दुनिया की खबरें: बम की धमकी के बाद वापस लौटे लुफ्थांसा विमान और इजराइली सेना ने दी चेतावनी

उड़ान एलएच752 रविवार को जर्मनी से स्थानीय समयानुसार दोपहर 2.14 बजे रवाना हुई थी और इसे देर रात हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरना था, हालांकि लुफ्थांसा ने कहा कि बम की धमकी के कारण इसे वापस जाना पड़ा

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हैदराबाद आ रहे जिस लुफ्थांसा विमान को बम की धमकी मिलने के बाद फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर लौटना पड़ा था, उसने फिर से उड़ान भरी है और सोमवार रात इसके तेलंगाना की राजधानी में उतरने का कार्यक्रम है। विमानन कंपनी लुफ्थांसा ने यह जानकारी दी।

लुफ्थांसा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘विमान ने उड़ान भरी और इसके रात 11:18 बजे उतरने की उम्मीद है।’’

उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट ‘फ्लाइटवेयरडॉटकाम’ के आंकड़ों से पता चलता है कि रविवार को वापस लौटी उड़ान हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आ रही थी।

उड़ान एलएच752 रविवार को जर्मनी से स्थानीय समयानुसार दोपहर 2.14 बजे रवाना हुई थी और इसे देर रात हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरना था, हालांकि लुफ्थांसा ने कहा कि बम की धमकी के कारण इसे वापस जाना पड़ा तथा यात्रियों के लिए रात भर ठहरने की व्यवस्था की गई।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर बम की धमकी के बारे में अधिकारियों को पता चलने के बाद अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जा रही लुफ्थांसा उड़ान एलएच752 को अपने प्रस्थान स्थल पर वापस बुलाना पड़ा।’’

इसमें कहा गया, ‘‘लुफ्थांसा के यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रभावित यात्रियों को फ्रैंकफर्ट में ठहराया गया है और आज वे हैदराबाद के लिए रवाना होंगे।’’

हैदराबाद में हवाई अड्डे के सूत्रों ने सोमवार को कहा, ‘‘लुफ्थांसा की उड़ान संख्या एलएच 752 में बम होने की धमकी भरा ईमेल 15 जून 2025 को शाम 6.01 बजे हैदराबाद हवाई अड्डे को प्राप्त हुआ।’’

उन्होंने कहा कि एक समिति का गठन किया गया और मानक संचालन प्रक्रिया अपनाई गई। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर एयरलाइन को मूल विमानपत्तन या नजदीकी हवाई अड्डे पर लौटने की सलाह दी गई।

इससे पहले, रविवार को चेन्नई जाने वाला ब्रिटिश एयरवेज का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान तकनीकी खराबी के कारण बीच रास्ते से ही लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डा लौट गया।

ब्रिटिश एयरवेज ने कहा, ‘‘तकनीकी समस्या की रिपोर्ट के बाद विमान को एहतियाती मानकों के अनुसार हीथ्रो वापस बुलाया गया।’’

बयान में कहा गया, ‘‘विमान सुरक्षित रूप से उतर गया और चालक दल एवं यात्री सामान्य रूप से उतर गए तथा हमारी टीम ने उनकी यात्रा यथाशीघ्र कराने के लिए कड़ी मेहनत की।’’

एयरलाइन सूत्रों ने बताया कि यह एक आपातकालीन लैंडिंग थी तथा यदि किसी तकनीकी समस्या की रिपोर्ट है तो विमान का अपने मूल स्थान पर वापस लौटना ‘‘असामान्य नहीं’’ है।

‘फ्लाइटअवेयरडॉटकाम’ के आंकड़ों से पता चलता है कि यह पुनर्निर्धारित उड़ान स्थानीय समयानुसार, सोमवार दोपहर को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डा से रवाना हुई और मंगलवार तड़के चेन्नई में उतरेगी।।

रविवार को, हैदराबाद आ रहे विमान के एक यात्री ने फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे से 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उनसे कहा गया है कि ‘‘हैदराबाद ने विमान को वहां उतरने की अनुमति नहीं दी है।’’

अपनी मां से मिलने अमेरिका से हैदराबाद आ रही यात्री ने कहा, ‘‘यह उड़ान सामान्य थी और करीब दो घंटे की उड़ान के बाद हमें बताया गया कि हम फ्रैंकफर्ट लौट रहे हैं।’’

उन्होंने सोमवार सुबह पुष्टि की कि यात्री पुनर्निर्धारित उड़ान के लिए ‘चेक-इन’ करने जा रहे हैं।

फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि एलएच752 विमान जर्मनी लौट गया है और राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को संदेश मिला कि विमान जर्मन हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही फ्रैंकफर्ट लौटा।

तेहरान के कुछ हिस्सों में निवासी हमलों से पहले जगह छोड़ दें: इजराइली सेना की चेतावनी

इजराइल की सेना ने ईरान की राजधानी के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोगों को इजराइली हमलों से पहले वहां से निकल जाने की चेतावनी दी है।

ईरान ने सोमवार तड़के इजराइल पर मिसाइलों से हमला किया, जिसमें कम से कम पांच लोग मारे गए, जबकि इजराइल ने दावा किया कि उसने तेहरान पर हवाई श्रेष्ठता हासिल कर ली है और वह बिना किसी बड़े खतरे का सामना किए ईरानी राजधानी के ऊपर से उड़ान भर सकता है।

संघर्ष के चौथे दिन, इजराइली सेना ने कहा कि उसने मध्य ईरान में 120 से अधिक सतह से सतह पर मार करने वाले मिसाइल लांचरों को नष्ट कर दिया है, जो ईरान के कुल मिसाइल लांचर का एक तिहाई है।

इसने यह भी कहा कि लड़ाकू विमानों ने तेहरान में ईरान के कुद्स फोर्स से संबंधित 10 कमांड केंद्रों पर हमला किया था। कुद्स फोर्स, ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड की एक विशिष्ट शाखा है, जो ईरान के बाहर सैन्य और खुफिया अभियान चलाती है।


इजराइल ने पेरिस एयर शो में अपने मंडपों के चारों ओर काले रंग की दीवारें खड़ी किये जाने की निंदा की

इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने ‘पेरिस एयर शो’ में अपने रक्षा उद्योग मंडपों के चारों ओर काले रंग की दीवारें खड़ी किये जाने की निंदा करते हुए इस कदम को ‘‘अपमानजनक और अभूतपूर्व’’ बताया तथा फ्रांसीसी अधिकारियों एवं कार्यक्रम के आयोजकों से तत्काल इसे हटाने की मांग की।

सोमवार को एयर शो के उद्घाटन से ठीक पहले, रात में दीवारें खड़ी की जा चुकी थीं, जिससे इजराइली मंडप अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शकों से अलग-थलग पड़ गए।

इजराइली अधिकारियों का कहना है कि यह कदम आयोजकों की ओर से आखिरी समय में की गई मांग के बाद उठाया गया। आयोजकों ने हथियार प्रणालियों को प्रदर्शन से हटाने की मांग की थी, जिसे इजराइली प्रदर्शकों ने अस्वीकार कर दिया था।

मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘फ्रांसीसी सरकार कथित राजनीतिक विचारों की आड़ में इजराइल के हथियारों को, जो फ्रांसीसी उद्योगों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं, एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी से बाहर कर रही है।’’

मंत्रालय ने इस कार्रवाई को ‘‘अनुचित’’ बताया।

शुक्रवार को फ़्रांस की एक अपीलीय अदालत ने मानवाधिकार कार्यकर्ता समूहों के खिलाफ फैसला सुनाया, जिन्होंने गाजा में युद्ध के कारण इजराइली कंपनियों को प्रदर्शनी में भाग लेने से रोकने की मांग की थी।

एयर शो आयोजकों के साथ काम करने वाले वकील सिल्वेन पैविलेट ने कहा कि किसे अनुमति दी जाए, इस पर अंतिम निर्णय फ़्रांसीसी सरकार को करना है, न कि कार्यक्रम के आयोजकों को।

उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, ‘‘निर्णय सरकार को लेना है। हम कोई सरकार नहीं हैं। हम एक वाणिज्यिक कंपनी हैं।’’

पेरिस एयर शो का आयोजन ली बॉर्गेट हवाई अड्डे पर किया गया है। यह एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के लिए दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक है।

गाजा में इजराइल का युद्ध फलस्तीनियों को ‘असहनीय पीड़ा’ दे रहा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि गाजा में इजराइल का युद्ध फलस्तीनियों को ‘‘भयावह और असहनीय पीड़ा’’ दे रहा है तथा उन्होंने इसे समाप्त करने के लिए विश्व के नेताओं से इजराइल सरकार और चरमपंथी समूह हमास पर दबाव डालने की अपील की।

वोल्कर टर्क ने सोमवार को मानवाधिकार परिषद के मौजूदा सत्र के उद्घाटन के अवसर पर यह टिप्पणी की।

उन्होंने अपने व्यापक संबोधन में, ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते संघर्ष, अमेरिकी शुल्क (टैरिफ) के प्रभाव और चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड के साथ-साथ सूडान और यूक्रेन जैसे देशों में युद्ध एवं संघर्ष के बारे में भी चिंता जताई।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने गाजा में रक्तपात के बारे में नियमित रूप से बात की है और सशस्त्र फलस्तीनी चरमपंथियों द्वारा पकड़े गए इजराइली बंधकों की रिहाई का आह्वान किया है।

उन्होंने पश्चिम एशिया में हिंसा पर 47 सदस्यीय मानवाधिकार संगठन से कहा, ‘‘इजराइल के युद्ध के साधन और तरीके गाजा में फलस्तीनियों को भयानक, अमानवीय पीड़ा दे रहे हैं।’’

मानवाधिकार संगठन पर इजराइली अधिकारियों ने इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह रखने का नियमित रूप से आरोप लगाया है।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इजराइल के शीर्ष सहयोगी अमेरिका को परिषद की कार्यवाही से बाहर रखा है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के सैन्य अभियान में 55,300 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।

टर्क ने कहा, ‘‘तथ्य खुद ही बोलते हैं। गाजा में जो हो रहा है, उससे अवगत होने की जरूरत है। सभी प्रभावशाली लोगों को इस असहनीय पीड़ा को समाप्त करने के लिए इजराइल और हमास पर अधिकतम दबाव डालना चाहिए।’’

मानवाधिकार प्रमुख ने यूक्रेन में हताहत नागरिकों की संख्या में वृद्धि को रेखांकित किया। उन्होंने सूडान में निष्पक्ष सुनवाई के बिना फांसी और ‘‘बच्चों के व्यापक यौन शोषण’’ की भी निंदा की।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना, टर्क ने अप्रैल में लगाए गए अमेरिकी टैरिफ की तुलना ‘‘एक उच्च दांव वाले पोकर गेम से की, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था बैंक के रूप में है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन व्यापार युद्ध की लहरें कम विकसित देशों को सुनामी की ताकत से प्रभावित करेंगी।’’ उन्होंने एशिया में निर्यातकों पर संभावित ‘‘विनाशकारी’’ प्रभाव और भोजन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की उच्च लागत की संभावना को लेकर आगाह किया।

टर्क ने गैर-नागरिकों के अमेरिका से निर्वासित किये जाने को लेकर चिंता व्यक्त की।

परिषद का सत्र, जिसे संयुक्त राष्ट्र में वित्त पोषण के मुद्दों के कारण कुछ संक्षिप्त कर दिया गया है, 9 जुलाई तक चलने वाला है।

जिनेवा स्थित परिषद संयुक्त राष्ट्र का शीर्ष मानवाधिकार संगठन है।

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