गौतम गंभीर शक्की और कमजोरियों से भरे शख्स, टीम इंडिया के पूर्व मेंटल कंडिशनिंग कोच का बड़ा खुलासा

टीम इंडिया के पूर्व मेंटल कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन ने अपनी नई किताब में दावा किया है कि गौतम गंभीर मानिसिक तौर पर शक्की, असुरक्षा के भाव से घिरे कमजोरियों से भरे शख्स हैं। गंभीर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हाल ही में बीजेपी में शामिल होने वाले और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी गौतम गंभीर की शख्सियत को लेकर चौंकाने वाले खुलासा सामने आया है। इस नए खुलासे में दावा किया गया है कि कि गौतम गंभीर मानसिक तौर पर शक्की, असुरक्षा के भाव से घिरे कमजोरियों से भरे शख्स हैं।

ये खुलासा टीम इंडिया के पूर्व कंडिशनिंग कोच और राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच पैडी अप्टन ने अपनी नई किताब में किया है। अप्टन ने गंभीर को असुरक्षा भाव से ग्रस्त, शक करने वाला और कमजोरियों से भरा शख्स बताया है। अपनी किताब ‘द बेयरफुट कोच’ में अप्टन ने दावा किया है कि गौतम गंभीर उनके करियर के सबसे नकरात्मक खिलाड़ी थे। पैडी अप्टन ने लिखा है कि अगर गंभीर 150 रन बनाते थे तो भी वह निराश रहते थे, क्योंकि उन्हें 200 रन नहीं बनाने का अफसोस होता था।

अपनी किताब में अप्टन ने कई बड़े खिलाड़ियों की मानसिक स्थिती का जिक्र किया है। किताब में उन्होंने बताया है कि अलग-अलग परिस्थितियों में खिलाड़ी कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। अप्टन ने लिखा है कि उन्होंने 2009 में गंभीर की मानसिक स्थित पर अपना बेस्ट काम किया, लेकिन वह बहुत प्रभावी नहीं हुआ। अप्टन ने लिखा है, “मैंने उनके साथ क्रिकेटर ऑफ दी इयर बनने तक काम किया, लेकिन वह अत्यधिक आशावादी और निराशावादी दोनों थे। शतक बनाने के बावजूद वह निराश रहते थे। वह लगातार अपनी गलतियों के बारे में सोचते रहते थे।”

अप्टन के अनुसार, “लोगों क लगता था कि गंभीर बहुत मजबूत मानसिक स्थिति वाले व्यक्ति हैं, लेकिन इसके विपरीत वह मानसिक रूप से कमजोर और असुरक्षित थे। हालांकि, इस बात में कोई शक नहीं कि वह उस समय दुनिया के बेस्ट टेस्ट क्रिकेटर थे और 2011 उन्होंने खुद को एक बार फिर साबित किया था।”

गौतम गंभीर हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं और 2019 लोकसभा चुनाव ; में पूर्वी दिल्ली सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं। अप्टन की किताब पर गंभीर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह एक अच्छे व्यक्ति हैं और उनका इरादा गलत नहीं हो सकता। गंभीर ने कहा, “असुरक्षा की बात नई नहीं है। पैडी ने लिखा है कि मैं शतक मारने के बाद भी संतुष्ट नहीं होता था। इसमें कोई बुराई नहीं है। उन्होंने बस दो बातें छोड़ दी हैं। पहली ये कि उन्होंने सभी पक्षों को नहीं रखा और दूसरा वो अपनी बात के संदर्भों की व्याख्या करने में नाकाम रहे हैं।

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