राजस्थान में कांग्रेस ने किए थे वादे पूरे, अब चुनाव में जनता से है ‘न्याय’ का भरोसा

राज्य में बीजेपी बालाकोट एयर स्ट्राइक को भुनाने की जमकर कोशिश कर रही है, लेकिन अब इसका शोर थम गया है। वहीं कांग्रेस लोगों को ये बता रही है कि पीएम मोदी ने संवैधानिक संस्थाओं को क्षति पहुंचाई है और अगर वे इस बार जीत गए तो फिर देश में कभी चुनाव नहीं होंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
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अंकित छावड़ा

इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है इसलिए निगाहें इस बात पर है कि पार्टी लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी से कितनी और किस तरह सीटें छीन लेती है। कांग्रेस में उत्साह की वजह भी है। अशोक गहलोत ने सरकार बनाने के एक सप्ताह के अंदर किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को अमली जामा पहना दिया।

बेरोजगारी भत्ते के वादे को भी सरकार ने पूरा कर दिया। इसलिए कांग्रेस इसे पूरी तरह भुनाने की कोशिश में है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बताया है कि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो न्यूनतम आय योजना (न्याय) लागू की जाएगी। यहां पार्टी यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि जिस तरह विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने घोषणाओं पर अमल किया, उसी तरह लोकसभा चुनावों के बाद भी यही होगा।

लेकिन बीजेपी की दिक्कत दूसरी है। पार्टी ने 16 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है, उसमें 14 मौजूदा सांसद हैं। इससे साफ है कि यहां पार्टी पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रख कर चुनाव लड़ेगी। प्रदेश में पार्टी के लोकसभा चुनाव प्रभारी प्रकाश जावडेकर ने एक सभा में साफ तौर पर कहा भी कि हर जगह बस मोदी ही उम्मीदवार हैं क्योंकि यह चुनाव इस बात के लिए हो रहा है कि देश का प्रधानमंत्री कौन होना चाहिए।

बीकानेर के राजनीतिक विश्लेषक अनुराग हर्ष इसे बीजेपी में सोच का अभाव बताते हैं। उनका कहना है कि लोगों में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्रत्यक्ष नाराजगी भले न दिख रही हो, लेकिन स्थानीय सांसदों के प्रति तो नाराजगी है ही और टिकटों में बदलाव नहीं करने से यह नाराजगी बड़ा असर दिखाएगी।

वैसे, बीजेपी ने दो सीटों झुंझुनूं और अजमेर से प्रत्याशियों को बदल दिया है। झुंझुनू में राजस्थान से पार्टी की एकमात्र महिला सांसद संतोष अहलावत का टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह पार्टी ने विधायक नरेंद्र कुमार खीचड़ को टिकट दिया है। उधर, पिछले आम चुनाव के समय जीती अजमेर सीट उपचुनाव में उसके हाथ से जाती रही। यहां से पार्टी ने नए चेहरे के रूप में भागीरथ चैधरी को मैदान में उतारा है। वे दो बार किशनगढ़ से विधायक रह चुके हैं।

वैसे, बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से ही बीजेपी यहां मजबूत सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। इसकी वजह भी है। राजस्थान के हर हिस्से से सेना और अर्धसैनिक बलों में शामिल होने वाले लोगों की संख्याअच्छी-खासी रहती है। उनके परिवार यहां रहते हैं।

राजस्थान का एक हिस्सा भी पाकिस्तान की सीमा के पास है। इसलिए बीजेपी को लगता है कि इस मसले को भावनात्मक रूप से जोड़ा जा सकता है, खास तौर पर उत्तर पश्चिमी राजस्थान में। लेकिन समय बीतने के साथ एयर स्ट्राइक का शोर कम होने लगा है और यह बीजेपी के लिए चिंता का कारण बन रहा है।

बीजेपी के लिए चिंता का दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि कांग्रेस नेता आम लोगों को यह समझाने की सफल कोशिश कर रहे हैं कि मोदी सरकार वापस आती है तो फिर चुनाव नहीं होंगे क्योंकि बीजेपी सरकार ने धीरे-धीरे सभी संवैधानिक संस्थाओं को क्षति पहुंचाई है। देखना यह होगा कि जब यहां मतदान का समय आएगा, तब तक किस तरह का माहौल बना रहता है।

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