खतरे की घंटी, पाकिस्तान अपने पायलटों को राफेल उड़ाने की दे रहा ट्रेनिंग!  

खबरों के मुताबकि पाकिस्तान अपने वायुसेना के पायलटों को राफेल फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग दे रहा है। हालांकि इस फाइटर प्लेन को बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार किया है।

फोटो: सोशल वीडियो
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नवजीवन डेस्क

एक ओर जहां राफेल मामले पर भारत में विवाद बढ़ता जा रहा है। राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है, वदीं दूसरी तरफ एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यह खबर भारत के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। खबरों के मुताबकि पाकिस्तान अपने वायुसेना के पायलटों को राफेल फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग दे रहा है। हालांकि इस फाइटर प्लेन को बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार किया है। भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जीगलर ऐसी खबरों को फर्जी करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं कह सकता हू कि यह फेक न्यूज है।'

लेकिन खबर है कि एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान के पायलटों को कतर एयरफोर्स की ओर से राफेल फाइटर प्लेन को उड़ाने की ट्रेनिंग फ्रांस में दी गई है, जिसे फरवरी में ही कतर को सौंपा गया है। एविएशन सेक्टर से संबंधित खबरों के लिए प्रसिद्ध एक स्वतंत्र वेबसाइट ainonline.com में छपी खबर के अनुसार पाकिस्तानी पायलटों के पहले बैच को नवंबर 2017 में ट्रेनिंग दी गई थी।

बता दें कि कतर ने मई 2015 में फ्रांस से 24 राफेल खरीदने के लिए समझौता किया था। दिसंबर 2017 में कतर ने फ्रांस से 12 और राफेल का ऑर्डर दिया था।

बता दें कि कई दशकों से पाकिस्तानी सेना के अधिकारी मध्य पूर्व के देशों की सेनाओं की संचालन के लिए भेजा जाता रहा है। पाक सेना के लिए साजो-सामान की आपूर्ति भी इन्हीं देशों से होती है। इसी के तहत जॉर्डन ने पाकिस्तान को एफ-16 ए/बी फाइटर प्लेन भी सौंपा है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए इन्हीं विमानों का इस्तेमाल किया था। हालांकि पाकिस्तान का ये हमला नाकाम रहा था।

पाकिस्तान से संचालित न्यूज वेबसाइट www.thenews.com.pk ने भी जनवरी 2018 में रिपोर्ट छापी थी कि कतर एयरफोर्स के कमांडर ने इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी एयरफोर्स के मुख्यालय का दौरा किया था। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से दोनों देशों के सैन्य समर्थन और मिलिट्री ट्रेनिंग की बात कही गई थी।

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