दुनिया की खबरें: इजराइली सैनिक गाजा शहर में और आगे बढ़े और ‘नकली’ पाकिस्तानी फुटबॉल टीम का माजरा क्या है?

इजराइली सेना ने कहा कि वायुसेना और लड़ाकू इकाइयों ने जमीन पर सैनिकों के आगे बढ़ने से पहले पिछले कुछ दिनों में गाजा शहर पर 150 से अधिक बार हमला किया, जिससे वहां स्थित कई आवासीय टावर क्षतिग्रस्त हो गए।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

इजराइल की ओर से गाजा शहर में “हमास के सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए” जमीनी हमले शुरू किए जाने के एक दिन बाद इजराइली सैनिक और टैंक बुधवार को क्षेत्र में और भीतर तक घुस गए।

वहीं, इजराइल का सैन्य अभियान तेज होने के बीच बड़े पैमाने पर फलस्तीनियों के क्षेत्र छोड़कर भागने की खबरें हैं।

इजराइली सेना ने कहा कि वायुसेना और लड़ाकू इकाइयों ने जमीन पर सैनिकों के आगे बढ़ने से पहले पिछले कुछ दिनों में गाजा शहर पर 150 से अधिक बार हमला किया, जिससे वहां स्थित कई आवासीय टावर क्षतिग्रस्त हो गए।

इजराइल का दावा है कि हमास इन टावर का इस्तेमाल सैनिकों पर नजर रखने के लिए कर रहा है।

गाजा में अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि इजराइल की ओर से मंगलवार को रातभर किए गए हमलों में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद दोनों पक्षों में छिड़ी लड़ाई में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या करीब 65 हजार पहुंच गई है।

गाजा शहर में इजराइल के तेज होते सैन्य अभियान के बीच बड़ी संख्या में फलस्तीनी क्षेत्र छोड़कर भाग रहे हैं। इजराइल ने गाजा शहर के दक्षिण में बुधवार से दो दिन के लिए एक और गलियारा खोल दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग क्षेत्र से बाहर निकल सकें।

‘नकली’ पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को जापान से वापस भेजा गया : एजेंसी

धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद एक ‘‘नकली’’ पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को जापान से वापस भेज दिया गया। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एफआईए ने बयान में कहा कि एक मानव तस्करी गिरोह फुटबॉल टीम की आड़ में 22 लोगों को जापान भेजने में शामिल था।

नकली खिलाड़ी फुटबॉल किट पहने हुए थे और दावा कर रहे थे कि वे पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ में पंजीकृत हैं। उन्होंने एक जापानी क्लब के साथ मैच निर्धारित होने का भी दावा किया।

बयान में कहा गया, ‘‘22 सदस्यीय नकली फुटबॉल टीम, जो 15 दिन का वीजा पाने में कामयाब रही, जून 2025 में जापान पहुंची। हालांकि, जापानी आव्रजन अधिकारियों ने इसे हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया और फिर मामले की सूचना एफआईए को दी गई।’’

एफआईए ने मामले की जांच शुरू की और मंगलवार को उसने इस घटना में संलिप्त मानव तस्करी गिरोह के एक प्रमुख संदिग्ध वकास अली को गिरफ्तार किया।

जांच ​​के दौरान, संदिग्ध ने खुलासा किया कि उसका गिरोह 2024 में पाकिस्तान फुटबॉल टीम के सदस्य बताकर 17 लोगों को जापान भेजने में कामयाब रहा था जो कभी वापस नहीं लौटे।

संदिग्ध ने खुलासा किया कि इस उद्देश्य के लिए पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (पीएफएफ) और विदेश मंत्रालय के जाली पत्रों और एनओसी का इस्तेमाल किया गया था।

एफआईए ने कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति (खिलाड़ी) ने अपने जापान वीजा की व्यवस्था के लिए 45 लाख पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया।’’ उसने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी जारी है।


नेपाल ने जेन जेड प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की याद में ‘राष्ट्रीय शोक दिवस’ मनाया

नेपाल में ‘जेन-जेड’ के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों की याद में ‘‘राष्ट्रीय शेाक दिवस’’ मनाया गया, जिसके कारण बुधवार को सभी सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘‘आठ और नौ सितंबर को जेन जेड पीढ़ी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों की याद में नेपाल सरकार ने बुधवार 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने का फैसला किया है।’’ ‘जेन जेड’ पीढ़ी से तात्पर्य 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए युवाओं से है।

विदेशों में सभी नेपाली दूतावास और मिशन बंद कर दिए गए और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया।

रविवार को प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने घोषणा की थी कि आठ और नौ सितंबर को जेन जेड विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को ‘‘शहीद’’ घोषित किया जाएगा।

आठ और नौ सितंबर को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित 72 लोग मारे गए थे, जिसके कारण के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी।

प्रदर्शनों के दौरान नेताओं के घरों, महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों में भी आग लगा दी गई।

आठ सितंबर को विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के लिए ओली इस्तीफे की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके कार्यालय में घुसने के तुरंत बाद ओली ने नौ सितंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

इस बीच, काठमांडू में सुरक्षा स्थिति में सुधार के साथ जनजीवन सामान्य हो गया है। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चहल-पहल और वाहनों की आवाजाही देखी गई।

विजयादशमी और दीपावली के त्योहारों के नजदीक आते ही लोग बाजार में खरीदारी के लिए उमड़ पड़ते हैं। पुनर्निर्माण और आगे बढ़ने के लिए नेपाल के कई मंत्रालयों ने जेन-जेड विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।

पुलिस ने काठमांडू में प्रदर्शन के दौरान जलाए गए वाहनों का विवरण भी एकत्र करना शुरू कर दिया है। आठ और नौ सितंबर को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 121 चार पहिया और 158 दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।

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