दुनियाः ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर अधिक शुल्क की दी चेतावनी और बांग्लादेश में उल्फा नेता बरुआ की मौत की सजा रद्द

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के प्रशासन ने एच-1बी वीजा के नियमों में ढील दी है, जिससे हजारों भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को फायदा होगा। वर्ल्ड फूड कार्यक्रम ने कहा कि सूडान में बढ़ती लड़ाई के कारण अकालग्रस्त क्षेत्रों तक मानवीय मदद नहीं पहुंच पा रही है।

ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर अधिक शुल्क  की दी चेतावनी और बांग्लादेश में उल्फा नेता बरुआ की मौत की सजा रद्द
ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर अधिक शुल्क की दी चेतावनी और बांग्लादेश में उल्फा नेता बरुआ की मौत की सजा रद्द
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नवजीवन डेस्क

ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर अधिक शुल्क लगाने की दी चेतावनी

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका के कुछ उत्पादों पर काफी ज्यादा शुल्क लगाता है और उन्होंने एक बार फिर इसके बदले में भारतीय उत्पादों पर इसी तरह ज्यादा शुल्क लगाने की बात कही है। ट्रंप ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘आम तौर पर देखा जाता है कि अगर वे हम पर शुल्क लगाते हैं तो हम भी उन पर उतना ही शुल्क लगाते हैं। लगभग सभी मामलों में वे हम पर शुल्क लगा रहे हैं, जबकि हम उन पर शुल्क नहीं लगा रहे हैं।’’ उन्होंने चीन के साथ संभावित व्यापार समझौते पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। ट्रंप ने कहा कि भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं जो कुछ अमेरिकी उत्पादों पर काफी ज्यादा शुल्क लगाते हैं।

ट्रम्प ने मार-ए-लागो में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर भारत हमसे 100 प्रतिशत शुल्क लेता है, तो क्या हम उससे बदले में कुछ नहीं लेंगे? आप वाकिफ हैं, वे साइकिल भेजते हैं और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं। वे हमसे 100 और 200 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। भारत बहुत ज्यादा शुल्क लेता है। ब्राजील भी बहुत ज्यादा शुल्क लेता है। अगर वे हमसे शुल्क लेना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन हम उनसे इसी तरह ज्यादा शुल्क लेंगे।’’ आगामी ट्रंप प्रशासन के लिए नामित वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि जो जैसा करता है उसके साथ भी वैसा ही करना, ट्रंप प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण विषय होने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आप हमारे साथ जैसा व्यवहार करते हैं, आपको उसी तरह से व्यवहार की उम्मीद करनी चाहिए।’’

बांग्लादेश में उल्फा नेता परेश बरुआ की मौत की सजा उम्रकैद में बदली

बांग्लादेश के एक उच्च न्यायालय ने बुधवार को उल्फा नेता परेश बरुआ की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया तथा पूर्वोत्तर भारत में अलगाववादी संगठन को हथियारों की तस्करी के प्रयास के 2004 के एक मामले में एक पूर्व कनिष्ठ मंत्री और पांच अन्य को बरी कर दिया। अप्रैल 2004 में चटगांव के रास्ते उत्तर-पूर्वी भारत में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के ठिकानों तक सुरक्षित तरीके से हथियार पहुंचाने के कुछ ‘‘प्रभावशाली पक्षों’’ के कथित प्रयासों के बावजूद कुल 10 ट्रक हथियार जब्त किए गए थे। जब्त हथियारों में 27,000 से अधिक ग्रेनेड, 150 रॉकेट लॉन्चर, 11 लाख से अधिक गोला-बारूद, 1,100 सब मशीन गन और 1.14 करोड़ कारतूस शामिल थे।

एक सरकारी वकील ने बताया कि उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने उल्फा नेता परेश बरुआ की अनुपस्थिति में उसे सुनाई गई मौत की सजा को कम कर आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया। माना जा रहा है कि वह इस समय चीन में है। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति मुस्तफा जमान इस्लाम और न्यायमूर्ति नसरीन अख्तर की उच्च न्यायालय की पीठ ने पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर और छह अन्य को बरी कर दिया, जिन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गयी थी।

फांसी की सजा से बचने वाले पांच अन्य लोगों में पूर्व महानिदेशक, सैन्य खुफिया बल (डीजीएफआई) के सेवानिवृत्त मेजर जनरल रज्जाकुल हैदर चौधरी, सरकारी उर्वरक संयंत्र (सीयूएफएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक मोहसिन तालुकदार, इसके महाप्रबंधक इनामुल हक, उद्योग मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव नूरुल अमीन और जमात-ए-इस्लामी नेता मोतीउर रहमान निजामी शामिल हैं। कहा जाता है कि संयंत्र स्थल का उपयोग उल्फा के लिए हथियारों के परिवहन के वास्ते किया जाता था।


बाइडन प्रशासन ने दी एच-1बी वीजा नियमों में ढील

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने एच-1बी वीजा के नियमों में ढील दी है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों के लिए विशेष कौशल वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करना आसान हो जाएगा और एफ-1 छात्र वीजा को आसानी से एच-1बी वीजा में तब्दील किया जा सकेगा। इस कदम से हजारों भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को फायदा होने की संभावना है। सबसे अधिक मांग वाला एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति मिलती है, जिनमें व्यावसायिक या प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर रहती हैं। मंगलवार को होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) द्वारा घोषित इस नियम का उद्देश्य विशेष पदों और गैर-लाभकारी व सरकारी अनुसंधान संगठनों के लिए परिभाषा और मानदंडों को आधुनिक बनाकर नियोक्ताओं तथा श्रमिकों को अधिक सुविधा प्रदान करना है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन बदलावों से अमेरिकी नियोक्ताओं को अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार नियुक्तियां करने और वैश्विक बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी। डीएचएस के अनुसार, इस नियम में एफ-1 वीजाधारक छात्रों के लिए कुछ सुविधा का भी प्रावधान है, जो अपने वीजा को एच-1बी में बदलना चाहते हैं।

सूडान में बढ़ती लड़ाई के कारण नहीं पहुंच पा रही मानवीय सहायता

वर्ल्ड फूड कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कहा कि सूडान में बढ़ती लड़ाई के कारण अकालग्रस्त क्षेत्रों तक मानवीय मदद नहीं पहुंच पा रही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने डब्ल्यूएफपी के बयान का हवाला देते हुए बताया, "उत्तरी कोर्डोफन के उम राववाबा में लड़ाई की वजह से काफिला उत्तर और दक्षिण कोर्डोफन के अकाल के जोखिम वाले क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाया, जिसमें कडुगली और डिलिंग भी शामिल हैं।" इसमें कहा गया है कि ट्रकों को सुरक्षित स्थान पर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। स्थिति अनुकूल होने पर ट्रक कों दक्षिण कोर्डोफन और ब्लू नाइल राज्य के अन्य सुगम्य क्षेत्रों में भेजे जाएगा। डब्ल्यूएफपी ने कहा कि हाल के हफ्तों में लड़ाई और भीषण गोलाबारी के कारण उपलब्ध कॉरिडोर भी अधिक खतरनाक हो गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र संगठन ने बताया कि अक्टूबर में इसने देश भर में 2.8 मिलियन लोगों को भोजन, नकद और पोषण संबंधी सहायता प्रदान की। अब यह 14 भूखमरी हॉटस्पॉट में भोजन और पोषण सहायता पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। इनमें कई डारफुर, कोर्डोफन, खार्तूम और गीज़ीरा के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। डब्ल्यूएफपी स्थानीय सहयोगियों के माध्यम से खार्तूम के क्षेत्रों में कम्युनिटी किचन को मदद दे रहा है। कम्युनिटी किचन का लक्ष्य हर महीने 100,000 तक होट मील वितरित करना है। डब्ल्यूएफपी अपनी नकद-आधारित सहायता का भी विस्तार कर रहा है, जिसमें खार्तूम के निवासियों के लिए नकद-आधारित सहायता के लिए सेल्फ-रजिस्ट्रेशन पायलट की शुरुआत भी शामिल है। सूडानी सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि सूडानी सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच चल रहे संघर्ष के कारण देश में 28.9 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत है। यह संघर्ष अप्रैल 2023 के मध्य में शुरू हुआ था।


विश्व बैंक ने लेबनान के पुनर्निर्माण में सहयोग का दिया भरोसा

हिजबुल्लाह-इजरायल संघर्ष खत्म होने के बाद विश्व बैंक लेबनान के पुनर्निर्माण में भाग लेने के लिए तैयार है। विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। मध्य पूर्व विभाग के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जीन-क्रिस्टोफ कैरेट ने लेबनान सरकार के साथ सहयोग करने के बैंक के इरादे को व्यक्त किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने लेबनान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी। कैरेट ने लेबनानी संसद के अध्यक्ष नबीह बेरी के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने पुनर्निर्माण परियोजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा की, जिसमें मलबा हटाना, बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण और औद्योगिक और कृषि सुविधाओं का पुनर्वास शामिल है।

बेरी ने 'इजरायली आक्रमण के परिणामों से निपटने और पुनर्निर्माण में लेबनान के साथ सहयोग करने की विश्व बैंक की इच्छा और तत्परता की तारीफ की।' उन्होंने विश्व बैंक की तरफ से तैयार की जा रही योजना के विवरण के बारे में भी पूछा और इस बात पर जोर दिया कि 'इस योजना में भूमि पुनर्ग्रहण तथा किसानों, उद्योगपतियों और छोटे व्यवसाय मालिकों के लिए ऋण सुरक्षित करना शामिल होना चाहिए।' विश्व बैंक के अनुसार, लेबनान में इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष से होने वाली भौतिक क्षति और आर्थिक क्षति का अनुमान $8.5 बिलियन है।

गाजा युद्ध ने इजरायल-हिजबुल्लाह तनाव को भी चरम पर पहुंचा दिया। इजरायली सेना ने 23 सितंबर से लेबनानी ग्रुप पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू कर दिए। उसने सीमा पार एक 'सीमित' जमीनी अभियान भी चलाया, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह को कमजोर करना बताया गया। इजरायली हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई कमांडरों की मौत हो गई और उसके कई ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा। लंबे खूनी संघर्ष के बाद इजरायल और लेबनान की बीच एक समझौता हो गया। हालांकि विश्लेषकों ने इस बेहद 'कमजोर सुलह' बताया। समझौते के बाद भी इजरायल के हमले जारी हैं।

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