दुनिया की खबरें: अब जापान में आए भूकंप के तेज झटके और यदि अमेरिका किया ब्लैकमेलिंग तो चीन करेगा जवाबी कार्रवाई

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक बुधवार को जापान के क्यूशू में रिक्टर पैमाने पर 6.0 तीव्रता का भूकंप था। इस भूकंप के बाद लोग घबराकर घरों और इमारतों से डर के मारे बाहर निकले।

फाइल फोटो
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नवजीवन डेस्क

जापान के क्यूशू द्वीप में भूकंप के तेज झटके आए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक बुधवार को जापान के क्यूशू में रिक्टर पैमाने पर 6.0 तीव्रता का भूकंप था। इस भूकंप के बाद लोग घबराकर घरों और इमारतों से डर के मारे बाहर निकले। फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है।

बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र क्यूशू के दक्षिणी इलाके में था. कई सेकंड तक वहां के लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। हालांकि जापान के मौसम विभाग के अनुसार भूकंप के बाद सुनामी को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। जापान भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है, जिसे पैसिफिक रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।

म्यांमा की राजधानी में भूकंप के बाद मलबे में फंसे व्यक्ति को जीवित बाहर निकाला गया

म्यांमा में भूकंप के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटे बचाव दल ने बुधवार सुबह राजधानी नेपीता के उस होटल के मलबे से 26 वर्षीय एक व्यक्ति को जीवित बाहर निकाला, जहां वह काम करता था।

हालांकि, देश में आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ने की ही आशंका है क्योंकि भूकंप के पांच दिन बाद भी अधिकतर बचाव दल को केवल शव ही मिल रहे हैं।

मलबे में नाइंग लिन टुन के स्थान को सटीक रूप से निर्धारित करने और उसके जीवित होने की पुष्टि करने के लिए एक ‘एंडिस्कोपिक कैमरे’ का उपयोग किया गया था। व्यक्ति को सावधानीपूर्वक फर्श में छेद करके बाहर निकाला गया। व्यक्ति भूकंप के बाद लगभग 108 घंटे उस होटल में फंसा रहा जहां वह काम करता था।

स्थानीय अग्निशमन विभाग द्वारा जारी किए गए वीडियो में नैंग लिन टुन कमजोर लेकिन होश में नजर आ रहा था। सरकारी ‘एमआरटीवी’ ने बताया कि नेपीता शहर में बचाव कार्य तुर्किये और स्थानीय टीम द्वारा किया गया और इसमें नौ घंटे से अधिक का समय लगा।

म्यांमा में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके कारण हजारों इमारतें ढह गईं, पुल ध्वस्त हो गए और सड़कें उखड़ गईं। अब तक 2,719 लोगों की मौत हो चुकी है और 4,521 लोग घायल हुए हैं, लेकिन स्थानीय खबरों में यह आंकड़ा कहीं अधिक बताया जा रहा है।


यदि अमेरिका ब्लैकमेलिंग में संलग्न रहेगा, तो चीन दृढ़तापूर्वक जवाबी हमला करेगा : वांग यी

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय पोलित ब्यूरो के सदस्य, विदेश मंत्री वांग यी ने रूस के निमंत्रण पर रूस की आधिकारिक यात्रा के दौरान रूस टुडे इंटरनेशनल मीडिया ग्रुप के साथ एक विशेष साक्षात्कार किया।

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से संबंधित सवालों पर वांग यी ने कहा कि विकास की प्रक्रिया में प्रत्येक देश को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और प्रत्येक देश की अपनी उचित चिंताएं होंगी, लेकिन अंततः समस्या को हल करने की कुंजी हमारे अपने हाथों में है, किसी और की जेब में नहीं। अपने भीतर कारणों को तलाशने के बजाय, अमेरिका अपनी जिम्मेदारियों से बचता रहता है, मनमाने ढंग से टैरिफ लगाता है और यहां तक कि अत्यधिक दबाव भी डालता है। यह कार्यवाही न केवल मौजूदा समस्याओं को हल करने में विफल रहेगी, बल्कि वैश्विक बाजार को भी गंभीर रूप से बाधित करेगी, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार व्यवस्था को कमजोर करेगी तथा स्वयं की अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुंचाएगी।

"अमेरिका फर्स्ट" का मतलब अमेरिकी धौंस नहीं होना चाहिए, न ही किसी के अपने हितों का निर्माण अन्य देशों के वैध अधिकारों और हितों को कमजोर करने के आधार पर किया जाना चाहिए। चीन ने कभी भी आधिपत्य स्वीकार नहीं किया है। यदि अमेरिका दबाव डालना जारी रखता है या विभिन्न प्रकार के ब्लैकमेल में संलग्न रहता है, तो चीन दृढ़तापूर्वक जवाबी हमला करेगा।

वांग यी ने यह भी कहा कि आपसी सम्मान देशों के बीच संबंधों में बुनियादी मानदंड है और चीन-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है। इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर हुई बातचीत में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा था कि चीन और अमेरिका को शांतिपूर्ण ढंग से सह-अस्तित्व में रहना चाहिए तथा संघर्ष और टकराव कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित आपसी सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और समान जीत वाले सहयोग के तीन सिद्धांतों के अनुसार चीन-अमेरिका संबंधों के स्थिर, स्वस्थ और सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। साथ ही, हम अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की दृढ़ता से रक्षा करने के लिए दृढ़ कदम उठाएंगे। हम आशा करते हैं कि अमेरिका ऐतिहासिक प्रवृत्ति को पहचानेगा और तर्कसंगत विकल्प अपनाएगा।

बांग्लादेश में हिंसा : बीएनपी कार्यकर्ता अपने नेता की मौत के विरोध में सड़क पर उतरे

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और इससे जुड़े संगठनों ने अपने नेता की मौत के विरोध में बुधवार को भोला-वेलुमिया सड़क को अवरुद्ध कर दिया।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, मृतक की पहचान जमालउद्दीन हाउलादर के रूप में हुई। वह वेलुमिया यूनियन के बीएनपी वार्ड अध्यक्ष थे। भोला जिले में भूमि विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़प में उनकी मौत हुई।

यह घटना मंगलवार को हुई जब कुंजापट्टी गांव के मोहम्मद इब्राहिम और मोहम्मद आलम के नेतृत्व में दो प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच जमीन के स्वामित्व को लेकर टकराव हुआ।

तनाव बढ़ने पर, बीएनपी नेता बीच-बचाव करने के प्रयास में घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन उन पर जानलेवा हमला किया गया। बारिसल के एक निजी क्लिनिक में जमालउद्दीन को ले जाने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वेलुमिया यूनियन बीएनपी महासचिव मुहम्मद नूरुल इस्लाम ने बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक 'प्रोथोम अलो' को बताया कि जमालउद्दीन दोनों दलों के बीच झड़प को रोकने के लिए गए थे। लेकिन, इब्राहिम रारी के बेटे ने उनके सिर पर वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।

स्थानीय लोगों, बीएनपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस घटना में निष्पक्ष सुनवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

भोला सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अबू शहादत मुहम्मद हचनैन परवेज़ ने कहा, "इस घटना में किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर भेजा जाएगा।"

अगस्त 2024 में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की चपेट में है।


बांग्लादेश : दूषित स्ट्रीट फूड खाने से 100 से अधिक बीमार, जांच में जुटी पुलिस

ढाका, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। बांग्लादेश में ईद के अवसर पर आयोजित एक मेले में दूषित स्ट्रीट फूड खाने से बच्चों सहित 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। इस घटना के बाद देश में खाद्य सुरक्षा मानकों में गिरावट को लेकर चिंता बढ़ गई है।

95 बीमार लोगों को जेसोर के अभयनगर उप जिला में भर्ती कराया गया। वहीं, 10 को गंभीर हालत में खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद से स्ट्रीट फूड विक्रेता फरार है।

एक मरीज ने प्रमुख दैनिक 'प्रोथोम आलो' को बताया, "रात को घर लौटने के बाद हम सभी बीमार हो गए। हमें मंगलवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया।"

ड्यूटी डॉक्टर रघुराम चंद्र ने कहा कि यह स्थिति भोजन में बैक्टीरिया के कारण हुई है। अधिकांश रोगियों को पेट दर्द, उल्टी, दस्त और बुखार का अनुभव हुआ।

एक पीड़ित परिवार के सदस्य ने कहा, "मेरा पूरा परिवार सोमवार रात ईद के मेले में गया था और उस दुकान से 'फुचका' खाया। रात को घर आने के बाद सभी बीमार हो गए। मैंने 'फुचका' नहीं खाया और बच गया। मैंने उसी रात सभी को अस्पताल में भर्ती कराया। बीमार पड़ने वालों में चार की हालत गंभीर थी, इसलिए मैंने उन्हें खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया।"

घटना की खबर लगने के बाद पुलिस फुचका विक्रेता की तलाश कर रही है।

अभय नगर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अब्दुल अलीम ने कहा, "हमें घटना के बारे में पता चला है। हम व्यापारी की तलाश कर रहे हैं।"

इस घटना ने बांग्लादेश में खाद्य सुरक्षा मानकों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में, स्थानीय मीडिया ने बताया कि देश में घटिया उत्पादों की बढ़ती मांग बांग्लादेश में गंभीर चिंता का विषय बन गई है।

मोहम्मद यूनुस की अनुपस्थिति के कारण अंतरिम सरकारी हस्तक्षेप ने अतिरिक्त लाभ के लिए घटिया उत्पाद बेचने की बढ़ती प्रथा को जन्म दिया है।

देश के प्रमुख समाचार पत्र, 'द डेली स्टार' की एक रिपोर्ट के अनुसार कई स्टडी में बांग्लादेश की खाद्य सुरक्षा स्थिति को खराब बताया गया। इसमें सब्जियों, फलों, मछली, मुर्गी, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों में हानिकारक रसायनों का पता चला है, जो काफी चिंताजनक बनी हुई है।

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