दुनिया की खबरें: पाक वायुसेना ने अपने ही नागरिकों पर बरसाए बम और चीन ने इस मुद्दे पर टिप्पणी से किया इनकार
इन भीषण विस्फोटों ने गांव के एक बड़े हिस्से को तबाह कर दिया। हमलों और उसके विनाशकारी परिणामों के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसकी दुनिया भर के कई मानवाधिकार संगठनों ने तीखी आलोचना की है।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के एक गांव पर पाकिस्तानी वायुसेना ने सोमवार को आठ बम गिराए। इस हमले में महिलाओं और बच्चों सहित 30 से अधिक लोग मारे गए। पाकिस्तानी जेएफ-17 लड़ाकू विमानों ने सुबह-सुबह तिराह घाटी के पश्तून बहुल गांव मत्रे दारा पर एलएस-6 बम गिराए। इन भीषण विस्फोटों ने गांव के एक बड़े हिस्से को तबाह कर दिया। हमलों और उसके विनाशकारी परिणामों के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसकी दुनिया भर के कई मानवाधिकार संगठनों ने तीखी आलोचना की है।
स्थानीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में मलबे के बीच बच्चों सहित कई शव पड़े दिखाई दे रहे हैं, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। बचाव दल द्वारा और पीड़ितों की तलाश जारी रहने के कारण हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
इस बीच, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की खैबर पख्तूनख्वा शाखा ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों पर कई बम गिराए गए।
पीटीआई केपी ने एक्स पोस्ट में कहा, "खैबर की तिराह घाटी में जेट विमानों की बमबारी के दौरान, स्थानीय आबादी पर कई बम गिरे। पांच घर नष्ट हो गए, और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अब तक मलबे से 20 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। मेरे पास इस दुःख और पीड़ा को शब्दों में बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। कभी ड्रोन, कभी बमबारी ने नफरत के इतने बीज बो दिए हैं कि जब यह लावा फूटेगा, तो कुछ भी नहीं बचेगा।"
इस घटना की निंदा करते हुए, बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने इसे जानबूझकर निर्दोष लोगों को निशाना बनाना बताया और युद्ध अपराध से कम नहीं बताया।
चीन ने अमेरिकी एच-1बी वीजा के लिए शुल्क पर टिप्पणी से इनकार किया
चीन ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा के लिए 1,00,000 डॉलर का भारी शुल्क लगाने के कदम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन साथ ही उसने वैश्विक पेशेवरों को देश में काम करने के लिए आमंत्रित किया। चीन अगले महीने नया रोजगार वीजा शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
शुक्रवार को, ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा पर एकमुश्त 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने यहां एक प्रेस वार्ता में ट्रंप के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा, "अमेरिका की वीजा नीति पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।"
इसके साथ ही, उन्होंने वैश्विक पेशेवरों को चीन में काम करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, "वैश्वीकृत दुनिया में, प्रतिभाओं की सीमा-पार आवाजाही वैश्विक तकनीकी और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।"
उन्होंने कहा, "चीन दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभाओं का स्वागत करता है ताकि वे मानवता की प्रगति और करियर की सफलता के लिए चीन में आएं।"
जहां अमेरिका अपनी वीजा व्यवस्था को सख्त कर रहा है, वहीं चीन ने पिछले महीने के-वीजा नामक एक नए ‘वर्क परमिट’ की घोषणा की है जिसके तहत दुनिया भर के योग्य पेशेवर देश में आकर काम के अवसर तलाश सकते हैं।
परमाणु हथियार सीमा का और एक साल पालन करेगा रूस : पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के साथ अंतिम बचे परमाणु समझौते की फरवरी में समाप्ति के बाद, मास्को और एक वर्ष तक परमाणु हथियार सीमा का पालन करेगा।
पुतिन ने कहा कि 2010 की ‘न्यू स्टार्ट’ संधि के समाप्त होने के वैश्विक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे और परमाणु शस्त्रों के प्रसार को हवा मिल सकती है।
उन्होंने टेलीविजन पर एक संदेश में कहा, ‘‘आगे रणनीतिक हथियारों की दौड़ को भड़काने से बचने और पूर्वानुमान और संयम के स्वीकार्य स्तर को सुनिश्चित करने के लिए, हमारा मानना है कि वर्तमान, बल्कि अशांत अवधि के दौरान नई स्टार्ट संधि द्वारा स्थापित यथास्थिति को बनाए रखने का प्रयास करना उचित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए रूस 5 फरवरी, 2026 के बाद न्यू स्टार्ट संधि की केंद्रीय मात्रात्मक सीमाओं का एक और साल तक पालन करने के लिए तैयार है।’’
पुतिन ने कहा, ‘‘परिस्थिति के हमारे विश्लेषण के आधार पर हम इस स्वैच्छिक आत्मसंयम को बनाये रखने पर फैसला करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि रूस इस बात की उम्मीद करता है कि अमेरिका भी उसके उदाहरण का अनुसरण करेगा और संधि की सीमाओं का पालन करेगा।
नेपाल की प्रधानमंत्री ने अंतरिम मंत्रिमंडल का विस्तार किया, चार नवनियुक्त मंत्रियों ने शपथ ली
नेपाल की नवनियुक्त प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने सोमवार को अपने अंतरिम मंत्रिमंडल में चार नए मंत्रियों को शामिल किया, जिससे मंत्रियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई।
राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पूर्व न्यायाधीश अनिल कुमार सिन्हा, राष्ट्रीय आविष्कार केंद्र के संस्थापक महावीर पुन, पत्रकार जगदीश खरेल और विशेषज्ञ मदन परियार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
चार नए मंत्रियों के शामिल होने के साथ प्रधानमंत्री सुशीला कार्की (73) के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या आठ हो गई है। प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं।
सिन्हा उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री हैं, जबकि खरेल संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री हैं। परियार कृषि एवं पशुधन विकास मंत्री हैं, जबकि पुन शिक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हैं।
नेपाल के संविधान के अनुसार, मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री सहित अधिकतम 25 सदस्य हो सकते हैं। हालांकि, कार्की ने हाल में सुझाव दिया था कि उनके अंतरिम मंत्रिमंडल में केवल 11 सदस्य हो सकते हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय ने रविवार को घोषणा की थी कि सोमवार को पांच नए मंत्री शपथ लेंगे। हालांकि, संगीता कौशल मिश्रा को बाद में उनकी विवादास्पद पृष्ठभूमि के कारण सूची से हटा दिया गया।
रूस-यूक्रेन ने एक-दूसरे पर ड्रोन हमले करने के आरोप लगाए
रूस और यूक्रेन ने एक-दूसरे पर अपने-अपने देशों के नागरिक क्षेत्रों में घातक ड्रोन हमले किये जाने के आरोप लगाए। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान कूटनीतिक गतिविधियों के लिहाज से 'काफी व्यस्त सप्ताह' रहने की आशा जताई, जहां सुरक्षा परिषद के तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध पर चर्चा करने की उम्मीद है।
जेलेंस्की ने अमेरिका के नेतृत्व में किए जा रहे शांति प्रयास को गति देने के उद्देश्य से संघर्षविराम और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक शिखर बैठक करने की पेशकश की है।
वहीं, रूस ने कुछ प्रस्तावों पर आपत्ति जताई है, जिससे फिलहाल इस युद्ध का अंत नजर नहीं आ रहा है।
जेलेंस्की ने बताया कि पिछले हफ्ते रूस ने यूक्रेन पर 1,500 से ज़्यादा ड्रोन, 1,280 ग्लाइड बम और विभिन्न प्रकार की 50 मिसाइलें दागीं। उन्होंने बताया कि इन हथियारों में दर्जनों देशों के 1,32,000 से ज़्यादा घटक पाए गए। यूक्रेन ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए अभियान चलाया है।
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