दुनियाः मॉस्को में स्कूटर में धमाका, सीनियर रूसी जनरल की मौत और जॉर्जिया के रेस्त्रां में 11 भारतीयों की मौत

गाजा में इजराइली हमले में एक ही परिवार के आठ लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वह यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात कर 'नरसंहार' को रुकवाने की कोशिश करेंगे।

मॉस्को में स्कूटर में धमाका, सीनियर रूसी जनरल की मौत
मॉस्को में स्कूटर में धमाका, सीनियर रूसी जनरल की मौत
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नवजीवन डेस्क

मॉस्को में स्कूटर में धमाके में सीनियर रूसी जनरल की मौत

रूस के रेडिएशन, केमिकल और बायोलॉजिकल सुरक्षा बलों के प्रमुख इगोर किरिलोव की मॉस्को में एक विस्फोट में मृत्यु हो गई। कीव पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 17 दिसंबर को मास्को में हुए विस्फोट में किरिलोव के साथ ही उनके सहायक की भी विस्फोट में मौत हो गई। विस्फोट सुबह 6 बजे के आसपास रियाजान्स्की प्रॉस्पेक्ट पर हुआ, जब किरिलोव और उनके सहायक एक घर के एंट्री गेट से बाहर निकल रहे थे। बताया जा रहा है कि घर के पास सड़क पर खड़े एक स्कूटर पर या उसके अंदर विस्फोटक उपकरण लगाया गया था। विस्फोट से पास के अपार्टमेंट बिल्डिंग की पहली तीन मंजिलों की खिड़कियां टूट गईं। जनरल की आधिकारिक कार को भी नुकसान पहुंचा।

स्पूतनिक इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी जांच समिति ने टेलीग्राम पर लिखे एक बयान में किरिलोव और उनके सहायक की मौत की पुष्टि की। रूस के संसद के ऊपरी सदन के उपाध्यक्ष कोंस्टेंटिन कोसाचेव ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव की मृत्यु एक अपूरणीय क्षति है, उनके हत्यारों को दंडित किया जाएगा। कोसाचेव ने टेलीग्राम पर लिखा, "यह सदमा है। एक अपूरणीय क्षति। अमर स्मृति। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना। हत्यारों को दंडित किया जाएगा। बिना किसी संदेह और बिना किसी दया के।"

रूसी सांसद एलेक्सी जुरावलोव ने स्पुतनिक से बातचीत में आरोप लगाया कि किरिलोव की हत्या के पीछे यूक्रेन है। उन्होंने कहा, "लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव की हत्या की योजना और उसे अंजाम देने के पीछे यूक्रेनी स्पेशल सर्विस हो सकती है।" जुरावलोव ने कहा, "मुझे लगता है कि शायद ही किसी को संदेह होगा कि जनरल किरिलोव की हत्या की योजना यूक्रेनी स्पेशल सर्विस ने बनाया और उसे अंजाम भी दिया। वो इस पर गर्व करते हैं, और सबसे भयानक बात यह है कि वे पश्चिम में आतंकवाद को प्रोत्साहित करते हैं।"

जॉर्जिया के रेस्त्रां में काम करने वाले 11 भारतीयों की मौत

यूरोपीय देश जॉर्जिया में एक भारतीय रेस्त्रां में काम करने वाले 11 भारतीय लोगों की मौत हो गई है। प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया है कि यह मौत संभवतः कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के कारण हुई हैं। इन मौतों पर जॉर्जिया स्थित भारतीय दूतावास ने दुख जताया है। सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जारी एक प्रेस वक्तव्य में जॉर्जिया स्थित भारतीय दूतावास ने लिखा, "त्बिलिसी स्थित भारतीय दूतावास जॉर्जिया के शहर गुडौरी में 11 भारतीय नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में जानकर दुखी है। हम उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।" प्रेस वक्तव्य में कहा गया, "दूतावास स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि शवों को शीघ्र भारत भेजा जा सके। हम शोक में डूबे परिवारों के संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

गुडौरी स्थित एक भारतीय रेस्त्रां में भारतीय नागरिकों की मौत की जांच जॉर्जिया के आंतरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा की जा रही है। 14 दिसंबर को जॉर्जिया के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "गुडौरी में हुई दुर्घटना के संबंध में आंतरिक मामलों के मंत्रालय के मत्सखेता मटियानेटी पुलिस विभाग के कर्मचारियों ने जॉर्जिया के आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 116 के तहत जांच शुरू की है। इसमें लापरवाही के कारण हत्या का आरोप लगाया गया है।" बयान में कहा गया है कि रेस्ट एरिया में उसी रेस्त्रां में काम करने वाले 12 लोगों के शव मिले। प्रारंभिक जांच में शरीर पर किसी तरह की चोट या किसी अन्य प्रकार के निशान नहीं पाए गए।

प्रारंभिक जांच के अनुसार, बेडरूम के पास बंद जगह में एक बिजली जनरेटर रखा हुआ था, जिसे कल शायद बिजली आपूर्ति बंद होने के बाद चालू किया गया था।" बयान में आगे कहा गया कि 12 मृतकों में से 11 व्यक्ति भारतीय हैं और 1 व्यक्ति जॉर्जिया का रहने वाला था। जॉर्जिया के गृह मंत्रालय ने कहा, "इस तथ्य के संबंध में, जांच कार्रवाई सक्रिय रूप से की जा रही है, फोरेंसिक एक्सपर्ट और पुलिस अधिकारी मौके पर जांच कर रहे हैं। मामले से संबंधित व्यक्तियों के पूछताछ की जा रही है। मौत का सही कारण जानने के लिए स्थानीय पुलिस बल सक्रियता के साथ काम कर रही है।


गाजा में इजराइली हमले में एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत

गाजा में इजराइली हमले में एक ही परिवार के कम से कम आठ लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे। फलस्तीनी चिकित्सा कर्मियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय की एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवा के अनुसार, सोमवार देर रात गाजा शहर के मध्य पड़ोसी नगर दाराज में एक घर पर हमला किया गया। बचावकर्मियों ने मलबे के नीचे से दो महिलाओं और चार बच्चों सहित आठ लोगों के शव बरामद किए। एसोसिएटेड प्रेस को मिली हताहतों की सूची के अनुसार, मलबे से बरामद शवों में एक पिता और उसके तीन बच्चे तथा बच्चों की दादी शामिल हैं। इस हमले पर इजराइली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 14 महीनों में गाजा में इजराइली बमबारी और आक्रमण में 45,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। मंत्रालय के आंकड़ों में लड़ाकों और असैन्य नागरिकों के बीच अंतर नहीं किया गया है, लेकिन उसका कहना है कि मृतकों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे थे। इजराइल ने यह अभियान हमास द्वारा 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल पर किये गए हमले के प्रतिशोध में शुरू किया था, जिसमें आतंकवादियों ने लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 250 अन्य का अपहरण कर लिया था, जिनमें से लगभग 100 लोग अब भी कैद में हैं।

जेलेंस्की और पुतिन से 'नरसंहार' रुकवाने के लिए बात करेंगे ट्रंप

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लगभग तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए बात करेंगे। ट्रंप के मुताबिक वो इस 'नरसंहार' को रुकवाने की कोशिश करेंगे। जनवरी में ट्रंप के व्हाइट हाउस में प्रवेश से पहले ही दोनों पक्षों में जंग में बढ़त हासिल करने की होड़ लगी है। हालांकि अमेरिका से समर्थन प्राप्त करने वाले देश यूक्रेन को इस बात की भी चिंता है कि उसे क्षेत्र की शांति के बदले कुछ रियायतें देने को मजबूर होना पड़ सकता है। दरअसल ट्रंप, जो बाइडेन प्रशासन द्वारा मास्को के खिलाफ कीव को प्रदान की गई अरबों डॉलर की सहायता को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं।

दोनों देश के राष्ट्रपतियों से बात कर नरसंहार को रोकने की बात डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। ट्रंप ने कहा, "हम राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे साथ ही हम जेलेंस्की और यूक्रेन के प्रतिनिधियों से भी बात करेंगे।" उन्होंने युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, "हमें इसे रोकना होगा, यह नरसंहार है।" टिप्पणी ऐसे समय में की गई है जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में अपनी सेना के आगे बढ़ते रहने के कदम की सराहना करते हुए कहा था कि ये वर्ष "ऐतिहासिक" रहा। बता दें कि ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि वह संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने पर काम करेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह ऐसा कैसे करेंगे।


जेलेंस्की का दावा- रूसियों ने जलाया उत्तर कोरियाई सैनिक का शव

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंकी ने एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि इसमें एक रूसी सैनिक यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिक के शव को आग लगा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य रूस के साथ लड़ रहे उत्तर कोरियाई सैनिकों की उपस्थिति को छिपाना है। जेलेंस्की ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो में यह दावा किया। इसमें आंशिक रूप से जलती हुई लाश दिखाई दे रही थी। इसका अंग्रेजी सबटाइटल था, "रूसी, उत्तर कोरियाई सैनिकों के मरने के बाद भी उनके चेहरे छिपाने की कोशिश करते हैं।" 30 सेकंड के वीडियो में एक संदिग्ध उत्तर कोरियाई सैनिक का क्लोज-अप और अन्य फुटेज भी शामिल है, जिसमें एक एशियाई सैनिक कैमरे के सामने 'नहीं, नहीं' कह रहा है, जबकि बैकग्राउंड में एक अन्य व्यक्ति कह रहा है, "उसे मास्क लगाने के लिए कहो। मास्क लगाओ।"

जेलेंस्की ने उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात करने और उनकी उपस्थिति को छिपाने का प्रयास करने के लिए रूसी सेना की निंदा की, उन्होंने कहा कि मास्को को इस तरह के 'अनादर के प्रदर्शन' के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "रूस न केवल यूक्रेनी ठिकानों पर हमला करने के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों को भेजता है, बल्कि इन लोगों के नुकसान को छिपाने की भी कोशिश करता है। और अब, हमारे योद्धाओं के साथ पहली लड़ाई के बाद, रूसी कोशिश कर रहे हैं... युद्ध में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों के चेहरे को सचमुच जलाने की।"

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग के बीच सामने आया है। शनिवार को, यूक्रेन के रक्षा खुफिया अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेनी बलों के खिलाफ संयुक्त इकाइयों में लड़ते हुए लगभग 200 रूसी और उत्तर कोरियाई सैनिकों के मारे जाने का अनुमान है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया को 'काफी' सैनिकों का नुकसान हुआ है। यह पहली बार है जब वाशिंगटन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के दौरान उत्तर कोरियाई लोगों की सार्वजनिक रूप से पुष्टि की है।

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