विश्व शरणार्थी दिवस: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट, 2017 में 6.85 करोड़ लोग हुए विस्थापित

20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है ताकि शरणार्थियों को सम्मान दिया जाए और सरकारों को उनके लिए मिलकर काम करने की याद दिलाई जाए। इस मौके पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए यूएनएचसीआर ने कहा कि विस्थापन से विकासशील देश जबर्दस्त ढंग से प्रभावित हो रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

आईएएनएस

दुनिया भर में युद्ध, अन्य हिंसाओं और अत्याचार के कारण विस्थापन के लिए मजबूर हुए लोगों की संख्या 2017 में एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। 2017 में 6.85 करोड़ लोग विस्थापन को मजबूर हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 29 लाख ज्यादा थे। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने कहा, "इसमें लगातार पांचवें साल वृद्धि दर्ज की गई और साथ ही यह तब की सबसे ज्यादा संख्या वाला वर्ष है।"

एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया, "इस विस्थापन का नेतृत्व डेमोक्रेटिक रीपब्लिक ऑफ द कांगो, दक्षिणी सूडान के युद्ध और म्यांमार के हजारों की संख्या में बांग्लादेश भागे रोहिंग्या शरणार्थियों ने किया।"

यूएनएचसीआर ने कहा, "इससे विकासशील देश जबर्दस्त ढंग से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।" उन्होंने कहा कि शरणार्थियों पर नया वैश्विक समझौता महत्वपूर्ण था जब उन्होंने वार्षिक रिपोर्ट जारी की थी।

यह रिपोर्ट विश्व शरणार्थी दिवस की शाम को जारी की गई। यह दिवस 20 जून को मनाया जाता है ताकि शरणार्थियों को सम्मान दिया जाए और सरकारों को उनके लिए मिलकर काम करने की याद दिलाई जाए।

यूएनएचसीआर ने अपनी सालाना ग्लोबल ट्रेंडस रिपोर्ट में कहा कि 2017 के अंत तक 6.85 करोड़ लोग विस्थापित हुए थे। संकट और अत्याचार के कारण अपना देश छोड़कर भागने वाले शरणार्थियों की संख्या कुल 2.54 करोड़ थी। इस मामले में म्यांमार के रोहिंग्या समुदाय का लगातार अपने देश से निकाला जाना हाल के सालों में काफी चर्चा में रहा है।

2017 के दौरान 1.62 करोड़ लोग विस्थापित हुए थे, यह या तो पहली बार या फिर बार-बार विस्थापन का शिकार हुए। यह लोगों की एक बड़ी संख्या को दर्शाता है और इससे हर दिन करीब 44,500 लोगों के विस्थापित होने का संकेत मिलता है।

रिपोर्ट में कहा गया, "संक्षेप में, दुनिया भर में विस्थापन के लिए मजबूर हुए लोगों की संख्या थाईलैंड की आबादी के समान है। सभी देशों में, हर 110 व्यक्तियों में से एक विस्थापित होता है।"

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 20 Jun 2018, 8:17 AM