दुनिया की खबरें: अमेरिका, चीन और श्रीलंका ने दिल्ली विस्फोट को लेकर कड़ी निंदा की और ट्रंप ने भारत के साथ...
अमेरिका, चीन, श्रीलंका, मालदीव, इजराइल, आयरलैंड और नेपाल ने मंगलवार को कहा कि भारत की राजधानी दिल्ली में हुए विस्फोट से ‘गहरा दुख’ हुआ है।

अमेरिका, चीन, श्रीलंका, मालदीव, इजराइल, आयरलैंड और नेपाल ने मंगलवार को कहा कि भारत की राजधानी दिल्ली में विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की जान चले जाने और कई अन्य के घायल होने से उन्हें ‘गहरा दुख’ हुआ है।
सोमवार शाम दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धीमी गति से चल रही एक कार में यह शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में 12 लोगों की जान चली गयी जबकि कई अन्य घायल हो गये। इस घातक विस्फोट पर संवेदना व्यक्त करते हुए, अमेरिका ने कहा कि वह स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।
विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नयी दिल्ली में हुए भयानक विस्फोट से प्रभावित लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति हमारी गहरी संवेदना है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।’’
चीन ने दिल्ली में हुए बम विस्फोट पर दुख जताया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम इस घटना से स्तब्ध हैं।’’
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने सोशल मीडिया पर लिखा, “दिल्ली में कल रात हुए विस्फोट की खबर से गहरा दुख हुआ। श्रीलंका भारत के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। हमारी संवेदनाएं सभी प्रभावितों के साथ हैं।” मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि उन्हें विस्फोट में लोगों की मौत पर गहरा दुख हुआ है।
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। नेपाल दुख की इस घड़ी में भारत के साथ खड़ा है।”
इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने भारत के लोगों, विशेषकर विस्फोट में मारे गए निर्दोष लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। आयरलैंड के उप-प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने कहा कि दिल्ली में हुए दुखद विस्फोट से उन्हें गहरा दुख हुआ है।
भारत के साथ व्यापार समझौता करने के ‘बेहद करीब’ है अमेरिका : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका, भारत के साथ ‘‘न्यायसंगत व्यापार समझौते’’ पर पहुंचने के ‘‘काफी करीब’’ है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह भारत पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) को ‘‘एक समय’’ कम कर देंगे।
यह दो हफ्ते से भी कम समय में दूसरी बार है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर मुहर लगने की उम्मीद जताई है।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त बयान ट्रंप का सामान्य अतिशयोक्तिपूर्ण बयान था या दोनों पक्षों के बीच बहुप्रतीक्षित समझौते के लिए वार्ता में कुछ प्रगति हुई है।
ट्रंप ने सोमवार को कहा, ‘‘हम भारत के साथ एक समझौता कर रहे हैं, यह पहले की तुलना में बहुत अलग है। इसलिए अभी वे मुझे पसंद नहीं करते लेकिन वे हमें फिर से पसंद करेंगे।’’
उन्होंने ओवल ऑफिस में एक कार्यक्रम के दौरान ये टिप्पणियां कीं, जहां उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस ने सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका के नये राजदूत के रूप में शपथ दिलाई।
ट्रंप ने भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक सुरक्षा साझेदार बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अमेरिका के “शानदार” संबंध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री मोदी के साथ शानदार संबंध हैं और सर्जियो गोर ने इस रिश्ते को और मजबूत किया है क्योंकि वह पहले से ही प्रधानमंत्री के साथ दोस्ताना संबंध रखते हैं। जब उन्हें पता चला कि सर्जियो भारत के राजदूत बनने वाले हैं तो वे लगातार संपर्क में रहते थे कि ‘आइए, इस व्यक्ति को जानें।’ और उन्हें सर्जियो पसंद आए।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम एक उचित समझौता कर रहे हैं, सिर्फ एक न्यायसंगत व्यापार सौदा। पहले हमारे पास काफी अनुचित व्यापार समझौते थे। भारत के लोग बहुत अच्छे वार्ताकार हैं, सर्जियो, इसलिए इस पर ध्यान रखना होगा।’’
उन्होंने अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से कहा, ‘‘लेकिन हम काफी करीब पहुंच चुके हैं। स्कॉट, मेरा मानना है कि हम एक ऐसा सौदा करने के बहुत करीब हैं, जो सबके लिए अच्छा होगा।’’ इस पर स्कॉट बेसेंट ने जवाब दिया, ‘‘बिल्कुल सही।’’
ट्रंप ने कहा, “पहले क्या (पूर्व राष्ट्रपति जो) बाइडन ऐसा सवाल पूछते? मुझे नहीं लगता। वह पूछते कि ‘भारत के साथ क्या स्थिति है?’ उन्हें भारत के बारे में कुछ पता नहीं था। खैर, कोई बात नहीं।’’
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह भारत के साथ व्यापार समझौते के तहत शुल्क कम करने पर विचार करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘अभी भारत पर बहुत भारी शुल्क लागू है, क्योंकि उन्होंने रूसी तेल खरीदा था। लेकिन अब उन्होंने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है। रूसी तेल की खरीद में काफी कमी आई है। हां, हम जल्द ही इन शुल्कों को कम करने जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी समय हम इन्हें कम करेंगे। बिना शुल्क के हमारा देश बहुत मुश्किल में पड़ जाएगा, जैसे कि पहले कई वर्षों तक रहा था।’’
भारत और अमेरिका के संबंध हाल के महीनों में तनावपूर्ण रहे हैं क्योंकि ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाया था, जिसमें रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क शामिल है।
भारत ने इस कदम को ‘‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक’’ बताते हुए कहा था कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित पर आधारित है।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर अब तक पांच दौर की वार्ताएं पूरी हो चुकी हैं।
ट्रंप और बीबीसी के बीच विवाद में फंसी ब्रिटेन सरकार
ब्रिटेन की सरकार मंगलवार को बीबीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच विवाद पर विचार करने वाली थी। ट्रंप 2020 के राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद उनके भाषण को संपादित करने के तरीके को लेकर प्रसारक पर मुकदमा करने की धमकी दे रहे हैं।
संस्कृति मंत्री लिसा नंदी ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन (बीबीसी) संकट पर एक बयान देने वाली थीं, जिसमें आलोचकों ने निगम में बड़े बदलावों की मांग की थी और समर्थकों ने सरकार से ब्रिटेन के सार्वजनिक प्रसारक को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाने का आग्रह किया था।
निवर्तमान बीबीसी महानिदेशक टिम डेवी, जिन्होंने इस घोटाले के कारण रविवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, ने कहा कि बढ़ते हमलों के मद्देनजर बीबीसी को “अपनी पत्रकारिता की रक्षा के लिए संघर्ष” की जरूरत है।
डेवी ने कर्मचारियों को दिए एक बयान में स्वीकार किया कि, “हमने कुछ गलतियां की हैं, जिनकी हमें कीमत चुकानी पड़ी है”, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें संगठन पर “बहुत गर्व” है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमें अपनी पत्रकारिता के लिए संघर्ष करना होगा।”
ट्रंप के एक वकील ने पिछले साल प्रसारित एक अपमानजनक दृश्य को लेकर प्रसारणकर्ता से अपना बयान वापस लेने, माफी मांगने और मुआवजे की मांग की है।
अवामी लीग ने किया 'ढाका लॉकडाउन' का ऐलान, पुलिस बोली 'नियंत्रण में सब कुछ'
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग (एएल) ने ढाका लॉकडाउन का ऐलान किया है। गुरुवार को होने वाले संभावित बंद पर पुलिस प्रशासन की कड़ी नजर है। यही वजह है कि सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है।
सिन्हुआ ने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के हवाले से चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि "पुलिस और सुरक्षा बलों ने देश में गश्ती बढ़ा दी है। अब ज्यादा से ज्यादा गश्त कर रहे हैं और महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुरक्षा भी बढ़ा दी है।"
जहांगीर ने दावा किया कि एएल पार्टी के कार्यक्रम को लेकर अंतरिम सरकार को कोई डर नहीं है। वो भी तब जब उसकी गतिविधियों पर देश में बैन लगा दिया गया है। एक दिन पहले ही ढाका में पुलिस ने अवामी लीग के 34 नेताओं को पकड़ा था।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण गुरुवार को शेख हसीना और उनके कई शीर्ष सहयोगियों के लिए फैसले की तारीख तय करने वाला है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एएल समर्थकों ने सोमवार को बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन किए। ढाका के लोग डर गए क्योंकि सुबह उन्हें शहर के कुछ हिस्सों में बसों में आग लगाने और बम धमाकों की खबरें मिलीं।
इस बीच, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) कमिश्नर शेख मोहम्मद सज्जात अली ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि गुरुवार को घबराने की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, "13 नवंबर को चिंता की कोई बात नहीं है। राजधानी में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है।"
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