दुनिया की खबरें: गाजा में भुखमरी की सबसे बुरी स्थिति उत्पन्न हो रही है और बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों पर हमला
गाजा से कुपोषित बच्चों की तस्वीरें सामने आने और वहां भुखमरी से जुड़ी घटनाओं की खबरों के बीच ‘इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन’ (आईपीसी) ने मंगलवार को यह बयान दिया।

खाद्य संकटों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण ने कहा कि ‘‘ इस समय गाजा पट्टी में भुखमरी की सबसे खराब स्थिति उत्पन्न हो रही है’’ और यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो इससे ‘‘ बड़ी संख्या में लोगों के जान गंवाने की आशंका है।’’
गाजा से कुपोषित बच्चों की तस्वीरें सामने आने और वहां भुखमरी से जुड़ी घटनाओं की खबरों के बीच ‘इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन’ (आईपीसी) ने मंगलवार को यह बयान दिया।
आईपीसी ने कहा कि यह चेतावनी एक खतरे की घंटी है.. लेकिन यह अकाल की औपचारिक घोषणा नहीं है। हालांकि इजराइल द्वारा सख्त नाकेबंदी जैसी हाल की कार्रवाईयों के कारण स्थिति बेहद खराब हो गई है।
इजराइल ने हाल के दिनों में गाजा में खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई नये कदमों की घोषणा की है। हालांकि सहायता समूहों का कहना है कि इन उपायों का तत्काल कोई खास असर नहीं हुआ है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों पर हमला, मानवाधिकार संगठन ने जताई चिंता
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को लेकर ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज (एचआरसीबीएम) ने गंभीर चिंता जताई है। संगठन के अनुसार, रंगपुर जिले के गंगाचरा उपजिला स्थित अलदादपुर गांव में 27 और 28 जुलाई को उग्र भीड़ ने कम से कम 21 हिंदू परिवारों के घरों पर हमला किया, लूटपाट की और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
मानवाधिकार संगठन ने बताया कि एक 17 वर्षीय हिंदू लड़के ने कथित रूप से इस्लाम के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट किया था, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। हालांकि, इसके बाद भीड़ ने पूरे इलाके में उत्पात मचाया।
एचआरसीबीएम के बयान में कहा गया, "यह महज गुस्से की भावना नहीं थी, बल्कि यह एक संगठित हमला था जो लूटपाट, भय और विस्थापन की भावना से प्रेरित था।"
स्थानीय लोगों के अनुसार, हिंसा के दौरान 14 से 21 घरों पर हमला हुआ। पीड़ितों ने बताया कि पुलिस या तो देर से पहुंची या फिर हालात को संभालने में असमर्थ रही।
एक स्थानीय किसान कमलकांत रॉय ने बताया, "मैं पूरी रात नहीं सो पाया। सुबह होते ही हम चावल, बिस्तर, बकरी और जो कुछ भी था, समेटकर गांव छोड़ने को मजबूर हो गए। हमें नहीं पता कि लौटने पर घर मिलेगा भी या नहीं।"
पुलिस के अनुसार, 14 घरों पर हमला हुआ, जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि और निवासी दावा कर रहे हैं कि कम से कम 21 घरों में लूटपाट हुई और कई मवेशियों को या तो चुराया गया या फिर बेचा गया।
रविवार को दोपहर की नमाज के बाद खीलालगंज बाज़ार के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और हिंदू बहुल क्षेत्र की ओर मार्च किया। भीड़ ने धार्मिक नारे लगाते हुए हमला किया, कीमती सामान लूटे और लोगों को डराया।
स्थानीय यूनियन सदस्य परेश चंद्रा के अनुसार, "यह कोई अचानक हुआ हमला नहीं था। यह एक सोची-समझी कार्रवाई थी। इन परिवारों को निशाना बनाया गया, उनके घर खाली करवा दिए गए और उनकी सुरक्षा की भावना को तोड़ दिया गया।"
घटना के बाद क्षेत्र में पुलिस और सेना की तैनाती की गई है। हिंसा रोकने की कोशिश के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया।
रूस के हमलों में यूक्रेन में 22 लोगों की मौत
रूस ने सोमवार रात को यूक्रेन की एक जेल और एक चिकित्सा केंद्र समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हमले किये, जिसमें कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई। प्राधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को धमकी दी थी कि अगर वह नहीं रुका, तो उस पर जल्द ही प्रतिबंध और शुल्क लगाए जाएंगे, हालांकि इसके बावजूद रूस की तरफ से हमले जारी हैं।
यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि रूस ने रातभर यूक्रेन पर दो बैलिस्टिक मिसाइलें, 37 ड्रोन दागे। उसने बताया कि 32 ड्रोन को मार गिराया।
अधिकारियों ने बताया कि रूस ने यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी जापोरिजिया क्षेत्र में एक जेल को निशाना बनाकर विमान से चार शक्तिशाली बम गिराए, जिसमें कम से कम 17 कैदियों की मौत हो गई और 80 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए।
यूक्रेन की ‘स्टेट क्रिमिनल एग्जीक्यूटिव सर्विस’ के अनुसार यह हमला सोमवार देर रात किया गया जिसमें चार बम गिराकर ‘बिलेनकिवस्का करेक्शनल कॉलोनी’ को निशाना बनाया गया।
प्राधिकारियों ने बताया कि कम से कम 42 कैदियों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा 40 अन्य लोगों को अन्य तरह की चोटें आई हैं।
इसके अलावा ड्नीप्रो क्षेत्र के कामियान्सके शहर को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमले किए गए जिससे तीन मंजिला इमारत का हिस्सा नष्ट हो गया और शहर के एक प्रसूति अस्पताल और एक अन्य अस्पताल का वार्ड समेत पास की चिकित्सा सुविधाओं को नुकसान पहुंचा।
अधिकारियों ने बताया कि चार लोगों की मौत हो गई और एक गर्भवती महिला समेत आठ लोग घायल हो गए।
रूस के अन्य हमले में सिनेलेन्यीकीवस्की जिले की बस्तियों को ड्रोन और हवाई बमों से निशाना बनाया गया, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि देशभर में 73 शहरों, कस्बों और गांवों पर रूस की ओर से किए गए हमलों में 22 लोग मारे गए हैं। जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर कहा, ‘‘यह दुर्घटनावश नहीं हुआ, ये हमले जानबूझकर, साजिश के तहत किए गए।’’
यूक्रेन ने रूसी हमलों का जवाब देने के लिए अपनी लंबी दूरी की ड्रोन तकनीक विकसित की है, जिसके जरिए वह तेल भंडार, हथियार संयंत्रों पर हमला कर रहा है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि रातभर विभिन्न क्षेत्रों में यूक्रेन के 74 ड्रोन मार गिराए।
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध रोकने के लिए अब सिर्फ 10 से 12 दिन का वक्त दे रहे हैं। इससे पहले उन्होंने पुतिन को 50 दिन की समयसीमा दी थी।
ट्रंप ने 14 जुलाई को कहा था कि अगर सितंबर की शुरुआत तक शांति समझौता नहीं होता तो वह रूस पर अत्यधिक शुल्क लगाएंगे लेकिन सोमवार को ट्रंप ने कहा कि अब वह पुतिन को सिर्फ 10 से 12 दिन का वक्त दे रहे हैं, यानी वह चाहते हैं कि सात से नौ अगस्त तक शांति के प्रयासों में ठोस प्रगति हो।
ट्रंप के इस कदम के तहत रूस के व्यापारिक साझेदारों पर भी प्रतिबंध और अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के आसार हैं। ट्रंप ने कहा कि इसकी औपचारिक घोषणा बाद में की जाएगी।
समय सीमा घटाने को लेकर ट्रंप ने कहा, ‘‘इंतजार की कोई ठोस वजह नहीं है। हमें कोई प्रगति होती नहीं दिख रही।’’
स्कॉटलैंड की यात्रा के दौरान ट्रंप ने कहा कि पुतिन को ‘‘समझौता करना होगा। काफी संख्या में लोग मर रहे हैं।’’
पलटवार करते हुए पुतिन के एक शीर्ष सहयोगी ने ट्रंप को रूस के साथ ये ‘‘समयसीमा का खेल’’ खेलने को लेकर चेतावनी दी।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति एवं देश की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रूस न तो इजराइल है और न ही ईरान।’’
मेदवेदेव ने कहा, ‘‘हर नयी समयसीमा एक धमकी है और युद्ध की ओर एक कदम है।...’’
चीन में भारी बारिश का कहर, 38 लोगों की मौत, ट्रेन सेवाएं प्रभावित
चीन में मूसलाधार बारिश ने भीषण तबाही मचाई है, जिसमें अब तक कम से कम 38 लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
इन 38 मृतकों में से अकेले बीजिंग में 30 लोगों की मौत हुई है, जबकि हेबेई प्रांत में भूस्खलन की चपेट में आने से 8 लोगों की जान चली गई।
मंगलवार को बारिश की रफ्तार कम होने की वजह से रेड अलर्ट को वापस ले लिया गया। हालांकि, मौसम विभाग ने दोपहर और शाम के समय फिर से बारिश की संभावना जताई है। साथ ही, बीजिंग में अब भी बाढ़ नियंत्रण के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया का उच्चतम स्तर लागू है।
मेंटौगौ जिले में मंगलवार सुबह 8 बजे तक 15,195 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि यहां के सभी 19 प्रमुख पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया है।
पिंगगू जिले में 12,800 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। यहां 40 आपातकालीन शेल्टर बनाए गए हैं, जिनमें स्कूल, जिम, होटल और पंचायत भवन शामिल हैं। इस जिले में बाढ़ प्रबंधन के लिए 1,073 कर्मियों की 34 टीमें तैनात की गई हैं।
बीजिंग के मौसम विज्ञान ब्यूरो के अनुसार, सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार सुबह 10 बजे तक राजधानी में औसतन 72.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि फांगशान जिले के यानकुन स्टेशन पर सबसे अधिक 196.5 मिमी बारिश हुई।
बीजिंग में हुई 30 मौतों में से 28 लोग मीयुन जिले में और 2 लोग यानछिंग जिले में मारे गए। वहीं, हेबेई प्रांत के लुआनपिंग काउंटी में भूस्खलन के कारण 8 लोगों की जान गई, जबकि 4 लोग अभी भी लापता हैं। प्रशासन ने प्रभावित गांव के सभी निवासियों को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।
तटीय तिआनजिन नगरपालिका के जिझोउ जिले में 10,500 से अधिक लोगों को हटाया गया है। यहां जुहे नदी के किनारे बसे 13 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया।
बारिश के कारण कई रेल मार्गों पर भी असर पड़ा है। मंगलवार को बीजिंग-हार्बिन हाई-स्पीड रेलवे की कुछ ट्रेनों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया, जबकि बीजिंग और इनर मंगोलिया के बाओटोउ शहर को जोड़ने वाली कई ट्रेनों को रोक दिया गया या मार्ग परिवर्तित कर दिया गया।
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