दुनिया की खबरें: अमेरिकी संसद ने ट्रंप के इन कटौती प्रस्ताव को दी अंतिम मंजूरी और 'उचित समय पर भारत की यात्रा करूंगा'

ट्रंप के सार्वजनिक प्रसारण और विदेशी सहायता मद में करीब नौ अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। यह दशकों में पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तुत 'निरसन' अनुरोध को संसद ने पारित किया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
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नवजीवन डेस्क

अमेरिकी संसद के निचले सदन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सार्वजनिक प्रसारण और विदेशी सहायता मद में करीब नौ अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। यह दशकों में पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तुत 'निरसन' अनुरोध को संसद ने पारित किया है।

सदन में विधेयक 216-213 मतों से पारित हुआ और अब इसे ट्रंप के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। इस पैकेज के तहत कॉरपोरेशन फॉर पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग (सीपीबी) के लिए निर्धारित 1.1 अरब डॉलर तथा कई विदेशी सहायता कार्यक्रमों के लिए लगभग आठ अरब डॉलर की राशि रद्द की गई है।

सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा, ‘‘हमें वित्तीय संतुलन की ओर लौटने की जरूरत है और यह एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ हालांकि कुछ रिपब्लिकन सांसद इस प्रस्ताव से असहज थे, लेकिन ट्रंप के विरोध से बचने के लिए उन्होंने इसका समर्थन किया।

डेमोक्रेट्स ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि इससे द्विदलीय रूप से पारित खर्च योजनाएं निष्प्रभावी हो रही हैं। सीपीबी ने चेताया कि इससे ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक सेवाएं, जैसे आपदा चेतावनी प्रणाली, प्रभावित हो सकती हैं।

उचित समय पर भारत की यात्रा करूंगा: नेपाल के प्रधानमंत्री ओली

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा है कि वह उचित समय पर भारत की यात्रा करेंगे और उनकी यात्रा को लेकर दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।

हालांकि, उन्होंने अपनी भारत यात्रा के समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

भारत यात्रा के बारे में ओली की यह टिप्पणी स्थानीय मीडिया की ओर से लगाई जा रही इन अटकलों के बीच आई है कि प्रधानमंत्री को नयी दिल्ली से आधिकारिक यात्रा के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई है।

ओली ने बृहस्पतिवार देर रात नेपाली यूट्यूब चैनल 'दिशानिर्देश टीवी' के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "मैं संभवतः भारत की यात्रा पर जाऊंगा। मेरी भारत यात्रा दोनों पक्षों की ओर से आवश्यक जमीनी कार्य पूरा करने के बाद होगी।"

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली ने पिछले साल जुलाई में चौथी बार प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था। उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा पर भारत जाने की परंपरा को तोड़ते हुए चीन जाने का फैसला किया था।

ओली ने यह भी बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नेपाल आने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी संभवतः नवंबर में नेपाल आएंगे। मैंने उन्हें पहले ही एक निमंत्रण भेज दिया है। वहीं, मेरी भारत यात्रा उचित समय पर होगी।"

मोदी और ओली की मुलाकात चार अप्रैल को बैंकॉक में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।

ओली ने उन अटकलों को भी खारिज किया कि भारत उन्हें पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा, "जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो भारत ने कुछ भी गलत नहीं किया।"

एक अलग संदर्भ में ओली ने कहा, "भारत और चीन, दोनों के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत और चीन, दोनों ही उभरती हुई आर्थिक शक्तियां हैं और यह अच्छी बात है कि हमारे पड़ोसी देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि नेपाल को उनके (भारत और चीन) विकास के प्रभाव से लाभ हो सकता है।

ओली ने सलाह दी, "उन्हें (भारत और चीन को) अपने विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, लेकिन गलाकाट प्रतिस्पर्धा में उलझना ठीक नहीं है। उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। उन्हें सौहार्दपूर्ण संबंधों का रास्ता चुनना चाहिए, लेकिन ऐसा रास्ता नहीं, जो तनाव पैदा करे।"

यह पूछे जाने पर कि अगर भारत और चीन के बीच तनाव बना रहता है, तो इसका नेपाल पर क्या असर पड़ेगा, ओली ने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध होंगे, तो काठमांडू को भी लाभ होगा।

उन्होंने कहा, "हमें उनके साथ सहयोग और सहभागिता से लाभ हो सकता है। साथ ही हम उनके बड़े बाजार से भी लाभ उठा सकते हैं।"


ट्रंप ने कोयला, लौह अयस्क, रासायनिक उद्योगों को नियामक राहत देने का निर्णय लिया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्रों, रासायनिक विनिर्माताओं और अन्य प्रदूषणकारी उद्योगों को दो वर्ष की नियामक छूट देने का निर्णय लिया है।

ट्रंप पूर्ववर्ती बाइडन प्रशासन द्वारा लगाए गए नियमों को उलटना चाहते हैं, जिन्हें वे अत्यधिक बोझिल मानते हैं।

ट्रंप ने बृहस्पतिवार देर रात कई उद्योगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक बताते हुए छूट देने वाले आदेश जारी किए। ये आदेश कोयला आधारित बिजली संयंत्रों, इस्पात निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाले टैकोनाइट लौह अयस्क की प्रसंस्करण इकाइयों तथा सेमीकंडक्टर और चिकित्सा उपकरणों को रोगाणुमुक्त करने में मदद करने वाले रासायनिक निर्माताओं पर लागू होंगे।

व्हाइट हाउस ने बताया कि ये आदेश उन पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) मानकों के अनुरूप हैं, जो बाइडन प्रशासन द्वारा हाल के वर्षों में लागू किए गए नियमों से पहले थे।

ट्रंप ने बाइडन के नियमों को महंगे और कई मामलों में अव्यवहार्य बताया। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह कदम “महत्वपूर्ण उद्योगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के समर्थन में बिना भारी लागत के निर्बाध रूप से संचालित करने” में मदद करेगा।

ट्रंप का ईपीए पहले भी कई कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को प्रदूषण नियंत्रण नियमों से छूट दे चुका है। साथ ही ईपीए ने पारा, आर्सेनिक और बेंजीन जैसे विषैले रसायनों के उत्सर्जन को कम करने के नियमों से भी कई औद्योगिक प्रदूषकों को छूट देने का अवसर दिया था।

पर्यावरण संगठनों ने इस प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की और इस संबंध में जारी नए ईमेल को “प्रदूषकों का पोर्टल” बताया, जो पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों से बचने में सैकड़ों कंपनियों की मदद कर सकता है।

उनकी दलील है कि पारा बच्चों के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे गर्भस्थ शिशुओं को जन्म दोष का खतरा होता है।

गाजा के कैथोलिक चर्च पर हमले में 3 की मौत, इजरायल ने जताया खेद; पोप और संयुक्त राष्ट्र ने भी की निंदा

इजरायल ने गाजा के एकमात्र कैथोलिक चर्च पर हुए घातक हमले पर दुख जताया है। इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि कम से कम 10 लोग घायल हुए। हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा के एकमात्र कैथोलिक चर्च पर हुए हमले को लेकर इजरायल "गहरा खेद" प्रकट करता है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि यह हमला 'टारगेट भटकने' के कारण हुआ, जिससे गोला-बारूद होली फैमिली चर्च पर गिरा। उन्होंने कहा, "हर एक मासूम जान का जाना एक त्रासदी है। हम पीड़ित परिवारों और विश्वासियों के दुख में सहभागी हैं।"

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) इस घटना की जांच कर रहा है, जिसकी परिस्थितियां अभी स्पष्ट नहीं हैं। मंत्रालय ने आगे कहा कि जांच के परिणाम 'पारदर्शी रूप से' प्रकाशित किए जाएंगे।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की एक प्रवक्ता ने बताया, "संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी गाजा में होली फैमिली चर्च पर हुए हमले की निंदा की, जोकि आम नागरिकों के लिए एक शरणस्थली था।"

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की सहयोगी प्रवक्ता स्टेफनी ट्रेंबले ने कहा, "धार्मिक स्थलों पर हमले अस्वीकार्य हैं। शरण चाहने वाले लोगों का सम्मान और सुरक्षा होनी चाहिए, न कि उन पर हमले होने चाहिए।"

उन्होंने कहा, "पहले ही बहुत से लोगों की जान जा चुकी है। महासचिव सभी पक्षों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि नागरिकों का हर समय सम्मान और सुरक्षा हो और गाजा में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता पहुंच सके।"

स्टेफनी ट्रेंबले ने यह भी कहा कि तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की सख्त जरूरत है।

चर्च पर हमले के बाद पोप लियो 14 ने गाजा में युद्धविराम का अपना आह्वान दोहराया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "गाजा में होली फैमिली कैथोलिक चर्च पर हुए सैन्य हमले में हुई जान-माल की हानि और घायलों के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। मैं पैरिश समुदाय को अपनी आध्यात्मिक निकटता का आश्वासन देता हूं। मैं मृतकों की आत्माओं को सर्वशक्तिमान ईश्वर की करुणामयी दया के हवाले करता हूं, और उनके परिवारों और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। मैं तत्काल युद्धविराम की अपनी अपील दोहराता हूं। सिर्फ संवाद और सुलह ही स्थायी शांति सुनिश्चित कर सकते हैं।"


दक्षिण अफ्रीका में बढ़ रहा एमपॉक्स का प्रकोप, रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान शुरू

दक्षिण अफ्रीका में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के मामलों में वृद्धि को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा की है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता फोस्टर मोहाले ने बताया कि टीकाकरण से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है और यह गंभीर स्थिति से बचाव कर सकता है।

हाल ही में वेस्टर्न केप और गौटेंग में दो नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गौटेंग, वेस्टर्न केप और क्वाजुलु-नटाल जैसे सबसे अधिक प्रभावित प्रांतों में एमपॉक्स का टीका उपलब्ध कराने का फैसला किया है। विभाग के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत से अब तक 10 एमपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं। मई 2024 से शुरू हुए इस प्रकोप में अब तक 20 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

इन तीन प्रभावित प्रांतों के निवासी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगवा सकते हैं। मोहाले ने लोगों से अपील की कि वे एमपॉक्स के लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। जिन्हें लगता है कि वे इस बीमारी की चपेट में हैं, उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच और टीकाकरण की पात्रता की जानकारी लेनी चाहिए।

मोहाले ने बताया कि टीकाकरण में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो जिन्हें सबसे ज्यादा रिस्क है। इसमें एमपॉक्स मरीजों के संपर्क में आए लोग, एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध रखने वाले और उन देशों की यात्रा करने वाले शामिल हैं जहां एमपॉक्स के मामले ज्यादा हैं। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं और दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी जरूरत पड़ने पर टीका लगाया जाएगा।

दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग को अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) से विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से 10,500 एमपॉक्स टीके (इमवैनेक्स) की खुराक डोनेशन में मिली है। यह दान अफ्रीकी महाद्वीप में एमपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से लक्षणों जैसे बुखार, चकत्ते और मांसपेशियों में दर्द के प्रति सतर्क रहने और तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी है। यह अभियान एमपॉक्स के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

वियतनाम ने अफ्रीकी स्वाइन फीवर के प्रकोप को रोकने के लिए निर्देश जारी किया

वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह ने अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) को नियंत्रित करने के लिए मजबूत और समन्वित प्रयासों का आह्वान करते हुए एक निर्देश जारी किया है। स्थानीय दैनिक समाचार पत्र नहान दान (पीपुल) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

रिपोर्ट में कृषि एवं पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया कि 2025 की शुरुआत से देश के 34 में से 28 प्रांतों में 514 से अधिक अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) के प्रकोप हुए हैं, जिसके कारण 30 हजार से अधिक सूअरों की मौत हो गई है या उन्हें मारने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, निर्देश में स्थानीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे बीमारी के प्रकोप को जल्दी पहचानें और खत्म करें, सख्ती से पशुओं को मारें और अवैध सुअर व्यापार व शव फेंकने की गतिविधियों को रोकें, जो वायरस फैला सकते हैं।

पशु चिकित्सा एजेंसियों को किसानों का मार्गदर्शन करना चाहिए, सुरक्षित क्षेत्रों का विस्तार करना चाहिए और अफ्रीकी स्वाइन फीवर के प्रकोप की तुरंत सूचना देनी चाहिए। वहीं, मंत्रालयों को वित्त पोषण, निगरानी, तस्करी विरोधी कानून को लागू करने और अफ्रीकी स्वाइन बुखार की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम करना चाहिए।

अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) एक बहुत संक्रामक और घातक वायरल बीमारी है जो घरेलू और जंगली सुअरों को प्रभावित करती है। यह इंसानों के लिए खतरा नहीं है और न ही अन्य जानवरों को प्रभावित करती है। लेकिन, यह सुअरों में उच्च मृत्यु दर के कारण भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे व्यापार और उत्पादन में रुकावट आती है।

एएसएफ एक ऐसे वायरस के कारण होता है जो पर्यावरण के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है और विभिन्न पोर्क उत्पादों में जीवित रह सकता है।

संक्रमित सूअरों में कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनमें तेज बुखार, भूख न लगना, त्वचा पर घाव, दस्त, उल्टी, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और कुछ मामलों में अचानक मृत्यु शामिल है।

अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) की शुरुआत अफ्रीका से हुई, लेकिन यह यूरोप, एशिया और हाल ही में कैरेबियन तक फैल गया है। सुअरों की आबादी के लिए यह वैश्विक खतरा बन गया है।

अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) का कोई इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसे रोकना ही इसका मुख्य उपाय है। यह इंसानों के लिए खतरा नहीं है।

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