दुनिया की खबरें: ताइवान में भूकंप का तगड़ा झटका और इस देश ने भारत को क्यों जताया आभार?
ताइवान में हुआलिएन शहर से लगभग 71 किलोमीटर दक्षिण में बुधवार शाम में भूकंप आया। यह जानकारी निगरानी एजेंसियों ने दी। भूकंप बुधवार शाम 7:01 बजे मोबाइल फोन अलार्म बजने के कुछ ही सेकंड बाद आया।

ताइवान में हुआलिएन शहर से लगभग 71 किलोमीटर दक्षिण में बुधवार शाम में भूकंप आया। यह जानकारी निगरानी एजेंसियों ने दी। भूकंप बुधवार शाम 7:01 बजे मोबाइल फोन अलार्म बजने के कुछ ही सेकंड बाद आया।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 5.9 थी और इसका केंद्र जमीन में 31.1 किलोमीटर की गहरायी पर स्थित था। हालांकि ताइवान के केंद्रीय मौसम प्रशासन ने इसकी तीव्रता 6.4 बतायी।
राजधानी ताइपे में इमारतें करीब एक मिनट तक हिलती रहीं। हालांकि, भूकंप में किसी बड़ी क्षति की तत्काल कोई सूचना नहीं है।
राजधानी ताइपे से 154 किलोमीटर दक्षिण में स्थित हुआलिएन की आबादी अपेक्षाकृत कम है, जबकि द्वीप का पश्चिमी भाग अत्यधिक भीड़भाड़ वाला है।
ताइवान ने चालक दल के सदस्यों को बचाने पर भारत का जताया आभार
ताइवान ने बुधवार को सिंगापुर के मालवाहक जहाज वान हाई 503 के 18 चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया है। हाल ही में केरल तट से लगभग 70 समुद्री मील दूर मालवाहक जहाज में आग लग गई थी।
जहाज पर सवार 22 लोगों में से 18 चालक दल के सदस्यों को समुद्र में कूदने के बाद बचा लिया गया था, जबकि जहाज के अग्नि और सुरक्षा विभाग से जुड़े चार अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है।
भारत में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र ने कहा कि लापता चार चालक दल के सदस्यों में दो ताइवानी, एक इंडोनेशिया और एक म्यांमार के नागरिक शामिल हैं।
ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "ताइवान सरकार वान हाई 503 के लिए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल द्वारा की गई त्वरित बचाव कार्रवाई के लिए आभारी है। हम लापता चालक दल के सदस्यों की सुरक्षित वापसी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।"
इससे पहले मंगलवार को भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने भारत के त्वरित बचाव कार्यों के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 22 चालक दल के सदस्यों में से 14 चीनी हैं, जिनमें ताइवान के दो लोग शामिल हैं।
दूसरी ओर ताइवान ने चीन के दावे को झूठा और बेतुका बताते हुए खारिज किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार ही अपने लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकती है, न कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी)।
भारत में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र ने बुधवार को कहा, "चीनी दूतावास का दावा झूठा और बेतुका है। हम दोहराते हैं कि ताइवान और चीन एक-दूसरे के अधीन नहीं हैं और सीसीपी शासन ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया। केवल ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है।"
बता दें कि 270 मीटर लंबा और 12.5 मीटर व्यास वाला यह जहाज 7 जून को कोलंबो से रवाना हुआ था और मुंबई की ओर बढ़ा था।
सोमवार को भारतीय नौसेना ने भारतीय तटरक्षक, डीजी शिपिंग और अन्य के साथ मिलकर एक समन्वित खोज और बचाव (एसएआर) अभियान में 22 में से 18 चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता के अनुसार, जहाज में एक आंतरिक कंटेनर विस्फोट हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप जहाज में भीषण आग लग गई थी।
सोमवार को सिंगापुर के समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) ने भी एक बयान में 18 चालक दल के सदस्यों को बचाने और चल रहे एसएआर अभियानों के समर्थन के लिए भारतीय अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की।
दक्षिण अफ्रीका में बाढ़ से कम से कम 49 की मौत: अधिकारी
दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत में बाढ़ संबंधी घटनाओं में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि देश के कई हिस्सों में भीषण ठंडी के बाद भारी बारिश और बर्फबारी हुई है।
पूर्वी केप के प्रीमियर ऑस्कर मबुयाने ने कहा कि मृतकों का आंकड़ा पुलिस द्वारा मुहैया कराया गया है।
मबुयाने ने संवाददाताओं को बताया कि मरने वालों में छह छात्र भी शामिल हैं, जो मंगलवार को एक नदी के पास बाढ़ के पानी में स्कूल बस के फंस जाने से बह गए थे। उन्होंने बताया कि चार अन्य छात्र लापता हैं।
मबुयाने के कार्यालय ने मंगलवार को बाढ़ में सात लोगों की मौत की जानकारी दी थी।
इजराइल हमास संघर्ष में अब तक 55 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे गये : अधिकारी
इजराइल और हमास के बीच पिछले 20 महीनों से जारी संघर्ष में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या बढ़कर 55,000 से अधिक हो गयी है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने हालांकि नागरिकों और लड़ाकों की अलग-अलग संख्या नहीं बतायी लेकिन उसने कहा कि मरने वालों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।
मंत्रालय के मुताबिक युद्ध शुरू होने के बाद से 55,104 फलस्तीनी मारे गए हैं और 1,27,394 घायल हुए हैं। माना जाता है कि कई और लोग मलबे के नीचे या उन जगहों पर दबे हुए हैं जहां स्थानीय चिकित्सकों की पहुंच नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय गाजा की हमास द्वारा संचालित सरकार का हिस्सा है, लेकिन इसमें चिकित्सा पेशेवर कार्यरत हैं जो विस्तृत रिकॉर्ड रखते हैं और प्रकाशित करते हैं। पिछले संघर्षों में इसके नुकसान काफी हद तक स्वतंत्र विशेषज्ञों के आंकड़ों से मेल खाते हैं। इजराइल ने हालांकि मंत्रालय के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं।
गत 20 महीने से जारी संघर्ष के दौरान इजराइली सेना ने गाजा के बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया है और युद्ध के कारण गाजा की करीब 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हुई है। इजराइल ने हाल के हफ्तों में तटीय क्षेत्र के आधे से अधिक हिस्से को सैन्य बफर जोन में बदल दिया है, जिसमें अब अधिकांशतः निर्जन दक्षिणी शहर रफह भी शामिल है।
इजराइल का दावा है कि उसने 20 हजार से अधिक आतंकियों को मार गिराया है लेकिन इस संबंध में कोई सबूत नहीं दिया है। उसने बताया कि हमास चरमपंथियों ने अब भी उसके 55 नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है और माना जाता है कि उनमें से आधे से भी कम लोग जीवित हैं।
यह युद्ध तब शुरू हुआ जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने सात अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला करके लगभग 1,200 लोगों को मार डाला, जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे और 251 बंधकों को अगवा कर लिया। आधे से ज्यादा बंधकों को युद्ध विराम या अन्य समझौतों के तहत रिहा कर दिया गया है।
शुल्क पर संघीय अपीलीय अदालत का अनूकूल फैसला ‘बड़ी’ जीत : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्यापक शुल्क नीति पर संघीय अपीलीय अदालत द्वारा दिए गए अनुकूल फैसले की सराहना करते हुए इसे देश की एक ‘बड़ी’ जीत करार दिया।
ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच पर कहा कि मंगलवार रात अदालत के फैसले से सरकार को उसके व्यापक आयात शुल्क को वसूलने की अनुमति मिल गई, जबकि उनके द्वारा हस्ताक्षर की गई व्यापार नीति को चुनौती देने वाली अपील लंबित है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका अभिप्राय है कि अमेरिका अन्य देशों के खिलाफ खुद को बचाने के लिए शुल्क का उपयोग कर सकता है।’’
राष्ट्रपति ने लिखा, ‘‘अमेरिका के लिए बड़ी और अहम जीत।’’
अमेरिका की संघीय अपीलीय अदालत द्वारा दिया गया यह फैसला 28 मई को एक अन्य संघीय अदालत द्वारा शुल्क रद्द करने के बाद दिए गए इसी तरह के निर्णय का विस्तार है, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप ने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है। अपीलीय अदालत ने कहा था कि ट्रंप द्वारा लागू शुल्क को चुनौती देने से ‘‘असाधारण महत्व के मुद्दे’’ उठते हैं और वह मामले पर तेजी से सुनवाई के लिए 31 जुलाई को दलीलें सुनेगा।
यह मामला 10 प्रतिशत शुल्क से संबंधित है जिसे रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने अप्रैल में लगभग हर दूसरे देश पर यह लगाया था। उन्होंने उन देशों पर अधिक शुल्क लगाया और फिर उसे निलंबित कर दिया जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा होता है।
शुल्क घोषित करते समय ट्रंप ने 1977 के कानून के तहत प्राप्त आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया था, लेकिन अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया कि उन्होंने अपनी शक्ति का अतिक्रमण किया है।
ऑस्ट्रिया के स्कूल में गोलीबारी : मौन रखकर देश ने मनाया शोक, हत्या का मकसद अबतक अज्ञात
ऑस्ट्रिया के एक स्कूल में हुई गोलीबारी में 10 लोगों की मौत पर देशवासियों ने बुधवार को एक मिनट का मौन रखकर शोक मनाया। इस हमले को अंजाम देने वाले बंदूकधारी ने बाद में आत्महत्या कर ली। हालांकि, इस गोलीबारी को अंजाम देने की उसकी मंशा अब भी अस्पष्ट है।
ऑस्ट्रिया ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देश में सबसे बड़े हमले के बाद तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। पूरा ऑस्ट्रिया एक दिन पहले स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना के शोक में बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे थम सा गया।
इस बीच, ऑस्ट्रिया की पुलिस ने बताया कि जांचकर्ताओं को संदिग्ध हमलावर के घर की तलाशी के दौरान एक विदाई पत्र और एक निष्क्रिय पाइप बम मिला।
संदिग्ध हमलावर की उम्र 21 साल है और वह देश के दूसरे सबसे बड़े शहर ग्राज के नजदीक रहता था। वह बोर्ग ड्रेयर्सचुटजेन्गेस्से हाई स्कूल का पूर्व छात्र था, जिसने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की थी।
पुलिस ने कहा है कि उसने दो हथियारों- एक शॉटगन और एक हैंडगन का इस्तेमाल किया, जो उसने कानूनी रूप से प्राप्त की थीं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि मंगलवार रात को पत्र मिला था। हालांकि, उन्होंने कहा कि पत्र के आधार पर वे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं।
ऑस्ट्रिया के गृह मंत्रालय के जन सुरक्षा निदेशक फ्रांज रुफ ने ओआरएफ नामक सरकारी टेलीविजन चैनल को बताया, ‘‘एनालॉग और डिजिटल फॉर्म में एक विदाई पत्र मिला है। वह पत्र में अपने माता-पिता को अलविदा कह रहा है। लेकिन विदाई पत्र से हमले की मंशा का संकेत नहीं मिला है और यह जांच का विषय है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या हमलावर ने पीड़ितों पर अचानक हमला किया था या उन्हें विशेष रूप से निशाना बनाया था, रुफ ने कहा कि इसकी भी जांच चल रही है और वह इस पर अटकलें नहीं लगाना चाहते।
ग्राज के मुख्य चौक पर बुधवार को शोक मनाने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए। कुछ लोगों ने सिटी हॉल के सामने मोमबत्तियां और फूल रखकर अपनी संवेदना व्यक्त की। यह इमारत पीड़ितों की याद में एक और स्मारक बन गई।
राजधानी वियना में स्थानीय परिवहन प्राधिकरण ने ट्राम, सबवे ट्रेन और बसों को एक मिनट के लिए रोक दिया।
ग्राज स्थित अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि हमले में घायल सभी मरीजों की हालत स्थिर हैं जिनमें से नौ अब भी गहन देखभाल इकाइयों में हैं। उन्होंने बताया कि एक मरीज के चेहरे पर घाव और दूसरे को घुटने पर लगी चोट के लिए सर्जरी की जरूरत है, जबकि अन्य दो को समान्य वार्ड में भर्ती किया गया है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia