दुनिया की खबरें: हसीना और उनके बेटे के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी और सिंगापुर में वैश्विक अनिश्चितता पर सतर्क

कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ढाका मेट्रोपॉलिटन वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश की अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के आरोपपत्रों को ध्यान में रखते हुए पूर्वाचल न्यू टाउन में भूखंड आवंटन में अनियमितताओं के दो मामलों में वारंट जारी किए हैं।’’

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार को राजधानी के बाहरी इलाके में आवासीय भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित दो मामलों में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनके बेटे सजीब वाजेद और 16 अन्य के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ढाका मेट्रोपॉलिटन वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश की अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के आरोपपत्रों को ध्यान में रखते हुए पूर्वाचल न्यू टाउन में भूखंड आवंटन में अनियमितताओं के दो मामलों में वारंट जारी किए हैं।’’ अभियोजन पक्ष के वकील के अनुसार, अधिकतर आरोपी सरकारी अधिकारी थे।

अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि यदि स्व-निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है तो 29 अप्रैल को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश जाकिर हुसैन ने ढाका और देश के अन्य भागों में एक दर्जन से अधिक थानों के प्रभारी अधिकारियों को संबंधित तिथि तक अपने आदेश के क्रियान्वयन पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

इसी अदालत ने इससे पहले हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल, उनकी बहन शेख रेहाना, ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक, रेहाना के बेटे रादवान मुजीब सिद्दीक और 48 अन्य के खिलाफ राजनीतिक सत्ता का दुरुपयोग कर कथित अवैध भूमि आवंटन के सिलसिले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

पिछले साल पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विद्रोह में हसीना की 16 साल पुरानी अवामी लीग सरकार अपदस्थ हो गई थी। तब से 77 वर्षीय हसीना भारत में रह रही हैं।

सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ने वैश्विक अनिश्चितता को लेकर चेताया

सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने कहा है कि देश ने अतीत में कई संकटों का सामना किया है, लेकिन अमेरिका द्वारा थोपे गए नए शुल्क के कारण उत्पन्न मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता अभूतपूर्व है और यह लंबे समय तक बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि अब सहयोगात्मक और स्थिर वैश्विक वातावरण का दौर नहीं है।

ली ने ‘नेशनल ट्रेड्स यूनियन कांग्रेस’ (एनटीयूसी) के संवाद कार्यक्रम में कहा "कुछ लोग कहते हैं कि चिंता मत करो, हमने पहले भी संकट का सामना किया है। लेकिन इस बार मामला अलग है और हमें इसे गंभीरता से समझना होगा।"

‘स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने ली के हवाले से कहा, "हमें इसे अपने हिसाब से लेना चाहिए। लेकिन हमें चिंतित होने और यह समझने की ज़रूरत है कि क्या हो रहा है और इसका हमारे लिए क्या मतलब है, क्योंकि इस बार, कुछ महत्वपूर्ण है और अलग है।"

ली ने कहा "मुझे उम्मीद है कि सिंगापुर के लोग समझेंगे कि क्या हो रहा है, क्या दांव पर लगा है और हमें अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मिलकर क्या करना चाहिए।"

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंगापुर ने एशियाई वित्तीय संकट, सार्स (सांस की बीमारी) और कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया, लेकिन तब दुनिया में मुक्त व्यापार और निष्पक्ष वैश्विक व्यवस्था जैसे कारक देश के पक्ष में थे।

ली ने कहा कि अमेरिका अब ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (सर्वाधिक तरजीही देश... एमएफएन) की नीति को छोड़कर 'परस्पर शुल्क' प्रणाली की ओर बढ़ रहा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नौ अप्रैल को चीन को छोड़कर अन्य देशों के लिए शुल्क में 90 दिनों की राहत दी, लेकिन चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 125 प्रतिशत तक शुल्क बढ़ा दिया।

पूर्व प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति से छोटे देशों को नुकसान होगा और बड़े देशों को भी व्यापार और निवेश में अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।

ली ने कहा, "अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क व्यापार को बाधित करेंगे, लागत बढ़ाएंगे और विकास को धीमा करेंगे।"

इस बीच, सिंगापुर के वाणिज्य मंत्रालय ने वर्ष 2025 के लिए विकास दर के अनुमान को घटाकर शून्य से दो प्रतिशत कर दिया है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने आठ अप्रैल को निजी क्षेत्र से संवाद और रणनीति तैयार करने के लिए एक कार्यबल गठित करने की घोषणा की।


सूडान के दारफुर में हुए हमलों में दो दिनों में मरने वालों की संख्या 300 से अधिक : संयुक्त राष्ट्र

सूडान के संघर्षग्रस्त दारफुर क्षेत्र में दो दिनों तक चली भीषण लड़ाई में 300 से अधिक नागरिक मारे गए। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अफ्रीकी देश में करीब दो साल से गृह युद्ध छिड़ा है।

संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार और शनिवार को कुख्यात अर्धसैनिक समूह ने उत्तर दारफुर में दो राहत शिविरों पर हमला कर दिया, जिसमें प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। इनमें 20 बच्चे और नौ सहायताकर्मी शामिल हैं।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी (ओसीएचए) ने स्थानीय स्रोतों का हवाला देते हुए सोमवार को बताया कि मृतकों की संख्या कहीं ज्यादा है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने कहा कि ओसीएचए को हालिया हिंसा के बाद भारी संख्या में मौतों और बड़े पैमाने पर विस्थापन की खबरें मिली हैं। ये घटनाएं जमजम और अबू शोरूक राहत शिविरों के आसपास और उत्तर दारफुर की राजधानी एल-फाशर में हुईं।

दुजारिक ने बताया, “स्थानीय स्त्रोतों से मिले प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, 300 से अधिक नागरिक मारे गए हैं, जिनमें 10 मानवीय सहायता कर्मी भी शामिल हैं।"

नाइजीरिया में बंदूकधारियों के हमले में कम से कम 40 लोग मारे गए: राष्ट्रपति

नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने सोमवार को कहा कि देश के उत्तर-मध्य भाग में एक ईसाई कृषक समुदाय पर मुस्लिम बंदूकधारियों द्वारा किए गए हमले में कम से कम 40 लोग मारे गए।

माना जा रहा है कि चरवाहों ने इस घटना को अंजाम दिया।

राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने रविवार देर रात जिके समुदाय पर हुए हमले की जांच के आदेश दिए हैं।

टीनुबू ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, ‘‘मैंने सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले की गहन जांच करने और इस हिंसक कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने का निर्देश दिया है।’’

मानवाधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ के अनुसार, बंदूकधारियों ने अचानक हमला किया जिससे लोग बचकर नहीं भाग पाए। मृतकों में बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं।

अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश के इस हिस्से में इस तरह के हमले आम हो गए हैं। हमलों में शामिल बंदूकधारी आमतौर पर फुलानी नामक मुस्लिम जनजाति के चरवाहे होते हैं। वे सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद खामियों का फायदा उठाकर किसानों पर घातक हमले करते हैं।

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