भिवानी-महेंद्रगढ़ ग्राउंड रिपोर्ट: गुस्से में हरियाणा के व्यापारी, किसान और नौजवान, मोदी सरकार का करेंगे काम तमाम!

भिवानी के गांव बादड़ा के निवासी अंकित 2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादों के याद कर कहते हैं “ स्‍वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा मोदी ने किया था, हमें क्‍या मिला? वन रैंक, वन पेंशन का वादा किया था, उसमें क्‍या दिया? किसान को दाम कम मिलने लगे। यह बेवकूफ बनाने की बातें हैं”

दादरी में एक चुनावी चौपाल में चर्चा करते हुए लोग 
दादरी में एक चुनावी चौपाल में चर्चा करते हुए लोग
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धीरेन्द्र अवस्थी

2019 लोकसभा चुनाव के छठे चरण में हरियाणा के सभी 10 संसदीय क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे। उन्हीं में से एक है भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट। 1977 में भिवानी लोकसभा सीट अस्तित्‍व में आई। 2008 के परिसीमन के बाद महेंद्रगढ़ इसके साथ जुडं गया और यह लोकसभा क्षेत्र भिवानी-महेंद्रगढ़ के नाम से जाना जाने लगा। हरियाणा के तीन लालों में से एक चौधरी बंसीलाल इसी लोकसभा क्षेत्र के रहने वाले थे। हरियाणा के सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहे बंसीलाल की यादें इस शहर में रची बसी हैं।

चुनाव होने में कुछ ही दिन बाकी है, ऐसे में सभी पार्टियां लोगों को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। मतदाताओं के मन को जानने के लिए नवजीवन संवाददाता धीरेन्द्र अवस्थी पहुंचे हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र। यहां उन्होंने व्यापारी, किसान और नौजवानों से बात की। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस लोकसभा चुनाव में यहां का सबसे बडा मुद्दा बीजेपी के वर्तमान सांसद धर्मबीर का नाकारापन और मोदी सरकार के जुमले हैं। यहां के किसान भी मोदी सरकार के रवैये से खासे नाराज हैं।

गुस्से में किसान, मोदी सरकार का करेंगे काम तमाम!

भिवानी के गांव बादड़ा के निवासी अंकित 2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादों के याद कर कहते हैं “ स्‍वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा मोदी ने किया था, हमें क्‍या मिला? वन रैंक, वन पेंशन का वादा किया था, उसमें क्‍या दिया? किसान को दाम कम मिलने लगे। यह बेवकूफ बनाने की बातें हैं कि सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है। हमारा पैसा बैंक इस्‍तेमाल कर रहे हैं”। अंकित का कहना है कि मोदी सरकार ने सिर्फ वादाखिलाफी की है और कुछ नहीं किया। अंकित बोले, “वर्ष 2014 में रेवाड़ी की पहली रैली में प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि दिल्‍ली में सरकार आते ही पहली कलम से स्‍वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे। कुछ नहीं किया। वर्ष 2019 के घोषणापत्र में कोई भी दिखा दे, जहां बीजेपी ने लिखा हो कि हमने 2014 में किए गए इतने वादे पूरे कर दिए”। अंकित ने कहा कि मध्‍यम वर्ग, किसान, कर्मचारी और व्‍यापारी सारे मोदी सरकार से परेशान हैं।

इस लोकसभा क्षेत्र के लगभग सभी किसान अंकित की बातों से सहमत दिखते हैं। तोशाम गांव के बदलूराम, फतेहाबाद के जंगदीश भंडारी, बवानीखेड़ा के देविंदर और हरदीप का भी मानना है कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए किए गए एक भी वादे पूरे नहीं किए।

महेंद्रगढ़ में बात करते लोग 
महेंद्रगढ़ में बात करते लोग 
फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी

करीब 4 सौ दुकानों वाले भिवानी घंटाघर बाजार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अतुल कुमार के जेहन में चौधरी बंसीलाल के परिवार को लेकर अच्‍छी यादें है। उन्‍होंने बताया कि बंसीलाल के बेटे और किरण चौधरी के पति सुरेंद्र अक्‍सर यहां बाजार में आकर बैठते थे। अतुल ने यह भी बताया कि निवर्तमान सांसद धर्मबीर से लोगों की गहरी नाराजगी है। धर्मबीर ने तो खुद चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया था।

भवानी घंटाघर बाजार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अतुल कुमार चौधरी
भवानी घंटाघर बाजार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अतुल कुमार चौधरी
फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी

दादरी के निवासी जीवनराम डोका भी वर्तमान सांसद से नाराज हैं। जीवनराम ने बताया कि बीजेपी सांसद धर्मबीर की पिछले पांच साल में क्षेत्र से अनुपस्थिति उन्‍हें महंगी पड़ने वाली है। जीवनराम डोका ने बताया कि मोदी सरकार के जुमले बन चुके वादे भी यहां चुनावी मुद्दा है। दादरी के बिरी गांव के राज सिंह सांगवान, गांव अटेला के सतपाल सांगवान, गांव बिगोवा के सुरेंद्र जाखड़, अडौबी के अनिल श्‍यौराण और भैखी के दिलीप सिंह ने भी यही बात दोहराई। साथ ही कहा कि इस बार बदलाव की हवा दिख रही है।

महेंद्रगढ़ निवासी और पेशे से वकील सतबीर सिंह का कहना था कि पिछली बार बीजेपी का सांसद निर्वाचित कर यहां के लोग पछता रहे हैं। वो कहते हैं कि पीएम मोदी के बात करने के अंदाज को भी यहां के लोग पसंद नहीं करते। लोगों का मानना है कि पीएम ने अपने पद की गरिमा को गिराया है। रामकिशन भी इस लोकसभा क्षेत्र के मतदाता हैं। नोटबंदी में इन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। रामकिशन बताते हैं, “ जब नोटबंदी हुई थी तब हमारे घर में दो शादियां थीं। हम ही जानते हैं पैसों के अभाव में हमारी क्‍या हालत हुई थी।” महेंद्रगढ़ के ही कैप्‍टन रिषिराज लांबा का कहना था कि यह सरकार हमारी उम्‍मीदों पर खरी नहीं उतरी है।

व्यापारी, किसान और नौजवान भी हैं नाराज

ग्रुप डी यानि चतुर्थ क्‍लास में भर्तियां कर वाहवाही लूट रही हरियाणा सरकार की भिवानी के युवकों ने पोल खोल दी है। फर्जी सर्टिफिकेट के जरिये नौकरियां बाटी गई हैं। स्‍पोर्ट्स कोटे के तहत जमकर धांधली हुई है। अंडर-19 में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर क्रिकेट खेल चुके श्रवण कुमार ने बताया कि सरकार ने खेल नीति की धज्जियां उड़ा दी हैं। राष्‍ट्रीय स्‍तर पर खेलों में गोल्‍ड मेडल जीतने वाले भिवानी के तकरीबन 25 खिलाडियों को ग्रुप डी में भी नौकरी नहीं नसीब हो सकी, जबकि सरकार ने अपने चहेतों को खेलों में जिला स्‍तर का सर्टिफिकेट बनवाकर नौकरी दे दी। बाक्सिंग में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर दो गोल्‍ड और एक सिल्‍वर जीत चुके नवीन, तीरंदाजी के नेशनल प्‍लेयर आशुतोष और विकास, बाक्सिंग में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सिल्‍वर जीत चुके दीपक, राज्‍य क्रिकेट खेले प्रदीप, बाक्सिंग में गोल्‍ड हासिल करने वाले शोभित, एथलेटिक्‍स में गोल्‍ड मैडलिस्‍ट संदीप और कराटे में राज्‍य खिलाडी विनोद ने बताया कि ग्रुप डी की भर्ती में उनके दस्‍तावेजों की जांच ही नहीं की गई। फर्जी दस्‍तावेज वालों को नौकरी दे दी गई। ग्रुप डी की नौकरियों में यह फर्जीवाड़ा भिवानी में युवाओं के लिए इस चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है।

खेलों में पदक जीतने वाले युवा अपने सर्टिफिकेट दिखाते हुए
खेलों में पदक जीतने वाले युवा अपने सर्टिफिकेट दिखाते हुए
फोटो: धीरेन्द्र अवस्थी

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

नौ विधानसभा सीटों वाले लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र भिवानी जिले में, जबकि चार विधानसभा क्षेत्र महेंद्रगढ़ जिले में आते हैं। यहां पौने चार लाख मतदाता जाट, जबकि तकरीबन इतने ही यादव मतदाता हैं। भिवानी जिले में जाटों का बाहुल्‍य है, जबकि महेंद्रगढ़ में यादवों का। भिवानी, दादरी, लोहारू, बादडा, तोशाम, अटेली, महेंद्रगढ, नारनौल और नांगलचौधरी विधानसभा क्षेत्र इसमें शामिल हैं। हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी तोशाम से चौधरी बंशीलाल की विरासत संभाल रही हैं।

वर्तमान परिदृश्य

2014 में धर्मबीर ने श्रुति चौधरी को हराया था। जेजेपी ने यहां से अमेरिका रिटर्न स्वाति यादव को उतारा है। आईएनएलओ से बलवान सिंह मैदान में हैं। जिससे मुकाबला रोचक हो गया है। श्रुति इस बार धर्मवीर को कड़ी टक्कर दे रही हैं। धर्मबीर पहले चुनाव लड़ने से मना कर चुके थे, बावजूद इसके बीजेपी ने उन्हें ही टिकट दिया। उनका इस बार विरोध भी है। लोगों वर्तमान सांसद से नाराज हैं। ऐसे में कांग्रेस का दांव यहां मजबूत दिखता है।

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