बिहार में चमकी बुखार से 118 बच्चों की मौत से हाहाकार, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, नीतीश और हर्षवर्धन पर केस

बिहार में चमकी बुखार से मौतों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में 118 लोगों की मौत हो चुकी है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 118 बच्‍चों की मौत को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 24 जून को सुनवाई करेगा।

दूसरी ओर बच्चों की लगातार हो रही मौतों पर लोगों में गुस्सा है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्र और राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा किया गया। एईएस से बच्चों की मौत को लेकर मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता पंकज कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया। उधर, मानवाधिकार आयोग ने भी केंद्र और राज्‍य से रिपोर्ट तलब किया है।

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। ताजा आंकड़े के मुताबिक, चमकी बुखार से अब तक 118 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं मुजफ्फरपुर के श्री कृष्‍णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कुल 93 बच्‍चों की मौत हो चुकी है। जबकि केजरीवाल अस्‍पताल में 19 बच्‍चों की जान गई। श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने मंगलवार को बताया, “अब तक 372 बच्चों को यहां भर्ती कराया गया है, जिनमें से 118 को छुट्टी दे दी गई है, 57 को जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने एईएस के कारण 93 जानें गंवाई है।”


दूसरी ओर बच्चों के परिजनों ने सरकार और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “उनके बच्चे बुखार से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। किसी ने हमें कुछ नहीं बताया, न ही ओआरएस दिया गया। हम एईएस के लक्षणों को नहीं जानते हैं। हमारे बच्चे 4-5 दिनों से बुखार से तप रहे हैं। डॉक्टर ने हमें उनके लिए दवाइयां देने के लिए कहा और कहा कि अगर बुखार उसके बाद नहीं उतरता है तो वे उन्हें एडमिट करेंगे। हमारे पास पैसे नहीं हैं।”

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