उत्तर प्रदेशः आठ सीटों पर हुआ मतदान विवादों की भेंट चढ़ा, केंद्रीय मंत्रियों के संसदीय क्षेत्र में सबसे कम वोटिंग

पहले चरण के चुनाव के लिए गुरूवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए संपन्न हुआ मतदान विवादों में आ गया है। बीएसपी ने मतदान की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए दलितों को जबरदस्ती वोट देने से रोकने का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से शिकायत की है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आस मोहम्मद कैफ

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, बागपत, कैराना, मेरठ और बिजनौर सहित 8 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए। सुबह 7 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 6 बजे तक चला। इन सीटों पर 60 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ है।

हालांकि, इस बार का मतदान प्रतिशत 2014 से कम दिखाई दे रहा है। खास बात ये है कि केंद्रीय मंत्रियों के लोकसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा है। गाजियाबाद में 57.60 फीसद मतदान हुआ है, जबकि यहां से मोदी सरकार के विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह एक बार फिर से बीजेपी उम्मीदवार हैं। वहीं गौतमबुद्ध नगर में 60.15 फीसद वोटिंग हुई है और खास बात ये है कि मोदी सरकार में कई विभागों के मंत्री महेश शर्मा यहां से बीजेपी उम्मीदवार हैं।

इसी तरह से मुज्फ्फरनगर में 66.66 फीसद वोटिंग हुई है, जहां से मोदी सरकार के पूर्व मंत्री संजीव बालियान फिर से बीजेपी उम्मीदवार हैं। वहीं, सहारनपुर में 70.68 फीसद, कैराना में 62.10 फीसद, बिजनौर में 65.40 फीसद, बागपत में 63.90 प्रतिशत और मेरठ में 63 फीसद वोटिंग हुई है। बता दें कि 2014 में मुजफ्फरनगर में 69%, सहारनपुर में 74%, कैराना में 73 % बिजनौर में 67%, बागपत में 66%, गाज़ियाबाद में 56%, गौतमबुद्ध नगर में 60% और मेरठ के 63 % मतदान हुआ था।

मतदान तो अब खत्म हो गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान की निष्पक्षता पर सवाल उठ गए हैं। आठों लोकसभा क्षेत्र में कई जगहों से दलितों और मुसलमानों को जबरदस्ती मतदान से रोके जाने का मामला सामने आया है। बीएसपी ने दलितों को जबरदस्ती वोटिंग से रोकने का आरोप लगाया है। बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने चुनाव आयोग से इस मामले की शिकायत की है।

इसके अलावा ईवीएम में गड़बड़ी की भी कई शिकायतें आईं। बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के गांव कसौली में इवीएम में गड़बड़ी की शिकायत आई। यहां से एसपी-बीएसपी गठबंधन प्रत्याशी मलूक नागर ने बताया कि कुछ मतदाताओं ने वोट तो बीएसपी को दिया, लेकिन सिग्नल बीजीपी का आया। वहीं शामली में भी सुबह कुछ ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आई, लेकिन बाद में उसे ठीक कर लिया गया।

वहीं बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान पुलिस पर एक समुदाय विशेष के लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगे हैं। क्षेत्र के मीरापुर विधानसभा इलाके के रामलीला भवन बूथ में ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह पर दिन भर मुसलमानों ने दुर्व्यवहार करने और उनकी वोटिंग बाधित करने का आरोप लगाया।

मतदान के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को मुजफ्फरनगर में भी परेशान किया गया। यहां सुबह मतदान शुरू होते ही बीजीपी के प्रत्याशी संजीव बालियान ने मुस्लिम बहुल गांव सुजुड़ में मुस्लिम महिलाओं पर फर्जी वोटिंग करने का आरोप लगा दिया। बालियान ने चुनाव आयोग में फर्जी वोटिंग की शिकायत करते हुए महिलाओं के बुर्का उतारकर वोट देने की मांग की थी। हालांकि उनकी माग अस्वीकार कर दी गई।

बालियान ने कहा है कि वो यहां पुनर्मतदान की मांग करेंगे। वहीं, आरएलडी के लोकसभा प्रभारी कुंवर अय्यूब अली के मुताबिक संजीव बालियान हार की डर से ऐसा कह रहे हैं। यहां संजीव बालियान के मुकाबले में आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।

आज के मतदान में कैराना सबसे अधिक चर्चा में रहा। कैराना में फर्जी मतदान की शिकायत के बाद सुरक्षाकर्मियों ने हवाई फायरिंग की, जिसकी वजह से कुछ समय तक मतदान प्रभावित हो गया। बाद में डीएम और एसपी शामली के मौके पर पहुंचने के बाद फिर से मतदान शुरू हो पाया।

हालांकि, इस सबसे इतर आज की वोटिंग में 'मोदी हटाओ अथवा मोदी बचाओ' ही सबसे सबसे बड़ा मुद्दा दिखाई देता है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदान के नजरिये को लेकर देश भर में उत्सुकता थी। इसकी वजह 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे को भी माना जाता है। हालांकि इस बार किसानों में सरकार को लेकर खासी नाराजगी थी। लोगों में बेरोजगारी, महंगाई और फसलों के आवारा पशुओं द्वारा तबाह किए जाने से नाराजगी थी।

पहले चरण के मतदान पर राजनीतिक मामलों के जानकार ऋषिपाल तोमर ने कहा कि इस बार का चुनाव 2014 से बिल्कुल अलग तरीके से हुआ और बीजेपी बमुश्किल इन आठ सीटों में से एक सीट जीत सकती है।

इसकी एक खास वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी के वोटरों ने मतदान करने में भारी उदासीनता दिखाई है। वहीं, मुजफ्फरनगर के गौहर सिद्दीकी के मुताबिक चुनाव में किसी तरह की कोई मोदी लहर नहीं दिखाई दी। लोगों में कहीं इस बार 2014 की तरह उत्साह नहीं था। इसके उलट दलितों और मुस्लिमों ने दिल खोलकर वोटिंग की।

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