दुनिया की खबरें: नेपाल में भूकंप के तेज झटके और ट्रंप सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर
नेपाल में तेज भूकंप आने की खबर है। रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का भूकंप आया है। जानकारी के मुताबिक, इसका असर उत्तर भारत में भी दिखा है, जहां हल्के झटके महसूस किए गए है।

नेपाल में तेज भूकंप आने की खबर है। रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का भूकंप आया है। जानकारी के मुताबिक, इसका असर उत्तर भारत में भी दिखा है, जहां हल्के झटके महसूस किए गए है। इससे पहले बंगाल की खाड़ी में शाम पांच बजकर 50 मिनट पर 4.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे।
ट्रंप सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया
न्यू सिविल लिबर्टीज एलायंस (एनसीएलए) ने 3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर कराया। इसका उद्देश्य ट्रंप को चीन से आयातित उत्पादों पर टैरिफ लगाने से रोकना है। एनसीएलए ने कहा कि ट्रंप अपने अधिकार से आगे निकल गए।
बताया जाता है कि यह मुकदमा फ्लोरिडा की संघीय अदालत में दायर किया गया। एनसीएलए ने ट्रंप के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम के अनुसार व्यापक टैरिफ लगाने और 1 फरवरी को टैरिफ लगाने की अनुमति करने का अभियोग लगाया।
गौरतलब है कि एनसीएलए एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक हित कानूनी संगठन है। कोलंबिया लॉ स्कूल के प्रोफेसर फिलिप हैमबर्गर ने वर्ष 2017 में इसकी स्थापना की।
चीनी प्रतिनिधि ने इजरायल से गाजा पट्टी में सैन्य अभियान तुरंत बंद करने का आग्रह किया
संयुक्त राष्ट्र में स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि फू छोंग ने 3 अप्रैल को फिलिस्तीन-इजरायल मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन सार्वजनिक बैठक में कहा कि चीन ने इजरायल की हाल की घोषणा के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है कि वह अपने जमीनी हमले का विस्तार करेगा और गाजा क्षेत्र पर कब्जा करेगा और इजरायल से गाजा पट्टी में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने का आग्रह किया।
फू छोंग ने कहा कि गाजा पुनः युद्ध की ओर बढ़ रहा है। इससे पहले कि अधिक नागरिक हताहत हों और मानवीय आपदा उत्पन्न हो, स्थिति पर रोक लगाना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है।
फू छोंग ने इस बात पर जोर दिया कि गाजा पट्टी में स्थायी युद्धविराम के लिए तत्काल प्रयास किया जाना चाहिए। युद्ध को पुनः शुरू करने से केवल अधिक हत्या और घृणा ही पैदा होगी और यह निश्चित रूप से बंधकों को बचाने का सही तरीका नहीं है। स्थायी युद्धविराम प्राप्त करना जीवन बचाने और बंधकों को घर लौटने का सर्वोत्तम तरीका है।
फू छोंग ने कहा कि गाजा पट्टी में मानवीय आपूर्ति की पहुंच बहाल करने के लिए ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए और मानवीय कार्यकर्ताओं के खिलाफ किसी भी हमले को रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि "दो-राज्य समाधान" को लागू करना ही फिलिस्तीन मुद्दे को हल करने का एकमात्र व्यवहार्य तरीका है।
चीन का पलटवार, अमेरिकी आयातों पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया, शुरू हो सकता है 'ट्रेड वार'
चीन ने 10 अप्रैल से अमेरिका से आयात किए जाने वाले सभी उत्पादों पर अतिरिक्त 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जिससे व्यापार युद्ध पूरी तरह से भड़कने का खतरा है। चीन की कस्टम्स टैरिफ कमीशन ने शुक्रवार को यह ऐलान किया।
यह कदम अमेरिकी निर्णय के बाद उठाया गया, जिसमें वाशिंगटन ने चीन के निर्यातों पर 'पारस्परिक टैरिफ/ रेसिप्रोकल टैरिफ' लगाने की घोषणा की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीन की कस्टम्स टैरिफ कमीशन ने कहा कि अमेरिकी कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है, यह चीन के वैध अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है और यह एकतरफा दबाव बनाने की कार्रवाई है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह 11 अमेरिकी कंपनियों को अपनी 'अविश्वसनीय संस्थाओं' की सूची में जोड़ रहा है, जिससे वे चीन में या चीनी कंपनियों के साथ व्यापार नहीं कर पाएंगी।
मंत्रालय ने कुछ दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (रेयर अर्थ मटेरियल), जैसे गेडोलिनियम और यट्रियम, के निर्यात पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जो मुख्य रूप से चीन में खनन किए जाते हैं और इलेक्ट्रिक कारों से लेकर स्मार्ट बमों तक में इस्तेमाल होते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 54 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जिसमें पहले से लगाए गए शुल्क भी शामिल हैं। इसने चीन को टैरिफ सूची में सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक बना दिया।
वैश्विक निवेश बैंक जेपी मॉर्गन ने कहा कि अब 2025 के अंत तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का 60 प्रतिशत मौका देखा जा रहा है, जो पहले 40 फीसदी था।
विश्लेषकों के अनुसार, यूएस द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ निश्चित रूप से सभी देशों को प्रभावित करेंगे, लेकिन भारतीय निर्यातक अधिक लाभ उठा सकते हैं क्योंकि चीन को 65 फीसदी या उससे अधिक की उच्च शुल्क का सामना करना पड़ेगा।
भारत के लिए अतिरिक्त 27 प्रतिशत टैरिफ इसे लक्षित देशों के निचले आधे हिस्से में रखता है, जिससे पारंपरिक निर्यात क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, वस्त्र और परिधान के अलावा नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
टैरिफ उन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता को भी भारत के पक्ष में स्थानांतरित कर सकते हैं जहां अन्य क्षेत्रीय निर्यातक अधिक गंभीर रूप से प्रभावित हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस लाभ को अधिकतम करने के लिए भारत को न केवल अमेरिका के साथ बाजार पहुंच बनाए रखने के लिए बातचीत करनी होगी, बल्कि एशिया में अपने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) साझेदारों के साथ आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुनर्गठित करने के लिए भी सहयोग करना होगा और नए अवसरों का लाभ उठाना होगा।
अमेरिकी टैरिफ वृद्धि का वैश्विक व्यापार और आर्थिक विकास की संभावनाओं पर भारी प्रभाव पड़ेगा
विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने 3 अप्रैल को कहा कि अमेरिका द्वारा अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने से वैश्विक व्यापार और आर्थिक विकास की संभावनाओं पर भारी प्रभाव पड़ेगा।
एक बयान में, इवेला ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन 2 अप्रैल को अमेरिका द्वारा घोषित टैरिफ उपायों की बारीकी से निगरानी और विश्लेषण कर रहा है और सदस्यों की अर्थव्यवस्थाओं और वैश्विक व्यापार प्रणाली पर संभावित प्रभाव के बारे में सवालों का सक्रिय रूप से जवाब दे रहा है।
बयान में यह कहा गया है कि विश्व व्यापार संगठन के प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत से अमेरिका द्वारा शुरू किए गए टैरिफ उपायों से वर्ष 2025 में वैश्विक माल व्यापार की मात्रा में लगभग 1 प्रतिशत की कमी हो सकती है, जो पिछले पूर्वानुमानों से लगभग 4 प्रतिशत की कमी है।
इवेला ने व्यापार संकुचन के पैमाने तथा प्रत्युत्तर उपायों से पैदा प्रशुल्क युद्ध के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वैश्विक व्यापार का अधिकांश हिस्सा अभी भी विश्व व्यापार संगठन के सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र वाले प्रावधानों का पालन करता है। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों से एकजुट होने और व्यापार तनाव को और अधिक बढ़ने से रोकने का आह्वान किया।
म्यांमा भूकंप: मृतकों की संख्या बढ़कर 3,145 हुई
म्यांमा में करीब एक सप्ताह पहले आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 3,145 हो गई। देश की सैन्य सरकार ने यह जानकारी दी।
सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी के अनुसार, सूचना मंत्री माउंग माउंग ओह्न ने राजधानी नेपीता में एक बैठक में यह भी घोषणा की कि 4,589 लोग घायल हुए हैं और 221 अन्य लापता हैं।
पिछले शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र म्यांमा के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। इससे कई इलाकों में हजारों इमारतें ढह गईं, सड़कें टूट गईं और पुल नष्ट हो गए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उसके प्रारंभिक आकलन के अनुसार, भूकंप में चार अस्पताल और एक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह नष्ट हो गया जबकि 32 अस्पताल और 18 स्वास्थ्य केंद्र आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भारत का एक ‘मोबाइल अस्पताल’ और ‘रूस-बेलारूस’ का संयुक्त अस्पताल अब मांडले में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहे हैं।
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