दुनिया की खबरें: नेपाल में भूकंप के 2 बार लगे झटके और अफगानिस्तान में भूकंप से 1400 से अधिक लोगों की मौत
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, गोरखा जिले में सुबह 6.15 बजे चार तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र काठमांडू से 150 किलोमीटर पश्चिम में गोरखा के हंसपुर में स्थित था।
नेपाल में कम तीव्रता वाले भूकंप के दो बार झटके महसूस किए गए आए, लेकिन इसमें किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, गोरखा जिले में सुबह 6.15 बजे चार तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र काठमांडू से 150 किलोमीटर पश्चिम में गोरखा के हंसपुर में स्थित था।
नेपाल में अपराह्न 3.15 बजे एक और भूकंप आया जिसकी तीव्रता 4.1 मापी गई, जिसका केंद्र दोलखा जिले के लापिलांग में स्थित था। दोलखा काठमांडू से 180 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।
अफगानिस्तान: भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1400 से अधिक
अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1400 से ज्यादा हो गई है। 3,000 लोग घायल हुए हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि पूर्वी अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,400 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जीवित बचे लोगों की तलाश में इलाके में बचाव दल का तलाश अभियान जारी है।
रविवार देर रात को पर्वतीय क्षेत्र में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप से गांव तबाह हो गए और लोग घंटों मलबे में फंसे रहे। इससे पहले, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता यूसुफ हम्माद ने बताया, ‘‘घायलों को निकाला जा रहा है, इसलिए ये आंकड़े बदल सकते हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘भूकंप के कारण कुछ इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं, लेकिन उन्हें फिर से खोल दिया गया है और बाकी सड़कों को भी खोल दिया जाएगा ताकि उन इलाकों तक पहुंच आसान हो सके जहां पहुंचना मुश्किल था।’’
गाजा में इजराइल के हमलों में कम से कम 31 लोगों की मौत
इजराइल ने सोमवार को गाजा पट्टी में हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 31 लोगों की मौत हो गयी। इनमें से आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे थे। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इजराइल का कहना है कि उसके निशाने पर केवल आतंकवादी हैं और वह नागरिकों की मौत के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराता है क्योंकि वह घनी आबादी वाले इलाकों में छिपकर काम करता है। वहीं, विशेषज्ञों एक संगठन ने आरोप लगाया कि इजराइल गाजा में नरसंहार कर रहा है।
गाजा सिटी और जबालिया शरणार्थी शिविर में धमाकों की आवाज सुनायी दी। निवासियों ने बताया कि विस्फोटक से लैस रोबोट्स ने कई इमारतें ध्वस्त कीं
गाजा में अस्पतालों ने बताया कि सोमवार को इजराइली हमले में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गयी और उनमें से आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा सिटी में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अब तक 63,557 फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है और 1.6 लाख से अधिक घायल हुए हैं।
इस बीच, नरसंहार पर अध्ययन कर रहे विशेषज्ञों के एक पेशेवर संगठन ने कहा कि इजराइल गाजा में नरसंहार कर रहा है। वहीं, इजराइल ने इस आरोप को ‘‘हमास की झूठी मुहिम’’ बताते हुए खारिज कर दिया।
बांग्लादेश: फैक्ट्री बंद किए जाने पर हंगामा, सुरक्षाबलों से भिड़े श्रमिक, एक की मौत
उत्तरी बांग्लादेश में फैक्ट्री बंदी और छंटनी के विरोध में मंगलवार को श्रमिकों और कानून प्रवर्तन कर्मियों के बीच झड़प में एक श्रमिक की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए।
प्रमुख बांग्लादेशी दैनिक, 'प्रोथोम आलो' की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान 20 वर्षीय हबीबुर रहमान के रूप में हुई है, जो एकू इंटरनेशनल नामक एक बुनाई कारखाने में काम करता था।
मृतक के बड़े भाई, आशिकुर रहमान ने कहा, "हबीबुर अपनी फैक्ट्री में रात की ड्यूटी पर था। आज सुबह काम खत्म करने के बाद, ईपीजेड से निकलते समय उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।"
'प्रोथोम आलो' से बात करते हुए, निलफामारी सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) एमआर सईद ने कहा, "हम अभी भी सड़क पर हैं। हमें लोगों से खबर मिल रही है कि एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मैं निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि कोई मरा है या नहीं।" रिपोर्टों से पता चला कि घायल मजदूरों को निलफामारी जनरल अस्पताल ले जाया गया है।
अस्पताल के आपातकालीन विभाग के डॉक्टर फरहान तनवीरुल इस्लाम के अनुसार, हबीबुर को मंगलवार सुबह मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था और छह अन्य घायलों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रिपोर्टों से पता चलता है कि हाल ही में एवरग्रीन फैक्ट्री से 51 कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई थी, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया।
तनाव बढ़ने पर, प्रबंधन ने मंगलवार से अनिश्चित काल के लिए फैक्ट्री बंद करने की घोषणा करते हुए एक नोटिस जारी कर दिया, लेकिन कर्मचारियों के वेतन और भत्ते का भुगतान नहीं किया।
मंगलवार सुबह, जब कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे, तो उन्हें गेट पर नोटिस मिला और उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया गया। इसके तुरंत बाद, वे विरोध में ईपीजेड के सामने सड़क पर इकट्ठा हो गए, जिससे निलफामारी-सैदपुर राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया।
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