बीजेपी की प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर चला चुनाव आयोग का डंडा, प्रचार पर लगी 72 घंटे की रोक

चुनाव आयोग ने भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर पर 72 घंटे का बैन लगा दिया है। प्रज्ञा ठाकुर गुरुवार सुबह 6 बजे से तीन दिन तक प्रचार नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने पर उन्हें अफसोस नहीं, बल्कि गर्व होता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चुनाव आयोग ने फिर से डंडा चलाया है। आयोग ने भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर पर 72 घंटे का बैन लगा दिया है। प्रज्ञा ठाकुर पर भड़काऊ बयान देने का आरोप है। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि बाबरी मस्जिद तोड़े जाने पर उन्हें गर्व है। चुनाव आयोग ने इसी बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना है और उन पर 72 घंटे का बैन लगा दिया है।

बता दें, मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बाबरी मस्जिद को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने पर उन्हें अफसोस नहीं, बल्कि गर्व होता है।

दरअसल बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने को लेकर उनसे सवाल किया गया था, जिसके जवाब में प्रज्ञा ने कहा था कि, 'ढांचा गिराने का अफसोस क्यों होगा, उस पर तो हम गर्व करते हैं। राम के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उन्हें हमने हटा दिया। इससे हमारे देश का स्वाभिमान जागा है और हम भव्य राम मंदिर मनाएंगे'। उन्होंने खुद ये दावा किया है कि वो बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने में शामिल थीं।'

इससे पहले प्रज्ञा ठाकुर ने हेमंत करकरे की शहादत को अपने द्वारा दिए गए श्राप का नतीजा बताते हुए कहा था, "उन दिनों मैं मुंबई जेल में थी। जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते। तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर मैंने जवाब दिया कि इसे भगवान जाने। इस पर करकरे ने कहा कि 'तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा'।"

प्रज्ञा ने कहा था, "उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था। हिदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है। जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने के साथ हुआ।"

26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकवादियों ने हमला किया था। इन आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए हेमंत करकरे शहीद हुए थे।

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