्सर हाशिए पर या उपेक्षित किया गया है, और हमें अमेरिका में सभी धार्मिक, जातीय, नस्लीय और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत का मुकाबला करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करना चाहिए। इसलिए, हम अनुरोध करते हैं आप हमें यह समझ प्रदान करें कि विशेष रूप से अमेरिका में हिंदुओं को निशाना बनाने वाले घृणा अपराधों के संबंध में विभाग की रणनीति क्या है।"

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