बिहार में 2 वरिष्ठ IPS अधिकारी आए आमने-सामने, पुलिस विभाग से राज्य की सियासत तक मचा तूफान

होम गार्ड की डीजी शोभा अहोतकर की ओर से विकास वैभव को जारी नोटिस में कहा गया है कि पोस्ट में रिकॉर्डिंग की बात कही गई है, जिससे साफ है कि बैठकों में हुई गोपनीय बातों की रिकॉर्डिंग की गई। ऐसे में क्यों न आप पर अनुशासनिक कारवाई करने की अनुशंसा की जाए।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के एक ट्वीट ने न केवल बिहार पुलिस में तूफान खड़ा कर दिया है बल्कि राज्य की सियासत को भी गर्मा दिया है। वैभव ने अपनी ही वरिष्ठ अधिकारी डीजी होमगार्ड शोभा अहोतकर पर गाली देने का आरोप लगाया है, जिसके बाद वैभव के लंबी छुट्टी पर जाने के आवेदन को खारिज करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांग लिया गया है।

दरअसल, बिहार होमगार्ड और अग्निशमन विभाग में आईजी के पद पर तैनात विकास वैभव ने अपनी डीजी शोभा अहोतकर पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने फोन पर उन्हें गाली दी और बिहारी होने पर भी अपशब्द कहे। विकास वैभव ने हालांकि वह ट्वीट डिलीट कर दिया है लेकिन अब यह मुद्दा काफी गर्म हो चुका है। अपने डीजी के व्यवहार से दुखी विकास वैभव ने 60 दिनों की छुट्टी का आवेदन दिया था, जिसे महानिदेशक शोभा अहोतकर ने रद्द कर उनसे स्पष्टीकरण की मांग कर दी है।

बिहार होम गार्ड और अग्निशमन सेवा की महानिदेशक शोभा अहोतकर की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि विकास वैभव द्वारा किया गया ट्वीट वायरल हो रहा है, इसमें उन्होंने डीजी से गाली सुनने की बात कही है। नोटिस में कहा है कि आईजी ने अपने वरीय अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की है। उनकी ये हरकत अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 के नियमों का उल्लंघन है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि वायरल मैसेज में आपके द्वारा रिकॉर्डिंग की भी बात कही गई है, जो यह बताता है कि बैठकों में की गई गोपनीय बातों की भी रिकॉर्डिंग की गई, जो गलत मंशा का द्योतक है। नोटिस के अंत में कहा गया है कि क्यों नही आप पर अनुशासनिक कारवाई करने की अनुशंसा सरकार से की जाए।


इधर, आईजी विकास वैभव भी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि कभी-कभी सर्प भी मित्र बन सकता है, किन्तु दुष्ट को कभी मित्र नहीं बनाया जा सकता। शेषनाग पर शयन करने वाले हरि का भी दुर्योधन मित्र न बन सका!

इस बीच, दो आईपीएस अधिकारियों में खींचतान को लेकर अब राज्य की सियासत गर्म हो गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है। बीजेपी के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार गालीबाज अधिकारी चला रहे हैं। जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नियंत्रण सरकार से कमजोर होता जा रहा है। आरजेडी का प्रभाव बढ़ रहा है। अधिकारी अपने से छोटे अधिकारी को कुछ नहीं समझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विकास वैभव बिहार के सम्मानित अधिकारी है। उन्होंने आईपीएस की नौकरी अपनी प्रतिभा की वजह से ली है। यूपीएससी ने उन्हें होम कैडर इसलिए नहीं दिया कि उनकी प्रतिभा में कोई कमी थी। लेकिन, नीतीश कुमार के बदजुबान अधिकारियों ने जिस तरह से गाली गलौज का माहौल बनाया है, उससे अच्छे अधिकारियों का मनोबल भी गिर रहा है। होमगार्ड की डीजी शोभा अहोतकर पर मुख्यमंत्री संज्ञान लें।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले आईएएस अधिकारी के के पाठक ने बिहारी अधिकारियों को गाली देकर संबोधित किया था। बिहारियों को गाली दी। मुख्यमंत्री बिहारी अस्मिता की बात करते हैं, जब उनके अधिकारी इस तरह की बदजुबानी करते हैं तो आखिर वह संज्ञान क्यों नहीं ले रहे? इधर, जेडीयू के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस पर मुख्यमंत्री को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। यह कैसे हो सकता है कि कोई बड़ा अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी को गाली दे।

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