दुनिया की खबरें: सीमा हैदर के बच्ची पर पाकिस्तानी पति का ऐतराज और यूएई में 25 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा
पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर ने नोएडा के कृष्णा हॉस्पिटल में एक बेटी को जन्म दिया। इस खुशी में जहां सीमा-सचिन का परिवार झूम रहा है, वहीं पाकिस्तान में सीमा के पूर्व पति गुलाम हैदर ने नाराजगी जताई है।

पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर और उसके पति सचिन मीणा के घर खुशखबरी आई है। गत 18 मार्च की सुबह नोएडा के कृष्णा हॉस्पिटल में सीमा ने एक बेटी को जन्म दिया। इस खुशी में जहां सीमा-सचिन का परिवार झूम रहा है, वहीं पाकिस्तान में सीमा के पूर्व पति गुलाम हैदर ने नाराजगी जताई है।
गुलाम हैदर ने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने सीमा के नवजात बच्चे को 'नाजायज' करार दिया। साथ ही, सीमा के वकील और मुंहबोले भाई ए.पी. सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह 'नाजायज औलाद' के जन्म पर बधाई देकर भारत को बदनाम कर रहे हैं।
गुलाम ने कहा, "ऐसे भाई पर लानत है, जो नाजायज औलाद की बधाइयां दे रहा है। सचिन और उसके परिवार का नाम लो, पूरे इंडिया को क्यों बदनाम कर रहे हो?"
उन्होंने भारत सरकार से एक बार फिर सीमा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। गुलाम ने वीडियो में कहा कि वह पिछले दो साल से अपने चार बच्चों से मिलने के लिए तरस रहा है। गुलाम ने आरोप लगाया कि सीमा बिना तलाक के सचिन से शादी कैसे कर सकती है?
उसने कहा, "अब तो उसने नाजायज बच्चे को जन्म दिया है, यह गुनाह है। वह चाहे जहां रहे, लेकिन मेरे चार बच्चे मुझे सौंप दिए जाएं।" गुलाम ने भारतीय प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस और अधिकारी इस मामले में मूकदर्शक बने हुए हैं।
उन्होंने दावा किया कि सीमा की बहन रीमा भी इस फैसले से खुश नहीं है। उसने कहा, "रीमा से मेरी बात होती रहती है। उसने भी कहा था कि अगर सीमा पाकिस्तान लौट आए, तो हम उसे अपना लेंगे, लेकिन सचिन को हम जीजा नहीं मानते।"
गुलाम हैदर ने भारत सरकार से भी गुहार लगाई है। उसने कहा, "मैं दो साल से अपने बच्चों को देख भी नहीं पाया हूं। उनकी आवाज तक नहीं सुनी। सीमा खुलेआम जो चाहे कर रही है। क्या वहां उसे कोई रोकने वाला नहीं है?"
गुलाम ने कहा कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेगा और अपने बच्चों को वापस पाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।
यूएई में 25, सऊदी अरब में 11 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा, फैसले पर अभी अमल नहीं : सरकार
सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 25 और सऊदी अरब में 11 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन फैसले पर अभी अमल नहीं हुआ है।
स्थानीय भारतीय मिशन के पास उपलब्ध 'अनौपचारिक जानकारी' का हवाला देते हुए, सरकार ने यह भी बताया कि 2020-2024 के बीच यूएई में किसी भी भारतीय नागरिक को फांसी नहीं दी गई।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में 'विदेशी जेलों में बंद भारतीयों' विषय पर एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है।
देश-वार सूची का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि कई देशों में प्रचलित सख्त गोपनीयता कानूनों के कारण, स्थानीय अधिकारी कैदियों के बारे में जानकारी तब तक साझा नहीं करते हैं जब तक कि संबंधित व्यक्ति ऐसी जानकारी के प्रकटीकरण के लिए सहमति न दे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि जो देश जानकारी साझा करते हैं, वे भी आम तौर पर कैद में विदेशी नागरिकों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं देते।
मंत्री ने बताया कि "सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों सहित विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। विदेशों में स्थित भारतीय मिशन/केंद्र सतर्क रहते हैं और स्थानीय कानूनों के उल्लंघन/कथित उल्लंघन के लिए विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की घटनाओं पर बारीकी से नजर रखते हैं।"
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "जैसे ही किसी भारतीय नागरिक की हिरासत/गिरफ्तारी की सूचना भारतीय मिशन/केंद्र को मिलती है, तो वह तुरंत स्थानीय विदेश कार्यालय और अन्य संबंधित स्थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करता है ताकि हिरासत में लिए गए/गिरफ्तार भारतीय नागरिक तक कांसुलर पहुंच बनाई जा सके, मामले के तथ्यों का पता लगाया जा सके, उसकी भारतीय राष्ट्रीयता की पुष्टि की जा सके और उसका कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।"
विदेश मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत विवरण के अनुसार, 2024 में सात भारतीय नागरिकों - कुवैत और सऊदी अरब में तीन-तीन और जिम्बाब्वे में एक - को या तो फांसी दी गई या मृत्युदंड दिया गया। जिन भारतीय नागरिकों को मृत्युदंड दिया गया है, लेकिन अभी तक उस फैसले को लागू नहीं किया गया है, उनमें यूएई में 25, सऊदी अरब में 11, मलेशिया में छह, कुवैत में तीन और इंडोनेशिया, कतर, यूएसए और यमन में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
सिंह ने अपने जवाब में कहा, "विदेश स्थित भारतीय मिशन/केंद्र उन भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं, जिन्हें विदेशी अदालतों द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। भारतीय मिशन/केंद्र जेलों का दौरा करके कांसुलर पहुंच भी प्रदान करते हैं, अदालतों, जेलों, सरकारी अभियोजकों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ उनके मामलों को आगे बढ़ाते हैं। जेल में बंद भारतीय नागरिकों को अपील, दया याचिका आदि दायर करने सहित विभिन्न कानूनी उपायों में भी सहायता प्रदान की जाती है।"
गाजा में शोक सभा के दौरान इजरायली हवाई हमले में 16 की मौत, 30 घायल
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, उत्तरी गाजा पट्टी में इजरायली हवाई हमले में कम से कम 16 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए के हवाले से बताया कि यह हमला बुधवार को बेत लाहिया के सलातीन इलाके में हमला हुआ, यहां लोगों ने पहले हुए इजरायली हमलों के पीड़ितों के लिए शोक सभा आयोजित की थी। इजरायल की सेना ने इस घटना पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है।
गाजा में इजरायली सेना के नए हमलों के बीच यह हमला हुआ। इजरायल का कहना है कि उसके हमले हमास के आतंकियों को निशाना बना रहे हैं। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार से अब तक 430 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इस दौरान, जो संघर्ष विराम 19 जनवरी से जारी था, वह खत्म हो गया। मारे गए लोगों में 170 से ज्यादा बच्चे और 80 महिलाएं भी शामिल हैं।
इजरायल की सेना का कहना है कि ये हमले "हमास के खतरों को खत्म करने" के लिए किए जा रहे हैं और तब तक जारी रहेंगे जब तक उनके "रणनीतिक लक्ष्य" पूरे नहीं हो जाते।
वहीं, फिलिस्तीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेताया है कि गाजा के अस्पतालों में घायलों की काफी भीड़ है और आपातकालीन सेवाएं ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं।
इजरायल के रक्षा मंत्री, इसराइल काट्ज ने बुधवार को कहा कि बीते दो दिनों के हवाई हमले "सिर्फ शुरुआत" हैं। उन्होंने चेतावनी दी, "इसके बाद और भी गंभीर हमले होंगे, और तुम इसकी पूरी कीमत चुकाओगे।"
बुधवार को, हमास के मीडिया कार्यालय ने बताया कि गाजा के 20 लाख लोगों को भोजन की भारी कमी और ऐसे मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जो पहले कभी नहीं देखा गया। इजरायल की नाकाबंदी और सीमा बंद होने के कारण स्थिति बिगड़ रही है।
कार्यालय ने बताया कि कई बेकरी बंद हो गई हैं, जिससे ब्रेड तक मिलनी मुश्किल हो गई है। उन्होंने इजरायल पर गाजा को "जीवन की सबसे बुनियादी जरूरतों" से वंचित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने तुरंत सीमा खोलने की मांग की, यह कहते हुए कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो लाखों लोग भुखमरी का शिकार हो सकते हैं।
पाकिस्तान : सिंध प्रांत में नहीं थम रहा सिंधु नदी पर नहर परियोजना का विरोध, प्रदर्शनों का सिलसिला जारी
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गुरुवार को संघीय सरकार की सिंधु नदी पर छह नहरों के निर्माण की योजना के खिलाफ प्रांत भर में विरोध प्रदर्शन किए गए। इस दौरान कई रैलियां भी निकाली गईं।
सिंध चैंबर ऑफ एग्रीकल्चर (एससीए) ने सिंध विश्वविद्यालय के पुराने परिसर से हैदराबाद प्रेस क्लब तक एक रैली निकाली, जिसमें यह मांग की गई कि संघीय सरकार नहर परियोजना को रोक दे।
इसके अलावा, स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को बताया कि कई राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं, किसानों, डॉक्टरों और छात्रों ने सिंध के अलग-अलग इलाकों में नहरों के निर्माण के खिलाफ विरोध रैलियां निकालीं।
अपनी मांगों को दोहराते हुए एससीए के सदस्यों ने बुधवार को कहा कि संघीय सरकार को 'चोलिस्तान नहर' और 'ग्रीन पाकिस्तान पहल' जैसी नहर परियोजनाओं को रोकने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करनी चाहिए।
प्रेस क्लब में बड़ी संख्या में किसानों को संबोधित करते हुए अपने भाषण में एससीए के अध्यक्ष जैनुल आबिदीन शाह ने कहा कि चोलिस्तान नहर सहित कोई भी नहर किसानों को स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मानना है कि इस नहर का मकसद सिंध को पूरी तरह से बंजर बनाना है।
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने शाह के हवाले से कहा, "सिंध के 50 लाख लोग चोलिस्तान नहर और अन्य ऐसी नहर परियोजनाओं को अपनी जिंदगी के लिए खतरा मानते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देश के जलाशयों में इन नहरों को चलाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।"
इस बीच, कौमी अवामी तहरीक (क्यूएटी) पार्टी ने नहरों और कॉर्पोरेट खेती के खिलाफ विरोध जताने के लिए सिंध के तंदोजाम में एक रैली आयोजित की।
रैली का नेतृत्व कर रहे पार्टी अध्यक्ष अयाज लतीफ पालीजो ने कहा कि सिंध को भू-माफिया के हवाले कर दिया गया है। चोलिस्तान और अन्य नहरें सिंध को हमेशा के लिए पानी से वंचित कर देंगी, क्योंकि सिंध का अस्तित्व सीधे सिंधु नदी से जुड़ा हुआ है।
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