दुनिया की खबरें: यूक्रेन को हथियार बेचने की योजना के बीच नाटो महासचिव से मिलेंगे ट्रंप और बांग्लादेश में डेंगू संकट!
यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका नाटो सहयोगियों को हथियार बेचेगा, जिन्हें वे आगे यूक्रेन को दे सकेंगे।

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) महासचिव मार्क रूट इस सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका नाटो सहयोगियों को हथियार बेचेगा, जिन्हें वे आगे यूक्रेन को दे सकेंगे।
रूट सोमवार और मंगलवार को वाशिंगटन में रहेंगे तथा ट्रंप, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के साथ-साथ सांसदों से भी बातचीत करने की योजना बना रहे हैं।
रविवार रात वाशिंगटन पहुंचने पर ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं महासचिव (नाटो) से मुलाकात करूंगा जो कि कल पहुंच रहे हैं। हम उन्हें कई अत्याधुनिक हथियार भेजेंगे और वे हमें उनके लिए पूरा भुगतान करेंगे।’’
डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख सहयोगी साउथ कैरोलाइना से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने रविवार को कहा कि यह संघर्ष (रूस और यूक्रेन) अब एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि ट्रंप यूक्रेन की मदद करने में रूचि दिखा रहे हैं।
ट्रंप ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि वह सोमवार को रूस पर एक ‘‘बड़ा बयान’’ देने वाले हैं, ऐसे में रूट की अमेरिकी यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, रविवार को ट्रंप ने अपने इस बयान के बारे में कोई और जानकारी देने से इनकार कर दिया। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम कल देखेंगे कि क्या होता है।’’
पाकिस्तानी एयरलाइन की गलती से यात्री कराची की जगह सऊदी अरब पहुंचा
पाकिस्तान में एक निजी एयरलाइन की एक विचित्र गलती के कारण लाहौर से कराची जाने वाला एक यात्री सऊदी अरब पहुंच गया और बाद में उन्हें वापस पाकिस्तान भेजा गया।
यह घटना सात जुलाई को हुई, जब कराची के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मलिक शाहज़ैन ‘एयरसियाल’ की उड़ान में लाहौर से सवार हुए।
नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि वे इस असामान्य घटना की जांच कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, "गलती से किसी यात्री का गलत उड़ान में चढ़ जाना तो हो सकता है, लेकिन हमारे सामने ऐसा कोई मामला नहीं आया है, जहां कोई घरेलू यात्री किसी अंतरराष्ट्रीय उड़ान में चढ़ गया हो।"
शाहज़ैन के अनुसार, सात जुलाई की रात को जब उन्हें पता चला कि उनका बच्चा बीमार पड़ गया है, तो वह लाहौर से कराची लौट रहे थे। वह वक्त पर हवाई अड्डे पहुंचे और अपना पहले से बुक किया हुआ बोर्डिंग पास दिखाया, जिसके बाद उन्हें लाउंज और प्रस्थान द्वार की ओर भेज दिया गया।
शाहज़ैन ने कहा, "‘एयरसियाल’ के दो विमान टर्मिनल पर थे, एक कराची जा रहा था और दूसरा जेद्दा। कर्मचारियों ने बिना ठीक से जांच किए मुझे अंतरराष्ट्रीय उड़ान में बिठा दिया और मुझे इसका एहसास तब हुआ, जब दो घंटे की उड़ान के बाद भी हम नहीं उतरे।"
यात्री जेद्दा में उतरा, जबकि उसका सामान कराची पहुंच गया।
जेद्दा हवाई अड्डे पर, आव्रजन अधिकारियों ने शाहज़ैन से घंटों पूछताछ की, उसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि वह बिना किसी गलती के वहां उतरा था और उन्होंने एयरलाइन को उसे कराची जाने वाली अगली उड़ान में बैठाने का निर्देश दिया।
हालांकि, एयरलाइन के यात्री को वापस लाहौर भेजने के बाद भी शाहजै़न की मुसीबतें खत्म नहीं हुईं और उनसे कहा गया कि उन्हें कराची के लिए टिकट की व्यवस्था करनी होगी।
इंजीनियर का दावा है कि एयरलाइन स्टाफ ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है कि उन्होंने उन्हें लाहौर से जेद्दा जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ान में बैठा दिया, जबकि उन्हें लाहौर से कराची जाना था।
शाहज़ैन ने कहा, "अब तक एयरलाइन ने मेरी परेशानी के लिए कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है या माफ़ी नहीं मांगी है।" ‘एयरसियाल’ पाकिस्तान की निजी एयरलाइन है।
मैसाचुसेट्स में आग लगने से नौ लोगों की मौत
मैसाचुसेट्स के एक आवासीय केंद्र में आग लगने से नौ लोगों की मौत हो गई और कम से कम 30 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि लोग खिड़कियों से बाहर लटककर मदद के लिए चिल्ला रहे थे।
राज्य अग्निशमन सेवा विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि रविवार रात लगभग 9:50 बजे फॉल रिवर स्थित गैब्रियल हाउस सहायताप्राप्त आवास केंद्र में अग्निशमन दल पहुंचे, जहां लोग भारी धुआं और आग के कारण अंदर फंसे हुए थे। इस घर में लगभग 70 लोग रहते हैं।
सोमवार सुबह तक आग पर काबू पा लिया गया और दमकलकर्मियों ने अंदर जाकर कई लोगों को बचाया। लगभग 50 दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे, जिनमें से 30 ड्यूटी पर नहीं थे।
बयान में कहा गया है कि बचाए गए कई लोगों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया। पांच दमकलकर्मियों को चोटें आईं लेकिन वे घातक नहीं थीं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह संबंधित परिवारों और फॉल रिवर समुदाय के लिए एक बड़ी त्रासदी है।"
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "कई लोग खिड़कियों से बाहर लटके हुए थे और बचाए जाने की उम्मीद कर रहे थे।"
विशेषज्ञों की चेतावनी: बांग्लादेश में डेंगू संकट गहराया, खतरे में सभी 64 जिले
बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह एक देशव्यापी संकट बन सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की ओर से डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को रोकने के लिए जो कोशिशें की जा रही हैं, वे अपर्याप्त हैं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी और सही तरीके से कदम नहीं उठाए गए, तो यह डेंगू की समस्या पूरे देश के 64 जिलों में फैल सकती है।
बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के अनुसार, रविवार सुबह तक (24 घंटों में) डेंगू से एक और व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ ही इस साल में डेंगू से मरने वालों की कुल संख्या अब 56 हो गई है। साथ ही, 420 और लोग वायरल बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिससे डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 14,880 हो गई है।
देश में जो नए डेंगू के मामले सामने आए हैं, उनमें बरिशाल डिविजन में 116 मरीज, चटगांव डिविजन (शहर के बाहर) में 79 मरीज, ढाका डिविजन (नगर निगमों के बाहर) में 60 मरीज, ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन में 57 मरीज और ढाका नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन में 25 मरीज शामिल हैं।
कीट वैज्ञानिक कबीरुल बशार ने अंतरिम सरकार से कहा है कि फॉगिंग पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। इसके बजाय, मच्छरों के प्रजनन स्रोतों और उनके पनपने की जगहों को चिन्हित कर खत्म करना जरूरी है।
बांग्लादेश के जाने-माने अखबार 'द डेली स्टार' के अनुसार, कबीरुल बशार ने कहा, "फॉगिंग सिर्फ उन्हीं जगहों पर की जानी चाहिए जहां डेंगू के पुष्ट मामले सामने आए हैं। हर जगह फॉगिंग करने का कोई खास फायदा नहीं होता, लेकिन फिर भी सरकार इसी को मुख्य तरीका बना रही है।"
बशार ने आगे कहा कि अगर लोग अपने घरों और आस-पास की जगहों पर मच्छरों के पनपने की जगहें नहीं साफ करेंगे, तो डेंगू को रोकना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि लोगों को जागरूक करना और समाज के सभी लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है।
बशार ने कहा कि अब हर जिले में डेंगू का खतरा पहले से ज्यादा गंभीर हो गया है क्योंकि डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर अब हर जिले में मौजूद है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों और कीट वैज्ञानिकों का एकमत होकर मानना है कि डेंगू को रोकने के लिए जरूरी बचाव के काम लगातार नहीं हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि स्वास्थ्य प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है और डेंगू को रोकने या इलाज करने के लिए मजबूत योजना भी नहीं बनाई गई है। इसलिए, शहरों और गांवों में लोग डेंगू की चपेट में आसानी से आ जा रहे हैं।