दुनिया की खबरें: कर छूट विधेयक को लेकर ट्रंप, मस्क में जुबानी जंग तेज और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार डील!

मस्क ने दावा किया कि वह एक नयी राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं, जबकि ट्रंप ने इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी को लेकर टेस्ला कंपनी के सीईओ पर निशाना साधा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अरबपति एलन मस्क और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच वाकयुद्ध कर छूट और खर्च में कटौती संबंधी अहम विधेयक को लेकर फिर तेज हो गया है। मस्क ने दावा किया कि वह एक नयी राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं, जबकि ट्रंप ने इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी को लेकर टेस्ला कंपनी के सीईओ पर निशाना साधा।

मस्क और ट्रंप के बीच टकराव राष्ट्रपति के अहम विधेयक को लेकर है। मस्क ने तीन दिन पहले ही विधेयक की आलोचना तेज कर दी थी और उनका तर्क था कि रिपब्लिकन सीनेटर जिस कानून को पारित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उससे नौकरियां खत्म हो जाएंगी और उभरते उद्योग ठप पड़ जाएंगे।

स्पेसएक्स कंपनी के भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मस्क ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि यह विधेयक “रिपब्लिकन पार्टी के लिए राजनीतिक आत्महत्या” के समान होगा।

सीनेट द्वारा देर रात्रि तक चर्चा किए जाने के बीच, मस्क ने सुझाव दिया कि वह अगले वर्ष विधेयक के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस सदस्यों को उनकी सीटों से हटाने के लिए काम करेंगे।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “कांग्रेस के प्रत्येक सदस्य, जिन्होंने सरकारी खर्च को कम करने के लिए अभियान चलाया और फिर तुरंत इतिहास में सबसे बड़ी ऋण वृद्धि के लिए मतदान किया, उन्हें शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए। और अगर यह इस धरती पर मेरा आखिरी काम है तो वे अगले साल अपना प्राथमिक चुनाव हार जाएंगे।”

इस पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 2.6 करोड़ बार देखा गया। कुछ घंटों बाद मस्क ने एक पोस्ट जारी कर दावा किया कि यदि विधेयक पारित हो गया तो वह एक नयी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे।

उन्होंने लिखा, “अगर यह पागलपन भरा विधेयक पारित हो जाता है, तो अगले ही दिन ‘अमेरिका पार्टी’ का गठन हो जाएगा। हमारे देश को डेमोक्रेट-रिपब्लिकन पार्टी के विकल्प की जरूरत है ताकि लोगों के पास वास्तव में आवाज हो।”

अमेरिका पार्टी के बारे में मस्क की पोस्ट को ‘एक्स’ पर 3.2 करोड़ बार देखा गया।

ट्रंप ने अपनी ओर से मस्क की आलोचनाओं में ‘ईवी’ अनिवार्यताओं और सब्सिडी पर जोर दिया। मंगलवार सुबह ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि मस्क को पता है कि वह ‘ईवी’ अनिवार्यता के खिलाफ हैं और लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

ट्रंप ने लिखा, “इतिहास में अब तक किसी भी इंसान की तुलना में एलन को सबसे अधिक सब्सिडी मिली है, और सब्सिडी के बिना, एलन को शायद अपनी दुकान बंद करनी पड़ती और दक्षिण अफ्रीका वापस लौटना पड़ता।”

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि इससे देश को कुछ लागत बचत हो सकती है।

ट्रंप ने पोस्ट किया, “अब कोई रॉकेट प्रक्षेपण, उपग्रह या इलेक्ट्रिक कार का उत्पादन नहीं होगा, और हमारा देश बहुत सारा धन बचा लेगा। शायद हमें सरकारी दक्षता विभाग से इस पर अच्छी तरह से विचार कराना चाहिए? बहुत सारा धन बचाया जा सकता है!!!”

कई घंटे बाद, फ्लोरिडा रवाना होने से पहले व्हाइट हाउस के लॉन में ट्रंप ने कहा कि उनका मानना ​​है कि ‘ईवी’ सब्सिडी खोने की आशंका से मस्क नाराज हैं।

ट्रंप ने कहा, “वह बहुत परेशान हैं। आप जानते हैं, वह इससे कहीं ज़्यादा खो सकते हैं, मैं आपको अभी बताता हूं। एलन इससे कहीं ज़्यादा खो सकते हैं।”

जून में रूस के रिकॉर्ड ड्रोन हमलों के बाद यूक्रेन ने एक रूसी संयंत्र को निशाना बनाया

यूक्रेन ने देश से लगभग 1,300 किलोमीटर दूर एक रूसी औद्योगिक संयंत्र पर ड्रोन से हमला किया है। एक स्थानीय अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हथियारों के विकास को प्राथमिकता दी है और रूस ने जून में यूक्रेन पर रिकार्ड संख्या में ड्रोन हमले किए हैं।

रूस द्वारा फरवरी 2022 में पड़ोसी देश यूक्रेन पर आक्रमण किये जाने के बाद तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध में दोनों पक्षों के बीच ड्रोन प्रौद्योगिकी को बेहतर बनाने और युद्ध के मैदान में उनका उपयोग बढ़ाने की होड़ लगी हुई है। दोनों देशों ने परिष्कृत और घातक ड्रोन तैनात किए हैं, जिससे युद्ध नये हथियारों के लिए परीक्षण का मैदान बन गया है।

यूक्रेन पर रूस की ओर से लगभग 1,000 किलोमीटर लंबे मोर्चे पर कई जगहों पर भारी दबाव है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि उसकी रक्षा अधिकांश स्थानों पर मजबूत बनी हुई है। युद्ध रुकवाने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के तहत हाल में हुई सीधी शांति वार्ता में कोई प्रगति नहीं होने के बाद रूस और यूक्रेन अपने हथियार भंडार बढ़ा रहे हैं।

‘एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा एकत्रित अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रूस ने पिछले महीने यूक्रेन पर 5,438 ड्रोन हमले किए, जो एक नया मासिक रिकॉर्ड है।

इस बीच, उदमुर्तिया क्षेत्र के प्रमुख अलेक्जेंडर ब्रेचलोव ने कहा कि यूक्रेन ने मॉस्को से लगभग 1,000 किलोमीटर पूर्व में स्थित इजेवस्क के एक औद्योगिक संयंत्र को एक ड्रोन से निशाना बनाया, जिसमें कई लोग घायल हो गए और आग लग गई। उन्होंने बताया कि संयंत्र के कर्मचारियों को निकाल लिया गया है।

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) के एक अधिकारी के अनुसार, ड्रोन ने कुपोल इलेक्ट्रोमैकेनिकल प्लांट पर हमला किया, जो रूसी सेना के लिए वायुरक्षा प्रणाली और ड्रोन का उत्पादन करता है।

अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि संयंत्र की इमारतों पर कम से कम दो प्रत्यक्ष हमले दर्ज किए गए। अधिकारी को सार्वजनिक रूप से बोलने का अधिकार नहीं था।

रूस के भीतर संयंत्रों, भंडारण स्थल और साजो-सामान केंद्रों को निशाना बनाने के लिए यूक्रेन कई महीनों से घरेलू स्तर पर बनाए गए लंबी दूरी के ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। कीव के अधिकारियों ने दावा किया कि पिछले वर्ष मई में एक यूक्रेनी ड्रोन ने रूसी शहर ओर्स्क में एक पूर्व चेतावनी रडार को निशाना बनाया था। ओर्स्क यूक्रेनी सीमा से लगभग 1,800 किलोमीटर दूर है।

जेलेंस्की ने कहा कि रूस के बढ़ते हमलों के जवाब में यूक्रेन के घरेलू ड्रोन उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने सोमवार देर रात टेलीग्राम पर कहा, “प्राथमिकता ड्रोन, इंटरसेप्टर ड्रोन और लंबी दूरी के स्ट्राइक ड्रोन की है।”

उन्होंने कहा, “यह बेहद महत्वपूर्ण है। रूस पायलट रहित क्षमता बढ़ा रहा है और वह (रूस) हमारे देश के खिलाफ हमलों में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है। हम इसके खिलाफ तैयारी कर रहे हैं।”

रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रात में कई क्षेत्रों में 60 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराये गए, जिनमें से 17 क्रिमिया, 16 रोस्तोव क्षेत्र और चार सारातोव क्षेत्र में मार गिराये गए।

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि रात में चार रूसी शाहिद ड्रोन ने दक्षिणी यूक्रेन के जेपोरिज्जिया शहर पर हमले किये, जिससे 1,600 से अधिक घरों की बिजली गुल हो गई।

यूक्रेन की वायुसेना ने मंगलवार को कहा कि रूस ने रात के समय देश पर 52 शाहिद और अन्य ड्रोन दागे।

यूक्रेन और रूस के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कीथ केलॉग ने यूक्रेन के नागरिक इलाक़ों पर हमले जारी रखने के लिए रूस की आलोचना की।

केलॉग ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हम तत्काल युद्धविराम और त्रिपक्षीय वार्ता शुरू करने का आग्रह करते हैं, ताकि युद्ध समाप्त हो सके।”

यूक्रेन अपने रक्षा उद्योग को विकसित कर रहा है, जबकि यह अनिश्चितता बनी हुई है कि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन को जरूरी सैन्य सहायता जारी रखेगा या नहीं।

जर्मनी के कील इंस्टीट्यूट के अनुसार, मार्च और अप्रैल के बीच अमेरिका ने यूक्रेन को कोई नयी मदद नहीं दी। कील इंस्टीट्यूट की इस सहायता पर नजर है।


फोन कॉल लीक मामला : थाईलैंड की अदालत ने प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनवात्रा को निलंबित किया

थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने कंबोडिया के एक पूर्व नेता के साथ फोन पर हुई बातचीत के लीक होने के मामले में प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनवात्रा को जांच लंबित रहने तक पद से निलंबित कर दिया है।

न्यायाधीशों ने नैतिकता के उल्लंघन के आरोप वाली याचिका पर सर्वसम्मति से विचार किया और पेटोंगटार्न को प्रधानमंत्री पद से निलंबित करने के पक्ष में दो के मुकाबले सात मतों से मतदान किया।

अदालत ने पेटोंगटार्न को अपने बचाव में सबूत पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया।

पेटोंगटार्न को कंबोडिया के साथ हालिया सीमा विवाद से निपटने के तरीके को लेकर बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। इसमें 28 मई को हुआ सशस्त्र टकराव शामिल है, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था।

सीमा विवाद के समाधान के लिए कूटनीतिक पहल के दौरान कंबोडियाई सीनेट (संसद का उच्च सदन) के अध्यक्ष हुन सेन के साथ फोन पर हुई बातचीत के लीक होने के बाद पेटोंगटार्न को न सिर्फ लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उनके खिलाफ कई शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं।

अदालत के आदेश के बाद पेटोंगटार्न ने कहा कि वह इसे स्वीकार करते हुए अपने बचाव के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगी, क्योंकि देश की रक्षा और शांति बनाए रखने के अलावा उनका कोई अन्य इरादा नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सिर्फ यही सोचा कि मुसीबत से बचने के लिए क्या करना चाहिए, सशस्त्र टकराव से बचने के लिए क्या करना चाहिए, सैनिकों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। अगर मैंने उस नेता से कुछ ऐसा कहा होता, जिसके नकारात्मक परिणाम हो सकते थे, तो मैं उसे कभी स्वीकार नहीं करती।’’

पेटोंगटार्न ने अपने समर्थकों का आभार जताया और फोन कॉल लीक मामले से नाराज लोगों से माफी मांगी।

उपप्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुंगरुंगकिट के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने की संभावना है। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

पाकिस्तान, भारत ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया

पाकिस्तान और भारत ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का मंगलवार को आदान-प्रदान किया तथा इसके तहत इस्लामाबाद ने 193 मछुआरों सहित 246 भारतीय या भारतीय माने जाने वाले कैदियों के नाम सौंपे।

विदेश कार्यालय के एक बयान के अनुसार, 2008 के राजनयिक सहायता समझौते के तहत दोनों देशों को प्रत्येक वर्ष एक जनवरी और एक जुलाई को एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची साझा करनी होती है।

विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को 246 भारतीय या भारतीय माने जाने वाले कैदियों की सूची सौंपी है।

विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘आज पाकिस्तान और भारत ने राजनयिक माध्यमों से एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया।’’

इसके साथ ही, भारत ने नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक राजनयिक को 463 पाकिस्तानी या पाकिस्तानी माने जाने वाले कैदियों की सूची साझा की। इनमें 81 मछुआरे भी शामिल हैं।

पाकिस्तान ने उन सभी पाकिस्तानी कैदियों और मछुआरों की तत्काल रिहाई और स्वदेश वापस भेजे जाने की मांग की है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो चुकी है।

विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘दिव्यांग और मानसिक रोगों से पीड़ित कैदियों सहित पाकिस्तानी माने जाने वाले सभी कैदियों के लिए विशेष राजनयिक सहायता का अनुरोध किया गया है, ताकि उनकी राष्ट्रीयता की शीघ्र पुष्टि हो सके।’’

उसने कहा, ‘‘भारत से उसकी जेलों में बंद सभी पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया है।’’


भारत-अमेरिका के बीच इस सप्ताह अंतरिम व्यापार समझौता होने की संभावना : रिपोर्ट

भारत और अमेरिका इस सप्ताह एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित भारतीय निर्यात पर टैरिफ वृद्धि से बचने में मदद कर सकता है।

भारत की ओर से विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक वार्ताकार टीम वॉशिंगटन में उच्च स्तरीय बातचीत में जुटी है, ताकि इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार या बुधवार को वॉशिंगटन में एक बैठक के दौरान अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से द्विपक्षीय चर्चा कर सकते हैं।

यह अंतरिम समझौता एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के वार्ताकार 9 जुलाई की समय सीमा से पहले इसे अंतिम रूप देना चाहते हैं। यह वही समय सीमा है, जो राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने से पहले 90 दिनों की मोहलत के तौर पर तय की थी।

हालांकि, व्यापक व्यापार समझौते पर वार्ता सितंबर-अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है।

अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भारत में व्यापक बाजार पहुंच चाहता है, जबकि भारत के लिए यह मुद्दा छोटे किसानों की आजीविका से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह एक संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है।

भारत कुछ कृषि उत्पादों जैसे बादाम के आयात की अनुमति दे सकता है, जो पहले से ही देश में आ रहे हैं। इसके बदले में भारत समुद्री उत्पादों (झींगा, मछली), मसाले, कॉफी और रबर जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी बाजार तक बेहतर पहुंच की मांग कर सकता है, जहां भारतीय निर्यातक वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी हैं, लेकिन अमेरिकी टैरिफ की बाधा का सामना करते हैं।

भारत ने पहले ही अमेरिका से तेल और गैस की खरीद बढ़ा दी है ताकि व्यापार अधिशेष में संतुलन लाया जा सके। साथ ही, भारत ने अमेरिकी टैरिफ में छूट के बदले अपने आयात शुल्क में औसतन 13 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत तक कमी का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुए एफटीए जैसा ही है।

भारत स्टील, एल्युमीनियम, ऑटो पार्ट्स और दवाइयों जैसे औद्योगिक उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच चाहता है। हाल ही में अमेरिका ने इन उत्पादों पर सुरक्षा शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था, जिससे भारतीय निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ा है। भारत ने इस मुद्दे को डब्ल्यूटीओ में उठाया है, लेकिन इसे द्विपक्षीय समझौते के जरिए सुलझाने की भी कोशिश जारी है।

साल 2024 में भारत-अमेरिका के बीच व्यापार 129 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष 45.7 अरब डॉलर रहा। इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘मिशन 500’ की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।