दुनिया की खबरें: पाकिस्तान में करतारपुर गलियारा बाढ़ में डूबा, 100 से ज़्यादा लोग फंसे और इस देश में डेंगू का कहर

गुरुद्वारा दरबार साहिब सहित पूरा करतारपुर कॉरिडोर परिसर बाढ़ के पानी में डूब गया है। उन्होंने कहा कि फंसे हुए अधिकारियों को नावों और एक हेलीकॉप्टर से बचाया जा रहा है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

रावी नदी में बाढ़ के कारण पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में गुरुद्वारा दरबार साहिब सहित करतारपुर कॉरिडोर जलमग्न हो दिया, जिससे 100 से ज़्यादा लोग फंस गए। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

करतारपुर कॉरिडोर परियोजना प्रबंधन इकाई के प्रमुख सैफुल्लाह खोखर ने बताया, ‘‘गुरुद्वारा दरबार साहिब सहित पूरा करतारपुर कॉरिडोर परिसर बाढ़ के पानी में डूब गया है।’’ उन्होंने कहा कि फंसे हुए अधिकारियों को नावों और एक हेलीकॉप्टर से बचाया जा रहा है।

नारोवाल के उपायुक्त हसन रज़ा के अनुसार, भारत द्वारा रावी नदी में पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ग्रस्त इलाकों से सैकड़ों निवासियों को निकाला गया है।

उन्होंने बताया कि शकरगढ़ तहसील के कोट नैन में रावी नदी का जल स्तर 1,55,000 क्यूसेक पर पहुंच गया है, जबकि इसकी क्षमता 1,50,000 क्यूसेक है। रविवार को, भारत ने "मानवीय आधार" पर राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी दी थी।

मई में दोनों पक्षों के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष के बाद यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहला ज्ञात आधिकारिक संपर्क था।

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुये आतंकवादी हमले के एक दिन बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल था। आमतौर पर, बाढ़ की चेतावनी सिंधु जल आयोग के माध्यम से साझा की जाती है।

अधिकारियों ने बताया कि हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। रज़ा ने कहा कि पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है, जिससे गांव और फसलें जलमग्न हो गईं तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मंगलवार तक पंजाब में लगभग दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

भारत ने गाजा में पत्रकारों की हत्या पर 'गहरा खेद' व्यक्त किया

गाजा के खान यूनिस में पत्रकारों के मारे जाने पर भारत ने "गहरा अफसोस" जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत हमेशा से संघर्ष में नागरिकों की जान जाने की निंदा करता रहा है। हम समझते हैं कि इज़रायली अधिकारियों ने पहले ही जांच शुरू कर दी है।

गाजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित नासेर अस्पताल पर हुए एक इजरायली हवाई हमले में, अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों से जुड़े पांच पत्रकारों सहित, कम से कम 20 लोग मारे गए।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "पत्रकारों की हत्या चौंकाने वाली और बेहद खेदजनक है। भारत ने हमेशा संघर्ष में नागरिकों की जान जाने की निंदा की है। हम समझते हैं कि इजरायली अधिकारियों ने पहले ही जांच शुरू कर दी है।"

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस घटना पर टिप्पणी की और इसे एक दुखद दुर्घटना बताया।

उन्होंने कहा, "इजरायल आज गाजा के नासिर अस्पताल में हुई दुखद दुर्घटना पर गहरा खेद व्यक्त करता है। इजरायल पत्रकारों, चिकित्सा कर्मचारियों और सभी नागरिकों के काम को महत्व देता है।" इजरायली प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सेना इस घटना की गहन जांच कर रही है।

उन्होंने आगे कहा, "हमारा युद्ध हमास आतंकवादियों के साथ है। हमारा उचित लक्ष्य हमास को हराना और अपने बंधकों को वापस लाना है।"

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें अभी तक हमले के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन उन्होंने कहा, मैं इससे खुश नहीं हूं। मैं इसे देखना नहीं चाहता।

ट्रंप ने आगे कहा कि साथ ही, हमें गाजा में उस पूरे दुःस्वप्न को समाप्त करना होगा, जहां हमास ने इजरायल में बंधक बनाए गए लोगों को बंदी बनाकर रखा है।

इजरायली सेना ने पुष्टि की है कि उसके सैनिकों ने नासेर अस्पताल क्षेत्र में हमला किया और आश्वासन दिया कि मामले की जांच चल रही है। सेना ने एक बयान में कहा, "आईडीएफ को गैर-संलिप्त व्यक्तियों को हुए किसी भी नुकसान के लिए खेद है और वह पत्रकारों को इस तरह निशाना नहीं बनाता है।"

इस महीने की शुरुआत में, अल जजीरा के संवाददाता अनस अल-शरीफ भी एक इजरायली हमले में मारे गए थे, और इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने यह सबूत भी पेश किया था कि वह हमास नेता थे।


पाकिस्तान में डेंगू का कहर, कई प्रांतों में बढ़ रहे मामले

पाकिस्तान के रावलपिंडी में डेंगू के छह नए मामले सामने आए, जिससे अब तक कुल मामलों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, फिलहाल 41 मरीज तीन सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। इनमें 13 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 28 मरीजों की डेंगू सिरोलॉजी रिपोर्ट अभी लंबित है।

संवेदनशील क्षेत्रों में कल्याल, घरी सिकंदर, धोके दलाल, शरियाल नॉर्थ, गिर्जा, दौलताला, धोके कश्मीरियां और रावलपिंडी कैंटोनमेंट की वार्ड संख्या 13, 17 और 8 शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन के अनुसार, डेंगू रोकथाम को लेकर सांसद ताहिरा औरंगजेब, दानियाल चौधरी और डिविजनल कमिश्नर की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 25 अगस्त तक खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में डेंगू के 595 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि, अब तक प्रांत में डेंगू से किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। चर्सद्दा जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 73 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए।

इस बीच, पंजाब प्रांत में भी डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लाहौर में अब तक 54 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि पूरे पंजाब में डेंगू मरीजों की कुल संख्या 220 तक पहुंच गई है।

डेंगू मच्छर जनित एक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से एडीस एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है और पाकिस्तान में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन चुकी है।

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