दुनियाः पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर ईरान से मिला झटका, इजरायली सेना प्रमुख ने गाजा युद्ध जारी रखने को दी मंजूरी

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पाकिस्तान की तीन दिवसीय यात्रा के पहले दिन आज संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश को विफल कर दिया। इजरायल के चीफ ऑफ स्टाफ हरजी हलेवी ने गाजा में युद्ध जारी रखने को मंजूरी दे दी है।

पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर ईरान से मिला झटका
पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर ईरान से मिला झटका
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर ईरान से झटका झटका

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पाकिस्तान की तीन दिवसीय यात्रा के पहले दिन सोमवार को इस्लामाबाद में मेजबान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश को विफल कर दिया। संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान अपना प्रारंभिक वक्तव्य देते हुए शरीफ ने इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच कश्मीर विवाद पर पाकिस्तान का पक्ष लेने के लिए ईरानी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। शरीफ ने कहा, "हम कश्मीर मुद्दे पर समर्थन के लिए ईरान के आभारी हैं।" उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने आपसी हित और क्षेत्रीय चिंता के मामलों को चिह्नित किया है और उन पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है।

हालांकि, ईरानी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया और इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बारे में बात करने पर ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अपने प्रारंभिक वक्तव्य के दौरान उन्होंने कहा, "अब यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे संयुक्त राष्ट्र अपने कर्तव्य का पालन करने और गाजा में इजरायल द्वारा निर्दोष फिलिस्तीनियों के चल रहे नरसंहार को रोकने में विफल रहा है।"ईरानी राष्ट्रपति की टिप्पणियों को क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कश्मीर विवाद पर समर्थन जुटाने के बार-बार के प्रयासों के मामले में इस्लामाबाद की स्पष्ट उपेक्षा के रूप में देखा जा रहा है।

इजराइल के चीफ ऑफ स्टाफ ने गाजा युद्ध जारी रखने को दी मंजूरी

इजराइली चीफ ऑफ स्टाफ हरजी हलेवी ने गाजा में युद्ध जारी रखने को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने दी। इज़राइली कान चैनल ने बताया कि मिस्र की सीमा पर दक्षिणी गाजा पट्टी शहर राफा में सैन्य अभियान की भी मंजूरी दी गई है।

गौरतलब है कि इज़राइल के सहयोगियों ने राफा में हमले के खिलाफ चेतावनी दी है। लेकिन इज़राइल हमास की शेष बटालियनों को नष्ट करने के लिए राफा में सैन्य अभियान आवश्यक मानता है। इजराइली सेना के प्रवक्ता ने रविवार को हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों के लिए कहा, "जब तक आप घर नहीं आ जाते, हम लड़ते रहेंगे।"


इराकी लड़ाकों ने सीरिया में अमेरिकी बेस पर दागे रॉकेट

इराक से पड़ोसी सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डे की ओर पांच रॉकेट दागे गए। एक इराकी सुरक्षा सूत्र ने मीडिया को यह जानकारी दी। प्रांतीय पुलिस के सूत्र ने रविवार को बताया कि हमला तब हुआ, जब अज्ञात लड़ाकों ने निनेवेह की प्रांतीय राजधानी मोसुल के उत्तर-पश्चिम में ज़ुम्मर शहर के पास एक इराकी गांव से पूर्वोत्तर सीरियाई क्षेत्र की ओर रॉकेट दागे।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने सीरिया के उत्तर-पूर्वी प्रांत अल-हसाका के उत्तरी ग्रामीण इलाके में खरब अल-जिर हवाई अड्डे पर अमेरिकी बेस पर ड्रोन से असफल हमलेे की सूचना दी है। ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह ने कहा कि अमेरिकी सुरक्षा बलों ने बेस पर पहुंचने से पहले ड्रोन को मार गिराया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हमलों के पीछे इराक में तैनात ईरान समर्थित इस्लामी प्रतिरोध समूह का हाथ बताया जा रहा है।

गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 34,097 हुआ

हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, गाजा पट्टी पर चल रहे इजराइली हमलों में मरने वाले फिलीस्तीनियों की संख्या बढ़कर 34,097 हो गई है। 24 घंटों के दौरान इजराइली सेना ने 48 फिलिस्तीनियों को मार डाला और 79 अन्य को घायल कर दिया। इससे पिछले साल सात अक्टूबर को इजराइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से मरने वालों की कुल संख्या 34,097 हो गई और 76,980 लोग घायल हो गए।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा पट्टी में नागरिक सुरक्षा सेवा के प्रवक्ता महमूद बसल ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि बचावकर्मियों ने खान यूनिस शहर से 50 से अधिक शव बरामद किए। ज़मीनी अभियान शुरू करने के चार महीने बाद, सात अप्रैल को इज़राइली सेना खान यूनिस से हट गई थी। बसल ने कहा कि इजराइली सेना ने शवों को सामूहिक रूप से दफनाया था। उन्होंने कहा कि गाजा में अभी भी हजारों लोग लापता हैं।


यूक्रेन को अमेरिकी सहायता से युद्ध पर नहीं पड़ेगा असरः रूस

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा यूक्रेन के लिए अधिकृत सैन्य सहायता पैकेज से युद्ध के मैदान में कोई बुनियादी बदलाव नहीं आएगा। पेसकोव ने समाचार एजेंसी इंटरफैक्स को बताया, "निश्चित रूप से, प्रदान की गई धनराशि और इस धनराशि से आपूर्ति किए गए हथियारों से कोई बदलाव नहीं आएगा।" पेसकोव ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप राजदूत दिमित्री पॉलींस्की द्वारा रविवार को की गई शिकायत को दोहराते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका पर यूक्रेन के लिए हथियार सहायता से खुद को समृद्ध करने का आरोप लगाया।

भारी बहुमत से पारित हुए अमेरिकी बिल का कुल मूल्य लगभग 61 अरब डॉलर है। इसे जल्द ही सीनेट में भेजे जाने की संभावना है। सीनेट से पास होनेपर इसे राष्ट्रपति जो बाइडेन के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। क्रेमलिन ने वाशिंगटन में अमेरिका में रूसी संपत्ति की योजनाबद्ध जब्ती के एक अन्य कानूनी मसौदे की भी तीखी आलोचना की। इसे गैरकानूनी बताया। उन्होंने कहा, "ये कानूनी विवादों का एक नया कारण बनेगा।" पेसकोव ने कहा, ''इसके अलावा, इस तरह की जब्ती से अमेरिका के आर्थिक हितों को नुकसान होगा, क्योंकि कई निवेशक भविष्य में वहां निवेश करने के बारे में दो बार सोचेंगे।''

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