दुनिया की खबरें: ट्रंप-पुतिन की वार्ता को विफल करने की योजना बना रहा यूक्रेन! और शेख हसीना के बेटे ने लगाया ये आरोप

टेलीग्राम पर एक पोस्ट में, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, "कई माध्यमों से मिली जानकारी से पता चला है कि कीव सरकार 15 अगस्त 2025 को होने वाली रूसी-अमेरिकी वार्ता को विफल करने के लिए तैयारी कर रहा है।"

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

रूसी रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यूक्रेनी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। मंत्रालय ने दावा किया है कि कीव 15 अगस्त को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक को बाधित करने के लिए योजना बना रहा है।

टेलीग्राम पर एक पोस्ट में, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, "कई माध्यमों से मिली जानकारी से पता चला है कि कीव सरकार 15 अगस्त 2025 को होने वाली रूसी-अमेरिकी वार्ता को विफल करने के लिए तैयारी कर रहा है।"

मंत्रालय ने कहा कि इसी मकसद से यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने विदेशी पत्रकारों के एक समूह को खारकीव के चुगुएव भेजा है। यह इलाका यूक्रेन के कब्जे में है। पत्रकारों को वहां "सीमावर्ती इलाके के निवासियों पर रिपोर्ट" बनाने के बहाने भेजा गया है।

रक्षा मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि यूक्रेनी सेना शहर पर हमला करेगी और इसका इल्जाम रूस पर लगाएगी।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, "शुक्रवार को होने वाले शिखर सम्मेलन से ठीक पहले, यूक्रेन के सशस्त्र बल घनी आबादी वाले किसी आवासीय क्षेत्र या बड़ी संख्या में नागरिक हताहतों वाले अस्पताल पर यूएवी और मिसाइलों की सहायता से भड़काऊ हमले की योजना बना रहे हैं। विदेशी पश्चिमी पत्रकार तुरंत इसकी खबर देंगे।"

बयान में कहा गया है, "इससे यूक्रेन में संघर्ष के समाधान पर रूसी-अमेरिकी सहयोग में बाधा डालने के लिए एक नकारात्मक मीडिया पृष्ठभूमि और परिस्थितियां पैदा होंगी।"

इसमें आगे दावा किया गया है कि यूक्रेन द्वारा नियंत्रित अन्य बस्तियों में भी उकसावे की गतिविधियां की जा सकती हैं।

बता दें कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब ट्रंप और पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में रूस-यूक्रेन संघर्ष के दीर्घकालिक शांतिपूर्ण समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हुए मिलने वाले हैं।

इस बैठक की घोषणा करते हुए, ट्रंप ने 'ट्रुथ' सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मेरे और पुतिन के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक अगले शुक्रवार, 15 अगस्त, 2025 को ग्रेट स्टेट ऑफ अलास्का में होगी। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।"

रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव ने शनिवार को कहा कि आगामी अलास्का शिखर सम्मेलन के बाद, मास्को को उम्मीद है कि पुतिन और ट्रंप के बीच अगली बैठक रूस में होगी।

रूसी सरकारी समाचार एजेंसी 'तास' ने उशाकोव के हवाले से कहा, "अगर हम आगे की सोचें, तो स्वाभाविक रूप से हमें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अगली मुलाकात रूसी जमीन पर कराने का लक्ष्य रखना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति को पहले ही एक निमंत्रण भेजा जा चुका है।"

शेख हसीना के बेटे का आरोप, यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भ्रष्टाचार के मनगढ़ंत आरोप लगाए

बांग्लादेश की एक अदालत बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने वाली है। शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने उनके और परिवार के खिलाफ 'मनगढ़ंत' मामले रचने के लिए मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की है।

31 जुलाई को बांग्लादेश की एक अदालत ने पूर्वाचल न्यू टाउन परियोजना के तहत कथित भ्रष्टाचार से संबंधित भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के छह मामलों में हसीना, उनके बेटे वाजेद, बेटी साइमा वाजेद पुतुल और कई अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे। सजीब वाजेद ने इस मामले के संबंध में बयान दिया है।

अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए और अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए बुधवार का दिन तय किया।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पूर्व सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) सलाहकार वाजेद ने दावा किया कि पूर्बाचल भूखंडों के अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया में कोई अवैधता शामिल नहीं थी।

उन्होंने कहा कि आवेदन से लेकर आवंटन और भुगतान तक हर चरण का पालन कानून के अनुसार किया गया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में वाजेद ने कहा, "यह यूनुस शासन द्वारा मेरे परिवार का नाम खराब करने का एक निरर्थक प्रयास है, जिसका नेतृत्व एक राजनीतिक रूप से समझौतावादी भ्रष्टाचार विरोधी आयोग कर रहा है। इसकी निगरानी एक आज्ञाकारी न्यायपालिका कर रही है, जो सच्चाई का पता लगाने से डरती है।"


ग्रीस के जंगलों में लगी भीषण आग, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा

ग्रीस के कई जंगल आग से झूलस रहे हैं। इससे घरों, कृषि भूमि और औद्योगिक सुविधाओं को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंच रहा है। तेज हवा की वजह से आग बुझाने के प्रयासों में बाधा आ रही है। आग की वजह से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 82 जंगलों में आग लगी। मंगलवार रात तक 23 जंगलों में आग भीषण रूप से लगी हुई थी। ब्यूफोर्ट पैमाने पर नौ तीव्रता तक की तूफानी हवाओं ने आग की लपटों को और भड़का दिया।

सिन्हुआ के मुताबिक, जलवायु संकट और नागरिक सुरक्षा मंत्रालय को देश भर में अग्निशामकों, वन रेंजरों, विमानों और स्वयंसेवकों को स्थिति नियंत्रण के लिए तैनात करना पड़ा है।

अखया के पश्चिमी क्षेत्र में पेट्रास के औद्योगिक क्षेत्र के पास लगी भीषण आग के कारण बार-बार आपातकालीन अलर्ट जारी किए गए और 20 से ज्यादा बस्तियों को खाली कराना पड़ा।

सरकारी टेलीविजन ईआरटी के मुताबिक, औद्योगिक सुविधाओं, घरों और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। कम से कम तीन लोगों को जलने या सांस लेने में तकलीफ की वजह से इलाज किया गया। तटरक्षक बल के तीन जहाज और निजी नावें समुद्री बचाव के लिए तैनात की गई थीं। प्रमुख राजमार्गों पर यातायात रोक दिया गया था।

पूर्वी एजियन द्वीप चियोस में, आग की लपटें जंगल और कृषि भूमि से होते हुए वोलिसोस क्षेत्र के गांवों तक पहुंच गईं। ईआरटी ने बताया कि विकलांग लोगों के लिए एक शिविर सहित छह गांवों और तीन बस्तियों को खाली करा लिया गया। तटरक्षक इकाइयों और निजी नौकाओं द्वारा दर्जनों लोगों को समुद्र तटों से बचाया गया। घर और एक ओलिव ऑयल मिल नष्ट हो गई।

आयोनियन सागर में जैकिंथोस पर, 15 किलोमीटर से ज्यादा फैले तीन सक्रिय अग्नि मोर्चों के कारण, अगलास और केरी गांवों के साथ-साथ पर्यटक स्थलों को भी खाली कराना पड़ा। कई घर और कृषि भवन नष्ट हो गए, जानवरों को भी नुकसान हुआ है, और हेलीकॉप्टरों को उड़ान भरने में परेशानी हुई।

पश्चिमी ग्रीस के वोनित्सा और प्रेवेजा क्षेत्र में लगी जंगली आग ने कृषि क्षेत्रों, जैतून के बागों, अस्तबलों और गोदामों को भी नुकसान पहुंचाया।

हाल के सप्ताह में ग्रीस को भीषण गर्मी और सूखे का सामना करना पड़ा है। इन परिस्थितियों और तेज हवाओं की वजह से ही ग्रीस के जंगलों में आग तेजी से फैली है।

आतंकवाद पर अमेरिका-पाकिस्तान की बातचीत, दोनों देशों ने आंतक के खिलाफ लड़ने की बात दोहराई

अमेरिका और पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बातचीत की है। यह बातचीत मंगलवार को इस्लामाबाद में हुई, जहां दोनों देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों से मिलकर लड़ने की बात दोहराई।

इस्लामाबाद में हुई बैठक में अमेरिकी विदेश विभाग के आतंकवाद-रोधी समन्वयक ग्रेगरी लोगेरफो और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के विशेष सचिव नबील मुनीर उपस्थित थे।

दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता जाहिर की।

अमेरिकी प्रतिनिधि ने क्षेत्र और दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने में पाकिस्तान की निरंतर सफलता की सराहना की।

बयान में तीन आतंकवादी संगठनों, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), आईएसआईएस-खोरासन और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का जिक्र किया गया। हालांकि, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश अल-अदल/जुंदाल्लाह, लश्कर-ए-झांगवी, जैश-ए-मोहम्मद, हरकत-उल-मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा, साथ ही चार सहयोगी संगठनों, जिनमें द रेजिस्टेंस फ्रंट भी शामिल है, पर बयान में कुछ नहीं कहा गया। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने अप्रैल में पहलगाम नरसंहार को अंजाम दिया था।

यह भी याद रखना जरूरी है कि 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान ने शरण दी थी, जिसे 2011 में अमेरिकी नेवी सील्स ने एक ऑपरेशन में मार गिराया था।

वाशिंगटन में विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि उन्होंने आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, और मुझे लगता है कि यह क्षेत्र और दुनिया के लिए अच्छा है।

बयान में कहा गया है, "दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का मुकाबला करने और शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर और सुगठित जुड़ाव बेहद जरूरी है।"

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