दुनिया की खबरें: 'खामेनेई का वजूद अब और नहीं रहेगा' और ट्रंप बोले- कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने जा रहा हूं

इजराइल के रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘खामेनेई जैसा तानाशाह, जो ईरान जैसे देश का मुखिया है और जिसने इजराइल के विनाश को अपना मिशन बना लिया है, अब उसका वजूद और नहीं रहेगा। ’’

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि ईरान के नवीनतम मिसाइल हमलों के बाद उसके सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का ‘वजूद अब और नहीं रहेगा’।

काट्ज का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान ने इजराइल के दक्षिण में स्थित मुख्य अस्पताल पर मिसाइलों से सीधा हमला किया जिसमें कम से कम 40 लोग घायल हो गए।

इजराइल के रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘खामेनेई जैसा तानाशाह, जो ईरान जैसे देश का मुखिया है और जिसने इजराइल के विनाश को अपना मिशन बना लिया है, अब उसका वजूद और नहीं रहेगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) को निर्देश दिए गए हैं और वे जानते हैं कि अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, इस आदमी को बिल्कुल भी अस्तित्व में नहीं रहना चाहिए।’’

अमेरिकी अधिकारियों ने इस सप्ताह कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खामेनेई की हत्या की इजराइली योजना पर वीटो कर दिया है।

ट्रंप ने बाद में कहा कि खामेनेई को मारने की “कम से कम अभी तो योजना नहीं है” ।

ईरान पर हमलों को लेकर ट्रंप ने कहा, कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने जा रहा हूं

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने ईरान पर अमेरिकी हमले का आदेश देने का फैसला किया है या नहीं। हालांकि, ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा हुआ तो अमेरिका को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

ईरान पर अमेरिकी हमले के संदर्भ में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मैं ऐसा कर सकता हूं, मैं ऐसा नहीं भी कर सकता हूं। मेरा मतलब है, कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने जा रहा हूं।’’

ट्रंप ने कहा कि ईरान के लिए अपने परमाणु कार्यक्रम को रोकने में अब भी ‘‘बहुत देर’’ नहीं हुई है।

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ट्रंप तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के उद्देश्य से इजराइल के सैन्य अभियानों में अमेरिका की प्रत्यक्ष भागीदारी पर विचार कर रहे हैं।

ट्रंप ने कहा, ‘‘अब भी बहुत देर नहीं हुई है। ईरान की परेशानी बढ़ रही है। अगले सप्ताह कुछ बहुत बड़ा होने वाला है।’’

ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के लिए उनके (ट्रंप) आह्वान पर ध्यान न देने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं उन्हें (ईरान को) शुभकामनाएं देता हूं।’’

इससे पहले दिन में, खामेनेई ने चेतावनी दी थी कि इस्लामिक गणराज्य को निशाना बनाकर किए गए किसी भी अमेरिकी हमले से ‘‘उसे अपूरणीय क्षति होगी’’ और उनका देश ट्रंप के आत्मसमर्पण के आह्वान के आगे नहीं झुकेगा।


भारत-पाकिस्तान के दो नेताओं ने सैन्य संघर्ष रोकने का ‘निर्णय’ लिया था : ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो ‘‘बहुत समझदार’’ नेताओं ने एक ऐसे युद्ध को रोकने का ‘‘निर्णय’’ लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था।

पिछले कुछ हफ्तों में यह पहली बार है जब ट्रंप ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष रोकने का श्रेय खुद नहीं लिया है।

ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की दोपहर के भोजन पर मेजबानी करने के बाद ओवल कार्यालय में मीडिया से बातचीत में ये टिप्पणियां कीं।

ट्रंप द्वारा बुधवार को की गई यह टिप्पणी उनके उन दावों से अलग नजर आती है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बार भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौते में मध्यस्थता करने का दावा किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह मुनीर से मुलाकात कर ‘‘सम्मानित’’ महसूस कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ईरान-इजराइल संघर्ष से उत्पन्न स्थिति पर पाकिस्तानी सेना के प्रमुख के साथ चर्चा की। ऐसी अटकलें हैं कि वाशिंगटन तेहरान पर हमला करने की स्थिति में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी जमकर प्रशंसा की तथा मंगलवार रात को भारतीय नेता के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत का भी जिक्र किया।

इस बीच, पाकिस्तान की सेना ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दीर्घकालिक रणनीतिक अभिसरण और साझा हितों के आधार पर पाकिस्तान के साथ 'पारस्परिक रूप से लाभकारी' व्यापार साझेदारी बनाने में गहरी रुचि व्यक्त की है।

इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ विदेश मंत्री सीनेटर मार्को रुबियो और पश्चिम एशिया मामलों के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ भी थे।

सेना ने एक बयान में बताया कि मुनीर के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक भी थे जो खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख भी है। बैठक पहले एक घंटे के लिए तय हुई थी लेकिन यह दो घंटे से अधिक समय तक चली।

इसमें कहा गया है कि दोनों के बीच चर्चा में व्यापार, आर्थिक विकास, खान और खनिज, कृत्रिम मेधा (एआई), ऊर्जा, क्रिप्टोकरेंसी और उभरती प्रौद्योगिकियों सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के अवसरों पर चर्चा हुई।

सेना ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने दीर्घकालिक रणनीतिक अभिसरण और साझा हितों के आधार पर पाकिस्तान के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार साझेदारी बनाने में गहरी रुचि व्यक्त की है।’’

उसने बताया कि सेना प्रमुख ने भी ‘‘हालिया क्षेत्रीय संकट में पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम को सुगम बनाने में राष्ट्रपति ट्रंप की रचनात्मक और निर्णायक भूमिका के लिए पाकिस्तान सरकार और वहां के लोगों की ओर से गहरा आभार भी व्यक्त किया।’’

मुनीर ने ट्रंप को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर पाकिस्तान आने का निमंत्रण भी दिया।

ट्रंप की ओर से मीडिया में की गई इन टिप्पणियों से यह स्पष्ट था कि पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के साथ-साथ ईरान-इजराइल गतिरोध से उत्पन्न स्थिति पर मुनीर के साथ उन्होंने बैठक में प्रमुखता से चर्चा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं उन्हें (मुनीर) यहां इसलिए बुलाना चाहता था कि मैं युद्ध न करने, संघर्ष खत्म करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। जैसा कि आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ समय पहले यहां से गए हैं और हम भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं इसलिए भी मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। हम पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।’’

ट्रंप ने कहा कि वह 'खुश' हैं कि 'दो बहुत ही समझदार' लोगों ने उस युद्ध को जारी न रखने का फैसला किया। वह एक परमाणु युद्ध हो सकता था।

उन्होंने कहा, ‘‘वे दो परमाणु शक्तियां हैं, बड़ी परमाणु शक्तियां, और उन्होंने (संघर्ष को समाप्त करने के लिए) ऐसा फैसला किया।’’

मुनीर की मेजबानी करने से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने का श्रेय लिया, लेकिन बैठक के बाद मीडिया को दिए अपने संबोधन में उन्होंने इसे नहीं दोहराया।

यह पूछने पर कि क्या मुनीर के साथ हुई बैठक में ईरान पर चर्चा की गयी, ट्रंप ने कहा, ‘‘खैर, वे ईरान को बहुत अच्छी तरह, ज्यादातर लोगों से बेहतर जानते हैं और वे किसी भी चीज से खुश नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि इजराइल के साथ उनके खराब रिश्ते हैं। वे असल में दोनों को जानते हैं लेकिन शायद वे ईरान को बेहतर जानते हैं लेकिन वे देख रहे हैं कि क्या चल रहा है और उन्होंने मुझसे सहमति जतायी है।’’

गौरतलब है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करने का कार्यक्रम था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण समय से पहले वाशिंगटन लौटना पड़ा, जिसके कारण उनकी मोदी से मुलाकात नहीं हो पायी। हालांकि, दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की।

ट्रंप ने कहा, ‘‘वे दोनों (मोदी और मुनीर) यहां थे लेकिन कुछ सप्ताह पहले मैं मोदी के साथ था। मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत समझदार नेताओं ने युद्ध आगे न बढ़ाने का फैसला किया। यह परमाणु युद्ध में बदल सकता था। वे दो परमाणु संपन्न देश, बहुत बड़ी परमाणु शक्तियां हैं और उन्होंने यह फैसला लिया।’’

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकवादी बुनियादी ढांचा नष्ट किया था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इसके बाद यह पहली बार है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रोकने का श्रेय नहीं लिया है।

भारत और पाकिस्तान के 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने का फैसला लेने के बाद से ट्रंप कई मौकों पर यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव ‘‘रोकने में मदद की’’ और उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई देशों से कहा था कि अगर वे संघर्ष रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘‘बहुत व्यापार’’ करेगा।

मुनीर के साथ दोपहर का भोजन करने से एक दिन पहले ट्रंप को कनाडा के कनैनिस्किस में जी-7 नेताओं के शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करनी थी लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को जल्द ही सम्मेलन से विदा लेनी पड़ी। मोदी ने कनैनिस्किस से रवाना होने से पहले ट्रंप से 35 मिनट तक फोन पर बातचीत की थी।

ईरानी मिसाइल ने दक्षिणी इजराइल के मुख्य अस्पताल को निशाना बनाया, ताजा हमलों में दर्जनों लोग घायल

ईरान की एक मिसाइल बृहस्पतिवार तड़के दक्षिणी इजराइल के मुख्य अस्पताल पर गिरी जिससे ‘‘व्यापक पैमाने पर क्षति’’ हुई लेकिन कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ। अस्पताल ने यह जानकारी दी।

अन्य मिसाइलें तेल अवीव के निकट एक ऊंची इमारत तथा कई अन्य आवासीय भवनों पर गिरीं।

ईरानी मिसाइल हमलों के बाद इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता का अस्तित्व नहीं बचेगा।

इजराइल की ‘मैगन डेविड एडोम’ बचाव सेवा के अनुसार, इन हमलों में कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं।

दक्षिणी शहर बीरशेबा में स्थित ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ से काला धुआं उठता देखा गया और आपातकालीन दलों ने मरीजों को बाहर निकाला। इजराइली मीडिया ने मिसाइल हमले के कारण क्षतिग्रस्त हुईं खिड़कियों और इलाके से उठते घने काले धुएं के फुटेज प्रसारित किए।

इस बीच इजराइल ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हमला किया। ईरान के विशाल परमाणु कार्यक्रम पर यह हमला संघर्ष के सातवें दिन किया गया। इजराइल ने सात दिन पहले ईरान के सैन्य स्थलों, वरिष्ठ अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर अचानक हमले किए जिससे यह संघर्ष शुरू हो गया।

वाशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह ने बताया कि ईरान में 263 आम नागरिकों सहित कम से कम 639 लोग मारे गए हैं और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

जवाबी कार्रवाई में ईरान ने करीब 400 मिसाइल और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं, जिससे इजराइल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि वह अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ बैठक के लिए शुक्रवार को जिनेवा जाएंगे, जिससे संकेत मिलता है कि कोई नयी कूटनीतिक पहल आकार ले सकती है।

ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए ने बताया कि बैठक में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक शामिल होंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह संघर्ष विराम से कहीं अधिक चाहते हैं और उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया है कि अमेरिका हमलों में इजराइल के साथ शामिल हो सकता है। ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने अपनी संलिप्तता बढाई तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे

ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन दागे लेकिन अधिकतर को इजराइल की बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने मार गिराया।

ईरान मिसाइल ने ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ को निशाना बनाया जो इजराइल के दक्षिण में स्थित मुख्य अस्पताल है।

अस्पताल की वेबसाइट के अनुसार, इस अस्पताल में 1,000 से अधिक बिस्तर हैं और यह इजराइल के दक्षिण के लगभग 10 लाख निवासियों को सेवाएं प्रदान करता है।

अस्पताल के दो चिकित्सकों ने नाम न बताने की शर्त पर ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि हवाई हमले के सायरन बजने के तुरंत बाद मिसाइल हमला हुआ जिससे जोरदार धमाका हुआ।

अस्पताल ने बताया कि इमारत की वह पुरानी इमारत सबसे बुरी तरह प्रभावित हुई है जहां ऑपरेशन किए जाते थे। इस इमारत को हाल के दिनों में खाली कराया गया था।

बयान में कहा गया है कि अस्पताल को नए रोगियों के लिए बंद कर दिया गया है और केवल उन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जो किसी जानलेवा समस्या से जूझ रहे हैं। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमले में कितने लोग घायल हुए हैं।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अस्पताल पर हमले की निंदा की और जवाब देने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘हम तेहरान में बैठे अत्याचारियों से इसकी पूरी कीमत वसूलेंगे।’’

इजराइल के कई अस्पतालों ने पिछले सप्ताह आपातकालीन योजनाएं सक्रिय कर दी थीं और अस्पतालों की भूमिगत पार्किंग में मरीजों को स्थानांतरित कर दिया था।

इजराइल की सेना ने बताया कि उसके लड़ाकू विमानों ने अराक रिएक्टर को निशाना बनाया, ताकि प्लूटोनियम उत्पादन के लिए इसका इस्तेमाल रोका जा सके।

ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने बताया कि हमले के बाद ‘‘किसी भी तरह के विकिरण का खतरा नहीं’’ है और हमले से पहले ही केंद्र को खाली करा लिया गया था तथा रिएक्टर के आस-पास स्थित असैन्य इलाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ है।

इजराइल ने बृहस्पतिवार की सुबह पहले ही चेतावनी दी थी कि वह रिएक्टर पर हमला करेगा और उसने लोगों से क्षेत्र छोड़कर जाने को कहा था।

अराक रिएक्टर तेहरान से 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है।

परमाणु रिएक्टर को ठंडा करने के लिए भारी जल रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह प्लूटोनियम भी बनाता है जिसका संभावित रूप से परमाणु हथियारों में उपयोग किया जा सकता है।

ईरान पर इजराइल के हवाई हमले सातवें दिन भी जारी रहे। इससे एक दिन पहले ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका के आत्मसमर्पण के आह्वान को खारिज कर दिया था और चेतावनी दी थी कि अमेरिकियों की किसी भी सैन्य भागीदारी से उन्हें ‘‘अपूरणीय क्षति’’ होगी।

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