दुनिया की खबरें: ट्रंप बोले- वह तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते और सूडान नरसंहार में अब तक 1850 लोगों की मौत
ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर आप इसे पढ़ेंगे, तो यह बिल्कुल साफ़ है। मुझे चुनाव लड़ने (तीसरे कार्यकाल के लिए) की अनुमति नहीं है। यह बहुत बुरा है।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि यह ‘‘बहुत बुरा’’ है कि उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी। उन्होंने संवैधानिक वास्तविकता को स्वीकार करते हुए सेवा जारी रखने में रुचि व्यक्त की।
जापान से दक्षिण कोरिया जाने के क्रम में एयर फ़ोर्स वन में पत्रकारों के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर आप इसे पढ़ेंगे, तो यह बिल्कुल साफ़ है। मुझे चुनाव लड़ने (तीसरे कार्यकाल के लिए) की अनुमति नहीं है। यह बहुत बुरा है।’’
तीसरे कार्यकाल की चाहत रखने वाले राष्ट्रपति की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा कि ट्रंप के लिए व्हाइट हाउस में बने रहना असंभव होगा।
जॉनसन ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे इसकी संभावना (ट्रंप के तीसरे कार्यकाल के लिए) नजर नहीं आती।’’
रिपब्लिकन पार्टी के नेता जॉनसन को ट्रंप का करीबी माना जाता है। जॉनसन ने कहा कि उन्होंने (जॉनसन और ट्रंप ने) इस मुद्दे पर चर्चा की है लेकिन तीसरा कार्यकाल संविधान सम्मत नहीं है।
सरकारी कामकाज ठप होने के 28वें दिन मंगलवार को संसद भवन में अपनी दैनिक प्रेस वार्ता में जॉनसन ने कहा, ‘‘मुझे इसका कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।’’
जॉनसन ने कहा कि उन्हें लगता है कि ट्रंप स्थिति को समझते हैं। उन्होंने बताया कि संविधान का 22वां संशोधन राष्ट्रपति के रूप में तीसरे कार्यकाल की अनुमति नहीं देता है और नए संशोधन के साथ इसे बदलना एक बोझिल, दशक भर चलने वाली प्रक्रिया होगी जिसमें राज्यों और कांग्रेस में वोट पाना होगा।
चीन ने भारी बर्फबारी के कारण एवरेस्ट चोटी से जुड़ा पर्वतारोहण क्षेत्र बंद किया
चीन के स्थानीय अधिकारियों ने भारी बर्फबारी और बर्फीली परिस्थितियों के कारण तिब्बत क्षेत्र में स्थित एक लोकप्रिय पर्वतारोहण स्थल को बंद कर दिया जो दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी ‘एवरेस्ट’ तक जाने वाले मार्ग में है। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पर्यटन अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को जारी एक घोषणा के अनुसार, डिंगरी काउंटी में झूफेंग चोटी (जो एवरेस्ट चोटी के चीनी हिस्से के पास स्थित है) तक पर्वतारोहण को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है।
इससे पहले अक्टूबर में, चीन के राष्ट्रीय अवकाश, जो पर्यटन का मौसम होता है, के दौरान आए भारी बर्फीले तूफान के बाद सैकड़ों पर्वतारोही कई दिनों तक एवरेस्ट पर फंसे रहे।
स्थानीय मौसम पूर्वानुमान में बुधवार तक बर्फबारी और बर्फीली परिस्थितियों का अनुमान लगाया गया था, जो ऊंचाई पर रहने वाले पर्यटकों के लिए खतरा बन सकता है। हल्की बर्फबारी भी रास्तों और सड़कों की स्थिति को बाधित कर सकती है।
कुछ समय पहले बचावकर्मियों ने 16,000 फुट की ऊंचाई पर फंसे 880 लोगों की मदद की थी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इनमें 580 पर्वतारोही, 300 गाइड और अन्य कर्मचारी शामिल थे। उस समय भी डिंगरी के अधिकारियों ने झूफेंग पर्यटन क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था।
गाजा में हुए हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 81 हुई
गाजा में मंगलवार रात हुए इजराइली हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 81 हो गई। अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, कई बच्चों समेत कम से कम 60 लोगों के मारे जाने की खबर दी गई थी।
शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने कहा कि अस्पताल को हमलों में मारे गए 21 और लोगों के शव मिले हैं, जिनमें सात महिलाएं और छह बच्चे शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि गाजा शहर में स्थित अस्पताल में भर्ती 20 बच्चों समेत 45 घायलों में से कई की हालत गंभीर है।
इस बीच, इजराइली सेना ने कहा कि गाजा में भीषण हवाई हमले करने के बाद संघर्ष विराम फिर से लागू हो गया है।
सूडान नरसंहार: साल की शुरुआत से अब तक 1850 नागरिकों की हत्या, 2023 से हिंसक झड़प जारी
सूडान के एल फशर में जारी बर्बर हिंसा के बीच इस साल की शुरुआत से अब तक हजारों नागरिकों की जान जा चुकी है। संयुक्त राष्ट्र ने सूडान के एल फशर में बढ़ती हिंसा की चेतावनी दी और नागरिकों पर हमलों की निंदा की।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने मंगलवार को कहा कि विश्व निकाय और उसके सूडान सहायता सहयोगियों ने एक बयान जारी कर उत्तरी दारफुर राज्य की राजधानी एल फशर में नागरिकों, उनके बुनियादी ढांचे और मानवीय कार्यकर्ताओं पर रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) द्वारा किए गए कथित हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है।
बयान में कहा गया है, "हम व्यापक उल्लंघनों की विश्वसनीय रिपोर्टों से भयभीत हैं, जिनमें त्वरित फांसी, भागने के रास्तों पर नागरिकों पर हमले, घर-घर छापेमारी और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने से रोकने वाली बाधाएं शामिल हैं। यौन हिंसा, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ, की खबरें आती रहती हैं। स्थानीय (सहायता) प्रतिक्रियाकर्ता गंभीर खतरे में हैं; कुछ को हिरासत में लिया गया है या मार दिया गया है।"
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की ओर से साझा जानकारी के अनुसार, वर्चस्व की इस लड़ाई में उत्तरी दारफुर में लगभग 1,850 नागरिकों की मौत हुई है। इनमें से अनुमानतः 1,350 मौतें इस साल की शुरुआत से 20 अक्टूबर तक एल फशर में हुईं।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचआरसी) ने कहा कि वह विस्थापित परिवारों को जीवन रक्षक सहायता और आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रही है। हालांकि, यूएनएचआरसी ने कहा कि एल फशर तक पहुंच पाना मुश्किल है, और जरूरतें बढ़ने के साथ मानवीय क्षमता तेजी से कम हो रही है।